87 के स्प्रिंग में मेरे दोस्त मिस्टर शरलॉक होम्स को ज़्यादा थकावट की वजह से कमज़ोरी आ गई थी जिससे उबरने में उसे कुछ वक्त लग गया था और ये किस्सा उससे थोड़े पहले का ही है। नीदरलैंड-सुमात्रा कंपनी का पूरा किस्सा और बैरन मोपर्टुई ( Baron Maupertuis) की भारी योजना की यादें अभी लोगों के ज़ेहन में ताज़ा थी और दोनों ही मामले पॉलिटिक्स और फ़ाईनेंस के साथ गहराई से जुड़े थे जो इस सीरीज़ में बयान करने के लिए एकदम फिट थे। हालांकि ये मेरे दोस्त को इनडायरेक्ट तरीके से एक ऐसे अनोखे और पेचीदा मामले की तरफ ले गया जिसने मेरे दोस्त को अपने नए हथियार की अहमियत साबित करने का मौका दिया. ये हथियार उनमें से एक था जिनकी मदद से उसने अपराध के ख़िलाफ़ ज़िंदगी भर लड़ाई की थी।