(Hindi) The Whole‑Brain Child: 12 Revolutionary Strategies to Nurture Your Child’s …

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परिचय (इंट्रोडक्शन) Introduction

आपके बच्चे का ब्रेन अभी तक अच्छे से डेवलप नहीं है, और तब तक नहीं होगा जब तक कि वो अपने मिड ट्वेंटी में ना आ जाए. इस बुक में आप सीखेंगे कि ब्रेन के डिफरेंट पार्ट्स कौन-कौन से है और ब्रेन डेवलपमेंट के पीछे कौन सा साइंस काम करता है.

क्या आपको मालूम है 3 साल से छोटे बच्चो का राईट साइड वाला ब्रेन ज्यादा काम करता है? तो इससे ये बात क्लियर होती है कि बच्चे इतने इमोशनल और जिद्दी क्यों होते है और क्या आपको ये भी मालूम है कि हमारे ब्रेन की मेजर रीकंस्ट्रक्शन तब होती है जब हम अपने टीन एज में होते है? तो अपने बच्चे के ब्रेन के डिफरेंट पार्ट्स को अप्रोच कैसे करे, ये सब कुछ आप इस बुक व्होल चाइल्ड ब्रेन से सीखेंगे. इसमें आप 5 व्होल ब्रेन स्ट्रेटेजीज के बारे में सीखेंगे जो आपके बच्चे को इमोशनली और सोशली हेल्थी बनने में हेल्प करेगी.

अपने बच्चे को एक राईट वे में डेवलप करने के लिए आपको स्पेशल मोमेंट्स की ज़रूरत नहीं है क्योंकि लाइफ में ऐसे कई मौके मिलते है जब आप अपने बच्चे को बैटर ह्यूमन बीइंग बनने में हेल्प कर सकते हो, उसे सही ढंग से जीना सीखा सकते हैं हमारी डेली लाइफ सिचुएशंस में ऐसे कई मौके आते है, जैसे कि जब आपका बच्चा किसी से फाईट करता है, या आपकी बेटी रोती हुई आपके पास आती है या आपका बेटा खेलते हुए गिर जाता है तब आप उसे सपोर्ट तो करते ही है साथ ही उसे इमोशनली इंटेलीजेंट बनने में भी हेल्प कर सकते है और यही रीजन है कि इस बुक के ऑथर डॉक्टर डैन और डॉक्टर टीना ने व्होल ब्रेन चाइल्ड स्ट्रेटेजीज लिस्ट की है ताकि आप अपने लाडलो का और भी अच्छे से ध्यान रख सके.

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पेरेंटिंग विथ द ब्रेन इन माइंड (Parenting with the Brain in Mind)

की वर्ड है इंटीग्रेशन (integration), हमारा माइंड एक रिवर की तरह होता है. इमेजिन करो कि आप किसी रिवर में एक कनोई (canoe ) चला रहे है जब आप राईट साइड में ज्यादा रहोगे तो आपको ज्यादा चाओस (chaos) मिलेगा. ये हमारे ब्रेन के राईट साइड को रीप्रेजेंट करता है जहाँ ज्यादा इमोशंस और फीलिंग्स होती है. जब आप लेफ्ट साइड की तरफ मुड़ते है तो आपको ज्यादा रिजिडीटी (rigidity) मिलेगी. ये हमारे ब्रेन के लेफ्ट साइड की तरह है जो लोजिक और रीजन्स से चलता है. अब अगर आपको मेंटली हेल्थी रहना है तो आपको मिडल में चलना होगा. ना तो आपको ज्यादा इमोशनल बनना है और ना ही खुद को बहुत कंट्रोल में रखना है, इसीलिए साइकोलोजिस्ट इसे “रिवर ऑफ़ वेल बीइंग” बोलते है.

अब अगर आपका बच्चा कोई टॉय लेने के लिए रो रहा है या रेस्त्रोरेंट्स में पहले स्वीट्स खाने की ज़िद कर रहा है तब आपको एक पेरेंट के तौर पर उसे इंटग्रेट (integrate) करने में हेल्प करनी होगी. अगर हम बोले कि आप अपने बच्चे को” होरीजोंटली इंटेग्रेटेड (“horizontally integrated”) करो यानी उसके ब्रेन के लेफ्ट और राईट दोनों साइड्स को बेलेंस करना है और “वर्टिकली इंटेग्रेटेड” (“vertically integrated”) यानी ब्रेन के ऊपर और नीचे वाले दोनों पार्ट को भी लेवल करना होगा. हम इसे और बैटर वे में समझाने के लिए एक स्टोरी सुनाते है, मरियाना और उसके दो साल के बेटे मार्को की. मरियाना एक स्कूल प्रिंसिपल है, एक दिन उसे कॉल आया कि उसके बेटे और बेटे की बेबीसिटर का कार एक्सीडेंट हो गया है और उन्हें हाँस्पिटल लेकर गए है. मरियाना तुरंत हाँस्पिटल पहुँची. मार्को की बेबीसिटर सोफिया को ड्राइव करते वक्त एपिलेप्टिक सीजर (epileptic seizure) हुआ था.

