(hindi) The Power of Broke: How Empty Pockets, a Tight Budget, and a Hunger for Success Can Become Your Greatest Competitive Advantage

(hindi) The Power of Broke: How Empty Pockets, a Tight Budget, and a Hunger for Success Can Become Your Greatest Competitive Advantage

इंट्रोडक्शन (INTRODUCTION)

क्या आप भी एक सक्सेसफुल एंटप्रेन्योर बनने का सपना देखते हो ? क्या आप अपने माइंड से नेगेटिव थिंकिंग हटाकर पोजिटिव थिंकिंग लाना चाहते हो ? डेमंड जॉन ने इस बुक में अपनी और कई दुसरे लोगो की स्टोरीज़ शेयर की है. ये स्टोरीज सिखाती है कि चाहे पैसा हो या ना हो पर आप सक्सेस जरूर अचीव कर सकते हो. ये बुक आपको अपने कर्जे या ब्रोक स्टैट्स से बाहर निकलना सिखाती है. यहाँ ब्रोक का मतलब सिर्फ पैसे से नहीं है बल्कि सपोर्ट, नॉलेज, एक्सपीरिएंस और बाकि चीज़े भी है.

ये बुक आपको सिखाएगी कि अपने लिए रीसोर्रसे यूज़ कैसे किए जाए, टाइम का मैक्सिमम यूज़ कैसे किया जाए और आप अपने हर काम को पूरे एफोर्ट्स के साथ कैसे कर सकते हो. इस बुक में आपको काफी नॉलेज और ग्रेट प्रिंसिपल्स मिलेंगे जो आपकी नेगेटिव थिंकिंग दूर कर देंगे. खासकर तब जब आपको लगे कि आपके पैसा बिलकुल पैसा नहीं है. ये बुक हमे सिखाती है कि ब्रोक होने के बावजूद भी हम सक्सेसफुल बन सकते है. इस बुक की हर स्टोरी एक कॉमन लेसन देती है और वो लेसन है अपने सपने पूरे करने की और कुछ सीखने की स्ट्रोंग डिजायर. आप इस बुक से ये भी सीखोगे कि जब आपके पास खोने को कुछ नहीं होता तब आप अपनी लाइफ को जैसा चाहो वैसा बना सकते हो.

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द पॉवर ऑफ़ ब्रोक (The Power of Broke)

जब आपके पास कुछ ना हो अपोरच्यूनिटी, पैसा, सपोर्ट कुछ भी नहीं तब आपको सक्सेसफुल होने का एक चांस जरूर मिलता है. और यही पॉवर ऑफ़ ब्रोक है. एक बात हमेशा याद रखो कि जब खोने को कुछ नहीं होता तो पाने को बहुत कुछ होता है. बेशक आप बीस बार हारे हो पर ये भी पॉसिबल है कि इक्कसवी बार आप जीत जाए. हार के बाद भी दुबारा उठने की कोशिश आपकी विलपॉवर पर डिपेंड करती है.

किसी भी बिजनेस को स्टार्ट करने का एक ख़ास तरीका होता है. और वो है कैपिटल. लेकिन ये फार्मूला भी सिर्फ कुछ टाइम तक काम करेगा. क्यों? क्योंकि पैसा एक ना एक दिन खत्म हो जाता है. लेकिन जो चीज़ आपको रियल में सक्सेसफुल बनाती है, वो है आपका पैशन और डिटरमिनेशन याने पक्का इरादा. और ये बुक “पॉवर ऑफ़ ब्रोक” हमे हर मुश्किल सिचुएशन को अपने फेवर में करना सिखाती है.

डेमंड जॉन फुबू या “फॉर अस बाई अस” के फाउंडर और सीईओ है जो एक अमेरिकन बेस्ड अपैरल कंपनी है. फुबू ने मार्किट में अपने लिए जो एक नेम क्रिएट किया है क्योंकि वो अपने कस्टमर्स को ऑथेंसिटी का मैसेज देते है यानी बी रियल. आप जैसे हो, वैसे रहो. डेमंड एक पोपुलर रियेलिटी शो शार्क टैंक के को-होस्ट भी है. वो और उनके को-होस्ट कंटेस्टेंट्स से मिलते है और उनके बिजनेस प्रोपोजल्स सुनते है. अगर कोई प्रोपोजल उन्हें पसंद आ जाए तो वो उस कंटेस्टेंट के बिजनेस में इन्वेस्ट कर लेते है.

