(hindi) The Parable of the Pipeline: How Anyone Can Build a Pipeline of Ongoing Residual Income in the New Economy

(hindi) The Parable of the Pipeline: How Anyone Can Build a Pipeline of Ongoing Residual Income in the New Economy

इंट्रोडक्शन (Introduction )

क्या आप भी ये सोचते हो कि सक्सेस का मतलब है एक स्टेबल और सिक्योर जॉब? क्या हम बस एक एम्प्लोई बनने के लिए इतने सालो तक मेहनत से पढ़ाई कर रहे थे ? क्या यही हमारी डेस्टिनी है ? तो हमे फाईनेंशियल सिक्योरीटी कैसे मिलेगी ? आप एक मिलेनियर कैसे बनोगे ? इस बुक में आपको इन सारे सवालों के जवाब मिलेंगे और इसके अलावा काफी सीखने को मिलेगा.

पैराबल ऑफ़ पाइपलाइन ऐसे दो लोगो की स्टोरी है जो अमीर बनने का ड्रीम देखते है. और ये दोनों आपको लाइफ के बारे में वैल्यूएबल लेंसंस भी देंगे. लॉन्ग टर्म के लिए अमीर बनने के दो इफेक्टिव तरीके है जो आप इस बुक से सीखोगे. इसमें आप कुछ अमेजिंग कॉन्सेप्ट्स सीखोगे जो आपका  पैसा मल्टीप्लाई कर सकता है.

इस बुक में आप बिजनेस स्टार्ट करने के सिंपल टेक्नीक्स के बारे में पढोगे. ये बुक एक गोल्ड है. अगर आप इस बुक के लेसंस अप्लाई करोगे तो अमीर और सक्सेसफुल बन सकते हो. क्या आप एक स्मार्ट इन्वेस्टर और एंटप्रेन्योर बनने का ड्रीम देखते हो ? अगर हाँ तो ये बुक आपके लिए ही है.

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पैराबल ऑफ़ द पाइपलाइन (Parable of the Pipeline)

दो बेस्ट फ्रेंड थे जो एक छोटे से टाउन में रहते थे. दोनों के नाम थे पाब्लो और ब्रूनो. दोनों बेस्ट फ्रेंड एक ही सपना देखते थे” उस टाउन का सबसे अमीर आदमी बनना. फाइनली पाब्लो और ब्रूनो को अमीर बनने का एक मौका मिला. टाउन में पानी का कोई सोर्स नहीं था. टाउन स्क्वायर में एक बड़ी सी टंकी थी जिसमें पास की नदी से लाकर पानी भरा जाता था और टाउन के लोग यही पानी यूज़ करते थे.

वाटर टैंक को भरने के लिए दो आदमियों की जरूरत थी जो बाल्टी से नदी का पानी लेकर टैंक में भर सके. और ये दो आदमी थे पाब्लो और ब्रूनो. टाउन लीडर उन्हें हर बाल्टी के हिसाब से एक पैनी देता था. ब्रूनो इस काम से बड़ा खुश था. उसे लगता था कि उसका सपना पूरा हो गया है और वो जल्दी ही इस शहर के सबसे अमीर बन जायेंगे. लेकिन पाब्लो इस बात से एग्री नहीं करता था.

हर रोज़ दोनों दो बाल्टियाँ लेकर नदी और शहर के बीच कई चक्कर लगाते थे. पाब्लो की पूरी बॉडी दर्द करने लगती, उसके हाथो में छाले पड़ गए थे. रात में वो थककर चूर हो जाता था. पाब्लो हमेशा यही सोचता था” इस वाटर टैंक को भरने का आखिर कोई तो बैटर तरीका होना चाहिए”  एक दिन पाब्लो ब्रूनो को अपना आईडिया बताया” ब्रूनो सुनो! मुझे एक कमाल का आईडिया आया है. एक पैनी के लिए रोज़-रोज़ बाल्टी से पानी भरने के बजाए क्यों ना हम नदी से लेकर टाउन तक एक पाइपलाइन बना ले”