मरियाना ने देखा कि फायर फाइटर् उसके बेटे को काम डाउन (calm down) करने की कोशिश कर रहा था क्योंकि वो लगातार रोये जा रहा था. लेकिन जैसे ही मार्को ने मरियाना को देखा तो तुरंत चुप हो गया. उसने कसकर अपने बेटे को गले लगाया और उसे तसल्ली दी. मार्को बार-बार बोले जा रहा था” ईया वू वू”. ईया से उसका मतलब बेबीसिटर सोफिया से था और वो वू-वू एम्बुलेंस को बोल रहा था जो सोफिया को ले गयी थी. मरियाना को अगर व्होल ब्रेन अप्रोच के बारे पता नहीं होता तो वो मार्को को बोलती” हाँ बेटा, सब ठीक है, कुछ नहीं हुआ, आप बिलकुल ठीक हो” और वो उसे आइस क्रीम खिलाने ले जाती. लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. मरियाना ने अपने बेटे को उस पेनफुल मेमोरी से बाहर निकलने में हेल्प की. वो मार्को की” ईया वू-वू” वाली स्टोरी सुनती रही.

कुछ दिनों तक मार्को ये स्टोरी उसे बार-बार सुनाता रहा. जब वो बोलने की कोशिश करता तो मरियाना उसके डर को वर्ड्स में एक्सप्रेस करने में हेल्प करती थी “हाँ बेटा, आपका और सोफिया का एक्सीडेंट हुआ था”, मार्को ने अपना हाथ उठाया कि ये बताने के लिए कि सोफिया ने उस टाइम क्या किया था “हाँ, उसे अटैक आया था और उसने कण्ट्रोल लॉस्ट कर लिया था” मरियाना ने कहा. मार्को ने फिर बोला”ईया वू-वू” “हाँ और वू-वू सोफिया को डॉक्टर के पास लेकर गये, और अब वो ठीक है, हम कल उसे देखने गए थे”. मरियाना ने बड़े ध्यान से मार्को की बाते सुनी और उसे उस दर्दनाक हादसे को भुलाने में हेल्प की. और कुछ दिनों बाद ही मार्को उस एक्सीडेंट को भूल गया था.

उसे अब डर या एन्जाईटी नहीं थी. वो अब पहले से जैसा हँसता-खेलता नोर्मल बच्चा था. तो मरियाना ने यहाँ पर जो कुछ किया उसे इन्टेग्रेशन बोलते है. मार्को का ब्रेन राईट साइड में मुड रहा था जो हलचल से भरा है, जो कुछ उसके साथ हुआ था उससे वो बहुत डर गया था. लेकिन मारियाना ने उसे गाइड किया, वो उसे वापस रिवर के मिडल में ले आई. अगर वो ऐसा नहीं करती तो शायद उसके बेटे को सिरियस ट्रामा फेस करना पड़ता.

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टू ब्रेन्स आर बैटर देन वन: (Two Brains Are Better Than One)
इन्टेग्रेटिंग द लेफ्ट एंड द राईट (लेफ्ट और राईट को इन्टेग्रेट करना) Integrating the Left and the Right

अब हम ब्रेन के दोनों हेमीस्फीयर्स के बारे में बात करते है. बड़ी अमेजिंग बात है कि ब्रेन के लेफ्ट और राइट दोनों पार्ट एक दुसरे से डिफरेंट है. जैसे दो डिफरेंट लोग होते है. हमारा लेफ्ट हेमीस्फीयर् लोजिक ढूंढता है. इसे आर्डर और रीजन्स पसंद है, ये वर्ड्स और लॉज में सोचता है. लेकिन वही हमारा राईट हेमीस्फीयर् के अंदर फीलिंग्स और इमेजेस होती है. ये मेमोरीज और एक्स्पिरियेंश को स्टोर करता है. ये नॉन-वर्बल बाते समझता है जैसे आई कांटेक्ट, फेशियल एक्सप्रेशन, पोस्चर और टोन ऑफ़ वौइस्. ब्रेन के इसी पार्ट से हमें गट फीलिंग आती है और एम्पेथी फील होती है.

