(hindi) The Highly Sensitive Person

(hindi) The Highly Sensitive Person

इंट्रोडक्शन

दुनिया में अलग-अलग तरह के लोग होते हैं जैसे कई लोग बहुत गुस्सैल तो कुछ लोग स्वभाव से ठंडे होते हैं ठीक उसी तरह कई लोग ऐसे भी हैं जो बहुत ज़्यादा भावुक यानी कि सेंसिटिव होते हैं. ये एक जेनेटिक लक्षण है जिसकी स्टडी दुनिया भर के कई साइकोलोजिस्ट ने की है.

रिसर्च से पता चला है कि पूरी दुनिया की polulation के 20% लोग बहुत सेंसिटिव होते हैं. ये लक्षण 100 अलग-अलग जानवरों की प्रजातियों जैसे बंदर, कुत्ते, हिरण, मछली, पक्षी में भी मौजूद हैं. अगर आपको लगता है कि आप बहुत सेंसिटिव हैं तो आप पूरी तरह से नार्मल हैं. ये लक्षण इसलिए डेवलप हुए हैं क्योंकि इस दुनिया में जीने के लिए एक इंसान को सावधान और तेज़ नज़र वाला होने की ज़रुरत है, रियेक्ट करने से पहले गहराई से सोचने की और किसी भी ख़तरे के शुरूआती साइन का पता लगाने की ज़रुरत है.

ये बुक आपको आपके बचपन के साथ जोड़ने में मदद करेगी. एक बच्चे के रूप में शायद आप शर्मीले, शांत और अलग-थलग रहने वाले बच्चे रहे होंगे. शायद आपकी कुछ यादें ऐसी भी होंगी जो बुरी थीं और जिन्हें आप बिलकुल याद नहीं करना चाहते.

बड़े होने के बाद भी किसी ग्रुप में ख़ुद को फिट करना आपको मुश्किल लगता होगा. आपने आउटगोइंग, adventurous होने की कोशिश भी की होगी. हो सकता है कि आप ख़ुद से पूछते हों कि आप आसानी से क्यों थक जाते हैं. बहुत सारे काम होने से आप इतने परेशान क्यों हो जाते हैं? किसी दोस्त के साथ बहस या झगड़ा होने से आपको इतनी चिंता क्यों हो जाती है?  इस बुक को पढ़ने के बाद आपको सब समझ में आने लगेगा.

इसे पढ़ने के बाद आप ख़ुद को पसंद करना सीखेंगे, आप ख़ुद की वैल्यू करने लगेंगे. आप भावुक लोगों को एक अलग नज़रिए से देखना सीखेंगे.

आपके थकने का कारण ये है कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां शर्मीले, सेंसिटिव या अकेले रहने वालों को ज़्यादा पसंद नहीं किया जाता. लेकिन जब आप सेंसिटिविटी के बारे में ज़्यादा जान लेंगे तो आप इसे एक कमी के बजाय एक ख़ूबी के रूप में देखना शुरू कर देंगे.

हाँ, ये सच है कि हमारा नर्वस सिस्टम कुछ इस तरह से बना हुआ है कि वो ज़रुरत से ज़्यादा ही सोचता है. लेकिन इस एक क्वालिटी के कारण सेंसिटिव लोग दूसरों की फीलिंग्स को बेहतर समझ पाते हैं, चीज़ों के पॉजिटिव पहलू और उसकी अच्छाइयों को देख पाते हैं. इतना ही नहीं ऐसे लोग छोटी से छोटी डिटेल पर भी ध्यान देते हैं इस वजह से ये लोग  कमाल के वेल प्लांड आइडियाज क्रिएट कर पाते हैं.

आप इस दुनिया के उन चंद 20% लोगों में से हैं जो सबसे अलग और यूनिक हैं. इसलिए अब अकेले दुबकने के बजाय बाहर निकलकर अपनी सेंसिटिविटी को गले लगाने का वक़्त आ गया है. आपके अंदर बहुत टैलेंट और क्रिएटिविटी भरी हुई है उसे जगाने का समय आ गया है.

Are You Highly Sensitive?

इस बुक की ऑथर एलेन एरोन ख़ुद भी एक बहुत सेंसिटिव इंसान हैं. उन्होंने इस लक्षण को स्टडी करने के लिए अपना पूरा करियर समर्पित कर दिया. और तो और उन्हें कई ऐसी स्टडी का भी पता चला जो उनके रिसर्च को पूरी तरह सपोर्ट कर रहा था.

एलेन ने हाई सेंसिटिविटी का पता लगाने के लिए एक टेस्ट बनाया. कोई भी साइकोलॉजिकल टेस्ट 100% सटीक नहीं होता. लेकिन ये टेस्ट आपको ख़ुद को बेहतर समझने में मदद कर सकता है. तो आइए देखते हैं कि इसमें किस तरह के सवाल पूछे गए हैं.

