(Hindi) You Can Win: A Step-by-Step Tool for Top Achievers

(Hindi) You Can Win: A Step-by-Step Tool for Top Achievers

इंट्रोडक्शन (Introduction)

क्या आपके भी कुछ ऐसे सपने थे जो जिन्हें आप दिलो-जान से पूरे करना चाहते थे मगर वो पूरे नहीं हो पाए? या आपने आज तक सिर्फ दुसरो के सपने पूरे होते देखे है मगर खुद के नहीं? जी हाँ, हम सबके साथ कभी ना कभी ये चीज़ हुई है. ऐसा लगता है जैसे कुछ लोग लाइफ के गेम में मास्टर होते है. उन्हें जो चाहिए है, वो उन्हें मिल जाता है. तो फिर आप ऐसा क्यों नहीं कर सकते ? ये बुक उन रीजन्स पर लाईट डालेगी जो बताएँगे कि क्यों सिर्फ कुछ लोगो को ही सक्सेस मिलती है, सबको नहीं.

ये बुक दरअसल एक मैन्यूअल है जो आपको स्टेप बाई स्टेप आगे लेकर चलती है. ये बुक आपको सिखाएगी कि सक्सेस आखिर मिलती कैसे है. अगर आप भी कुछ बड़े सपने देख रहे है तो ये बुक आपको अपनी जर्नी स्टार्ट करने में हेल्प करेगी और आपको डायरेक्शन देगी जिससे कि आप अपने गोल्स क्लियरली सेट कर पाए और अपने अपने ड्रीम्स सच कर पाए. और सबसे इंट्रेस्टिंग बात इस बुक की ये है कि इस बुक के हर चैप्टर में आपको एक एक्शन प्लान मिलेगा जिसे आप किसी एक्सरसाइज़ की तरह प्रैक्टिस कर सकते हो. इस बुक में आपको वो सीक्रेट मिलेगा जो सक्सेसफुल लोग लाइफ में अप्लाई करते है. अगर आप भी सक्सेस के दीवाने है तो इस बुक की इनर वर्किंग के बारे में जानने के लिए हमारे साथ बने रहिये.
इम्पोर्टेंस ऑफ़ एटीट्यूड: बिल्डिंग अ पोजिटिव एटीट्यूड (एटीट्यूड की इम्पोर्टेंस: एक पोजिटिव एटीट्यूड बिल्ड करना (Importance of attitude: Building a positive Attitude)

बेशक आपको ये सोचकर हैरानी होती होगी कि क्यों कुछ लोग, ओर्गेनाइजेशन या कुछ कंपनीज बाकियों से ज्यादा सक्सेसफुल है. तो इस सवाल का जवाब है क्वालिटी. जब हम क्वालिटी की बात करते है तो इसका मतलब क्वालिटी ऑफ़ पीपल और बिजनेस चॉइस से है. सक्सेस की दुनिया में एटीट्यूड की काफी इम्पोर्टेंस है जो सक्सेसफुल लोगो को लूज़र्स से अलग करता है. ये बात सब जानते है कि किसी भी स्ट्रोंग बिल्डिंग की शुरुवात एक स्ट्रोंग फाउंडेशंन से होती है. हर सक्सेसफुल बिजनेस की शुरुवात टीक्यूपी (TQP) से होती है यानी टॉप क्वालिटी पीपल.

ये वो लोग होते है जिन्हें कभी आपने अपनी टीम में शामिल किया था, ये वो लोग है जिनके अंदर एक स्ट्रोंग डिजायर होती है, आपके बिजनेस की क्वालिटी को बेस्ट बनाने की, उसे टॉप पे ले जाने की. स्टडीज़ से प्रूव हो चूका है कि ज्यादातर लोगो को अपने रीज्यूमे की वजह से नहीं बल्कि अपने एटीट्यूड की वजह से जॉब मिलती है. दरअसल अपने बिजनेस और लाइफ को लेकर एक पोजिटिव एटीट्यूड रखना ही आपकी सक्सेस का सीक्रेट है. और हमारा एटीट्यूड डिपेंड करता है हमारे एन्वायर्नमेंट पर और हमारे एक्सपीरिएंस पर. जो इंसान पोजिटिव आउटलुक रखता है वो हम्रेशा खुद से पहले दूसरो की केयर करता है. एक पोजिटिव इंसान वो है जो हमेशा कॉंफिडेंट, पेशेंट और रीसोर्सफुल होता है.

