by Conan Doyle
मेरे दोस्त शरलॉक होम्स की शख्सियत में एक ऐसी अनोखी बात थी जो अक्सर मुझे हैरान कर देती थी. वह बात यह थी कि, वह बाकी सब लोगों से सबसे ज़्यादा साफ़ और तरीके से सोचने वाला शख्स था. उसके कपड़े खासे सलीक़ेदार होते थे, लेकिन उसकी अपनी खुद की कुछ आदतें बहुत बुरी थी, जिस वजह से उसके साथ रहने वाले परेशान हो जाते थे. ऐसा नहीं है कि मैं खुद इस मामले में कम कन्वेंशनल हूँ. अफ़ग़ानिस्तान में रफ और टफ काम करना और आज़ाद खयालात रखना, इन सब ने मुझे ज़्यादा ढीला आदमी बना दिया हैं.
यह मेरे जैसे एक मेडिकल बंदे के लिए बहुत ज़्यादा है. लेकिन मेरे बर्दाश्त की भी एक हद हैं, और जब मैं मेरे सामने एक ऐसा शख्स को देखता हूँ जो अपने सिगार को कोयले के बर्तन में रखता हैं, अपने तंबाकू को अपने चप्पल के पैर के अंगूठे के आखिर में दबाता हैं, और अपने चिठ्ठियों को एक चाकू से लकड़ी के मेज़ के बीच में रखकर उन्हें फाड़ता हैं, तो मैं खुद को बेहतर समझने लगता हूँ. मेरा मानना हैं कि पिस्तौल प्रैक्टिस ख़ास तौर से खुली हवा में की जाने वाली टाइम पास हैं, और जब होम्स, अपने अजीबोगरीब मस्ती में होता हैं, तो वह अपने ट्रिगर को तैयार कर, एक सौ बॉक्सर कारतूस के साथ, एक चेयर पर बैठकर, और सामने की दीवार पर देशभक्ति में V .R लिखकर बुलेट से छेद बनाता हैं. मेरा मानना हैं कि ऐसा करके न ही माहौल में और न ही कमरे में कोई अच्छा बदलाव आया था.
हमारे कमरे में हमेशा केमिकल और अपराधियों के सामान भरे होते थे, जो इधर उधर जहाँ तहाँ अजीबोगरीब हालत में पाए जाते थे. यह कभी कोनों में पहुँच जाते, कभी बटर के डब्बे पर, या कभी उससे भी ज़्यादा अनचाहे जगहों पर. लेकिन, इन सब से ज़्यादा मुझे उसके पेपर से उलझन होती थी. उसे अपने डाक्यूमेंट्स के ख़राब होने का डर लगा रहता था, खासकर वह पेपर जो उसके पुराने केस से जुड़े होते थे. लेकिन, इस डर के बावजूद वह एक या दो साल में एक बार उनको अर्रेंज करने की हिम्मत करता था. जैसा कि मैंने अपने किसी लेख में लिखा था कि जब भी वह किसी यादगार कारनामों को अंजाम देता था, तो उसकी जुनूनी एनर्जी फुट पड़ती थी जिसके बाद उसे सुस्ती का दौरा पड़ता था और वह अपने वायलिन और किताबों के साथ एक ही जगह पड़ा रहता था, सिवाय सोफे और टेबल तक पहुँचने के.
इसलिए, महीने दर महीने, उसके पेपर्स जमा होते रहे और रूम का हर कोना मैनुस्क्रिप्ट से भर गया जिन्हें न तो जलाया जा सकता था और न ही उन्हें उसके मालिक के अलावा कोई हटा सकता था. एक बार एक सर्दी की रात में, जब हम आग के पास बैठे हुए थे, मैंने उसे यह सलाह देने की हिम्मत की कि अब जबकि उसने अपने बुक का काम खत्म कर लिया हैं, तो क्या वह दो घंटों में रूम को थोड़ा और रहने लायक बना सकता हैं. वह मेरे रिक्वेस्ट को अनदेखा नहीं कर सकता था , इसलिए वह उदास चेहरे के साथ अपने बैडरूम में चला गया. फिर वह रूम से निकला और अपने पीछे एक बड़ा टिन बॉक्स खींचकर लौटा. इसे उसने फर्श के बीच में रखा, सामने एक स्टूल पर बैठा, और ढक्कन फेंक दिया. मैं देख पा रहा था कि यह बॉक्स लगभग पूरा ही पेपर के बंडलों से भरा हुआ था. यह अलग-अलग पैकेजों में लाल रंग के टेप से बंधे हुए थे.
