(hindi) The Five Orange Pips
जब मै अपने नोट्स और सन 82 से 90 के दौरान शर्लाक होम्स के केसों का रिकार्ड्स देखता हूँ, तो मेरे माइंड में ऐसे कई केस आते है जो अपने आप में बेहद अजीबो-गरीब और इतने दिलचस्प थे कि किसे याद रखे और किसे छोड़े, ये डिसाइड करना मुश्किल हो जाता है. हालाँकि कुछ केसेस ऐसे थे जिन्हें न्यूज़पेपर के थ्रू काफी पब्लिसिटी मिली थी जबकि कुछ ऐसे भी थे जिन्हें सोल्व करने के लिए उस लेवल का दिमाग नहीं चाहिए था जिस लेवल का इंटेलीजेन्स मेरे फ्रेंड होम्स के अंदर है,
हाँ ये और बात है कि पेपर्स में इन किस्सों की भी बढ़-चढ़के चर्चा हुई थी. वैसे होम्स के सामने ऐसे भी केसेस आये थे जिसने उसका दिमाग हिला रख दिया था, जो बिना किसी कन्क्ल्यूजन के ही खत्म हो गये थे जबकि कुछ केसेस एकदम क्रिस्टल क्लियर की तरह साफ़ थे, उनके बारे में कोई भी शक और अंदाजा लगा सकता था, उनमे ना किसी लोजिकल प्रूफ की जरूरत थी और ना ही ज्यादा दिमाग खपाई की जोकि मेरे फ्रेंड को बड़ी पसंद थी. खैर, इनमे से एक लास्ट केस ऐसा भी था जो बेहद अनोखा और आखिर में इतना चौंकाने वाला था कि मै इसके बारे में बताने से खुद को रोक नही पा रहा, बावजूद इसके कि इस केस में कुछ ऐसे पॉइंट्स थे जो ना तो कभी क्लियर हो पाये थे और शायद ना ही कभी होंगे.
साल 87 की बात है, इस साल हमारे पास एक के बाद एक कई केसेस आये थे, कोई कम तो कोई ज्यादा दिलचस्प. मैंने इन सब केसेस का रिकॉर्ड बना रखा है. इन बारह महीनो के रिकार्डेड केसों में से एडवेंचर पाराडोळ चैम्बर के केस अमेटर मेंडीकेंट सोसाईटी (Paradol Chamber, of the Amateur Mendicant Society) का केस जिनका फर्नीचर वेयरहाउस के ग्राउंड फ्लोर पर एक बड़ा ही शानदार क्लब है, जहाज कंपनी ब्रिटिश बर्कुए सोफी एंडरसन जोकि उफ्फा आईलैंड के ग्रिचे पैटरसंस के अपने पहले ही एडवेंचर में हादसे का शिकार हो गयी थी, और आखिर में केम्बरवेल पोइजनिंग केस काफी हैरान करने वाले रहे थे.
लास्ट वाले में खासकर शेर्लोक होम्स ने डेड मेन की घड़ी से ही पता लगा लिया था कि उसकी मौत दो घंटे पहले हो चुकी है, जिसका मतलब था कि विक्टिम उसी दौरान सोने के लिए गया था- दरअसल इस केस को सोल्व करने में टाइम का सही अंदाजा लगाना काफी इम्पोर्टेंट था. ये सब शायद मै कभी फ्यूचर में डिटेल्स के साथ शेयर करूं पर इनमे से कोई भी उतना स्ट्रेंज नहीं लगा जितना कि ये वाला है, जिसके बारे में अब मै डिसक्राइब करने जा रहा हूँ.
ये सितम्बर के आखिरी दिनों की बात थी. समुंद्र में जोरो का तूफ़ान आया हुआ था. दिनभर जोरो की हवा चलती थी. और खिडकियों पर बारिश की बूंदे बड़ी तेज़ आवाज़ के साथ गिरती थी. मौसम इतना खराब था कि हम लंदन जैसी ग्रेट सिटी में रहते हुए हमे ये एहसास होता है कि जिंदगी में रोजमर्रा के अलावा भी कई और ऐसी चीज़े है जो हमारे कण्ट्रोल के बाहर है. कुदरत इंसान से कहीं ज्यादा ताकतवर है और कई बार उसे इस कदर हैरान और परेशान कर देती है जैसे पिंजरे में बंद कोई जंगली जानवर जो आसानी से काबू में नही आता.