1.    क्या आप बिजी दिनों में इतना थका हुआ महसूस करते हैं कि आप एक अँधेरे कमरे में अकेले रहना चाहते हैं या किसी भी ऐसी जगह जाना चाहते हैं जहां बहुत शांति हो?
2.    क्या कैफीन का आप पर बहुत तेज़ असर होता है?
3.    क्या आपको तेज़ आवाज़, स्मेल या तेज़ रोशनी से घबराहट महसूस होती है या आप भौंचक्के हो जाते हैं?

4.    क्या आप आसानी से चौंक जाते हैं?
5.    जब आपको कम समय में बहुत सारा काम करना हो तो क्या आप हडबडा जाते हैं?
6.    क्या आप मारधाड़ वाले टीवी शो या फ़िल्में देखना पसंद नहीं करते?
7.    क्या आप इस बात का बहुत ज़्यादा ध्यान रखते हैं कि आपसे कोई गलती ना हो जाए या आप कुछ भूल ना जाएं?

8.    क्या आप पर भूख लगने पर बहुत ज़्यादा असर होता है जैसे आप परेशान हो जाते हैं या आपकी कंसंट्रेशन पॉवर कम हो जाती है?
9.    क्या आपको बदलाव को अपनाना मुश्किल लगता है?
10.    जब आप बच्चे थे तो क्या आपके पेरेंट्स या टीचर्स ने आपसे कहा कि आप बहुत ज़्यादा सेंसिटिव हैं?
11.    क्या आपको किसी भी कम्पटीशन में या जब आप कोई काम कर रहे हों और  कोई आपको गौर से देख रहा हो तो आप नर्वस हो जाते हैं?

12.    जब लोग आपको एक साथ कई काम करने के लिए कहते हैं तो आपको झुन्झुलाहट या नाराज़गी महसूस होती है?

अगर ज़्यादातर सवालों के लिए आपका जवाब हाँ है तो इसमें कोई शक नहीं कि आप एक हाइली सेंसिटिव इंसान हैं. अगर आपका जवाब ना है तो भी हमारे साथ बने रहिए क्योंकि हो सकता है कि आपके परिवार में या आपका कोई दोस्त ऐसा हो जो बहुत ज़्यादा सेंसिटिव हो, तो आपको उसे बेहतर समझने में मदद मिलेगी.

हाई सेंसिटिविटी की क्वालिटी आपको दूसरों के साथ ज़्यादा सहानुभूति रखना और उनकी फीलिंग्स को ज़्यादा समझना सिखाएगी. ये आपको अपने रिश्तों और अपने आस-पास के लोगों के साथ बातचीत में सुधार करने में मदद करेगी.

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The Facts About Being Highly Sensitive

हम हाई सेंसिटिविटी की क्वालिटी को “DOES” शब्द की मदद से समझ सकते हैं जहां D का मतलब है Depth of processing यानी गहराई से चीज़ों को समझना और देखना. जो लोग बहुत ज़्यादा सेंसिटिव होते हैं वो छोटी से छोटी बात पर भी बहुत गौर करते हैं. उन्हें डिसिशन लेने में और रियेक्ट करने में समय लगता है क्योंकि वो बहुत गहराई से इनफार्मेशन को समझने की कोशिश करते हैं. हाइली सेंसिटिव पीपल यानी HSP वालों का सिक्स्थ सेंस या इन्टुईशन, जिसे हम चीज़ों को भांपने की पॉवर कहते हैं, वो भी औरों के मुकाबले स्ट्रोंग होती है.

अगर आप एक HSP हैं तो क्या आप कभी ऐसी सिचुएशन में रहे हैं जहां आपको पता था कि क्या होने वाला है? अगर हाँ, तो उसे ही इन्टुईशन कहते हैं. यहाँ तक कि अगर आपको उस बारे में कुछ पता ना भी हो तब भी आपने हर इनफार्मेशन को गौर से समझा और आपको उसका जवाब मिल गया.

इन्टुईशन का मतलब ये भी है कि आपको अपना पास्ट अच्छी तरह से याद है तो अगर कोई घटना दोबारा हो तो आप ख़ुद को तुरंत सावधान कर सकते हैं.

अब अगले अल्फाबेट की ओर बढ़ते हैं जो है O जिसका मतलब है Overstimulation. HSP किसी भी तरह के stimulus के प्रति ज़्यादा सेंसिटिव होते हैं. जो भी चीज़ आपको उकसा दे या उत्तेजित कर दे उसे stimuli कहते हैं. ये फैक्टर आपके अंदर से आ सकता है जैसे भूख, दर्द, यादें, आईडिया. ये बाहर से भी आ सकता है जैसे रौशनी, स्मेल, आवाज़ या लोगों के साथ मिलना जुलना या बातचीत करना. HSP हर चीज़ औरों से कुछ ज़्यादा महसूस करते हैं इसलिए वो ज़्यादा उत्तेजित हो जाते हैं.

एग्ज़ाम्पल के लिए, आप अपने दो करीबी दोस्तों के साथ शहर घूमने गए. आपने पूरा दिन ख़ूबसूरत नजारों को देखते हुए बिताया. लेकिन शाम होते-होते आप पूरी तरह थक जाते हैं. वहीँ आपके दोनों दोस्त जो HSP नहीं हैं उनमें तो अब भी बहुत एनर्जी बाकी है और वो घर के बजाय नाईट क्लब में पार्टी करना चाहते हैं.

