(Hindi) The Secret
इंट्रोडक्शन(Introduction)
क्या आप एक सीक्रेट जानना चाहते हैं? क्या आप अनलिमिटेड पॉवर के मास्टर बनना चाहते हैं? क्या आप आपने लाइफ में बहुत सारा पैसा, healthy बॉडी और प्यार भरे रिलेशनशिप्स को हासिल चाहते हैं? क्या आप जानना चाहते हैं कि आप कैसे अपनी लाइफ बदल सकते हैं? क्या आप उस सीक्रेट को जानना चाहते हैं जो काम करता है हर सिचवेशन पर चाहे आप उसे जाने या ना जाने लेकिन मौका है आज उसे जानने का । अगर हाँ, तो यह बुक आपके लिए है.
ये सिक्रेट एक ऐसा सुप्रीम नॉलेज है जो सदियों से चला आ रहा है. लेकिन सिर्फ़ कुछ गिने चुने सक्सेसफुल लोगों को ही इसके बारे में पता था. आज यह सीक्रेट आपके सामने खुलने वाला है.आप क्या क्या कर सकते हैं इसकी कोई लिमिट नहीं है. यह बुक आपको सिखाएगी कि आप अपनी इच्छाओं को किस तरह पूरा कर सकते हैं.
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द सीक्रेट रिवील्ड (The Secret Revealed)
तो आख़िर यह सीक्रेट है क्या? अनलिमिटेड पॉवर और दुनिया में किसी भी चीज़ को हासिल करने का सीक्रेट है “द लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन”. यूनिवर्स के रूल्स हम सब के लिए बिलकुल सेम हैं इसलिए कोई फ़र्क नहीं पड़ता है कि आप कौन हैं और कहाँ से आए हैं, आप इस लॉ को अपने लाइफ में यूज़ कर सकते हैं. लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन ही वह अल्टीमेट सीक्रेट है जिसके बारे में इस बुक की ऑथर रोंडा पूरी दुनिया को बताना चाहती थीं.
लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन का मतलब है कि आप जो भी सोचते हैं, जो इमेज आपके दिमाग में चलते रहते हैं, आप उन्हें अपनी लाइफ में अट्रैक्ट करने लगते हैं. इसका मतलब है कि आप जो हमेशा सोचते हैं वह सच हो जाता है. अट्रैक्शन का रूल आपके मन के पावरफुल थॉट्स पर काम करता है. सक्सेस, पैसा, ख़ुशियाँ, अच्छी हेल्थ, प्यार ये सब आपका होगा अगर आप इसके बारे में लगातार सोचते रहेंगे तो.
अपने आप को एक पावरफुल चुंबक यानी मैगनेट की तरह सोचिये. जिस चीज़ के बारे में आप सबसे ज़्यादा सोचने लगेंगे वह चीज़ सच में आपके लाइफ में होने लगती है. आपके थॉट्स में इतनी पॉवर है कि वो मन में चल रहे आइडियाज को रियलिटी बना देता है.
आसान शब्दों में इसका मतलब है कि जैसा आप सोचेंगे बिलकुल वैसा ही आप अपने लाइफ में अट्रैक्ट करेंगे. यानी अगर आप हमेशा नेगेटिव चीज़ों के बारे में सोचते हैं तो आप सिर्फ़ नेगेटिव चीज़ें को ही अट्रैक्ट करेंगे और आपके साथ सिर्फ़ बुरा ही बुरा होता रहेगा. लेकिन अगर आप अपने मन को पॉजिटिव थॉट्स से भरेंगे तो आपकी लाइफ ख़ुशी और सक्सेस से भरी होगी बिलकुल एक नदी की तरह जो कहीं रूकती नहीं है, हमेशा आगे की ओर चलती जाती है.
तो यह लॉ अच्छी और बुरी चीज़ों के फ़र्क को नहीं समझता. आप अच्छा सोचें या बुरा, आप उसे अट्रैक्ट करने लगेंगे और वो हकीकत बन जाएगा. आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं,हमारे आस पास हर चीज़ एक एनर्जी है. हमारे थॉट्स, वर्ड्स और एक्शन सब एनर्जी हैं. हर एनर्जी की एक वाइब्रेशन होती है .हमारे थॉट्स की भीएक वाइब्रेशन होती है. जब हमारे मन में कोई थॉट आता है तो वह यूनिवर्स में एक सिग्नल की तरह जाता है और ये लॉ सेम वाइब्रेशन की चीज़ों और लोगों को हमारे लाइफ में अट्रैक्ट करने लगता है. एक बड़ी अच्छी कहावत है “योर वाईब अट्रैट्स योर ट्राइब” यानी जैसी आपकी वाइब्रेशन होगी आप उसी वाइब्रेशन की चीज़ों और लोगों को अपनी लाइफ में अट्रैक्ट करते हैं.आप जितनी ज़्यादा एनर्जी किसी थॉट में लगाते जाएँगे, आप उस चीज़ को क्रिएट करने लगते हैं. भले ही आपको पता हो या ना पता हो।
एक्जाम्पल के लिए, अगर आप हमेशा यह कहते हैं कि“मैंलेट नहीं होना चाहती” तो यह लॉ ये गारंटी देता है कि आप ज़रूर लेट होंगे. इसके बजाय आपको यह कहना चाहिए कि “मैं हमेशा टाइम पर पहुँचती हूँ” या“मैं punctual हूँ”. नेगेटिव वर्ड्स यूज़ करना अवॉयड करें.