जैसे-जैसे शाम हो रही थी, तूफ़ान और भी खतरनाक और तेज़ होता जा रहा था. हवा की आवाज़ ऐसे लगती थी जैसे रात के वक्त कोई बच्चा सुबक-सुबक कर रो रहा हो. शर्लाक होम्स फायरप्लेस के पास एक कोने में बैठा अपने रिकार्ड्स ऑफ़ क्राइम पर क्रोस इंडेक्स कर रहा था जबकि मै दुसरे कोने में बैठा क्लार्क रुस्सेल की बेस्ट सी स्टोरीज़ पढ़ रहा था कि तभी तूफ़ान के गरजने की आवाज़ मेरे कानो से टकराई और झमाझम बारिश की बूंदे गिरने लगी. मेरी वाइफ अपनी माँ के घर गयी हुई थी इसलिए कुछ दिनों के लिए मै अपने बेकर स्ट्रीट वाले पुराने घर में एकदम अकेला था.
“क्यों”? मैने अपने साथी यानी होम्स की तरफ देखते हुए पूछा” लगता है किसी ने बैल बजाई है. रात के वक्त कौन हो सकता है? तुम्हारा कोई फ्रेंड तो नहीं आया?’
“तुम्हारे सिवा मेरा कोई और दोस्त नही है, और मेहमानो से मै दूर ही रहता हूँ” होम्स ने जवाब दिया.
“तो फिर कोई क्लाइंट होगा?’
“ऐसी बात है तो फिर कोई सिरियस केस होगा. वर्ना इतनी रात गए कौन आएगा? पर मुझे लगता है शायद मकान मालकिन का कोई खास दोस्त होगा.
पर शेर्लोक होम्स का अंदाजा गलत निकला. पैसेज में किसी के कदमो की आहट सुनाई दे रही थी और दरवाजा खटखटाने की आवाज़ भी आ रही थी. उसने अपना हाथ बढ़ाकर लैंप की रौशनी खाली चेयर पर डाली जिस पर मेहमान बैठने वाला था.
“आ जाओ!” होम्स ने जवाब दिया.
एक हैण्डसम और गुडलुकिंग बीस-बाईस साल का दिखने वाला नौजवान अंदर आया जो अपने कपड़ो और हाव-भाव से अच्छे घर का लग रहा था. उसने हाथ में एक छाता पकड़ा हुआ था जिससे बारिश का पानी बह रहा था, और उसके लंबे वाटरफ्रूफ कोट की हालत देखकर साफ पता चलता था कि बाहर का मौसम किस कदर खराब था. उसने थोड़ी उत्सुकता से लैंप की रौशनी में होम्स की तरफ देखा. मैंने उस लड़के की तरफ गौर से देखा. उसके चेहरे के पीलेपन और आँखों की बैचेनी देखकर लगता था जैसे वो किसी बड़ी मुसीबत में है.
“मै आपसे माफ़ी मांगना चाहता हूँ” उसने अपना गोल्डन चश्मा आँखों पर रखते हुए होम्स से कहा. “इस वक्त आकर मैंने आपको तंग तो नहीं किया, देखिए ना मेरे कपड़े एकदम भीगे हुए है, आपके रूम में पानी-पानी हो गया’
”
“कोई बात नहीं, लाइए मुझे अपना कोट और छाता दे दीजिए” होम्स बोला. “मैं इन्हें यहाँ टांग देता हूँ, थोड़ी देर में खुद सूख जाएंगे. आप साउथ वेस्ट की तरफ से आये है ना?’
“हाँ, होर्श्म से” (Horsham.” ) उसने जवाब दिया.
“दरअसल आपकी कैप में मिट्टी और चाक दूर से ही दिख रही है इसलिए मैंने अंदाजा लगाया”
“मै आपके पास एक एडवाइस लेने आया हूँ”
“वो तो आपको आराम से मिल जायेगी” होम्स बोला
“और मदद?’
