(Hindi) The Miracle Morning: The Not-so-obvious Secret Guaranteed to Transform Your Life Before 8AM

(Hindi) The Miracle Morning: The Not-so-obvious Secret Guaranteed to Transform Your Life Before 8AM

जब जिंदगी आपको बेहद मुश्किल हालातो से गुज़रती लगे और कोई भी उम्मीद नज़र ना आये तो एक बात याद रखे। आप से भी बुरे दौर से गुज़रने वाले बाकी और भी है जो बद से बदतर हालातो में जी रहे है। मगर इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि आप निराश होकर जिंदगी से हार मान ले। उठे और कमर कस कर इन मुश्किलों का सामना करने को तैयार हो जाए। हैल एलरोड इस बात का जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने साबित कर दिखाया कि इंसान अगर चाहे तो बुरे से बुरे वक्त में भी अपनी लगन और मेहनत से उम्मीद का एक चिराग जला सकता है। उन्होंने अपनी निजी जिंदगी में ना जाने कितनी ही मुश्किलों का सामना किया है। वे अभी छोटे लड़के ही थे

जब एक दिन उनकी छोटी बहन को गोद में लिए हुए माँ बुरी तरह चिल्लाते हुए रो रही थी। उन्हें मालूम था कि उनकी बहन जो एक खतरनाक बिमारी के साथ पैदा हुई थी, ज्यादा दिन जीवित नहीं रह पाएगी | बावजूद इस सच के ये बात बेहद दुखद थी। उस हादसे के बाद उन्होंने और उनके माता पिता ने आगे बढ़कर उस अस्प्ताल के मरीज़ो की मदत करना शुरू किया जहा हैल की बहन का इलाज हुआ था| इस सारी घटना के दौरान उन्होंने सीखा कि दुखभरी परिस्थितया हमेशा स्थायी नहीं रहती और ये हमें काफी कुछ सिखाती भी है।

इसके बाद उनके साथ एक और दुर्घटना घटी। उनका एक बहुत ही बुरा कार एक्सीडेंट हुआ | हैल अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ अपनी नयी गाडी मस्टैंग में 70 किलोमीटर की रफ़्तार से जा रहे थे| दूसरी तरफ से एक शराबी 80 किलोमीटर की रफ़्तार से ट्रक चला रहा था और हैल की गाडी से आ टकराया | धमाका इतनी ज़ोर से हुआ की हैल की गाड़ी उलट कर दूसरी सड़क पर जा गिरी जहा पर ट्रैफिक और भी ज़ादा था | एक और गाड़ी हैल की गाड़ी से टकराई | इस एक्सीडेंट में हैल के इलावा किसी को ज़ादा चोटे नहीं आयी न उनकी गर्ल फ्रेंड को न ट्रक ड्राइवर को | लेकिन हैल– गाडी की सीट और स्टीयरिंग के बीच में बुरी तरह दब गए थे | जैसे ही उन्हें बहार निकाला गया ,उनकी साँसे रुक चुकी थी | लेकिन 6 मिनट के बाद उनकी साँसे दोबारा चलने लगी और उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया | उनकी 11 हड़िया टूट चुकी थी और अगले 6 दिनों में उनकी सात Surgeries हुई |

डॉक्टर्स ने उन्हें बोला की अब वो कभी भी व्हील चेयर से नहीं उठ पाएंगे | लेकिन हैल ने डॉक्टर्स की सलाह के बावजूद न ही सिर्फ चलना शुरू किया बल्कि 84 किलोमीटर का अल्टरा मैराथन भी भागा | वो अपनी सारी इम्प्रुवमेंट्स का क्रेडिट अपने मॉर्निंग रूटीन को देते है | इसीलिए उन्होंने 2012 में “द मिरेकल मॉर्निंग ” बुक लिखी | जिसे 27 भाषाओ में ट्रांसलेट किया जा चूका है | और 70 देशो में 5 लाख से ज़ादा लोग इस मॉर्निंग रूटीन को फॉलो करते है |

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वक्त आ गया है अपने अन्दर छुपी अपार संभावनाओं को पहचाने का।

इस किताब से जो तीन अति आवश्यक बाते उभर कर सामने आती है वो है |
आप वो सब कुछ कर सकते है जो दुनिया के तमाम बाकि लोग कर सकते है | और आपको इस बात पर पुरे दिल से यकीन  करना पड़ेगा ताकि आप अपने गोल्स तक पहुंच सके और अपने आस पास के लोगो को भी प्रभावित कर सके |

खुद को इम्प्रूव करने के लिए हमें अपने लिए हर रोज़ अलग से टाइम निकलना पड़ेगा | और सिर्फ तभी आप वहा पहुंच पाएंगे जहा आप पहुंचना चाहते है |

आप पुरे दिन में कितने प्रोडक्टिव तरीके से काम कर पाएंगे ये डिपेंड करता है की आप अपनी सुबह किस तरीके से गुज़ारते है | जिसका मतलब सरल शब्दों में ये है की आपके गोल्स आपके दिन के कामो पर डिपेंड करते है, और आपका सारा दिन आपकी सुबह पर | अगर आप अपनी सुबह को अच्छा बना लेते है तभी आप अपने गोल्स को अचीव कर सकते है|
अगर आपको सुबह जल्दी उठना अच्छा नहीं लगता तो “मिरेकल मॉर्निंग” आपको वो सारे तरीके बताएगी जिस से आप जल्दी उठ सकते है और अपनी सुबह को एन्जॉय कर सकते है | हम सभी जानते है की सुबह जल्दी उठना हेल्थ और माइंड के लिए बहुत अच्छा है | अगर आप इस बुक में दिए गए मॉर्निंग रूटीन को फॉलो करते है तो आप अपना पूरा दिन अचे तरीके से प्लान कर सकते है |

