Why Should You Read This Summary?
BADE GHAR KI BETI
सीख – इस कहानी में मुशी प्रेमचंद जी ने परिवार में होने वाली अनबन के बारे में बताया है. कई बार छोटी से छोटी बात भी परिवार के बिखरने का कारण बन जाती है. अक्सर हम सोचते हैं कि अगर कोई लड़की ऊँचें घराने से आई है तो उसके बड़े नखरे होंगे, वो परिवार में मिलजुल कर नहीं रह पाएगी लेकिन यहाँ आनंदी ने कितनी ख़ूबसूरती से ख़ुद को एक नए परिवार में ढाल लिया था. हाँ, उसकी अपने देवर के साथ कहा सुनी हुई लेकिन अंत में उसने अपने दुःख और अपमान को भुलाकर अपना बड़प्पन और दयालु स्वभाव दिखाते हुए ख़ुद अपने ससुराल को टूटने से भी बचाया.
इसमें ये भी बताया गया है कि अगर हम शांति के बजाय गुस्से से काम लेते हैं तो हमारे मुहं से ऐसे शब्द निकल जाते हैं या कोई ऐसा काम हो जाता है जो दूसरों को बहुत चोट पहुंचा सकता है इसलिए हमें सोच समझकर व्यवहार करना चाहिए. इस कहानी में ये भी बताया गया है कि कैसे पहले के समय में ये उम्मीद की जाती थी कि औरतें हमेशा आदमियों से नीचे दबकर रहे, उनके सामने कुछ ना बोलें. लालबिहारी ने खडाऊ फेंककर गलत किया था फ़िर भी उसके पिता की नज़रों में वो गलत नहीं था
क्योंकि वो लड़का था. इसलिए आज बहुत ज़रूरी हो गया है कि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें, आदमी हो या औरत उसे सबकी इज्ज़त करना सिखाएं और अगर बेटा गलत हो तो उसकी गलती पर पर्दा ना डालें बल्कि उसे गलती का एहसास कराएं सिर्फ़ तभी हम अपने परिवारों को टूटने से बचा पाएंगे. हमारे संस्कार और हमारी सोच हमें छोटा या बड़ा बनाते हैं और कुछ नहीं.