इससे एंटप्रेन्योर कंटेस्टेंट को पब्लिसिटी भी मिलती है और एक पहचान भी. डेमंड उनकी सक्सेस स्टोरीज़ को दूसरो के साथ शेयर करते है और उन्हें भी सक्सेसफुल होने के लिए इंस्पायर करते है. क्योंकि जब आप जीरो से स्टार्टिंग करते हो और आपके अंदर सक्सेस की भूख होती है तो समझ लो आप राईट डायरेक्शन में हो. लेकिन जब आपके पास सारे रीसोर्सेस होते है, और आप एक बार भी फेल नहीं हुए और जहाँ थे वही हो, तो इसका मतलब है कि आप सक्सेस की डायरेक्शन में बिलकुल भी नहीं हो.

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राइज एंड ग्राइंड (Rise and Grind)

डेमंड डिफरेंट हमे अलग-अलग बैकग्राउंड वाले कुछ लोगो और उनकी स्टोरीज़ के बारे में हमे बताते है. ये लोग अपने-अपने रिस्पेक्टिव फील्ड में काफी सक्सेसफुल है. डेमंड का मंत्रा है “चाहे आपके पास कुछ हो ना हो तो भी बड़ा सोचो. ये जरूरी नहीं है कि जो गोल्स आप सेट करो वो लाइफ चेंजिंग हो. इसके बजाए आपके गोल्स लाइफ सेविंग होने चाहिए. दूसरो की स्टोरीज़ और एक्सपीरिएंस से सबक लेकर आप अपने लिए मौके ढूंढ सकते हो. ये स्टोरी 20 साल के एक यंगमेन ब्लेक के बारे में है.

डेमंड उससे तब मिले थे जब वो वेगास के एक होटल से बाहर निकल रहा था. दोनों अपनी-अपनी गाड़ी का वेट कर रहे थे. ब्लेक ने डेमंड को एक टीवी शो में देखा था. उसने उन्हें तुरंत पहचान लिया. वो डेमंड के पास आकर बोला” क्या आप मुझे भी कोई एडवाइस दे सकते है?” तो डेमंड ने जवाब दिया” मै कोई एक्सपर्ट नहीं हूँ और आप तो मुझसे भी बैटर कंडिशन में लग रहे हो”. डेमंड ने ब्लेक से पुछा” तुम क्या काम करते हो ?’ तो उसने बताया कि वो एक वेल-नॉन आर्टिस्ट और पेंटर है और इन्स्टाग्राम पर उसके 100,000 फोलोवर्स है.

वो हर वीक एक ओरिजिनल पेंटिंग की पोस्ट डालता है और अपने फोलोवर्स को उस पेंटिंग की टी-शर्ट बनाकर देने का ऑफर देता है. ये ऑफर वो सिर्फ 24 घंटे के लिए रखता है. ब्लेक अपने डिजाईन की हुई टी-शर्ट्स $40, $50,$75 के प्राइस पर बेचता है. आर्डर मिलने के बाद वो कस्टमर्स का साइज़ पता करके टी-शर्ट्स प्रिंट करवाने के बाद कस्टमर्स को भिजवा देता है.

वो अपने कस्टमर्स को हर हफ्ते ये ऑफर देता है. देखा जाए तो ये काफी अच्छा बिजनेस मॉडल है, जिसमे कोई प्रोडक्ट रिटर्न्स, साइज़ इश्यू, स्टार्ट-अप कास्ट वगैरह का झंझट नहीं है. ब्लेक ने लास्ट इयर $1.3 मिलियन कमाए थे. और अपने बिजनेस के लिए वो पोपुलर एप इन्स्टाग्राम का यूज़ करता है. लेकिन उसकी बिजनेस स्ट्रेटेज़ी एकदम डिफरेंट और प्रेक्टिकल है.

एक और बार की बात है. डेमंड का एक फ्रेंड उससे मिलने आया. उसका नाम था चार्ली. उसने डेमंड को बोला कि उसे अपने पेरेंट्स की बड़ी टेंशन है. उसके पेरेंट्स 60 साल के है और रिटायर होने वाले है. चार्ली के फादर एक कारपेंटर है और मदर एकमेंटेनेस कन्सल्टेंट . जो ऑफिस डेस्क क्लीन करती है, फाइल्स और क्लोसेट्स वगैरह ऑर्गेनाइज़ करती है. उनकी लाइफ बढ़िया चल रही थी कि 2008 का रिसेसन आया.

