Why Should You Read This Summary?
जॉर्ज डॉसन उन हज़ारों अफ्रीकन अमेरिकंस में से एक हैं जिन्होंने डिस्क्रिमिनेशन यानी रंग भेद जैसे बुरे दौर को बेहद करीब से एक्सपीरियंस किया है। हर कोई यह नहीं समझ सकता है कि एक ऐसी दुनिया में रहने पर कैसा महसूस होता होगा, जहाँ उनके जैसे लोगों को पसंद नहीं किया जाता था, जहाँ उन्होंने बहुत गरीबी झेली है और उन्हें पढ़ने-लिखने तक का मौका नहीं मिल पाया था। लेकिन जॉर्ज की कहानी हमें उस दर्दनाक अनुभव की एक झलक दिखाती है और अपना अनुभव सभी के साथ बांटने के लिए हम उनके शुक्रगुज़ार हैं। यह समरी, आपको इस बात का एहसास करवाएगी कि उनके जैसे लोगों ने क्या-क्या सहा है, क्यों सभी के साथ अच्छा से पेश आना बहुत ज़रूरी है और जिस स्कूल में हम जाने से कतराते हैं उसकी और एजुकेशन की क्या अहमियत है।
इस समरी को किसे पढ़ना चाहिए?
* ऐसे स्टूडेंट्स जो एजुकेशन की वैल्यू नहीं समझते
* यंग एडल्ट्स जो अभी लाइफ के शुरूआती स्टेज पर हैं और उन्हें इंस्पिरेशन की ज़रुरत है
* एडल्ट्स जिन्हें ये समझने की ज़रुरत है कि ज़िंदगी कितनी ख़ूबसूरत है
ऑथर के बारे में
जॉर्ज डॉसन एक ग़ुलाम के पोते थे जिन्होंने अपनी ज़िंदगी का ज़्यादातर वक़्त काम करने में बिता दिया था और 98 की उम्र में पढ़ना-लिखना सीखा था। उन्होंने अपने जीवन में कई अलग-अलग तरह के काम किए थे, जैसे - उन्होंने घोड़ों को ट्रेन किया था, खेतों में, रेलरवे, लड़की के मिल में और एक डेयरी फैक्ट्री में भी काम किया था। रिटायरमेंट के बाद, जॉर्ज फुल-टाइम स्टूडेंट बन गए थे।
रिचर्ड ग्लॉबमैन एलीमेंट्री स्कूल के टीचर हैं। उन्होंने ये कहानी जॉर्ज डॉसन के साथ मिलकर लिखी है।