(hindi) Yes ! 50 Scientifically proven ways to be persuasive
Introduction
क्या आपने अपने आप को किसी इंसान को सुनते हुए और उसके हर शब्द पर अच्छे से ध्यान देते हुए पाया है? जैसे कि उन को सुनते हुए आप कभी नहीं थकेंगे। Online बहुत सारे ऐसे videos हैं जिनमें आपको motivational speakers मिल जाएंगे। उनकी speech इतनी मन को छूने वाली होती है कि उनको सुनने वाले बहुत सारे लोग अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए inspire हो जाते हैं।
ऐसा सोचने वाले आप अकेले नहीं हैं कि किस तरह कुछ लोग दूसरों को influence कर सकते हैं। दुनिया में बहुत सारे शब्द हैं और उन शब्दों को arrange करने के कई सारे तरीके हैं, लेकिन कुछ लोग किस तरह, इतने अच्छे से उन्हें इस्तेमाल करते हैं कि वह बहुत सुंदर और inspire करने वाले बन जाते हैं।
इससे यह सवाल उठता है कि वे ऐसा कैसे करते हैं। इस किताब में आप उन लोगों के तरीके सीखेंगे जो किसी भी deal, sale और job के लिए अपनी बातों से रास्ता बना लेते हैं। आपको अपने शब्दों में आसान से changes के बारे में भी जानकारी मिलेगी, जो किसी भी इंसान के मन से doubt को मिटा देंगे।
Persuasion सिर्फ एक कला नहीं है, इस कला को science द्वारा बार-बार प्रूव किया गया है। Persuasion का मतलब होता है किसी को राज़ी करना या अपनी बातों से convince करना.इस बुक में आप सिर्फ़ persuasion के तरीके ही नहीं सीखेंगे, आप यह भी सीखेंगे कि आप, अपने आप पर इस्तेमाल होने वाली persuasion technique को कैसे counter करें।
पढ़ते रहें, और आपको पता लगेगा कि persuasion की power को इस्तेमाल करने के लिए आपको अधिक चीजों की जरूरत नहीं है। Persuasive होने में समय लगता है, अगर आप इस किताब में दिए गए तरीके इस्तेमाल करेंगे, तो आप बहुत जल्दी सीख जाएंगे। आप इसे अपने शब्दों में, अपनी बातों में और अपने काम में इस्तेमाल कर सकते हैं।
किस तरह अपनी audience को inconvinent करके आप अपनी persuasiveness बढ़ा सकते हैं?
जब आप इसे देखेंगे, तो यह अजीब लगेगा कि किस तरह हमारे actions दूसरों के behaviours से influence होते हैं। हमें हमेशा यही सिखाया जाता है कि हमें सबसे अलग दिखना है और यही psychologists ने अपनी खोज में भी पाया है।
इसे “Social Proof Appeal” के नाम से जाना जाता है, जिसका मतलब है अगर बाकी लोग कुछ करते हैं तो यह possible है कि आप भी वह करेंगे। अगर आपको थोड़ा सा भी लगता है कि बहुत सारे लोग इसे कर रहे हैं, तो आप अपने आपको वही करता हुआ पाएंगे जो वे कर रहे हैं।
अगर आप किसी को एक event में आने के लिए persuade करना चाहते हैं यानी मनाना चाहते हैं, तो possible है अगर आप कहेंगे के कुछ दोस्त भी उस event में आएंगे तो वे आने के लिए मान जाएंगे। अगर आप उनसे सिर्फ आने के लिए कहेंगे, और इसके अलावा और कुछ नहीं कहेंगे तो हो सकता है कि वह आपके invitation को ना माने।
सिर्फ अपने शब्दों के इस्तेमाल के तरीकों को बदलकर आप किसी को persuade कर सकते हैं। जिससे कि आप जो नतीजे चाहते हैं वह आपको मिल जाएगा। यह समझ लीजिए कि इंसान सोसाइटी में कई लोगों के साथ रहते हैं और वे वही करेंगे जो बाकी सब लोग करेंगे।
जब अलग-अलग products जैसे कि एक्सरसाइज करने वाली machine से लेकर चाकू के set की बात आती है, तो Coleen Szot एक जाना माना नाम है। पिछले 20 सालों में सबसे ज्यादा sale के कारण Coleen एक popular नाम है। अब Coleen में Home Shopping Program की सभी चीज़ें शामिल हैं जैसे : Catchy headlines, participative audience, और अच्छी deals।
Coleenसिर्फ अपनी call-to-action को बदलकर sales के सबसे बड़े रिकॉर्ड को तोड़ पाए । याद है जब यह बताया गया था कि आप किसी भी इंसान को अपने शब्दों के इस्तेमाल से persuade कर सकते हैं ? Coleen ने यही किया और बहुत सारे कस्टमर्स दौड़े चले आए।
अक्सर इस्तेमाल होने वाली call-to-action जैसे कि “operators wait कर रहे हैं, अभी कॉल करें”, की जगह Coleen ने “ऑपरेटर बिजी हैं दोबारा कॉल करें” का इस्तेमाल किया। यह बहुत ही छोटा और आसान लगेगा, परंतु यह असरदार है। यह social proof appeal की वजह से हुआ ।
अगर आप किसी चीज को खरीदने के लिए sure नहीं है और आपको अचानक सुनने को मिलता है कि बहुत सारे लोग इसे खरीद रहे हैं, तो संभव है कि आप भी उन्हीं की तरह उस चीज को खरीद लेंगे । आप दूसरों के कामों से इन्फ्लुएंस होते हैं और वहां से एक चैन रिएक्शन की शुरुआत हो जाती है ।