चार्ली की फादर का कंस्ट्रक्शन वर्क और मदर की कंसल्टिंग फर्म बंद हो गयी. वो लोग अब मुश्किल से 80 पर सेंट कमा पाते थे. फेमिली की फाईनेंशियल कंडीशन इतनी खराब हो गयी थी कि वो लोग लोस में अपना घर बेच कर अपने ग्रैंडपेरेंट्स के पास जाकर रहने लगे. लेकिन उनकी सिचुएशन तब बदली जब चार्ली ने अपने फादर को डॉग होम बनाने का आईडिया दिया. तो उसके फादर ने एक सिम्पल डॉग हाउस बनाया. और फिर क्या था ? देखते ही देखते चार्ली के फादर के डॉग हाउस काफी फेमस हो गए. उनके अमीर पडोसीयों और फ्रेंड्स ने अपने डॉग्स के लिए उन्हें डॉग हाउस का आर्डर देना शुरू कर दिया.

चार्ली की मदर डॉग हाउस बेचने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग से पेट ओनर्स से कांटेक्ट करती थी जिसे वो लोग’ फेसबुक- टार्गेटिंग या जियो टार्गेटिंग बोलते थे. इस काम को करते-करते वो काफी एक्सपर्ट हो गयी थी. चार्ली और उसकी फेमिली ने करीब $2.5 मिलियन के डॉगहाउस बेचे.

एक और स्टोरी है. क्रिस्टोफर ग्रे एक टीनेजर है. उसने कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए स्कोलरशिप के बारे में काफी रीसर्च की है.बड़ी मेहनत से पूरे एक साल तक रिसर्च करने के बाद उसे डिफरेंट टाइप की स्कोलरशिप के बारे में इन्फोर्मेशन मिली. और उसने ये काम अकेले किया लेकिन बाद में उसकी ये रीसर्च बाकि स्टूडेंट्स के भी काम आई. क्रिस ने एक ऐप डिजाईन की जिसका नाम उसने स्कोली (Scholly) रखा.

2016 में उसके इस स्कोलरशिप सर्च प्लेटफार्म को फोर्बेर्स 30 अंडर 30 लिस्ट में शामिल किया गया. और क्रिस ने अपनी ऐप से करीब $1.3 मिलियन स्कोलरशिप में कमाए. मैगजीन्स में उसके बारे में “द मिलियन डॉलर स्कोलर” के नाम से लिखा जाने लगा. क्रिस जब हाई स्कूल जूनियर में था तो उस वक्त उसके पास फर्स्ट क्लास स्कूल के पैसे नहीं थे. और उसके घर में ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए इंटरनेट तक नहीं था.

लोकल लाइब्रेरी में जाकर उसे मुश्किल से आधा या एक घंटा कंप्यूटर यूज़ करने को मिलता था. क्रिस ने ऑलमोस्ट हर स्कोलरशिप के लिए अप्लाई किया था,जहाँ उसे लगता था कि वो एलिजिबल है. होरातियो अल्गेर नेशनल स्कोलरशिप फाउंडेशन से उसे $20,000 की फर्स्ट स्कोलरशिप मिली थी. ग्रेजुएशन कम्प्लीट होने तक उसे 100 और स्कोलरशिप मिल चुकी थी जिनमे दो फुल राइड स्कोलरशिप भी थी.

सितंबर 2011 में जब क्रिस फिलाडेलफिया के ड्रेक्सेल यूँनिवरसिटी गया तो उसने वहां दुसरे स्टूडेंट्स को स्कोलरशिप की कोचिंग देना शुरू कर दिया. उसके इसी पैशन के चलते 2015 में डेमंड ने अपने शो शार्क टैंक में क्रिस को इनवाईट किया. इस शो में आने के लिए उसे $40,000 मिले थे. मेम्फिस सिटी गवर्नमेंट ने हाई स्कूल सीनियर्स के साथ क्रिस की ऐप को शेयर करने के लिए उसके साथ एक डील साईंन की. इस ऐप को 10,000 स्टूडेंट्स ने डाउनलोड किया. क्रिस ने पूरे एफर्ट्स के साथ अपनी ऐप का प्रोमोशन किया. जून, 2015 में उसकी ग्रेजुएशन पूरी हुई थी, तब तक स्कोली 500,000 डाउनलोड्स के साथ एक फुल सर्विस ऑपरेशन बन गयी थी.

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