पाब्लो का प्लान सुनकर ब्रूनो हैरान रह गया” क्या पाइप लाइन बना ले? ऐसी बात तो मैंने आज तक नही सुनी !” ब्रूनो ने पाब्लो को समझाया” हमारे पास एक बढ़िया जॉब है. हम रोज़ 100 बाल्टी पानी भरते है और 100 पैनीज़ कमाते है. तो हमे पाइपलाइन बनाने की जरूरत क्या है “? मेरे पास नए शूज़ खरीदने के पैसे है, इसके बाद मै एक नई हैट भी लेने वाला हूँ. वीकेंड पर हमको ऑफ मिलता है. पाब्लो! हमारी लाइफ सेट है. पाइपलाइन का आईडिया भूल जाओ.”

पर पाब्लो के माइंड से पाइपलाइन का आईडिया गया नहीं. उसे पक्का यकीन था कि उसका आईडिया जरूर काम करेगा. उसने डिसाइड किया कि वो काम से कुछ घंटे टाइम निकाल कर पाइपलाइन बिल्ड करेगा. बाकि टाइम वो बाल्टी से पानी भरता रहेगा. पाब्लो जानता था ये काम मुश्किल है. और ऊपर से वो अकेला भी था. नदी से टाउन तक जो रास्ता जाता था वहां की जमीन काफी हार्ड और रॉकी थी और उसके पास बस पिकएक्स और शोवेल जैसे सिंपल टूल्स सिंपल थे.

अगर वो पाइपलाइन बनाने में लग गया तो वो कम बाल्टियाँ भर पायेगा जिससे उसकी इनकम भी कम होगी. और सबसे बड़ी बात तो ये थी कि इस पाइपलाइन को बनाने में कितने साल लगेंगे, ये खुद पाब्लो भी नहीं जानता था. लेकिन पाब्लो को अपने सपने पर भरोसा था, और यही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी. फिर धीरे-धीरे लोग उसे “पाब्लो द पाइपलाइन मैन” के नाम से बुलाने लगे. लोग उसे रोज़ गर्मी में जमीन खोदते हुए देखते थे. कुछ लोग उस पर हसंते भी थे, उसका मजाक उड़ाते थे पर पाब्लो अपने काम में लगा रहता. और वही दूसरी तरफ ब्रूनो मजे की लाइफ जी रहा था. लोग उसे” मिस्टर ब्रूनो” बुलाते थे.

वो पाब्लो से ज्यादा पैसे कमाता था. उसके पास अब एक नई हैट भी थी. उसके कपडे भी पहले से बढ़िया थे और अच्छा खाना खाता था. उसने एक गधा भी खरीदा. शाम को वो रोज़ टेवर्न जाता था. ब्रूनो सबको बीयर पिलाता और मजेदार किस्से सुनाता था. यहाँ ब्रूनो पार्टी कर रहा था और वहां पाब्लो दिन-रात मेहनत कर रहा था. वो अँधेरे में जमीन के नीचे खुदाई करता रहता. यहाँ तक कि वीकेंड पर भी उसका काम चलता रहता था. पाब्लो जब बेहद थक जाता तो खुद को ही हिम्मत देता” वन स्टेप एट अ टाइम…वन स्टेप एट अ टाइम…आईज़ ओन द प्राइज,,,आईज़ ओन द प्राइज …”

कई महीने बीत गए थे. पाब्लो आधी पाइपलाइन बना चूका था. अब उसे नदी तक जाने की जरूरत नहीं थी. अब वो अनफिनिश्ड पाइपलाइन से पानी की बाल्टीयां भरकर टैंक तक पहुंचा सकता था. हर रोज़ पाब्लो का इरादा और भी पक्का होता गया. इसी बीच ब्रूनो की तबियत खराब रहने लगी थी. पानी की बाल्टियां भरते-भरते उसकी कमर झुक गयी थी. उसे समझ आ गया था कि अब उसे लाइफ टाइम यही काम करना होगा. ब्रूनो की लाइफ मिज़रेबल हो चुकी थी. लोग अब उसे” ब्रूनो द बकेट मेन” बोलते थे.