टॉप क्वालिटी पीपल की लिस्ट में शामिल होने के लिए आपको पोजिटिव बनना होगा. और इसके लिए डेली प्रेक्टिस करो ताकि ये आपकी हैबिट में शुमार हो जाए. खुद को एजुकेट करते रहो. साथ ही खुद को नेगेटिव लोगो और नेगेटिव टीवी प्रोग्राम्स या इस तरह के एंटरटेनमेंट से दूर रखे तो बैटर होगा. हम आपको बताते है कि कैसे एक वाइज़ मेन से मिलने के बाद एक अफ्रीकन फार्मर की लाइफ ही चेंज हो गयी. हाफिज अपनी खेती-बाड़ी के काम से खुश था और एक हैप्पी लाइफ जी रहा था. लेकिन एक वाइज मेन के सिंपल वर्ड्स ने किसी मिरेकल की तरह उसकी लाइफ चेंज कर दी. उस वाइज मेन ने हाफिज से कहा कि डायमंड उसे बहुत ज्यादा अमीर बना सकते है. अगर उसके पास एक अंगूठे जितने बड़ा डायमंड हो तो वो एक पूरा शहर खरीद सकता है. और अगर उसके पास अपनी मुठ्ठी जितना बड़ा डायमंड हो तो वो पूरी कंट्री ही खरीद सकता है..

वाइज मेन की इन बातो को सुनकर हफीज को रात भर नींद नहीं आई. वो अपनी हालत से ज्यादा खुश नहीं था तो उसने डिसाइड किया कि वो अपने खेत बेचकर डायमंड ढूढने निकलेगा. बहुत दिनों तक इधर-उधर घूमने के बाद वो स्पेन पंहुचा. अब तक उसकी हालत काफी खराब हो चुकी थी, वो इतना थका हुआ और खस्ते हाल था कि उसने एक तरह से डायमंड्स मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी. लाइफ से तंग आकर उसने नदी में कूदकर अपनी जान दे दी. लेकिन हफीज को मालूम नहीं था कि उसके घर से जाने के बाद वहां क्या हुआ.

जिस आदमी ने उसका खेत खरीदा था, उसे एक दिन खेतो के पास वाली नदी में डायमंड्स मिले. दरअसल हुआ ये कि एक दिन वो आदमी नदी के किनारे बैठकर सुबह का नज़ारा देख रहा था कि तभी उसे पानी में कुछ चमकता हुआ दिखा. जब वाइज मेन खेत के नए ओनर से मिलने आया तो दोनों ने देखा कि हफीज एक डायमंड माइन के ऊपर सो रहा था मगर अफ़सोस उसे ये बात मालूम नहीं थी. ये चीज़ प्रूव करती है कि लाइफ में पोजिटिव एटीट्यूड कितना ज़रूरी है. हफीज अगर पोजिटिव सोच रखता और अपने एसेट्स पर भरोसा करता तो शायद वो सबसे अमीर इंसान होता. मगर अफ़सोस उसने अपने नेगेटिव एटीट्यूड की वजह से होपलेस होकर बेकार में अपनी जान दे दी.

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सक्सेस: विनिंग स्ट्रेटेजीज (Success: Winning Strategies)

हम जानते है कि हमे सक्सेस हमारे एटीट्यूड की वजह से ही मिलती है. और हमारा एटीट्यूड हमारी चॉइस पे डिपेंड करता है. तो इसका मतलब ये हुआ कि सक्सेस इज अ मैटर ऑफ़ चॉइस एंड नोट लक. यानी स्कसेस किस्मत की नहीं बल्कि चॉइस की बात है. लाइफ में आगे बढने के लिए हमे अपोर्च्यूनिटी ढूंढनी होंगी नाकि हमे हाथ पे हाथ रखके बैठना है. सक्सेस एक सब्जेक्टिव वर्ड है, अपने गोल्स को एक के बाद एक अचीव करने की जर्नी का नाम ही सक्सेस है फिर चाहे कितने ही ओब्स्टेकल क्यों ना फेस करने पड़े. इतिहास में ऐसी कोई सक्सेस स्टोरी नहीं होगी जिसमे अडचने ना आई हो.

