(Hindi) THE QUICK AND EASY WAY TO EFFECTIVE SPEAKING

(Hindi) THE QUICK AND EASY WAY TO EFFECTIVE SPEAKING

इंट्रोडक्शन

आपको कैसा लगता  है जब कोई किसी पार्टी में बोलने के लिए माइक्रोफोन आपकी तरफ करता है ? आप क्या करोगे जब आपको  एक्सपर्ट के सामने एक रिपोर्ट पेश करने को कहा जाए? आप कैसे रियेक्ट करेंगे अगर आपको किसी कांफ्रेंस में एक स्पीच देने के लिए बुलाया जाए?

कुछ लोगों के लिए ऐसे मौके एक्साइटिंग और रोमांचक होते हैं और वो चाहते हैं कि उन्हें बोलने के ऐसे मौके और ज्यादा मिलें। लेकिन बाकी लोग ऐसे मौकों पर घबराने और चिंतित होने लगते हैं। अगर आप  भी उस समय uncomfortable फील करते हैं जब स्टेज पर सबका ध्यान आप पर  होता है तो यह बुक आपके लिए है।

यह बुक आपको एक अच्छा स्पीकर बनने में मदद करेगी। यह बुक दूसरी बुक्स की तरह बिल्कुल नहीं है. पब्लिक स्पीकिंग पर लिखी गयी काफी किताबें technique पर फोकस करतीं हैं जैसे की वोकल आर्टिकुलेशन (vocal articulation) ।

यह बुक इस बात पर फोकस  करेगी कि आप कैसे ऑडियंस का ध्यान अपनी और खींच सकते हैं. यह बुक उन सक्सेसफुल  लोगों की कहानी बताती हैं जिन्हें पब्लिक में अपनी बात रखने से डर लगता था या वो शर्माते थे लेकिन अब वो एक सक्सेसफुल स्पीकर हैं। लोग आज उनकी बातें दोहराते हैं और उनकी बातों ने कई लोगों की जिंदगी पर गहरा असर डाला है.

यह बुक आपको किसी और के जैसा बनने को नहीं कहती. यह आपको अपने अंदर कॉन्फिडेंस , उम्मीद और पक्का इरादा पैदा करने में मदद करेगी।इस बुक को पढ़ने के बाद आप अपने अंदर के डर और चिंता को दूर कर  पाएंगे। इस बुक की मदद से आप लोगों के बीच आराम से बोल पाएंगे।

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

Acquiring the Basic Skills
बेसिक स्किल हासिल करना

अगर आपको लोगों के बीच बोलने में डर लगता है तो आप जरूर चाहेंगे की इस डर पर काबू पाया जाये और शायद ये भी चाहेंगे की झिझक को दूर किया जाये। आप चाहेंगे कि आप कॉन्फिडेंट और शांत रहें. आप यह जरूर चाहेंगे कि आपके विचार इस तरीके से बोले जाएं कि वे आसानी से समझे जा सके। तो आप कैसे अपनी बात को साफ़-साफ़ रख सकते हैं जिससे कि लोगों को आपका पॉइंट  समझने में मदद मिले।

पहला, आपको दूसरे लोगों के एक्सपीरियंस से सीखना चाहिए। कोई भी जन्म से पब्लिक स्पीकर नहीं होता। यह एक स्किल है जिसे आपको मास्टर करना पड़ता है. इसमें परफेक्ट  होने में सालों लग सकते हैं।

दूसरा,आपको हमेशा अपने गोल को माइंड में रखना है। आपको याद रखना है की सेल्फ कॉन्फिडेंट होने और असरदार तरीके से लोगों के बीच बोल पाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।आप ज्यादा दोस्त बना पाएंगे और बेहतर तरीके से अपने समाज की सेवा कर पाएंगे। यहां तक की आप अपने ऑफिस में भी लोगों को influence कर पाएंगे। यह पता होना की अच्छी तरह से कैसे बोलना है,आपको लीडरशिप रोल के लिए भी तैयार करेगा।

तीसरा, यह ठान लें की आप सक्सेसफुल होंगे। इससे आप पॉजिटिव तरीके से सोच पाएंगे और विश्वास कर पाएंगे कि आप लोगों के बीच ठीक से बोल सकते हैं और इसमें सक्सेसफुल हो सकते हैं. एक नेगेटिव माइंडसेट से कुछ भला नहीं होता.

