(hindi) THE MILLIONAIRE REAL ESTATE INVESTOR

(hindi) THE MILLIONAIRE REAL ESTATE INVESTOR

इंट्रोडक्शन (Introduction)

क्या आप फानेंशियली वेल्थी बनना चाहते हो? क्या आप भी रियेल एस्टेट में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हो? क्या आपका रियेल एस्टेट बिजनेस चल नहीं रहा ? क्या आपको इन्वेस्टमेंट की नॉलेज चाहिए ? अगर इन सभी सवालों के जवाब हाँ है तो इस बुक में आपको अपने सारे सवालों के जवाब मिलेंगे. ये बुक आपको फाइनेंशीयली वेल्थी बनने की टेक्नीक्स सिखाएगी. इस बुक में आपको इन्वेस्टमेंट पर बेस्ड डिफरेंट वर्किंग मॉडल्स के बारे में एक डीप नॉलेज देती है. ये मॉडल्स टाइम के साथ इवोल्व हुए है.

इस बुक में आपको इन मॉडल्स के बारे में वन बाई वन बताया गया है ताकि आप अपने रियेल एस्टेट स्किल्स को इम्प्रूव कर सके. ये वर्किंग मॉडल्स वो गाइडलाइन्स है जो रियेल एस्टेट इन्वेस्टर्स की गलतियों से सबक लेकर बनाये गए है. इस बुक को पढने के बाद आपको पता चलेगा कि आप से पहले लोगो ने क्या मिस्टेक्स की थी ताकि आप उन मिस्टेक्स को रीपीट करने से बच सके. और आपको इन्वेस्टिंग से जुडी हुई सुनी-सुनाई बातो की सच्चाई भी पता चल जायेगी. क्योंकि ये जानना बेहद जरूरी है कि सच क्या है और झूठ क्या, खासकर बात जब इन्वेस्टमेंट की हो. तो, एक तरह से ये बुक आपके लिए एक गाइड है जो आपको इन्वेस्टमेंट की हकीकत बताती है.

आप चाहे नए इन्वेस्टर हो या पुराने, ये बुक आपको रियेल एस्टेट इन्वेस्टिंग के हर स्टेप पर गाइड करेगी. इस बुक में जो टेक्नीक्स दी गयी है उन्हें अप्लाई करके आप अपने कैश फ्लो और इक्विटी को इनक्रीज कर सकते हो. ये बुक आपको अपना नेट वर्थ ग्रो करने और पैसिव इनकम मेंटेन करने में हेल्प करेगी. क्योंकि नेट वर्थ ही हमारी एक्चुअल फाईनेंशियल वेल्थ डिसाइड करती है, और इसलिए ये बुक उसे इनक्रीज करने पर फोकस करती है.

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ज्यादातर लोग किसी चीज़ को ट्राई करने से पहले ही उसका फ्यूचर बता देते है. यहाँ तक कि वो ट्राई करने से भी डरते है. और इस तरह उनके फाइनेंशियल वेल्थी होने की पोटेंशियल काफी कम हो जाती है. अगर आपका भी यही माइंडसेट है तो यकीन मानो, आप लाइफ के साथ समझौते कर रहे हो. ज़्यादातर लोग अपनी फाइनेंशियल पोटेंशियल को दो तरीको से देखते है: फाइनेंशियली प्रोबेबल और फाइनेंशियली पॉसिबल.

प्रोबेबिलिटी थिंकर्स अपनी पास्ट हिस्ट्री और प्रेजेंट पोटेंशियल के बेस किसी फाइनेंशियल सक्सेस को केलकुलेट करते है. उन्हें लगता है कि उनकी केलकुलेशन रियेलिस्टिक होती है और इसीलिए वो अक्सर ज्यादा फाइनेंशीयल वेल्थ अचीव नहीं कर पाते.  और इसलिए कोई भी पहले से बता सकता है कि इस टाइप के लोगो फाईनेंशीयल फ्यूचर क्या होगा. वही दूसरी तरफ पॉसिबल थिंकर्स जितना चाहे उतनी फाईनेंशीयल वेल्थ अचीव कर सकते है.