थॉमस एडिसन की स्टोरी तो आपको याद होगी ना? लाईट बल्ब इन्वेंट करने से पहले वो करीब कोई 10,000 बार फेल हुए थे. सक्सेस के लिए एक ऐसी मेंटलिटी होना बेहद ज़रूरी है जो आपके अंदर एक स्ट्रोंग डिजायर, कमिटमेंट और रीस्पोंसेबिलिटी की फीलिंग पैदा कर सके. आपके अंदर दूसरो से ज्यादा मेहनत करने की डिजायर भी होनी चाहिए. याद रहे, सक्सेस सिर्फ उन्हें मिलती है जो सब्र रखते है, दूसरो के बारे में सोचते है और हमेशा एक पोजिटिव एटीट्यूड लेकर चलते है. इसके साथ ही आपमें अपने टाइम को मैनेज करने को खूबी होनी चाहिए ताकि बेस्ट रीज्ल्ट्स मिल सके और किसी भी डिफीकल्टी में आपको पीछे नहीं हटना है. ज्यादातर लोग मंजिल के बेहद करीब पहुंचकर अचानक पीछे हट है.

इसकी वजह ये है कि ये लोग उम्मीद खो चुके होते है, उन्हें लगता है कि उनसे अब और मेहनत नहीं होगी. लेकिन हम आपको बोलेंगे कि आप रिस्क लो और आगे बढो. बिजनेस की दुनिया में कदम रखना है तो पूरी तैयारी के साथ आओ. लॉज ऑफ़ नेचर की फिलोसफी आपके बड़े काम आएगी. अपनी मिस्टेक्स को अपना सबसे बड़ा लेसन बना लो और जो मिला है उसका शुक्रिया अदा जरूर करो. एक बार एक यंग मेन था जिसने सुकरात से पुछा कि सक्सेस का सीक्रेट क्या है? इस पर सुकरात ने उसे नेक्स्ट डे नदी के किनारे मिलने के लिए कहा.

अगले दिन दोनों नदी के किनारे बाते करते जा रहे थे कि अचानक सुकरात ने उस आदमी को गर्दन से पकड़ा और उसे नदी में डुबोने लगे. वो आदमी बचने के लिए जोर-जोर से हाथ पाँव मारने लगा. उसकी सांस घुट रही थी. उसने खुद को छुड़ाने की पूरी कोशिश की मगर सुकरात की पकड काफी मज़बूत थी. वो आदमी पूरी ताकत से स्ट्रगल कर रहा था. उसका पूरा फेस नीला पड़ गया था. फिर अचानक सुकरात ने अपनी पकड़ ढीली कर दी और उसे छोड़ दिया. आदमी पानी से बाहर आया और लंबी-लंबी ब्रीथ लेने लगा. तब सुकरात ने उससे पुछा” जब तुम पानी के अंदर थे तब तुम क्या सोच रहे थे? उस वक्त तुम्हे किस चीज़ की सबसे ज्यादा ज़रूरत फील हो रही थी?

“हवा” उस आदमी ने जवाब दिया. सुकरात बोले” जिस दिन तुम सक्सेस को इतना ज़रूरी समझोगे जितनी कि इस वक्त तुम्हारे लिए हवा है तो यकीन मानो उस दिन तुम्हे सक्सेस ज़रूर मिलेगी. यहाँ पर सुकरात के सिखाने का तरीका थोडा क्रुएल ज़रूर था मगर उसका इम्पैक्ट कहीं ज्यादा था. जिस दिन आपकी भी डिजायर इतनी स्ट्रोंग होगी तो आप भी सक्सेस के पीछे हाथ धो कर पड़ जाओगे.