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Bandwagon effect:- यानि दूसरो के इफेक्ट में आकर खुद का डिसिजन चेंच करना।
हर आदमी दूसरे से अलग behave करता है। सवाल यह है , कि किसे आप सबसे ज़्यादा follow करते हैं। यहीं पर similarity देखी जाती है। आइए, पिछली example use करते हैं। आप किसी इंसान को एक event में आने के लिए persude कर रहे हैं, लेकिन ये कहने के बाद भी कि आपके mutual friend आ रहे हैं वो अभी भी sure नहीं हैं. अब आप ये कर सकते हैं कि उस mutual friend को उन्हें convince करने दें।
हम हमेशा उन लोगों को सुनते हैं, जो हमारे जैसी ही situation में हों या हमारे बीच में कुछ कॉमन हो । जब आप एक ऐसे इंसान से बात करते हैं जो आपको समझता हो, आपका उनको सुनने का मन करता है, चाहे आप पहले ऐसा नहीं चाहते हो।
जैसे कि पहले बताया गया है, चाहे हम इसे ना मानना चाहें, हम पर दूसरों के behaviour का बहुत असर पड़ता है। इसे “social proof appeal” कहते हैं। अब, इस किताब के author ने इस appeal पर study की है कि कैसे strong similarities लोगो को किसी एक तरीके से काम करने के लिए move कर देती हैं।
Persuation के लिए similarities को use करने का दूसरा तरीका, testimonials को use करना होगा। अगर आप किसी को कोई चीज खरीदने के लिए convince करना चाहते हैं, तो किसी दूसरे इंसान को उनसे बात करने दें जो कि उनसे बिल्कुल मिलता हो।
मान लीजिए आप किसी company के manager हैं। आप अपने काम करने के standard तरीके में बदलाव लाना चाहते हैं। आप अपने employees को नए system से intoduce करवाना चाहते हैं। अपने सभी employees को change अपनाने के लिए, आपको उन employees से testimonial दिलवाना होगा जो नए system के लिएalready मान गए हैं। लेकिन अगर फिर भी कोई ऐसा इंसान है जो इसे पसंद नही करता, तो एक ऐसे employee को उनसे बात करने दें जो उन्ही की तरह हो।
कौन सी ऐसी common गलती है जिसके कारण एक message ख़ुद-ब-ख़ुद डिस्ट्रॉय हो जाता है?
हमारी reality बुरी चीज़ों से भरी है। चाहें हम अक्सर किसी चीज़ को highlight करने के लिए positivity पर ध्यान देते हैं, दूसरे लोग चीज़ों को अलग angle से देखने के लिए negative चीज़ों को use करते हैं। ये अक्सर backfire करता है, और जो message भेजा जाता है वह audiance तक नहीं पहुंचता।
किसी negative चीज़ को highlight करना, जैसे कि यह कहना कि bus stop पर लोग हर रोज़ गंदगी फैलाते है, यह लोगों को गंदगी फैलाने से नहीं रोक सकता। इस तरह बताने से सिर्फ यह पता चलता है कि यह कितना होता है, ना कि यह के गंदगी फैलाना कितना गलत है। जब हम इस चीज़ पर spotlight डालते हैं के कोई negative चीज़ कितनी ज़्यादा हो रही है और इस पर नहीं के ये करने कि जरूरत नहीं है, इसे negative social proof कहते हैं।
इस किताब के सभी author ने National Park के sign के साथ एक experiment करने के बारे में सोचा। वह यह जानना चाहते थे के कौन से sign की वजह से जंगल में लकड़ी की सबसे ज़्यादा चोरी होती थी।
Sign में ये negative social proof मिला कि ” पिछले visitors ने पार्क से लकड़ी हटा दी है , जिसकी वजह से Forest की natural state बदल गई है”। इस sign के साथ एक image भी थी जिसमें लोगों को लकड़ी ले जाते हुए दिखाया गया था।
जिन signs में negative social proof नहीं था उनमें लिखा था, “Please park से लकड़ी ना लें ताकि हम forest को उसकी natural state में बचाकर रख पाएं”। एक दूसरी picture में एक आदमी लकड़ी चुरा रहा है, पर उसके हाथ में No sign है। Experiment करने वालों ने रास्ते में कुछ लकड़ियाँ भी बिछा दी ताकि वहां आने वाले लोगों को उससे ठोकर लगे। अगर हम घटना पर ज़ोर दें ना कि उस पर जो हम चाहते है तो इससे बहुत फर्क पड़ेगा। Experiment में जिन रास्तों पर negative social proof sign थे वहां पर चोरी तीन गुना हो गई थी। उन रास्तों पर जहां पर आने वालों को सिर्फ़ लकड़ी चुराने से मना किया गया था, वहां पर चोरी काफी कम थी।
Negative Social Proof sign तो crime को बढ़ाने की एक strategy बन गई थी। इसे बदलने का एक और तरीका है जिसमें यह ज़ोर दिया जाना चाहिए कि कितने लोगों ने लकड़ी नहीं चुराई।