इन्हें अपनी पोटेंशियल पर भरोसा होता है. ये इस बात को मानते है कि फाईनेशीयल वेल्थ उनकी मेहनत पर डिपेंड करती है नाकि उनके पास्ट पर. इस टाइप के लोग लाइफ में काफी ग्रोथ करते है. इसलिए फाइनेंशीयली वेल्थी बनना है तो पॉसिबल थिंकर बनो.

ये स्टोरी है ट्रेमल क्रो (Trammel Crow) की, जिसने फाईनेंशियली वेल्थी बनने के लिए पॉसिबल थिंकिंग अप्लाई की. ट्रेमल अपने 7 भाई-बहनों के साथ डलास में रहता था. गरीबी इतनी थी कि उसकी फेमिली गर्म पानी तक अफोर्ड नहीं कर पाती थी. इसके बावजूद ट्रेमल ने अपनी काबिलियत पर कभी डाउट नहीं किया. उसने लाइफ में काफी ग्रोथ की. 1948 में ट्रेमल ने जब रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करना शुरू किया तो उसे लगा कि अब वो फाईनेंशीयली वेल्थी बन सकता है. रियल एस्टेट मार्किट में अपोरच्यूनिटीज़ की भरमार थी.

ट्रेमल सही मौके का वेट करता और हर गोल्डन चांस लपक लेता था. वो किसी भी मौके को हाथ से जाने नही देता था. फिर उसे रियेलाइज हुआ कि डेब्ट लेकर और प्राइवेट इन्वेस्टर्स की हेल्प से वो काफी आगे जा सकता है. उसने डिसाइड किया कि वो अब शौपिंग मॉल्स में पैसा इन्वेस्ट करेगा जोकि उन दिनों एक प्रॉफिटेबल डील मानी जाती थी. 1955 तक शौपिंग मॉल्स काफी पोपुलर हो चुके थे और ट्रेमल का बिजनेस पीक पर पहुँच गया. 1960 तक ट्रेमल देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलपर्स में से एक बन गया था.

उसका बिजनेस लगातार ग्रो करता गया और 1980 तक ट्रेमल यूनाइटेड स्टेट्स का सबसे बड़ा रियल एस्टेट इन्वेस्टर और प्रॉपर्टी मैनेजर बन चूका था. लेकिन ये सब इसलिए पॉसिबल हुआ क्योंकि ट्रेमल को अपनी पोटेंशियल का एहसास हो चूका था. आज के टाइम में द ट्रेमल क्रो कंपनी एक बड़ी कमर्शियल कंपनी है जो काफी लोगो को रियल एस्टेट सर्विसेज़ प्रूवाईड कराती है. क्रो की सक्सेस उसके पोसिबिलिटी थिंकिंग पर बेस्ड है. उसने अपने पास्ट या प्रेजेंट के बेस पर अपना फ्यूचर डिसाइड नहीं किया था.

अपनी पोजिटिव थिंकिंग और सेल्फ-कांफिडेंस की वजह से उसने एक ग्रेट फाईनेंशियल वेल्थ अचीव की जो लगातार साल-दर-साल बढती गयी. वो समझ चूका था कि रियेल एस्टेट में इन्वेस्ट करने के लिए उसे खुद के पैसे लगाने की ज़रूरत नहीं है. उसने एक प्रॉपर वर्किंग मॉडल फोलो किया और दूसरो के पैसे से इन्वेस्ट किया. जिससे कि उसे खूब सारा कैश फ्लो मिला. हालाँकि क्रो की स्टोरी में सब कुछ इतना आसान भी नहीं था.

लेकिन उसने जो मेहनत की और रिस्क लिया, उसका उसे काफी अच्छा रिजल्ट मिला. और ये सच है कि बिना रिस्क लिए हम कोई भी बिजनेस स्टार्ट नहीं कर सकते. इसलिए कभी अपनी पोटेंशियल पर शक मत करो. अगर आप चाहो तो आप भी ट्रेमल क्रो की तरह फाईनेंशियली वेल्थी बन सकते हो.