तो 3 साल से छोटे बच्चो का राईट ब्रेन ज्यादा डोमीनेटिंग होता है, इसीलिए तो छोटे बच्चे लोजिक कम लगाते है और इमोशनल होते है. उन्हें पता नहीं होता कि अपनी बात कैसे कहनी है. उनका मूड और बिहेवियर हर मोमेंट के हिसाब से चेंज होता है. कोई फेवरेट फ़ूड या टॉय देखा नहीं कि पुरानी बात भूल गए. बस ऐसा ही होता है एक तीन साल के बच्चे का माइंड और ये बात हमे समझनी होगी. बच्चे बहुत सारे सवाल पूछते है. लेकिन क्यों पूछते है? क्योंकि उनका लेफ्ट ब्रेन डेवलप कर रहा होता है. सिर्फ छोटे बच्चो को ही नहीं बल्कि बड़े बच्चो को भी हेल्प चाहिए होती है. याद रहे कि राईट ब्रेन इमोशन कण्ट्रोल करता है और लेफ्ट ब्रेन लोजिक. और इन दोनों के बीच बेलेंस होना ज़रूरी है. इसलिए फर्स्ट और सेकंड व्होल ब्रेन स्ट्रेटेजीज यूज़ करके आप अपने बच्चे को होरीजेंटली इंटीग्रेटेड बनने में हेल्प कर सकते है.

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कनेक्ट्स एंड रीडायरेक्ट (Connect and Redirect)

फर्स्ट व्होल स्ट्रेटेजी को :कनेक्ट एंड रीडायरेक्ट” बोलते है. चलो ज़रा टीना और उसके सात साल के बेटे मैथ्यू की स्टोरी पर नजर डालते है. मैथ्यू किचेन में आया जबकि टीना आधा घंटा पहले ही उसे सुला चुकी थी. उसने टीना से कहा कि उसे नींद नहीं आ रही है. बच्चा अपसेट लग रहा था. उसने टीना को बोला कि आप रात में मेरे लिए कोई नोट नहीं छोडती इसलिए मै आपसे गुस्सा हूँ और मेरा बर्थडे भी 10 महीने दूर है. उसने ये भी बोला कि उसे होमवर्क करना अच्छा नहीं लगता. टीना को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैथ्यू को क्या हुआ है. वो उसे डाँट सकती थी, अपने रूम में जाने को बोल सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. वो जानती थी कि मैथ्यू के राईट ब्रेन की वजह से उसका बिहेवियर चेंज हो रहा है. उस टाइम पे उसका लेफ्ट ब्रेन लोजिक काम नहीं कर रहा था इसीलिए वो अचानक से किसी भी बात को लेकर अपसेट हो जाता था. तो टीना ने उसके राईट ब्रेन के साथ कनेक्ट किया.

उसने मैथ्यू को एक राईट ब्रेन रिस्पोंस दिया. अपने बेटे को गले लगाकर टीना प्यार से बोली” मै जानती हूँ तुम नाराज़ हो लेकिन मै तुम्हारे बारे में कभी नहीं भूलती हूँ. तुम हमेशा मेरे लिए स्पेशल रहोगे. अभी तुम सो जाओ, हम कल मोर्निंग में होम वर्क की बात करेंगे”. अब ज़रा सोचो अगर उसने लेफ्ट ब्रेन से रीस्पोसं किया होता. ‘ये तुम क्या बोल रहे हो? अभी इसी टाइम अपने रूम में जाकर सो जाओ” अगर टीना इस तरह मैथ्यू से बात करती तो उनके रिश्ते में दरार पड़ जाती. माँ-बेटे के बीच इमोशनल डिस्टेंस आ जाता. मैथ्यू को उस वक्त एक इमोशनल सपोर्ट चाहिए था जो टीना ने उसे दिया.

फिर उसने मैथ्यू को रीडायरेक्ट किया ये बोलकर कि वो हर रात उसके लिए एक नोट रखेगी. फिर मोर्निंग में उसने मैथ्यू के साथ मिलकर डिस्कस किया कि वो मैथ्यू का बर्थडे कैसे बनायेंगे और कैसे उसके होमवर्क को और मज़ेदार बना सकते है. मैथ्यू भी अब बैटर फील कर रहा था क्योंकि टीना ने उसके राइट ब्रेन के साथ कनेक्ट किया था. वो समझ चुका था कि उसकी मोम उसे प्यार करती है और समझती है. तो इसलिए आप भी अपने बच्चे के इमोशंस को समझे और कभी भी लेफ्ट ब्रेन लोजिक के साथ रीस्पोंड ना करे. राईट ब्रेन इमोशन से कनेक्ट करे और फिर रीडायरेक्ट करे. जब आपका बच्चा शांत होगा तभी बैटर सोच पायेगा.

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