95% REALITY CHECK

ये कांसेप्ट कहता है की 95 % लोग उन छोटी चीज़ो के साथ जीना सीख लेते है जो उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में पायी है | दुःख की बात ये है की ये लोग वो सब चीज़े पा सकते है जो ये अपनी ज़िन्दगी से चाहते है | मगर अब सवाल ये आता है की हम ऐसा क्या करे की हम भी उन 95% लोगो में शामिल न हो | इस के लिए आप 3 स्टेप्स उठा सकते है |

पहला स्टेप:- सबसे पहले तो 95 % वास्तविकता की जानकारी रखे

पहला स्टेप कहता है की अगर हम पूरी क्षमता के साथ जीने के लिए कड़ी मेहनत नहीं करते तो हम भी उन 95% लोगो में शामिल होंगे जिन्होंने बिना प्रयत्न के ही हथियार डाल दिए है | एक बेहतर जीवन जीने के लिए मेहनत करने के बजाए हार मानकर बैठ जाना कहीं ज्यादा आसान होगा। मगर वो जिंदगी पछतावे और दुखो से भरी होगी। वो दुःख होगा हार का और अपनी नाकामयाबी का | हमें खुद को इम्प्रूव तो करना ही चाहिए और साथ में दुसरो को भी उनके गोल्स अचीव करने में मदत करनी चाहिए | इस से हम समाज में एक उदाहरण दे सकते है की जो लोग पूरी मेहनत से अपने गोल्स की तरफ काम करते है वो कभी विफल नहीं होते |

दूसरा कदम: उन कारणों को जाने जो आपको साधारण बनाती है

खुद को मामूली समझने की मानसिकता ही आपके और आपकी सफलता के बीच की सबसे बड़ी दीवार है। हम यहाँ कुछ ऐसी ही वजहे आपको गिना रहे है जो आपको ऐसा सोचने पर मजबूर करती है। जैसे कि –
1. हमेशा अपने पास्ट की बुरी चीज़ो को ही याद करते रहना
2. अपने लिए बहुत छोटे गोल्स रखना और कम में ही खुश हो जाना
3. अपनी ज़िम्मेदारियों से भागना
4. बड़ी सोच से नफरत करना
5. हर गलती को मज़ाक में ले लेना

तीसरा कदम: वक्त के साथ चलिए
अगर आप चाहते है कि आपको औरो से कुछ अलग करना है तो आज ही करिए। कल किसने देखा है ? आपका कल कभी भी नहीं आएगा | जीवन में बड़े बदलाव हमारे हार्ड वर्क से ही आते है|  इसलिए आपको जो भी करना है आज ही उसे कीजिये क्योंकि यही सफलता की कुंजी है।
जानिये, आप सुबह क्यों उठे है ?

क्या आप उन में से है जो अलार्म घडी के बार-बार बजने पर भी नहीं उठ पाते और तब ही उठते है जब उठना आपकी मजबूरी हो। तो यकीन मानिए आप खुद अपनी सफलता की राह में खड़े है। अगर आप अपना दिन ही शुरू नहीं करना चाहते तो आप अपने सपनो को कैसे पाएंगे ? तब तो बस सोते हुए अपने सपनो में ही जीते रहिये और बाकी लोगो को अपने सपने पुरे करते हुए देखिये क्यूंकि बाकी लोग जो काम कर रहे है वो तो अपने गोल्स पा ही लेंगे |

सुबह की शुरुवात में हम जो मह्सूस करते है उसी सोच के साथ हमारा सारा दिन व्यतीत होता है। सुबह जल्दी उठने वाले बहुत से लोगो ने इस बात की पुष्टि की है। यदि नीद से उठने के बाद हमें लगता है कि आज का दिन बुरा गुजरेगा तो अक्सर दिन बुरा ही गुज़रता है। इसके विपरीत अगर हमें सुबह जल्दी उठने से एक तरोताज़ा एहसास होता है तो हमारा दिन भी ऐसा ही गुज़रता है। ये हमारे नीद की अवधि पर निर्भर नहीं करता बल्कि हमारी नीद की ज़रुरत पर करता है।

ये मैटर नहीं करता की आपने कितने घंटे की नींद ली| अगर आप मानते है की जितनी भी नींद आपने ली वो काफी है तो आप सुबह को एन्जॉय कर सकते है |   आप कितनी नीद सो पाए इससे ज्यादा ज़रूरी है ये जान लेना कि आपकी नीद पूरी हुई और अब आप एक शानदार सुबह का आनंद लेने के लिए तैयार है। जब आपको इसकी आदत पद जाएगी तो ये आपको ज़रा भी मुश्किल नहीं लगेगा| मगर हाँ, ये तभी हो पायेगा जब आप पक्का मन बना ले कि चाहे कुछ भी हो जाए आपको हर सुबह जल्दी उठना है। और फिर एक अनोखा बदलाव धीरे-धीरे आपके जीवन में आने लगेगा।

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