"यहाँ काफी केस हैं, वॉटसन," शरलॉक ने मुझे शरारती नज़रों से देखते हुए कहा. "मुझे लगता हैं कि अगर तुम्हें पता होता कि इस बॉक्स में मेरा क्या-क्या पड़ा हुआ हैं, तो तुम इसमें से कुछ बाहर निकालने के लिए कहते, न कि दूसरों को डालने के लिए.”
"अच्छा, तो ये तुम्हारे शुरू-शुरू के काम के रिकॉर्ड हैं?" मैंने पूछा. "मैं अक्सर सोचता था कि काश मेरे पास उन सब पुराने केस के नोट्स होते."
"हाँ, मेरे दोस्त, यह सब उन दिनों से पहले की बात हैं, जब मेरे बायोग्राफी लिखने वालों ने मुझे मशहूर कर दिया था." यह कहकर उसने एक के बाद एक बंडल को बड़े प्यार से उठाया. " यह सारे के सारे ही कामयाबी की कहानी नहीं कहते, वॉटसन" शरलॉक ने कहा. "कुछ में छोटे-छोटे प्रॉब्लम्स आए थे. यह रहा टार्लेटन मर्डर का रिकॉर्ड, वैम्बेरी का मामला, वाइन बिज़नसमैन, बूढ़ी रशियन औरत का मामला, अलुमिनियम क्रच का मामला , रिकोलेटी ऑफ़ द क्लब फुट और उनकी पत्नी की पूरी कहानी. और यहाँ- आह, अब, यह हैं न कुछ बढ़िया."
उसने अपना हाथ बॉक्स के नीचे तक डाला, और उसमें से एक लकड़ी की छोटी सी डिब्बी निकाली जिस पर स्लाइडिंग ढक्कन लगा था, ठीक वैसा जिसमें बच्चों के खिलौने रखे जाते हैं. उसके अंदर से उसने कागज का एक पुराना टुकड़ा निकाला, उसके साथ एक पुराने जमाने की पीतल की चाबी, एक लकड़ी की टुकड़ा जिसमें धागे का एक गोला लगा हुआ था, और जंग लगा हुआ पुराने मेटल का तीन डिस्क निकाला.
"यह एक अजीब कलेक्शन हैं."
"बहुत अजीब हैं, इससे जुड़ी कहानी और भी ज़्यादा अजीब हैं जो तुम्हें चौंका देगी."
"यानी इनकी कहानी पुरानी हैं ?"
"हाँ, इतनी की यह इतिहास बन गई हैं."
"उससे तुम्हारा क्या मतलब हैं?"
शरलॉक ने उन सबको एक-एक करके उठाया और टेबल के किनारे पर रखा. फिर वह भी खुद चेयर पर बैठा और तसल्ली भरे नज़रों से, आँखों में चमक लिए उनको देखा.
उसने कहा, "ये, बस यह ही मुझे मस्ग्रेव रिचुअल के कारनामों के बारे में याद दिलाने के लिए बचा हुआ हैं. "
मैंने शरलॉक को एक से ज़्यादा बार इस केस के बारे में बात करते हुए सुना था, हालांकि मैं कभी भी इनके डिटेल्स जुटा नहीं पाया था.
मैंने शरलॉक से कहा- "मुझे बहुत खुशी होती अगर तुम मुझे इनके डिटेल्स देते."
"और कूड़े को वैसे ही छोड़ दे?" उसने शरारत करते हुए कहा." तुम्हारी साफ-सफाई की डिमांड में आखिर कोई दम नहीं निकला, वॉटसन. लेकिन मुझे खुशी है कि तुम इस केस को अपने रिकॉर्ड में रखोगे. इसमें ऐसे पॉइंट्स हैं जो इसे यहाँ के या किसी भी दूसरे देश के क्रिमिनल रिकॉर्ड में दूसरे केसों के मुकाबले अलग बनाती हैं. मेरी जो भी छोटे-मोटे कामयाबियां हैं, उसकी लिस्ट इस केस के बिना अधूरा हैं.