इन्वेस्टिंग मिथ: इन्वेस्टिंग इज़ रिस्की – आई विल लूज़ माई मनी ( इन्वेस्टिंग बड़ा रिस्की है, मेरे सारे पैसे डूब जायेंगे ) Investing Myth: Investing is Risky- I’ll lose my money

डेफिनेशन के हिसाब से इन्वेस्टिंग रिस्की नहीं है. एक राईट वर्किंग मॉडल फोलो करके और अपने बिजनेस को कण्ट्रोल करके इन्वेस्टिंग का रिस्क फैक्टर हटाया जा सकता है. दरअसल हमारा माइंडसेट हमे इन्वेस्टमेंट को रिस्की बिजनेस समझने पर मजबूर कर देता है. ग्रेट इन्वेस्टर रिस्क फैक्टर को इग्नोर नहीं करते लेकिन वो रिस्क कम करने के लिए सही गाइडलाइन्स जरूर फोलो करते है.

साथ ही कुछ ऐसी डील्स होती है जिनमे ज़रा भी रिस्क नहीं होता. एक ग्रेट इन्वेस्टर वही होता है जिसे रिस्क कण्ट्रोल करना आ जाये. इन्वेस्टमेंट भी बाकि बिजनेस की तरह ही रिस्की है. क्योंकि रिस्क लाइफ में हर जगह है. यहाँ तक कि रोड क्रोस करना भी उतना ही रिस्की है. इसलिए आपको एक सर्टेन प्लान फोलो करना होगा ताकि आप सक्सेसफूली इन्वेस्ट कर सको. शुरुवात में उन चीजों पर इन्वेस्ट करो जिनके बारे में आपको नॉलेज है.

जेरी क्लेवेंगेर (Jerry Clevenger) एक मिलेनियर रियल एस्टेट इन्वेस्टर है जो केंसास सिटी, मिसौरी में रहता है. एक सर्टेन वर्किंग मॉडल्स और गाइडलाइंस फोलो करने की वजह से ही जेरी एक ग्रेट इन्वेस्टर बन पाया. उसके अंदर बिजेनस रिस्क रिमूव करने की काबिलियत थी जिसकी वजह से वो इतना सक्सेसफुल बन पाया. ये स्टोरी एक रियल एस्टेट डील की है जो जेरी ने की थी. एक दिन शाम को जेरी के रियल एस्टेट एजेंट ने उसे कॉल करके एक प्रॉपर्टी के बारे में बताया जिसकी वैल्यू घट चुकी थी.

पहले ये प्रॉपर्टी $65,000 की थी जोकि अब $39,000 की हो चुकी थी. जेरी को इस डील में एक अपोरच्यूनिटी नजर आई और उसने वो प्रॉपर्टी $42,000 में खरीद ली.  कहीं मौका हाथ से ना निकल जाये ये सोच के उसने तुरंत डील फाइनल कर ली थी. जेरी के एजेंट ने डील सील कर ली और ओनर को इन्फॉर्म कर दिया. जेरी को मालूम था कि उसका डिसीजन एकदम राईट है. उसे अपने फैसले पर पूरा यकीन था. और इस तरह उसने इन्वेस्टमेंट से रिस्क रीमूव कर लिया था. बाद में उसने $54,000  में वो घर बेच दिया.

इस डील से उसने काफी बड़ा प्रॉफिट कमाया. जेरी ने इस तरह की कई और भी सक्सेसफुल इन्वेस्टमेंट डील्स की थी. अपने जैसे कई और मिलेनियर रियल एस्टेट इन्वेस्टर्स की तरह जेरी तुंरत डिसाइड कर लेता था कि कौन सी डील करनी है और कौन सी नहीं. इन्वेस्टमेंट के रिस्क दूर करने के लिए और सक्सेसफुल इन्वेस्टर बनने से पहले आपको वर्किंग मॉडल्स और प्रिंसिपल्स फोलो करने होंगे. इन्वेस्टमेंट फील्ड में उतने ही रिस्क है जितना बाकी फील्ड्स में होते है. पर अगर आपको बेसिक नॉलेज है और आप वर्किंग मॉडल फोलो करोगे तो स्कसेस जरूर मिलेगी.

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इन्वेस्टिंग मिथ: सक्सेसफुल इन्वेस्टर्स मार्किट में टाइम देते है ( Investing Myth: Successful Investors are able to time the Market)

टाइम का कांसेप्ट ऐसा है जिसके बारे में लोगो को गलतफहमी है. ज्यादातर लोग सोचते है कि गुड टाइमिंग का मतलब है कि तुरंत किसी अपोर्च्यूनिटी को लपक लो. हालाँकि ये एक झूठा कांसेप्ट है. टाइमिंग का मतबल है एक्टिव रहना और राईट टाइम पर राईट मौके की तलाश. सक्सेसफुल टाइमिंग का मतबल है कि आप किसी टास्क को अचीव करने से पहले कितना टाइम देते हो. इसलिए एक्टिव रहो और सही मौको का इंतज़ार करते रहो.

