दोस्तों अब हम रामायण के तीसरे काण्ड, अरण्य काण्ड के बारे में सुनेंगे। इस काण्ड में कुल 75 सर्ग और 2,440 श्लोक हैं। वाल्मीकि रामायण के इस अरण्य काण्ड में राम, सीता व लक्ष्मण तीनों अपने चौदह वर्ष के वनवास को पुरा करने के लिए दण्डक नाम के वन (अरण्य) में जाते हैं। इस दण्डकारण्य में प्रवेश करने के बाद राम यहां रहने वाले तपस्वी जनों, व ऋषि-मुनियों की करुण गाथा सुनते हैं व खुंखार राक्षसों को मार कर सभी को भय मुक्त करते हैं। इस काण्ड में शूर्पणखा के नाक-कान काटने, उसके भाई खरदूषण व त्रिशिरा से युद्ध, रावण द्वारा सीता माता के अपहरण, अशोक वाटिका में माता सीता के रहने व शबरी के आश्रम में राम के आगमन के प्रसंग हैं। तो आइये प्रभु श्री राम का स्मरण करें और रामायण के अरण्य काण्ड को प्रारंभ करते हैं।