अक्सर ऐसी सिचुएशन में HSP गिल्टी महसूस करते हैं कि उनकी वजह से औरों का प्लान ख़राब हो जाएगा. लेकिन बिलकुल गिल्टी फील ना करें क्योंकि अगर आप थक गए हैं तो रेस्ट करना ज़्यादा अकलमंदी है. इसलिए आप उन्हें बाय कहकर घर लौट कर रिलैक्स कर सकते हैं. इसमें कोई abnormal  बात नहीं है. ज़ाहिर सी बात है कि इतनी थकान के बाद आप एक ऐसी जगह तो बिलकुल नहीं जाना चाहेंगे जहां लाउड म्यूजिक हो और neon लाइट्स चमक रहे हों.

अब चलते हैं E की ओर जिसका मतलब है सहानुभूति या हमदर्दी. क्या आप जानते हैं कि हमारे ब्रेन में मिरर नयूरोंस होते हैं? कई साइंटिस्ट्स ने इनके होने की बात को साबित किया है. मिरर नयूरोंस हमें उस इंसान के व्यवहार की नक़ल करवाता है जिनसे हम बात करते हैं. HSP लोगों में मिरर नयूरोंस ज़्यादा एक्टिव होते हैं. वो दूसरों की भावनाओं को सिर्फ़ देखते ही नहीं बल्कि ख़ुद उसे महसूस भी कर सकते हैं.

एक एक्सपेरिमेंट में, HSP लोगों को कुछ अजनबियों की तस्वीर दिखाई गई जिनमें से कई  खुश, दुखी या परेशान थे. ब्रेन स्कैन करने पर पता चला कि तस्वीर देखने के बाद हाइली सेंसिटिव लोगों के मिरर नयूरोंस एक्टिव हो गए थे. इसके साथ-साथ ब्रेन के दूसरे हिस्से भी एक्टिवेट होने लगे जिसका मतलब था कि HSP उन लोगों की मदद करने के लिए या उन्हें बेहतर महसूस करवाने के लिए कुछ ना कुछ करना चाहते थे.

HSP लोगों में बहुत हमदर्दी होती है. दूसरे क्या महसूस कर रहे हैं वो अच्छे से समझ सकते  हैं और महसूस कर सकते हैं. वो हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए आतुर रहते हैं. E का मतलब emotional reactivity भी है. किसी भी इमोशन जैसे ख़ुशी, निराशा, गिल्ट का HSP पर बहुत गहरा असर होता है.

एक HSP को डिप्रेशन होने की ज़्यादा संभावना भी होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि वो उदासी या अकेलेपन को बहुत गहराई से महसूस करते हैं. जब किसी HSP का फेलियर से सामना होता है तो वो उस निराशा और हार को लंबे समय तक याद रखता है. इस कारण  इस बात की संभावना कम हो जाती है कि वो एक ही गलती को बाद में कभी दोहराएंगे. जब कोई HSP सक्सेस अचीव करता है तो वो फीलिंग भी उसके लिए बहुत गहरी होती है. इसलिए HSP उस फीलिंग को दोबारा महसूस करने के लिए सक्सेस पाने के और तरीके खोजने लगता है ताकि वो सक्सेस और ख़ुशी के इमोशन को फ़िर से महसूस कर सके.

अब आते हैं S पर जिसका मतलब है सेंसिंग द सटल (subtle). HSP किसी भी चीज़ के हलके से हलके सिग्नल को भी समझ जाते हैं जैसे बॉडी मूवमेंट, आवाज़ का टोन, चेहरे का एक्सप्रेशन वगैरह. एक HSP किसी भी ग्रुप में जाकर बड़ी जल्दी भांप लेता है कि कौन uncomfortable फील कर रहा है, किसे मज़ा आ रहा है या उनमें से ऐसा कौन है जो फ़ेक और नकली है.

लोगों के साथ बातचीत करते समय ये आर्ट बहुत काम आ सकती है क्योंकि HSP समझ जाते हैं कि कौन झूठ बोल है या कौन उदास है. इस तरह, HSP किसी भी ग्रुप में झगड़े को रोकने में मदद कर सकते हैं.

अगर आप एक HSP हैं तो आपके पास इन्टुईशन, क्रिएटिविटी, हमदर्दी और सतर्कता जैसी  अनमोल qualities हैं. कई सेंसिटिव लोग इस बात से शर्मिंदा महसूस करते हैं कि वो इतने भावुक क्यों हैं, तो मैं आपको बता दूं कि आप बिलकुल नार्मल हैं. सच पूछें तो आप ऐसे कमाल के और यूनिक इंसान हैं जिसके पास दुनिया को देने के लिए बहुत सारा टैलेंट और क्रिएटिविटी है. ट्रिक बस आपके रिएक्शन को कंट्रोल करने में छुपा है.

जब भी आप थकान या स्ट्रेस महसूस करते हैं तो ब्रेक लेना बिलकुल ठीक है. किसी ऐसी जगह की तलाश करें जहां आप अपने विचारों के साथ कुछ समय अकेले बिता सकें.

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