गुड टाइमिंग का राईट मीनिंग है कि आपको हर वक्त सही मौके की तलाश में रहना चाहिए. ऐसे मौके ढूंढो जो आपके क्राईटेरिया में फिट बैठते हो. आपको अपने क्राईटेरिया के हिसाब से जो चांस मिले, उस पर तुरंत रिएक्ट करो. उस मौके को हाथ से जाने मत दो. गुड टाइमिंग का कोई मैजिकल फार्मूला नहीं है. बस एक राईट मौके की तलाश ही गुड टाइमिंग है. चलो इस कांसेप्ट को एक एक्जाम्पल से समझते है कि इन्वेस्टमेंट में टाइमिंग कैसे काम करती है.

ये स्टोरी है डेचेस बोडीफोर्ड (DychesBoddiford) की जो एक रियल एस्टेट इन्वेस्टर मिलेनियर है. वो मैरीएटा , ज्योर्जिया (Marietta, Georgia) में बिजनेस करते है. एक दिन उन्होंने सेल क्लोजर से पहले नोटिस किया कि बैंक ने एक प्रॉपर्टी पर $100,000 से भी ज्यादा ओपनिंग बिड कम कर दिया है. उन्होंने तुरंत बैंक को कॉल करके प्रॉपर्टी की डिटेल्स मांगी. वो और उनके पार्टनर ने बैंक को कांटेक्ट करके काफी इन्फोर्मेशन ले ली जिससे उन्हें पता चल गया कि आगे क्या करना है.

ऑक्शन यानी नीलामी के टाइम पर उन्होंने वो प्रॉपर्टी खरीद ली और उसे मार्किट में सेल पर रख दिया. तीन महीने बाद उन्होंने उस प्रोएर्टी को बेचकर $100,000 का प्रॉफिट कमाया. इसे हम बोडीफोर्ड (Boddiford) का लक नहीं बोलेंगे बल्कि उनके एक्टिव बिहेवियर की वजह से उन्हें प्रॉफिट हुआ. इसे हम सक्सेसफुल टाइमिंग का परफेक्ट एक्जाम्पल बोल सकते है. सही मौके किस्मत से नहीं बल्कि हमेशा एक्टिव रहने से और राईट टाइमिंग से मिलते है. बोडीफोर्ड (Boddiford) जानते थे कि उनका क्राईटेरिया क्या है.

इसलिए जैसे ही उन्हें मौका मिला उन्होंने तुरंत एक्शन लिया. ऐसे मौको का वो हमेशा इंतज़ार करते थे. ये स्टोरी बताती है कि आपको परफेक्ट अपोर्च्यूनिटी का वेट करना है और उसे ग्रेब करना है. इसके लिए आपको पूरे सब्र के साथ इंतज़ार करना होगा. कोई भी चांस सिर्फ लक पर नहीं होता बल्कि हमारी मेहनत और सही समय पर लिये गये सही कदम पर बेस्ड होता है।

थिंक बिग गोल्स, बिग मॉडल्स एंड बिग हैबिट्स
(बड़े गोल्स, बड़े मॉडल्स और बड़ी हैबिट्स के बारे में सोचो )Think Big Goals, Big Models, And Big Habits

इन्वेस्टमेंट में आपके माइंडसेट का सबसे इम्पोर्टेंट रोल है. क्योंकि आपकी सोच ही आपकी पर्सनेलिटी बनाती है. इस बुक का एक बड़ा सेक्शन है थिंकिंग पर फोकस करता है क्योंकि यही चीज़ लंबे टाइम तक मैटर करती है. अपने गोल्स सेट करते वक्त एक मिलेनियर रियल एस्टेट इन्वेस्टर जैसा माइंडसेट रखो. आपको बड़ा गोल रखना पड़ेगा, बड़े मॉडल्स और बिग हैबिट्स जो आपको एक सक्सेसफुल इन्वेस्टर बनने में हेल्प करे. एक इन्वेस्टर के तौर पे अपनी पहचान बनाने के लिए सबसे पहले तो आप अपनी थिंकिंग बड़ी करो. हालाँकि सिर्फ इससे काम नहीं चलेगा. थिंकिंग बिग और मेकिंग बिग के बीच का डिफ़रेंस मिटाने के लिए “वर्किंग मॉडल्स” ब्रिज का काम करता है.