“वो हमेशा इतनी ईजीली नहीं मिलती”
“पर मैंने आपका काफी नाम सुना है मिस्टर होम्स. मैंने मेजर प्रेंडरगास्ट (Major Prendergast ) से आपकी बड़ी तारीफ सुनी है कि कैसे आपने उन्हें टैंकर विले क्लब स्कैंडल में बचाया था”
“आह, याद आया, उन्हें कार्ड्स की चीटिंग में गलत फंसाया गया था”
“उनका कहना है कि आप कोई भी केस सोल्व कर सकते हो.”
“अरे नहीं! वो कुछ ज्यादा ही बोल रहे है”
“और उन्होंने ये भी कहा कि आपको कोई हरा नही सकता”
“ऐसा नहीं है, मै चार बार हारा हूँ- तीन बार आदमियो से और एक बार एक औरत से” I
“लेकिन जिस हिसाब से आपने केस सोल्व किये है, इतना तो चलता है”
“हाँ ये बात सच है कि मैंने ज्यादातर केस सोल्व किये है”
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“तो शायद आप मेरा केस भी सोल्व कर सके”
“आप प्लीज़ अपनी कुर्सी आग के करीब रख कर बैठ जाइए और आराम से पूरा किस्सा बताइए”
“ये कोई मामूली किस्सा नही है”
“मेरे पास जो केस आए थे वो भी मामूली नही थे. सब मेरे पास आखिरी उम्मीद लेकर ही आये थे.
“फिर भी मुझे शक है सर कि जितने भी केस आपने अब तक सोल्व किये है, उनमे कोई भी किस्सा इतना हैरतअंगेज और अजीब नहीं हो सकता जितना अजीब हमारी फेमिली का ये किस्सा है”
“ ओह अच्छा! फिर तो मामला दिलचस्प लगता है. आप सारी बातें खुलकर बताओ, उसके बाद मै आपसे कुछ जरूरी सवाल करूंगा” होम्स ने उसे कहा.
वो लड़का अपनी कुर्सी आग के और पास खींच लाया और पैर फैलाकर आराम से बैठ गया.
“ठीक है तो मै शुरू करता हूँ. मेरा नाम जॉन ओपनशॉ है पर मुझे लगता है कि मेरे नाम का मेरे इस अजीब से किस्से से कोई ख़ास लेना-देना नहीं है. ये हमारा खानदानी मामला है तो आपको सारे फैक्ट्स से रूबरू कराने के लिए मै आपको शुरुवात से सब कुछ बताता हूँ”
“मेरे दादाजी के दो बेटे थे- मेरे अंकल एलिअस और मेरे फादर जोसेफ. कोवेंट्री में मेरे फादर की एक छोटी सी फैक्ट्री थी जो बाद में बाईस्किल के इन्वेंशन के बाद अच्छी-खासी चलने लगी थी. मेरे फादर ने ओपनशॉ अनब्रेकेबल टायर का पेंटेंट करवाया था जिससे उनका बिजनेस कई गुना बढ़ गया था. बाद में मेरे फादर ने अपना बिजनेस अच्छे-खासे दामों में बेच दिया और रीटायरमेंट ले ली.
“वहीँ मेरे अंकल एलिअस अपनी जवानी के दिनों में ही अमेरका चले गए और फ्लोरिडा में एक प्लांटर बन गए. फ्लोरिडा में मेरे अंकल का बिजनेस भी काफी अच्छा चल रहा था. वॉर के वक्त वो जैकसन की आर्मी की तरफ से वॉर पर गये थे और उसके बाद हुड के अंडर में लड़े जहाँ उनकी प्रोमोशन हुई और उन्हें कर्नल बना दिया गया था. जब ली ने अपनी आर्मी हटाई तो मेरे अंकल वापस अपने प्लान्टेशंन के बिजनेस में लौट आये जहाँ वो तीन या चार साल रहे. 1869 या 1870 के दौरान मेरे अंकल योरोप वापस आ गए और होर्शम के पास ससेक्स में एक छोटा सा एस्टेट खरीदा. स्टेट बिजनेस से अंकल ने काफी अच्छा बिजनेस किया.