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मोटीवेशन: मोटीवोटिंग योरसेल्फ एंड अदर्स एवेरीडे
(Motivation: Motivating Yourself and Others Everyday)

एक मोस्ट इम्पोर्टेंट क्वेशचन ये नहीं है कि किसी काम को कैसे किया जाए बल्कि ये कि वो काम आप आलरेडी क्यों नहीं कर रहे है. वैसे ज्यादातर लोगो को पता होता है कि उन्हें सक्सेसफुल बनने के लिए एक्जेक्जटली क्या चाहिए लेकिन उन्हें ये नहीं पता होता कि वो उस चीज़ को अभी और इस वक्त से क्यों नहीं स्टार्ट कर रहे है. आप दूसरो से इंस्पायर होते है, ये अच्छी बात है मगर आप तभी मोटीवेट होंगे जब आप अपने एक्शन प्लान चेंज करेंगे.  आपके इनर वैल्यूज आपकी लाइफ के मोस्ट लास्टिंग मोटिवेशन सोर्स होते है. जिन लोगो की लाइफ के कुछ टारगेट, कुछ गोल्स होते है वो लोग हेमशा दूसरो से ज्यादा मोटिवेटेड फील करते है. अक्सर एक्सटर्नल फैक्टर्स जैसे फियर, मनी, या इंसेंटिव्स हमे मोटिवेशन फील कराते है. मगर कुछ इंटरनल फैक्टर्स भी है जैसे कि सेन्स ऑफ़ प्राइड, सेन्स ऑफ़ अचीवमेंट, रिस्पोन्सेबिलिटी और दूसरो की केयर करना वगैरह.

आप दूसरो को भी मोटिवेट होने में हेल्प कर सकते है, उन्हें हेल्प और रिस्पेक्ट देकर या उनके काम को रेकोगनाइज़ करके जो वो डिज़र्व करते है. लोगो की नीड के हिसाब से उन्हें हमेशा कुछ बैटर करने के लिए चेलेंज करो. एक लड़के की स्टोरी है जो अपनी स्कूल टीम में सॉकर खेलता था. वो लड़का हमेशा रीज़ेर्व रहता था क्योंकि उसके कोच को उस पर भरोसा नहीं था.

जब भी स्कूल का मैच होता उस लड़के के फादर हमेशा देखने आते हांलकि उनका बेटे को कभी खेलने का मौका नहीं मिलता था. फिर धीरे-धीरे लडके ने प्रैक्टिस में आना छोड़ दिया. लेकिन अचानक एक दिन वो फिर से प्रैक्टिस में आया. इस बार वो काफी कॉंफिडेंट लग रहा था. उनके स्कूल का फाइनल मैच होने वाला था. उसने कोच से रिक्स्लेट की कि वो उसे मैच में रख ले मगर कोच ने ये बोलकर मना कर दिया कि स्कूल की रिस्पेक्ट का सवाल है और वो कोई चांस नहीं लेना चाहते. मगर उस लड़के के बार-बार रिक्वेस्ट करने पर कोच को आखिर मानना ही पड़ा. और जब मैच शुरू हुआ तो हर कोई उस लड़के की परफोर्मेंस देखकर हैरान था, वो गोल पर गोल किये जा रहा था. इस पूरे गेम का स्टार वो लड़का ही था.

गेम जब ओवर हुआ तो कोच ने उससे पुछा” तुम्हे ये कैसे किया?” क्योंकि वो लड़का सॉकर में कभी अच्छा नहीं था मगर आज वो अचानक से एक स्टार बनकर उभरा था. लड़के ने बोला” मैं अच्छा परफोर्म इसलिए कर पाया क्योंकि मेरे फादर मैच देखने आये थे”. लेकिन उसके फादर तो वहां थे ही नहीं. तो कोच ने पुछा कहाँ है तुम्हारे फादर? लड़के ने कहा मेरे फादर ब्लाइंड थे, वो हमेशा उसकी प्रैक्टिस में आते थे मगर कुछ देख नहीं पाते थे, लेकिन आज जब वो इस दुनिया में नहीं है तो वो ऊपर स्वर्ग से उसे खेलता देख रहे होंगे और बड़े खुश होंगे. तो अगर आपके पास भी कोई स्ट्रोंग मोटिवेशन है तो आप भी अपनी लाइफ के स्टार बन सकते है बस क्लियर गोल सेट करो, हाई एक्सपेक्टेशन रखो और लाइफ में आगे बढ़ते रहो.

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