(hindi) To Sell Is Human: The Surprising Truth About Moving Others

(hindi) To Sell Is Human: The Surprising Truth About Moving Others

इंट्रोडक्शन

जब आप “सेल्स” या “बिक्री” शब्द सुनते हैं, तो आपके दिमाग में क्या आता हैं? सूट में एक आदमी की तस्वीर, हैं न? क्या ये एक कार सेल्समैन, बीमा एजेंट या रियल एस्टेट एजेंट हैं? क्या आप उन्हें जोर-जबरजस्ती करने वाले , अपनी बातें मनवाने वाले और परेशान करने वाले से जोड़कर देखते हैं?

इस बुक में, डैनियल पिंक चर्चा करेंगे कि कैसे हम सब लोग भी सेल्समैन जैसे ही हैं. आप सीखेंगे कि दूसरों को असरदार ढंग से कैसे मनाया जाए. आप अपने आइडियाज़ को सही तरीके से बेचना सीखेंगे.

सेल्समैन का नया जन्म

अमेरिकी लेबर ब्यूरो के आंकड़ों के हिसाब से, 15 मिलियन अमेरिकी एम्पलॉईस कुछ न कुछ बेच रहे हैं. उनमें से कुछ सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव, रियल एस्टेट एजेंट, या कार डीलर जैसे काम करते हैं.
आज इंटरनेट ने दुनिया को बहुत बदल दिया हैं लेकिन तब भी आंकड़े वहीं हैं. हर 9 में से 1 अमेरिकी आदमी सेल्समैन हैं.  लेबर ब्यूरो ने ये भी भविष्यवाणी की थी कि 2020 तक 2 मिलियन सेल्स जॉब्स होंगी.

इस बीच, दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी सेल्स में काम करने वालों के नंबर बड़े. यूनाइटेड किंगडम में, 30 मिलियन कामकाज़ी लोगों में से, 3 मिलियन लोग सेल्स में लगे हैं. तो इसका मतलब हैं कि हर 10 में से 1 एम्प्लॉई सेल्स में काम कर रहा हैं.

भारत और चाइना भी इसमें पीछे नहीं हैं. लाखों लोग मीडियम क्लास में जुड़ रहे हैं, इसलिए और ज़्यादा सेल्समैन की मांग हो रही हैं. मैकिन्से एंड कंपनी ने भविष्यवाणी की कि भारत के फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में 2020 में 300,000 से ज़्यादा मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव होंगे.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं कि हम में से हर कोई एक सेल्समैन हैं? हम जिन लोगों से रोज़ बात करते हैं, उनको मनाते हैं, समझाते हैं और अपने आइडियास बेचते हैं. हम अपने बातों और कामों से दूसरों को मनाते हैं.एग्जाम्पल के लिए एक डॉक्टर को लीजिए जो एक मरीज को किसी नुस्खे के लिए राज़ी करता हैं. एक वकील जो फैसले पर ज़ूरी को मना लेता हैं. या एक टीचर जो स्टूडेंट को क्लास में ध्यान लगाने के लिए मनाता हैं.

इस बुक के ऑथर डैनियल पिंक ने एक स्टडी की ताकि पता कर सकें कि क्या हम सभी सेल्समैन हैं या नहीं. हम “नॉन-सेल्स सेलिंग” में कितना वक्त और कोशिश लगा रहे हैं? नॉन-सेल्स सेलिंग का मतलब हैं लोगों को समझाना, मनाना और लोगों को बदलना, लेकिन इसमें न किसी चीज़ को खरीदा गया हो और न ही बेचा गया हो.

इस स्टडी का नाम था- “आप अपने काम पर क्या करते हैं?” इस स्टडी में 7,000 फुल टाइम अमेरिकी वर्कर शामिल हैं. डैनियल पिंक को इस स्टडी से दो बातें पता चली.
नंबर एक, लोग अपने काम के 40% घंटे नॉन-सेल्स सेलिंग पर खर्च करते हैं. ये बिना किसी चीज़ के खरीदे और बेचे ही सामने वाले को बदल देता हैं.
नंबर दो, लोग कहते हैं कि नॉन-सेल्स सेलिंग उनके प्रोफेशनल कामयाबी के लिए ज़रूरी हैं.