आइये रोबर्ट की कहानी से सीखते हैं. रोबर्ट ने अपने प्रोफेसर से शेयर किया कि वो गे है. उसने ईमेल के ज़रिए प्रोफेसर को उन तकलीफ़ों के बारे में बताया जो वह हर रोज़ एक्सपीरियंस करता था. रोबर्ट के साथ काम करने वाले उसका मज़ाक उड़ाते थे जिसकी वजह से वह हमेशा स्ट्रेस में रहने लगा था. वह जहां भी जाता लोग उसे परेशान करते, उसके बारे में नेगेटिव कमेंट करते.
रोबर्ट एक स्टैंड अप कॉमेडियन के रूप में परफॉर्म करना चाहता था लेकिन परफॉरमेंस के दौरान सब ने उसके गे होने का मज़ाक उड़ाया. वो लोगों के व्यवहार से निराश और दुखी रहने लगा था. उसके प्रोफेसर ने समझाया कि उसे नेगेटिव बातों पर फोकस नहीं करना चाहिए.उसे उन चीज़ों के बारे में नहीं सोचना चाहिए जो वह अपनी लाइफ में नहीं चाहता है. प्रोफेसर ने कहा, “अपने ईमेल को ध्यान से पढ़ो. तुमने सिर्फ़ उन चीज़ों के बारे में बात की है जिससे तुम नफ़रत करते हो, जो तुम अपनी लाइफ में नहीं चाहते. क्योंकि तुम हमेशा सिर्फ़ इन चीज़ों के बारे में सोचते हो,वह सच में तुम्हारे साथ हो जाता है”.
रोबर्ट को तब जा कर अपनी गलती का एहसास हुआ. उसने ख़ुद को बदलना शुरू किया. बाद के कुछ हफ़्तों में जो हुआ वह किसी चमत्कार से कम नहीं था.ऑफिस में जो लोग उसे चिढ़ाते थे या तो उन्होंने रिजाइन कर दिया या दूसरे डिपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए.बाकी बचे लोगों ने उस पर कमेंट करना बंद कर दिया था.
अब रोबर्ट को अपनी जॉब में मज़ा आने लगा. और तो और अब राह चलते भी कोई उसकी इंसल्ट नहीं करता था. ऐसे लोग उसकी लाइफ से दूर हो गए थे. रोबर्ट ने एक बार फ़िर स्टैंड अप कॉमेडी करना शुरू किया. इस बार, ऑडियंस ने उसे बहुत पसंद किया. वे उसके जोक्स पर ख़ूब हँसे और उसके लिए चीयर भी किया.
यह सब कुछ उस दिन से बदलने लगा था जिस दिन रोबर्ट ने यह डिसाइड किया कि वह उन चीज़ों पर फोकस नहीं करेगा जो उसे नहीं चाहिए. अब वह सिर्फ़ उन चीज़ों के बारे में सोचने लगा जो उसे चाहिए था. उसने अपने हर नेगेटिव थॉट से पीछा छुड़ा कर अपने मन को पॉजिटिव थॉट्स से भर लिया था.अब वह हर अच्छी चीज़ को अपने लाइफ में अट्रैक्ट करने लगा था. वह अब भी गे था लेकिन अब वह ख़ुश भी था.
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हाउ टू यूज़ द सीक्रेट (How to Use The Secret)
तो इस सीक्रेट को आख़िर यूज़ कैसे करना है? इसके 3 स्टेप्स होते हैं. पहला स्टेप है,माँगना. दूसरा स्टेप है, बिलीव करना.तीसरा स्टेप है, रिसीव करना.
तो पहला काम है यूनिवर्स से माँगना. इसके लिए पहले आपको ध्यान से सोचना होगा कि आप क्या चाहते हैं. आप उसे एक पेपर पर प्रेजेंट टेंस में लिख भी सकते हैं या अपने मन में उसकी इमेज को इमेजिन कर सकते हैं. आपको उस थॉट के बारे में क्लियर होना होगा. इसमें कंफ्यूजन की कोई गुंजाइश नहीं है, आपको अपने गोल के बारे में सटीक पता होना चाहिए.