अब ना तो उसके पास दूसरो को बियर पिलाने के पैसे थे और ना ही उसकी लाइफ में कोई ख़ुशी बची थी. वो चुपचाप एक कोने में बैठकर एक के बाद एक बियर पीता रहता था. और आखिरकार पाब्लो की लाइफ का वो दिन आया जिसका उसे कब से वेट था. उसकी पाइपलाइन रेडी हो चुकी थी. लोग टैंक के चारो तरफ जमा हुए और देखकर हैरान रह गये कि पाब्लो की पाइपलाइन से पानी टैंक में भर रहा था. सब लोग ख़ुशी से नाच रहे थे. पाब्लो को अब और बाल्टी भरने की जरूरत नहीं थी. उसकी पाइपलाइन टैंक में पानी भर देता था.

और उसे अभी भी हर बाल्टी के हिसाब से पैसे मिल रहे थे. यानी अब पाब्लो हर वक्त पैसे कमा रहा था. खाते वक्त, सोते वक्त और यहाँ तक कि खेलते वक्त भी. पाइपलाइन से पानी आता जा रहा था. सोचो पाब्लो कितने पैसे कमा रहा होगा ? लोगो ने पाब्लो को “पाब्लो द मिरकल मेकर” बोलना शुरू कर दिया था. उन्होंने उसे बोला कि उसे मेयर की पोस्ट के लिए इलेक्शन लड़ना चाहिए. पर पाब्लो के कुछ और प्लान्स थे. उसकी स्कसेस स्टोरी की तो अभी शुरूवात थी.

उसे अभी दुनिया में बहुत से पाइपलाइन बिल्ड करने थे. लेकिन इस सबके बावजूद वो अपने बेस्ट फ्रेंड को नहीं भूला. पाब्लो ने ब्रूनो से हेल्प मांगी थी पर जब उसने मना किया तो पाब्लो अकेला ही पाइपलाइन बनाने में जुट गया. उसे पाइपलाइन फिनिश करने में पूरे दो साल लगे थे. अगर वो साथ काम करते तो जल्दी काम कर सकते थे और बाकि लोगो को भी पाइपलाइन बनाना सिखा सकते थे. पाब्लो और ब्रूनो मिलकर अपने मल्टी-मिलियन डॉलर बिजनेस को काफी आगे ले जा सकते थे.

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वी लिव इन अ बकेट कैरीइंग वर्ल्ड (We Live in a Bucket-carrying World

तो आप किसके जैसा बनना चाहोगे ? बुर्नो द बकेट कैरीयर की तरह या पाब्लो द पाइपलाइन बिल्डर की तरह ? हम से बहुत से लोग “टाइम फॉर मनी ट्रेप” के लिए काम करते है. यानी एक दिन की मेहनत के बदले एक दिन की पेमेंट. और एक महीने का वर्क मतलब एक महीने की पेमेंट. लेकिन प्रोब्लम ये है कि अगर आप बीमार पड़ गए या घर में कोई इमरजेंसी है तो आप काम पे नहीं जा पाओगे और आपको उस दिन के पैसे नहीं मिलेंगे. आपको शायद लगता होगा कि आपकी जॉब इनकम का एक सिक्योर और स्टेबल सोर्स है पर ऐसा बिल्कुल नहीं है.

अब एक्जाम्पल के लिए आप लौरेन को ही ले लो. वो एक डेंटिस्ट है. लोग लौरेन के पास जाना पसंद करते है क्योंकि वो एकदम पेनलेस तरीके से दांत निकालती है और अपने पेशेंट्स के साथ काफी फ्रेंडली है. वो साल के करीब $100,000 कमाती है और अपने काम को एन्जॉय करती है. हालाँकि 40 की उम्र में पहुँच कर लौरेन को आर्थराईटिस की प्रोब्लम होने लगी. प्रोब्लम इतनी ज्यादा बढ़ गयी थी कि लौरेन अपनी फिंगर्स तक नहीं मूव कर पाती थी. उससे डेंटल टूल्स तक पकड़ना मुश्किल हो गया था. हारकर उसे अपना क्लिनिक बंद करना पड़ा. और वो एक लोकल यूनिवरसिटी में लेक्चर बन गयी.