इन पार्टिसिपेंट्स ने इस स्टडी को ईमेल से, आमने-सामने बात करके और मीटिंग करके भाग लिया.

“आप अपने काम पर क्या करते हैं?” स्टडी में कुछ और बात भी सामने आई. हां, हर 9 में से 1 अमेरिकी सेल्समैन है. लेकिन डेटा ये भी कहता हैं कि बाकी के 9 में से 8 अमेरिकी नॉन-सेल्स सेलिंग में शामिल हैं. हम सभी भी सेल्स में हैं. हम दूसरे लोगों पर अपना असर डालते हैं और उन्हें मनाते हैं.

हर कोई एक सेल्समैन बन सकता हैं. डोर-टू-डोर सेलिंग, मेल ऑर्डर से लेकर इंटरनेट तक के आंकड़े बताते हैं कि बेचना इंसान के अंदर ही होता हैं.

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एंट्रेप्रेन्योरशिप, इलास्टिसिटी और एड-मेड

पहले, सेल्स वालों और नॉन-सेल्स वाले लोगों के बीच फ़र्क साफ़ दिखाई देता था. कुछ लोग सामान बेचते थे, और कुछ सामान बनाते थे. हर कोई इस अरेंजमेंट से खुश था. लेकिन आजकल, एक बदलाव आया हैं. ज़्यादा से ज़्यादा लोग अपना खुद का बिज़नस शुरू करना और एंट्रेप्रेन्योर बनना चाहते हैं. हम खुद का प्रॉडक्ट बना रहे हैं और उन्हें बेच भी रहे हैं. इसलिए एंट्रेप्रेन्योर भी एक सेल्समैन हैं.

हमने पाया कि बड़े ऑपरेशन चलाने वाली कंपनियों को सेल्स डिपार्टमेंट की ज़रूरत हैं. हरेक की नौकरी की ज़िम्मेदारी को साफ़-साफ़ बाँट दिया गया हैं. कंपनियों में स्पेशलाइजेशन होता हैं जहां किसी एक पोज़ीशन के लिए उनका काम तय हुआ होता हैं. लेकिन स्टार्ट-अप और छोटे बिज़नस में, फ्लेक्सिबिलिटी होता हैं. वहां लोगों के हुनर बँटे नहीं होते. वहां, एंट्रेप्रेन्योर ही मार्केटिंग एजेंट, एडवर्टाइज़र, सेल्समैन, मैन्युफैक्चरर, ह्यूमन रिसोर्स और बाकी सब खुद ही होते हैं.

ये ब्रुकलिन ब्राइन की कहानी हैं. ये एक मालिक और दस एम्पलॉईस की कंपनी हैं. ये चौदह अलग-अलग सब्जियों के अचार बनाते हैं जिनका स्टोर बहुत ही हिट हैं.

ब्रुकलिन ब्राइन के मालिक शामस जोन्स खुद को कैपिटलिस्ट नहीं मानते. वो पहले एक रेस्तरां में शेफ थे, लेकिन वो इससे खुश नहीं थे और इसलिए उन्होंने चीजों को अपने तरीके से करना शुरू कर दिया. शामस ने अपने खाली वक्त में सब्जियों का अचार बनाना शुरू किया. उन्होंने इस काम को तब तक करना ज़ारी रखा जब तक उनका ये छोटा सा प्रोजेक्ट फुल टाइम जॉब नहीं बन गया.

ब्रुकलिन ब्राइन के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल अब अमेरिका और एशिया के अलग-अलग रेस्तरां में किया जा रहा हैं. शामस अपना ज़्यादातर वक़्त प्रोडक्ट और लोगों को मैनेज करने में खर्च करते हैं. वो हफ्ते के सातों दिन, अपनी कंपनी की कहानी शेयर करने में,  अलग-अलग रेस्तरां को अपने प्रॉडक्ट को इस्तेमाल करने के लिए मनाने में, अपने डिस्ट्रीब्यूटर से मिलने में, और भी बहुत कुछ करने में इस्तेमाल करते हैं.