आपको को भी वही वर्किंग मॉडल्स अडॉप्ट करनी होगी जिसे फोलो करके कई दुसरे लोग मिलेनियर रीएल एस्टेट इन्वेस्टर बने है. ये मॉडल्स टाइम के साथ काफी चेंज भी हुए है. आपसे पहले जो गलतियाँ लोगो ने की है, उन्हें इन मॉडल्स में कवर किया गया है ताकि आप उन गलतियों को रीपीट ना कर पाए. बिग मॉडल्स सेट ऐसे प्रूव्ड प्रिंसिपल्स पर बेस्ड है जो किसी को भी इन्वेस्टमेंट में सक्सेस दिला सकते है. मिलेनियर रीयल एस्टेट इन्वेस्टर्स की तरह आप भी अपनी लाइफ स्टाइल में बिग हैबिट्स लाओ. लेकिन आपको लगातार खूब मेहनत करनी होगी तभी आप अपने गोल्स अचीव कर पाओगे.

इन्वेस्टमेंट में हैबिट्स का बड़ा रोल होता है. बुरी आदते आपको आगे बढ़ने से रोकती है जबकि गुड हैबिट्स आपकी लाइफ इम्प्रूव करती है. ये स्टोरी खुद ऑथर गैरी डब्ल्यू. कैलर की लाइफ से है (Gary W Keller). एक वीकेंड वाले दिन गैरी और उनकी वाइफ मैरी एक बीच रीजोर्ट में होलीडे पर गए. होटल के लिफ्ट में उन्हें एक रियल एस्टेट एजेंट मिला जिसने उन्हें एक कोंडो डील के बारे में बताया. गैरी और उसकी वाइफ कोंडो देखने तो गए लेकिन उन्होंने खरीदा नहीं क्योंकि वो मेंटली प्रीपेयर्ड नहीं थे. $160,000 वाले प्राइस का ये कोंडो हाउस काफी अच्छी कंडीशन में था. एक हफ्ते बाद गैरी और उसकी वाइफ उस कोंडो पर डिस्कस कर रहे थे. उस वक्त गैरी को लगा कि उन्हें वो कोंडो खरीद लेना चाहिए था. उसने तुरंत रियल एस्टेट एजेंट को कॉल करके बोला कि हमे वो कोंडो खरीदना है तो उसने बताया कि वो कोंडो पहले ही सोल्ड हो चूका है.

गैरी को रियेलाईज़ हुआ कि उन्होंने एक अच्छी डील मिस कर दी. अगर वो इसमें इन्वेस्ट कर लेते तो बाद में इसे डबल या ट्रिपल प्राइस में बेच सकते थे. लेकिन कोई प्रॉपर वर्किंग मॉडल ना होने की वजह से अच्छी-खासी अपोर्च्यूनिटी उनके हाथ से निकल गयी. गैरी को फील हुआ कि उन्हें इन्वेस्टमेंट की कोई नॉलेज नहीं है और ये उनके लिए एक लेसन था.

उस दिन के बाद से गैरी ने बेस्ट वर्किंग प्लान और हैबिट्स के बारे में सोचना शुरू कर दिया जो उन्हें इन्वेस्टमेंट में हेल्प कर सके. और बेस्ट वर्किंग मॉडल्स फोलो करने के बाद उन्हें रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट में काफी सक्सेस मिली. एक ट्रू इन्वेस्टर की हैबिट्स अडॉप्ट करके गैरी बहुत जल्दी ही एक मिलेनियर एस्टेट इन्वेस्टर बन गए थे. ये स्टोरी शो करती है कि बेस्ट वर्किंग मॉडल्स और हैबिट्स आपके बिजनेस लाइफ स्टाइल के लिए कितनी इम्पोर्टेंट है और ये आपको सक्सेसफुल बनाती है. बस ये याद रखो कि आपको अपनी जरूरत के हिसाब से हमेशा बेस्ट वर्किंग मॉडल फोलो करना है.

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