"तुम्हें याद होगा, मैंने तुम्हें बताया था कि कैसे ग्लोरिया स्कॉट के केस, और उस परेशान आदमी के साथ मेरी बातचीत ने मेरा फोकस ऐसे एक प्रोफेशन की तरफ किया, जो अब मेरी ज़िंदगी भर का काम बन गया हैं. अब तुम मुझे देख सकते हो, मेरा नाम दूर-दूर तक जाना जाता हैं. डाउटफूल मामलों में, अक्सर मैं ही पब्लिक और ऑफिसियल फ़ोर्स दोनों की आखिरी उम्मीद होता था. जब तुमने मुझे पहली बार जाना, उन दिनों को तुमने भी तो 'ए स्टडी इन स्कारलेट' में याद किया हैं. उस दौरान मैंने बहुत शानदार तो नहीं, मगर अच्छा ख़ासा कनेक्शन बना लिया था. तुम इस बात का शायद ही अंदाज़ा लगा सकता हो कि शुरू-शुरू में मुझे यह सब कितना मुश्किल लगा था, और मुझे तरक्की मिलने से पहले कितना लम्बा इंतज़ार करना पड़ा.
"जब मैं पहली बार लंदन आया, तो मेरा रूम ब्रिटिश म्यूजियम के कोने में, मोंटेग्यू स्ट्रीट में हुआ करता था. वहीं मेरे इंतज़ार के दिन गुज़रे, जब मेरे पास बहुत ज़्यादा फालतू वक्त होता था, जिसे गुज़ारने के लिए मैंने तरह-तरह के साइंस को पढ़ा, इस उम्मीद के साथ कि यह सब शायद मेरी काबिलियत को बढ़ाएंगे. मेरे सामने बार-बार केस आए, खासतौर से मेरे साथ पढ़ने वाले पुराने स्टूडेंट्स के जान पहचान की बदौलत क्योंकि यूनिवर्सिटी के लास्ट के कुछ सालों में मेरी और मेरे तरीकों के बारे में खूब चर्चा होती थी. इन्हीं मामलों में से तीसरा था यह मस्ग्रेव रिचुअल केस जिसके एक हादसे ने और उससे जुडी मुसीबतों की वजह से मेरा झुकाव इस ओर बड़ा और मैंने अपना पहला कदम उस तरफ बढ़ाया जहाँ से चलकर मैं आज इस मुकाम तक पहुंचा हूँ.
“रेजिनाल्ड मस्ग्रेव मेरे ही कॉलेज में पढ़ता था, और मेरी उससे छोटी-मोटी जान-पहचान ही थी. वह अंडरग्रेजुएट्स के बीच पॉपुलर नहीं था, लेकिन मुझे हमेशा लगता था कि जिसे उसका घमंड समझा गया, वह असल में उसका मिज़ाज़ था, जो अपने शर्म और हिचक को छुपाने की कोशिश में रहता था. दिखने में खानदानी, दुबला, ऊँची नाक, बड़ी-बड़ी आँखें, ढीला और सुस्त लेकिन अच्छी आदतों वाला. वह असलियत में राज्य के सबसे पुराने फैमिली में से एक का वंशज था.
वैसे, इनकी ब्रांच एक कैडेट की थी जो 16th सेंचुरी में कभी नॉर्थ मस्ग्रेव से अलग हो गई थी, और वे वेस्ट ससेक्स में जाकर बस गए थे. उस इलाके में, मैनर हाउस ऑफ हर्लस्टोन ही शायद उस काउंटी की सबसे पुरानी रिहायशी बिल्डिंग हैं. मस्ग्रेव में उसके जन्म के जगह का कुछ तो असर बाकी था. मैं कभी भी उसके पीले और बेचैन चेहरे को या उसके माथे को, ग्रे रंग के गलियारे, दो भागों में बँटे खिड़कियों, और शाही रख रखाव के बारे में सोचे बिना नहीं देख पाता था. हमने दो-एक बार बातचीत की शुरुवात की थी, और मुझे आज भी साफ़-साफ़ याद हैं कि उसने मेरे काम के तरीकों में अपनी दिलचस्पी के बारे में जताया था
"चार सालों तक मैंने उसे एक बार भी तब तक नहीं देखा था, जब तक कि वह एक सुबह मेरी मोंटेग्यू स्ट्रीट के मेरे रूम में नहीं आया. वह थोड़ा बदल गया था, और उसने यंग फैशन के कपड़े पहने हुए थे. वह हमेशा से ही थोड़ा अपने स्टाइल और फैशन को लेकर अलर्ट था. वह उसी तरह शांत और मीठे स्वाभाव का था जिससे वह शुरू से ही पहचाना जाता था.
"तुम्हारे साथ सब कुछ कैसा रहा मस्ग्रेव ?'