जब शामस ब्रुकलिन में अपने स्टोर पर वापस आते हैं, तो वो अपने एम्पलॉईस का हौसला बढ़ाते हैं और उन्हें इंस्पायर करते हैं. वो कहते थे, “मैं चाहता हूं कि मेरे सारे एम्पलॉई खुश रहें. मैं चाहता हूं कि वे एनर्जी और स्किल के साथ काम करें.

शामस का कहना हैं कि वो पैसे तो कमाना चाहते हैं, लेकिन वो इसके लिए अपनी ईमानदार कंपनी के ईमानदार प्रॉडक्ट को लोगों के सामने रखना चाहते हैं.

एक छोटे बिज़नस के मालिक के तौर पर शामस को सब कुछ करना चाहिए. इसमें दोनों सेल्स और नॉन-सेल्स शामिल हैं. उन्हें एक अल-राउंडर होना चाहिए. उनकी कामयाबी का राज़ हैं उनका लचीलापन. ब्रुकलिन ब्राइन पर उन्हें बहुत गर्व हैं.

आइए इस लचीलेपन के बारे में और बातें करें. यहां उन कंपनियों की कहानियां हैं जिनके पास सेल्स डिपार्टमेंट नहीं हैं. क्यों? क्योंकि हर एम्प्लॉई एक सेल्समैन ही होता हैं. इसके पीछे सोच ये हैं कि आप जो भी काम करते हैं, जो भी नौकरी करते हैं, आप कंपनी को रिप्रेजेंट करते हैं. और इसलिए, आप जो कुछ भी करेंगे वो आपके ऑर्गनाइज़ेशन का नाम बढ़ाएगा.

एटलासियन (Atlassian) एक सॉफ्टवेयर एंटरप्राइज़ कम्पनी हैं. ये सरकार और बिज़नस वालों को उनके प्रोग्रेस को ट्रैक करने, प्रोजेक्ट्स को मैनेज करने और एम्पलॉईस के बीच को-ऑर्डिनेशन को बढ़ावा देने के लिए पैकेज देता हैं.

एटलासियन के 53 देशों में 12,000 कस्टमर्स हैं. इनमें माइक्रोसॉफ्ट, सैमसंग और यूनाइटेड नेशंस मैन हैं. पिछले साल, एटलासियन की कमाई 100 मिलियन डॉलर था. ये बिना किसी एक भी सेल्समैन के हुआ था.

माइक केनन-ब्रूक्स, सी ई ओ, का कहना हैं कि बात बहुत अजीब हैं लेकिन एटलासियन में हर कोई एक सेल्समैन हैं.

एग्जाम्पल के लिए मान लीजिए कि कोई एक होने वाला कस्टमर, एटलासियन के प्रोडक्ट्स को try करने के लिए एटलासियन प्रोडक्ट्स को डाउनलोड करता हैं. कस्टमर को कुछ सवाल करना हो तो वे सपोर्ट स्टाफ से पूछेंगे. एटलासियन एम्पलॉईस जो सपोर्ट देते हैं, वे आम सेल्स वालों जैसे बिलकुल भी नहीं हैं. वे लंबे कमिटमेंट के लिए कस्टमर को छूट या डिस्काउंट देने की बात नहीं करते.

एटलासियन सपोर्ट एम्पलॉईस सिर्फ सॉफ्टवेयर को समझने में कस्टमर्स की मदद करते हैं. उन्हें भरोसा हैं कि उनके असिस्टेंस की क्वालिटी और वैल्यू ही लोगों को इतनी तसल्ली देने के लिए काफी हैं कि वे उनका कस्टमर बन जाएंगे.

यही बात एटलासियन इंजीनियरों के लिए भी लागू होता हैं. वे न सिर्फ एक अच्छा सॉफ्टवेयर बनाते हैं, बल्कि वे कस्टमर्स की जरूरतों को भी स्टडी करते हैं, समझने की कोशिश करते हैं कि उनके प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कैसे किया जाता हैं, ताकि प्रोडक्ट्स को सबसे बेहतरीन ढंग से बनाया जा सकें.

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