एक्जाम्पल के लिए, अगर आपको एक कार चाहिए तो आपको ब्रांड और मॉडल के बारे में स्युर होना होगा.अपनी पसंद के रंग को इमेजिन करें. अपने पसंद की कार को अंदर और बाहर से इमेजिन करें.आप पेपर पर लिख सकते हैं “मेरे पास स्पोर्ट्स कार है” या “मैं बहुत ख़ुश और ग्रेटफुल हूँ कि मेरे पास स्पोर्ट्स कार है”. इसे प्रेजेंट टेंस में लिखना ज़रूरी है.या ख़ुद को कार में बैठ कर उसे ड्राइव करते हुए इमेजिन करें. अगर आप अपने गोल के बारे में क्लियर नहीं होंगे तो यह लॉ काम नहीं करेगा.इससे यूनिवर्स को मिक्स्ड सिग्नल मिलता है और वो आपकी पसंद की चीज़ की जगह आपको मिक्स्ड रिजल्ट देता है.
यह बिलकुल एक रेस्टोरेंट में आर्डर प्लेस करने जैसा है. आप मेनू में से डिश सिलेक्ट कर के वेटर को बताते हैं कि आपको क्या चाहिए. तो अपने थॉट को एकदम क्लियर रखें और कहें “मुझे यह डिश खानी है” या“मुझे यह एक्सपीरियंस करना है” या “मुझे ऐसा लाइफ पार्टनर चाहिए”. यूनिवर्स एक वेटर की तरह है जो आपके आर्डर का वेट कर रहा है.इसलिए आप को ठीक से पता होना चाहिए कि आप उसे क्या आर्डर दे रहे हैं.
दूसरा स्टेप है बिलीव करना. एक बार जब आप अपने माइंड में एक थॉट को सेट कर लेते हैं तो आपको पूरा विश्वास होना चाहिए कि जो आपने माँगा है वो आपको ज़रूर मिलेगा.और ये विश्वास पूरा 100% होना चाहिए इसमें ज़रा भी डाउट ना रखें.माँगने के बाद आपको विश्वास करना होगा कि वह चीज़ आपकी हो चुकी है. इसकी चिंता ना करें कि वो आपको कैसे मिलेगी.विश्वास रखें कि यूनिवर्स आपकी इच्छा ज़रूरी पूरी करेगी.
आपने जो चीज़ माँगी है वो आपको आज या कल नहीं मिल जाएगी लेकिन बस भरोसा रखें कि वह बहुत जल्द आपको मिलेगी. जब तक आप विश्वास करते रहेंगे, यूनिवर्स उस चीज़ को आप तक पहुँचाने का काम करता रहेगा. अपने बिलीफ के अनुसार सोचना और बोलना शुरू करें. ऐसा सोचें कि जो आपको चाहिए वो पहले से ही आपका है. एक्जाम्पल के लिए, अगर आपको एक टेनिस टूर्नामेंट जीतने की इच्छा है तो ख़ुद को रोज़ एक चैंपियन की तरह ट्रॉफी पकड़े हुए इमेजिन करें. ज़ोर देकर पूरे विश्वास के साथ ख़ुद से कहें “मैं एक टेनिस चैंपियन हूँ”. एक दिन ऐसा आएगा जब ये सच हो जाएगा.
तीसरा स्टेप है रिसीव करना.अपने पसंद की चीज़ मिलने के बाद आपको जो ख़ुशी होगी उसे महसूस करें. ख़ुशी महसूस करने से आपकी वाइब्रेशन आपकी इच्छा से मैच होने लगती है तब जाकर वो आपकी लाइफ में अट्रैक्ट होता है. यूनिवर्स को यह सिग्नल मिलता है कि आप उस चीज़ को रिसीव करने के लिए रेडी हैं. अपना ड्रीम होम या ड्रीम जॉब मिलने की अच्छी फीलिंग को एक्सप्रेस करें.
तब आप जो चाहते हैं उसे पाने के लिए आप सही समय और सही जगह पर होंगे. भले ही आपको पता ना हो किये सब कब, कैसे और कहाँ होगा, बस इसे फील करें. अपने आप से कहें, “मैं इसे अपने जीवन में अभी रिसीव कर रहा हूँ”. एक्जाम्पल के लिए, अपने पसंद की कार में टेस्ट ड्राइव पर जाएँया जो ड्रीम होम आप खरीदना चाहते हैं उसे देखने जाएँ.उसे टच करें, एक्सपीरियंस करें. बहुत जल्द वो आपके पास होगा.