उसकी इनकम 70% कम हो गयी थी. लौरेन का ड्रीम जॉब चला गया. तो देखा आपने बकेट कैरीइंग के साथ क्या प्रोब्लम है? आपकी जॉब चाहे कुछ भी हो, एक ऑफिस क्लर्क या एक लॉयर. अगर काम नहीं तो पेमेंट भी नही. आपके पास कोई फाईनेंशियल सिक्योरिटी नहीं है. अगर आज आपकी जॉब छूट गयी तो आप मोर्टेज कैसे पे करोगे ? अपने बच्चे की पढ़ाई का खर्चा कहाँ से लाओगे?

याद रखो. बीमारियाँ, इमरजेंसीज़, पेनडेमिक्स और इकोनॉमिक क्राइसेस जैसी चीजों को कोई नही रोक सकता. ये लाइफ का पार्ट है, बुरी चीज़े होती रहती है. इसीलिए हमे पहले से रेडी रहना होगा. एक पाइपलाइन बिल्ड करना आसान नहीं है, इसमें काफी मेहनत, टाइम और सब्र की जरूरत पड़ती है. पर एक बार ये पाइपलाइन बन जाए तो ये आपके लिए 24 घंटे, सातो दिन और साल के 365 दिन काम करेगी. ये आपके लिए पैसे कमाएगी और आप चैन से सो सकते हो या बीच पर मजे कर सकते हो.

बकेट कैरीइंग से हमारा मतलब जॉब या प्रोफेशन से है. पाइपलाइन बिल्डिंग का मतलब है एक स्मार्ट इन्वेस्टर और एंटप्रेन्योर बनना. फाइनेशियल सिक्योरिटी अचीव करने का मतलब है कि अब आपको अपने बच्चे के फ्यूचर की या अपने रीटायरमेंट की कोई टेंशन नहीं होगी. आपके सारे खर्चे पूरे होते रहेंगे और आप जी भरकर खर्च भी कर सकते हो.

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योर पाइपलाइन इज़ योर लाइफलाइन (Your Pipeline is Your Lifeline)

आपको एक पाइपलाइन बिल्ड करनी ही पड़ेगी जो आपके इन्वेस्टमेंट्स का पैसा सीधे आपकी पॉकेट्स में डाल सके. ये आपकी फाईनेंशियल सिक्योरिटी का सोर्स होगा. चाहे आपकी बिग फैट सेलरी क्यों ना हो, आपके खर्चे भी उतने ही बड़े होंगे. इंसान जब ज्यादा कमाई करता है तो खर्चे भी ज्यादा करता है क्योंकि उसकी लाइफ स्टाइल भी उसी हिसाब से अपग्रेड होती है. इसे समझने के लिए हम आपको दो डिफरेंट लोगो की स्टोरी सुनाते है. एक बकेट कैरीयर है और दूसरा पाइपलाइन बिल्डर. पहले वाले का सारा पैसा खर्च हो चूका है जबकि दूसरा फाईनेंशियल सिक्योरिटी एन्जॉय कर रहा है.

डेरिल स्ट्राबैरी एक सुपरस्टार बेसबॉल प्लेयर था. वो अपनी टीनएज से ही बेसबॉल खेलने लगा था. 20 सालो तक उसका करियर काफी बढ़िया चला. डेरिल हर साल बेसबॉल के गेम से $5 मिलियन कमाता था. इसके अलावा इंडोर्समेंट और स्पेशल अपीरियेंस से भी उसे करीब $2 मिलियन की एक्स्ट्रा इनकम हो जाती थी. अब शायद आप ये बोलेंगे कि डेरिल की लाइफ तो एकदम सेट है. उसके पास खूब सारा पैसा है इसलिए वो फाईनेंशियली सिक्योर होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. डेरिल ने एक काफी महंगा बंगलो खरीदा और लक्ज़री कार भी खरीदी. फिर धीरे-धीरे उसे नशे की लत गई. उसने शराब और ड्रग्स लेना शुरू कर दिया.

