Why Should You Read This Summary?
एक डिस्ट्रेकशंन फ्री, हाई कोंस्ट्रेशंन वर्क एनवायरमेंट में काम करने से आपकी स्किल्स तो इम्प्रूव होती ही है साथ ही कम टाइम में आप ज्यादा वैल्यूएबल टास्क अचीव कर सकते है. वही शेलो वर्क टाइम कन्ज्यूमिंग होने के साथ डिसट्रेक्शंन भी क्रियेट करता है. ये बुक को पढ़के आप कम टाइम में भी क्वालिटी वर्क अचीव करना सीख सकते है जिसे डीप वर्क कहते है.
1. इस बुक से हम क्या सीखेंगे?
शेलो वर्क ईजी है लेकिन डीप वर्क हार्ड होता है लेकिन ये वैल्यूएबल इसलिए है क्योंकि एक लिमिट टाइम ये आपको मैक्सीमम प्रोडक्टीविटी देता है. आज की फ़ास्ट पेस लाइफ में जब हमारे पास 24 घंटे भी कम पड़ते है ऐसे में डीप वर्क से हम अपने वर्क टाइम को एक मीनिंग फुल वे में यूटीलाइज करना सीख सकते है.
2. ये बुक किस किसको पढनी चाहिए?
आज की बिज़ी लाइफ स्टाइल में इस बुक की इम्पोर्टेंस बड जाती है. ये बुक हर उम्र के इंसान के काम आ सकती है, कोई भी बिजनेस मेन, स्टूडेंट, वर्किंग पर्सन या हाउस वाइफ इस बुक का फायदा उठा सकते है क्योंकि हर बिज़ी इंसान को डीप वर्क की ज़रूरत है.
3. इस बुक के ऑथर कौन है?
कल न्यूपोर्ट डीप वर्क के ऑथर है जो ज्योर्जटाउन यूनिवरसिटी में कंप्यूटर साइंस में एसोशिएट प्रोफेसर है. वो अब तक छेह सेल्फ-इम्प्रूवमेंट बुक्स लिख चुके है. एकडेमिक और करियर सक्सेस पर उनका एक स्टडी हैक्स ब्लॉग भी है जो उन्होंने 2007 में शुरू किया था. वो एक यू.एस. सिटीन है और 23 जून 1982 को पैदा हुए थे.