चौथा, आपको प्रैक्टिस करने का कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहिए। एक अच्छा स्पीकर बनने के लिए सिर्फ पब्लिक स्पीकिंग के DOs और DON'Ts  जानना काफी नहीं है।  आपको लगातार प्रैक्टिस करनी होगी। अगर आप प्रैक्टिस नहीं करते हैं तो आपको कभी  पता नहीं चलेगा की आप कितनी प्रोग्रेस कर सकते हैं।

इस बुक के राइटर Mr. Dale Carnegie को एक मैसेज मिला जिसे देख के वे चकित थे। यह मैसेज मारिओ लाजो नाम के एक आदमी ने भेजा था, उसने कार्नेगी को बताया की वह उनसे अपनी एक स्पीच के लिए ट्रेनिंग लेने न्यूयॉर्क आ रहा है। जब वे न्यूयॉर्क में मिले तो लाजो ने उन्हें अपनी प्रॉब्लम के बारे में बताया।

हवाना कंट्री क्लब अपने फाउंडर का 50वां जन्मदिन मनाने वाला था। लाजो को उस शाम की main स्पीच देने और फाउंडर को सिल्वर कप भेंट करने के लिया बुलाया गया था। लाजो एक अटॉर्नी थे , लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी पब्लिक के सामने स्पीच नहीं दी थी. असल में वह लोगों के बीच स्पीच देने से बहुत डरते थे। उन्हें लगता था की एक ख़राब स्पीच की वजह से लोग उनका और उनकी पत्नी का मजाक बनाएंगे, इससे शायद क्लाइंट्स के बीच उनका सम्मान भी कम हो जाए। इसी वजह से वो न्यूयॉर्क आए थे।

चैलेंज यह था की लाजो सिर्फ तीन हफ्ते न्यूयॉर्क में रुकने वाले थे और इसलिए उन्होंने हर रात तीन से चार बार कार्नेगी की क्लास में बोलने की प्रैक्टिस की। तीन हफ़्तों के बाद लाजो ने कंट्री क्लब में अपनी स्पीच दी. उनकी स्पीच इतनी शानदार थी की उसके बारे में टाइम मैगज़ीन ने एक रिपोर्ट लिखी। उन्होंने लाजो को “silver-tongued orator” बताया।

यह दिखाता है की कई लोगों को पब्लिक स्पीकिंग पसंद नहीं थी लेकिन वे अब एक सक्सेसफुल स्पीकर हैं। यह चमत्कार आपके साथ भी हो सकता है।

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

Developing Confidence
अपने अंदर कॉन्फिडेंस लाना

सिर्फ लोगों के बीच न बोल पाने के डर से आपने कितने मौका मिस कर दिए? ये कुछ टिप्स हैं जिनकी मदद से आप स्टेज के डर को हरा सकते है। इससे आपको कुछ ही हफ्तों में अपने अंदर कॉन्फिडेंस लाने में भी मदद मिलेगी।

पहले, आपको कुछ चीजें जान लेनी चाहिए की आप अकेले नहीं हैं जिन्हे पब्लिक स्पीकिंग से डर लगता है। बहुत सारे लोग यहाँ तक की प्रोफेशनल स्पीकर को भी कभी कभी स्टेज पर जाने से डर लगता है।आप पब्लिक स्पीकिंग से इसलिए डरते है क्योंकि आपको इसकी आदत नहीं है। लगातार प्रैक्टिस करने से आप इस डर को अपने अंदर से निकाल सकते हैं।  यह बिल्कुल पहली बार टेनिस खेलने या कार चलाने जैसा है। अगर आप प्रैक्टिस नहीं करेंगे तो आप कभी भी ये सब अच्छे से नहीं कर पाएंगे।

