26 जुलाई, सन 1999 का दिन था जब इंडियन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से शिकस्त दी थी और कारगिल वॉर अपने नाम कर लिया था. हिमालय के बेहद मुश्किल ईलाके में, जिसे कारगिल कहा जाता है, घमासान जंग हुई थी जिसमें हमारे देश के कई जाबांज सिपाहियों ने जान दी थी. कारगिल वॉर को 20 साल से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है पर उन बहादुर जवानों की हिम्मत और दिलेरी को आज भी देश का बच्चा-बच्चा सलाम करता है. हमारे कई फौजी जवान इस जंग में शहीद हुए थे जिनमें एक नाम कैप्टन विक्रम बत्रा का भी था. वो नौजवान कैप्टन जो आखिरी सांस तक लड़ता रहा पर दुश्मन को देश की सीमा में घुसने नहीं दिया. ये हिंदुस्तान का वो वीर सिपाही था जो शहीदों में अपना नाम अमर कर गया है. कैप्टन विक्रम बत्रा को उनकी इस शहादत के लिए देश के सबसे सम्मानित अवार्ड परम वीर चक्र से नवाज़ा गया थाऔर हमारा देश उनकी शहादत को हमेशा-हमेशा के लिए याद रखेगा. कारिगल वॉर के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा ने जान पर खेलकर पॉइंट 4875 कोदुश्मनों के कब्ज़े से छुड़ाया था.उनके सम्मान में इस टॉप का नाम बाद में “बत्रा टॉप” रख दिया गया. क्या आप कारगिल वॉर जैसी ऐतिहासिक कहानी से इंस्पायर्ड है? अगर हाँ, तो आइए कैप्टन विक्रम बत्रा की ज़िंदगी को थोडा और करीब से जानते हैं जो उन लाखों नौजवानों के लिए इंस्पिरेशन बन चुके हैं जो देश सेवा का ज़ज्बा रखते हैं....