तंग आकर उसकी वाइफ ने डिवोर्स फाइल कर दिया था. डेरिल को अपने लॉ ऑफेंसेस, डिवोर्स सेटलमेंट और रीहेबीलेशन ट्रीटमेंट पर काफी पैसे खर्च करने पड़े. पर सबसे बड़ी प्रोब्लम तो तब हुई जब स्पोर्ट्स अथॉरिटीज ने डेरिल के बेड बिहेव के चलते उसे ससपेंड करने का डिसीजन लिया. डेरिल अब दुबारा नहीं खेल सकता है. उसके सारे पैसे भी खत्म हो गए थे .यहाँ तक कि उसके पास अपनी सेकंड वाइफ और बच्चो को पालने तक के पैसे भी नहीं थे. डेरिल जो एक सुपरस्टार प्लेयर था बेहद गरीबी की हालत में मर गया.

ये स्टोरी एक लेसन है कि सेविंग और इन्वेस्टमेंट कितनी इम्पोर्टेंट है. अपनी पाइपलाइन बिल्ड करने के लिए जरूरी नहीं कि आपकी सेलरी बहुत ज्यादा हो. आप कितना भी कमाते हो, उसका एक छोटा सा हिस्सा आज से ही सेव करना शुरू कर दो और इस पैसे को किसी लॉन्ग टर्म एसेट्स में इन्वेस्ट करो. मार्गरेट ओ’डोनेल (Margaret O'Donnell) एक छोटे से टाउन की रहने वाली पब्लिक स्कूल टीचर है. उसकी एनुअल सेलरी $10,000 है. उसे ये जॉब करते हुए करीब 50 साल हो चुके है. मार्गरेट 70 साल में रीटायर हुई थी और 100 की उम्र में मर गयी.

अपनी लास्ट विल में उसने लिखा है कि वो अपने $2 मिलियन 10 डिफरेंट चैरिटीज़ में डोनेट करना चाहती है जी, हाँ आपने सही सुना. मार्गरेट के पास दो मिलियन डॉलर थे. लेकिन कैसे? उसके पास इतना पैसा आया कहाँ से ? इसका सीक्रेट है इन्वेस्टिंग. मार्गरेट अपनी एनुअल सेलरी का 10% सेव करती थी. इस पैसे को वो इंडेक्स फंड्स में और मीडियम और लॉन्ग टर्म बांड्स में इन्वेस्ट करती थी.

उसने पॉवर ऑफ़ कम्पाउंडिंग अप्लाई किया. यानी उसका पैसा टाइम के साथ ग्रो करता रहा. कम्पाउंडिंग इसी मेथड से काम करती है. मार्गरेट अपने पाइपलाइन में हर साल $1,000 जोडती रहती थी. उसका इंटरेस्ट रेट 10%. था. पहले साल में उसके पास $1,000 x 10% इंटरेस्ट था. सेकंड इयर में उसके पास $2,000 x 10%. था. और थर्ड इयर में उसके पास $3,000 x 10% था, इसी तरह उसका पैसा हर साल ग्रो करता रहा. मार्गरेट सेल्फ डिसप्लीम से रहती थी तभी वो हर साल पैसा सेव करती गयी. उसने 50 सालो के लिए अपनी इन्वेस्टमेंट कम्पाउंड होने दी.

आप शायद बोलोगे कि मार्गरेट एक ओल्ड और कंजूस औरत थी जो अपनी बिल्लियों के साथ अकेली रह रही थी. लेकिन ऐसा नहीं है. मार्गरेट के पास खुद की बीएम्डब्ल्यू थी. वो अपने फ्रेड्स के साथ दुनिया घूमती थी. मार्गरेट काफी ऐशो-आराम से जीती थी. लेकिन उसमे सेल्फ-डिसप्लीन भी काफी था, जिसकी वजह से उसकी लाइफ में फाईनेंशियल सिक्योरीटी थी.

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