दूसरा , अच्छे से तैयारी करें। कभी भी स्पीच का एक-एक शब्द याद ना करें क्योंकि आप शब्दों को भूल सकते हैं, जिसके कारण आप स्टेज पर घबरा सकते हैं. अपने खुद के शब्दों में बोलें ताकि आप एक्टिव और इफेक्टिव लगे ना की एक रोबोट। हालांकि आप पहले से अपनी स्पीच की आउटलाइन तैयार कर  सकते हैं. इससे आप ये पक्का कर पाएंगे कि आपकी स्पीच एक लॉजिकल पैटर्न फॉलो करे और आपको दिए गए टाइम में फिट बैठे।  अपनी स्पीच को अपने शब्दों में प्रैक्टिस करें। आप अपने दोस्तों के साथ भी इसकी प्रैक्टिस कर सकते हैं ताकि आपको उनका फ़ीडबैक मिल सके.

तीसरा, सक्सेस पाने के लिए पॉजिटिव नज़रिए को अपनाएं। अपने सब्जेक्ट में अपना सब कुछ लगा दें और अपना पैशन ऑडियंस को दिखाएं। अपने आपको शाबाशी दें और बेहतर करने के लिए अपने आप को एनकरेज करें।

आखिर में,  कॉन्फिडेंट रहें।  बोलने से पहले साँस लें, सीधे खड़े रहें और अपनी ऑडियंस से eye contact बनाये रखें। लोग सिर्फ आपको सुनाने  आए हैं. इसलिए स्टेज को सँभालें और उन्हें दिखा दें आप क्या क्या कर सकते हैं.

वेन्स बुशनेल (Vance Bushnell) Equitable Life Assurance Society के वाइस प्रेसिडेंट थे, कुछ साल पहले उन्हें पूरे अमेरिका से आये 2000 लोगों के बीच बोलने के लिए बुलाया गया। उन्होंने insurance industry में अपना करियर अभी शुरू ही किया था लेकिन उनकी कामयाबी के कारण उन्हें 20 मिनट लम्बी स्पीच देने के लिए चुना गया। बुशनेल ने इसे एक्सेप्ट किया लेकिन उन्होंने एक गलती कर दी। उन्होंने अपनी स्पीच का एक-एक शब्द रट लिया और अपने हर हाव्-भाव (expression) को शीशे के सामने प्रैक्टिस कर लिया था।

जब वह दिन आया, बुशनेल स्टेज पे खड़े हुए, लेकिन वे सब कुछ भूल गए। उन्होंने एक कदम पीछे लिया और दोबारा अपनी स्पीच को शुरू करने की कोशिश की।एक कहानी के लिए स्टेज सेट अप होना जरूरी है। स्टेज पर कोई भी रेलिंग नहीं थी और दीवार और स्टेज के पीछे बहुत ज्यादा खाली जगह थी। बुशनेल स्टेज पर पीछे की तरफ जाते रहे और अपनी स्पीच की कुछ लाइन्स को बार-बार दोहराने लगे। लेकिन जब चौथी बार उन्होंने अपना कदम पीछे लिया तो वो स्टेज से नीचे गिर गए और ऑडियंस जोर जोर से हँसने लगी। अच्छा हुआ की ऑडियंस को यह उनके एक्ट का की एक हिस्सा लगा।

बुशनेल को इतनी शमिंदगी महसूस हुई की उन्होंने अपनी जॉब छोड़ देना चाहा। लेकिन उनके सीनियर्स से उनका रेजिग्नेशन एक्सेप्ट  नहीं किया और उनके खोये हुए कॉन्फिडेंस को वापस लाने में उनकी मदद की। कुछ समय बाद  बुशनेल उस (organization के सबसे अच्छे स्पीकर बन गए।उन्होंने अपनी स्पीच को फिर कभी नहीं रटा।

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

SHARE
Subscribe
Notify of
Or
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments