(HINDI) THE MAGIC OF TINY BUSINESS- You Don’t Have to Go Big to Make a Great Living

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इंट्रोडक्शन

क्या आप एक बिज़नस शुरू  करना चाहते हैं? आप जो भी करना चाहते हैं, क्या आप उससे पैसा भी कमाना चाहते हैं? क्या आप दुनिया में बदलाव लाना चाहते हैं?

इसके साथ-साथ और भी बहुत कुछ करने का एक तरीका है। खुद के रूल्स बनाएँ और अपनी ज़िंदगी  अपने हिसाब से जीएं। ये सब होगा जब आप अपना टाइनी बिज़नस शुरू करेंगे।

टाइनी का मतलब एक ही आदमी का काम और कम प्रॉफिट नहीं है। इसका मतलब है  माइंडसेट को उन छोटी चीज़ों पर फोकस करना जो ज़्यादा मैटर करती है। आपकी इनकम उतनी हो सकती है जितना आप चाहते हैं। एक टाइनी बिज़नस अपने पर्पस और वैल्यूज के लिए कमिटेड होता है।

आप जो भी करते हैं उसमें ख़ुशी और मीनिंग लाइए। टाइनी बिज़नस अप्रोच आपको यह फैसला लेने देता है कि पैसा कमाने के प्रेशर में आए बिना आप कौन से मौके लेना चाहते हैं। यह कंपनी के रूप में आपके वैल्यूज़ को अहमियत देता है।

आपको अपने बिज़नस के लिए काम नहीं करना है  बल्कि अपने बिज़नस को अपने लिए काम करवाना है। अपने टाइनी बिज़नस की शुरुआत आपके पास जो है उससे कीजिए और सक्सेस की ओर छोटे छोटे कदम बढ़ाइए। धीरे-धीरे  लेकिन आगे बढ़ते रहना  ही इसकी चाबी है।

इस समरी में, आप सीखंगे कि इस बुक की ऑथर शैरन रो ने इको-बैग प्रोडक्ट्स से कैसे सक्सेस हासिल की। अपने बिज़नस के शुरुआत से ही, वो कभी भी अपने पर्पस को नहीं भूलीं। शैरन ने यह कंपनी इस सोच के साथ बनाई थी  कि वह बदलाव लाने  और पैसा कमाने के साथ-साथ अपने परिवार को भी समय दे सकें। उनके री-यूज़ेबल प्रोडक्ट्स के छोटे से आइडिया ने एनवायरमेंट का ख्याल रखने के ग्लोबल इनफ्लुएंस की शुरुआत की और कई million लोगों को इसके लिए इंस्पायर किया।

शैरन की तरह बनना सीखिए। अपने पर्पस के लिए कमिटेड रहकर, अपनी पर्सनल लाइफ को सैक्रिफाइस किए बिना अपना खुद का बिज़नस बनाइए।
आज ही बदलाव लाइए और अपने टाइनी बिज़नस को बनाने का सफर शुरू कीजिए।

What Is a Tiny Business?

आपके लिए सक्सेसफुल  बिज़नस का  क्या मतलब  है? क्या यह सिलिकॉन वैली के बीचों बीच एक बड़ी सी बिल्डिंग होना है या आपके लिए हजारों एंप्लॉइज का काम करना है? क्या ख़ुद का बिज़नस शुरू करने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देना भी शामिल है?

सक्सेसफुल बिज़नस इनमें से कोई भी नहीं है। आम सोच के उल्टा, सक्सेसफुल बिज़नस का बड़ी कंपनी होना जरूरी नहीं है। सोसाइटी ने हमारी सोच को इस तरह प्रोग्राम कर  दिया है कि सक्सेस पाने के लिए हमें अपना सब कुछ सैक्रिफाइस करना होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। सक्सेसफुल बिज़नस पाने का  दूसरा तरीका भी है जिसमें आपको अपनी  ज़िंदगी  का सब कुछ दाव पर नहीं लगाने की  ज़रुरत नहीं है। इसे कहते हैं टाइनी बिज़नस।

एक छोटे से बिज़नस में आप एक बार में एक कदम उठा सकते हैं। ये आपकी  ज़िंदगी  की प्रायोरिटीज पर फोकस करता है, नाकि पैसा कमाने की जरूरत पर। ये आपकी पर्सनल लाइफ को काम से दूर रखता है ताकि आपको अपने बिज़नस के साथ साथ अपनी लाइफ लाइफ  को इसके लिए एडजस्ट ना करना पड़े। आप सिर्फ अपने बैंक अकाउंट में पैसा डालने के लिए काम नहीं करते बल्कि उन चीजों के लिए काम करते हैं जिनकी आप परवाह  करते हैं। टाइनी बिज़नस की मदद से टाइम आपको नहीं, बल्कि आप टाइम पर कंट्रोल कर  पाते हैं।

बेवक़ूफ़ मत बनिए। टाइनी बिज़नस में “टाइनी” का मतलब कम रेवेन्यू नहीं है।  टाइनी बिज़नस से आप जितना चाहे उतना प्रॉफिट कमा सकते हैं।

टाइनी बिज़नस शुरू करने का पहला स्टेप होगा उन चीज़ों को पहचानना जो आपकी  ज़िंदगी  में सबसे ज़्यादा ज़रूरी है या मायने रखती है। आप अपनी  ज़िंदगी  से क्या चाहते हैं? ऐसी कौन सी चीज़ें हैं जिनके बिना आप रह नहीं सकते? आप अपने फ्यूचर में क्या अचीव करना चाहते हैं? इन सवालों के जवाब जानना आपके लिए बहुत ज़रूरी है। ये पक्का करता है  कि जो टाइनी बिज़नस आप बना रहे हैं वह आपकी लाइफ के अनुसार है। सिर्फ पैसा कमाने  के लिए कुछ भी शुरू मत कीजिए। अपना समय ऐसी चीज में लगाइए जो करने के लायक हो।

अगर आपको अपनी प्रायोरिटीज की लिस्ट बनाने में मुश्किल हो रही है, तो सबसे पहले ऐसी चीज़ों को निकाल फेंकिए जिनकी आपको कोई ज़रुरत नहीं है । इसके बाद, बची हुई चीजों के साथ काम कर सकते हैं और देख सकते हैं कि आप क्या अचीव करना चाहते हैं।

इसे बेहतर समझने के लिए, आइए इस बुक की ऑथर शैरन को देखते हैं कि कैसे  उन्होंने अपना टाइनी बिज़नस शुरू किया था।
शैरन ने अभी अभी अपनी 9 to 5 की जॉब छोड़ी थी। वो अपने काम से खुश नहीं थी और इसमें अब उन्हें  इंटरेस्ट ही नहीं आ रहा था। शैरन अपने बच्चे, जिसका हाल ही में जन्म हुआ था, और अपनी फैमिली के साथ टाइम बिताना चाहती थीं।  जॉब  छोड़ने के बाद वो ये जानती थीं कि उन्हें अपनी फैमिली के लिए कमाना होगा। इसलिए वो अपना टाइनी बिज़नस शुरू करना चाहती थीं।

सबसे पहले उन्होंने उन चीज़ों की लिस्ट बनाई जो उनके लिए सबसे इम्पोर्टेन्ट थी। शैरन ऐसा टाइनी बिज़नस शुरू करना चाहती थीं जिससे वो अपने बेटे को टाइम दे सकें, अपनी होबीज़ पूरी कर सकें, फाइनेंशियल कॉन्फिडेंस पा सकें और कुछ ऐसा करे  जिसे लेकर वो पैशनेट हैं।

टाइनी बिज़नस को शुरू करते समय आपको ऐसे बिज़नस कॉन्सेप्ट्स को सेट करना होगा जो आपको अपना बिज़नस वैसे बढ़ाने दे जैसे आप उसे बढ़ाना चाहते हैं। ये बात बिल्कुल नॉर्मल है कि आपको शुरू में सब कुछ पता नहीं होगा। अगर आप इस बात को मान लेंगे कि कुछ चीजों में आप अच्छे नहीं है, तो आप  बेहतर और समझदार इंसान बन पाएँगे।

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Work with What You’ve Got and Make It Work

एक बिज़नस को शुरू करते वक़्त ज़्यादातर लोगों को लगता है कि उनके पास शुरुआत करने के लिए कुछ भी नहीं है। ना पैसा, ना कोई एसेट और ना ही ऐसे लोग जो उनकी मदद कर सकें। लकिन, ये सच नहीं है।

आपके अंदर “कुछ नहीं” से भी “कुछ” बनाने की क़ाबलियत है। जब भी आप किसी मुश्किल में हों, ऐसा उपाय  ढूँढिए जिससे आप उससे निकल पाएं। चुपचाप बैठकर, खुद को उस मुश्किल सिचुएशन में फंसे मत रहने दीजिए। आपके पास जो भी है उसे काम में लाइए और उससे बेस्ट बनाने की कोशिश कीजिए।

एक छोटे से  बिज़नस को शुरू करने से पहले ये जानना सबसे ज़रूरी है कि आपके पास आखिर क्या क्या है। यह जानना आपको आपका बिज़नस बढ़ाने और आप जहां जाना चाहते हैं वहां पहुंचने में मदद करेगा।

एक बिज़नस को शुरू करने के पीछे सबसे बड़ी वजह में से एक पैसा होता है। पैसा कमाने की चाहत  गलत नहीं है, लेकिन यह  ऐसी चीज नहीं है जिसे आप अपनी  ज़िंदगी  का सेंटर बना लें। टाइनी बिज़नस शुरू करने से पहले आपको पैसे और खुद के रिश्ते को समझना होगा। यह जानिए कि आप कितना कमाना चाहते हैं और आपको अपनी  ज़िंदगी  जीने के लिए कितना पैसा  चाहिए। यह तय करना कि आपके लिए कितने पैसे काफी होंगे, आप ख़ुद को पैसे द्वारा  कंट्रोल किए जाने  से बचा  पाएंगे। पैसा आपकी ज़रुरत की चीज़ों को खरीदने का एक ज़रिया है। ये आपका main गोल नहीं है।

पैसा कमाने  के अलावा टाइनी बिज़नस को सोसाइटी के भले के बारे में भी सोचना चाहिए। ऐसी बहुत सी अच्छी चीजें हैं जो आप पैसा कमाते हुए कर सकते हैं। आप इको फ्रेंडली प्रोडक्ट्स इस्तेमाल कर सकते हैं, अपने प्रोडक्शन का वेस्ट कम कर सकते हैं, प्रोडक्ट्स को रीसायकल कर सकते हैं और इनसे नए प्रोडक्ट्स भी बना सकते हैं। आप चाहे जो भी चुनें, लेकिन अपने हर फैसले के लिए सोशली ज़िम्मेदार बनने की कोशिश करें। अगर कई  बिज़नस एक साथ मिलकर काम करेंगे तो  सोसाइटी पर अच्छा असर होना शुरू हो जाएगा।

आइए, इको-बैग्स कंपनी के बारे में जानते हैं और देखते हैं कि कैसे ये शैरन के गेराज से निकलकर एक सक्सेसफुल टाइनी बिज़नस बना।

जब शैरन ने अपनी  जॉब  छोड़ी तो  उन्हें अपने परिवार को संभालने के लिए  पैसे कमाने के लिए कुछ तो करना ही था। उनके पति  की सैलरी पूरे महीने के लिए काफी नहीं थी। इसलिए, उन्होंने अपना टाइनी बिज़नस शुरू करने के मन बनाया।

शैरन के पास जो कुछ था, उन्होंने उसी से शुरुआत की और उनके पास ज़्यादा कुछ नहीं था। इस मुश्किल सिचुएशन के बावजूद उन्होंने एक्स्ट्रा पैसा कमाने का  तरीका ढूंढ लिया। उन्होंने अपने खर्चों को पूरा करने के लिए अपने घर का एक हिस्सा रेंट पर दे दिया।

आखिरकार, उन्होंने इको-बैग्स बनाए जो ऐसे इको-फ्रेंडली बैग्स थे जो फैशनेबल तो थे ही, इसके साथ-साथ आपकी ज़रुरत की सभी चीज़ें उसमें आसानी से आ सकती थीं। शैरन ने इसे बनाकर फाइनली पैसा कमाना शुरू किया  और अपनी फैमिली के साथ अच्छे से रहने लगीं।

ऊपर बताई गई सिचुएशन में, शैरन के पास शुरुआत में जो कुछ भी था, उन्होंने उसी में अपना काम चलाया। उन्होंने अपने टैलेंट का इस्तेमाल करके इको-बैग्स के लिए फैशनेबल बैग्स बनाए। उन्होंने अपने घर में किराएदार रखा  ताकि वह एक्स्ट्रा इनकम कमा सकें। शैरन ने इको फ्रेंडली बैग्स बनाकर अपनी सोशल ज़िम्मेदारी को भी अपने बिज़नस में शामिल किया।

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Taking Tiny Steps

कभी कभी, जब आप अपना टाइनी बिज़नस शुरू करते हैं तो हो सकता है कि आपको घबराहट हो, तो कोई बात नहीं, ऐसा होना नॉर्मल है। लेकिन, फ़र्क  इससे पड़ता है कि आप इसे हैंडल कैसे करते हैं। इस घबराहट से डरने से बेहतर ये होगा कि आप इसे अपनाएं और सीखें कि ये फीलिंग जल्दी ही गुज़र जाएगी।

जब आप जान जाएं कि आप कौन सा टाइनी बिज़नस शुरू करना चाहते हैं तो  सबसे पहला काम होगा उसे एक नाम देना। यह पक्का कीजिए कि आप इसे ऐसा यूनिक नाम दें, जिसमें आपके टाइनी बिज़नस का मीनिंग और एसेंस शामिल हों और हाँ, अपनी कंपनी के नाम को ट्रेडमार्क करना न भूलें, ताकि आगे चलकर इसे लेकर कोई परेशानी ना हो। इसे ख़ुद करने के बजाय  लिए आप लॉयर हायर कर सकते हैं। यहाँ से बचा हुआ टाइम और एफर्ट आप अपने टाइनी बिज़नस में लगा सकते हैं।

अपने टाइनी बिज़नस को नाम देने के बाद आप काम  करना शुरू कर सकते हैं। लेकिन, इतने कम टाइम में आपको बहुत सारे काम करने होंगे। आपको लॉयर, अकाउंटेंट और एम्प्लोईज़ हायर करने होंगे। आपको एक मैन्युफैक्चरर ढूँढना होगा और प्रोडक्ट्स ऑर्डर  करने होंगे। ऐसी सिचुएशन में घबराहट महसूस हो सकती है। इससे बचने के लिए आपको  अपने काम को दो अलग हिस्से में बांटना हैं, “वह चीजें जिन्हें करने की ज़रुरत है” और “वह चीजें जिन्हें करके अच्छा लगता है”। इस तरह से, आप  अपने दिन की शुरुआत उन कामों को करके कर सकते हैं जिन्हें “करने की जरूरत है।”

ग्रोथ के लिए नेटवर्किंग करना  बहुत ज़रूरी है। जितना हो सके अपनी कहानी दूसरों के साथ शेयर कीजिए। ऐसा करने से ज़्यादा से ज़्यादा लोग आपके टाइनी बिज़नस के बारे में जानेंगे। क्या पता आपको एक अच्छा बायर या इन्वेस्टर मिल जाए।
आइए देखते हैं कि इको-बैग्स को रातों रात 1,00,000 बैग का  ऑर्डर कैसे मिला।

टाइनी बिज़नस शुरू करने के एक साल बाद, शैरन अपने बिज़नस को चलाए रखने के लायक स्टेडी मंथली प्रॉफिट कमाने लगी थीं। लेकिन एक रात, एक फण्डरेजिंग पार्टी के बाद सब कुछ बदल गया।

शैरन कई दूसरे बिज़नस ओनर्स के साथ मिलकर एक फण्डरेजिंग पार्टी अटेंड कर रही थी  जिसमें वो अफ्रीका के बच्चों के लिए पैसा इकट्ठा कर रही थीं। उन्होंने हर किसी को अपने टाइनी बिज़नस के बारे में बताया। अगली सुबह, फॉरैवर 21 से उन्हें एक ई-मेल आया जिसमें उन्होंने 1,00,000 इको बैग्स का ऑर्डर  दिया था। फॉरैवर 21 का एक मैनेजर  भी फण्डरेजिंग पार्टी में गया था। ये एक बहुत बड़ा रिटेल स्टोर है जो  प्लास्टिक बैग्स की जगह इकोबैग्स के रीयूज़ेबल बैग्स को प्रमोट करना चाहते थे।

नेटवर्किंग की पावर और अपने टाइनी बिज़नस के बारे में बात करना आपकी  ज़िंदगी  बदल सकता है। सबसे कमाल की  बात तो  ये है कि ये दोनों बिल्कुल फ्री हैं।

अपने काम और अपनी उम्मीदों को लिमिट में रखना आपके लिए बहुत ज़रूरी है। शैरन ने परेटो का 80/20 प्रिंसिपल भी समझाया है, जिसमें आपके 80% सक्सेस के साथ अगर 20% फेलियर भी आता  है, तो कोई बात नहीं। यह आपको रिलैक्स करने का मौका देगा और आप ये समझ पाएँगे कि आप भी परफेक्ट नहीं है। आप सब कुछ कंट्रोल नहीं कर सकते। अगर चीजें आपके हिसाब से नहीं होतीं, तब भी कोई प्रॉब्लम नहीं है। फेलियर हमेशा ही इस प्रोसेस का पार्ट रहेगा।

जब भी कोई प्रॉब्लम आए, आपका सबसे पहला काम है शांत रहकर दोबारा  फोकस करना। पानी का ग्लास लीजिए और ठन्डे दिमाग से सोचिए। सोच समझकर उपाय  निकालिए ताकि उस सिचुएशन को असरदार तरीके से हैंडल किया जा सके। हड़बड़ी मत कीजिए और तुरंत प्रॉब्लम को सॉल्व करने मत भागिए। बेस्ट solution निकालिए, भले ही इसमें ज़्यादा टाइम लग जाए।

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