और उसे छोड़ने का उनके दो रीजन थे, एक तो उन्हें नीग्रो पंसद नही थे और दूसरा उन्हें रीपब्लिकन पॉलिसी से प्रोब्लम थी जो अपनी फ्रैंचाइज़ी बढ़ाना चाह्ते थे. मेरे अंकल अनमैरिड थे, उन्हें गुस्सा जल्दी आता था, और सबसे बड़ी बात तो ये थी कि जब तक वो होर्शम में रहे, उन्होंने कभी शहर में पैर तक नही रखा. उनके घर के आस-पास तक बड़े-बड़े दो-तीन खेत फैले हुए हे और उनके घर के आगे एक बड़ा सा गार्डन भी था जहाँ वो कभी-कभी एक्सरसाइज़ करते थे वर्ना ज्यादातर वो अपने कमरे में ही रहना पसंद करते थे. उन्हें ब्रांडी का और स्मोकिंग का शौक था और वो अकेले ड्रिंक एन्जॉय करते थे, ना उनका कोई फ्रेंड था और ना ही उन्हें किसी की जरूरत थी, यहाँ तक कि अपने भाई की भी नही.
“पर मेरे अंकल को मुझसे कोई प्रोब्लम नही थी इन फैक्ट वो मुझे काफी पसंद करते थे. फर्स्ट टाइम जब उन्होंने मुझे देखा था, मै कोई बारह या तेरह साल का रहा हूँगा. ये 1878 की बात है उसके बाद वो कोई आठ या नौ साल तक इंग्लैण्ड में रहे. उन्होंने मेरे फादर से रिक्वेस्ट करी कि मुझे उनके साथ रहने दे. ये उनका एहसान था मुझ पर. जब वो अच्छे मूड में होते थे तो मेरे साथ बैकगैमन और ड्राफ्ट्स खेला करते थे. उन्होंने मुझे घर के नौकर-चाकरों और अपने बिजनेस से रिलेटेड लोगो के साथ डील करना सिखाया था, जिसकी वजह से सोलह का होते-होते मै घर के मामलो में एकदम एक्सपर्ट हो गया था.
घर की सारी चाबियां मेरे पास रहती थी, मुझे जो अच्छा लगता वही करता था, जहाँ मन होता, वहां जाता था, कुल मिलाकर मै अपनी मर्ज़ी का मालिक था और मेरी वजह से अंकल की प्राइवेसी ज़रा भी डिस्टर्ब नही होती थी. मुझे बस एक चीज़ की मनाही थी, और वो थी कि मुझे एटिक के एक खास कमरे में जाने की ईजाजत नही थी, मुझे तो क्या उस रूम में किसी को भी जाने की परमिशन नही थी. मै जितना उस कमरे के बारे में सोचता, उतनी ही मेरी बेकरारी बढती जाती. कई बार तो मै की-होल से कमरे के अंदर देखने की कोशिश करता था, पर वहां सिवाए पुराने धुल खाए संदूको के और कुछ नजर नही आता था.
“साल 1883, मार्च के महीने की बात है. एक दिन मैंने कर्नल की टेबल पर एक फॉरेन स्टैम्प लगा एक लैटर देखा. मेरे अंकल को बहुत कम लैटर आते थे क्योंकि एक तो वो अपने बिल्स टाइम पे भर देते थे तो और दूसरा उनके दोस्त ना के बराबर थे. तो उन्हें भला कौन लैटर लिखता?
“इंडिया से आया है” उन्होंने टेबल से लैटर उठाते हुए मुझसे कहा.
“पोंडीचैरी का पोस्टमार्क! क्या हो सकता है ये?’
मैंने जल्दी से लिफाफा फाड़ा तो उसके अंदर से संतरे के पांच सूखे बीज निकले जो अंकल की प्लेट पर बिखर गए. मुझे जोरो की हंसी आ गई पर तभी अंकल के चेहरे पर नजर पड़ते ही मेरी हंसी रुक गयी. अंकल का चेहरा डर से सफेद पड़ गया था, उनके होंठ लटक गये थे, आँखे फ़ैल कर बड़ी हो गयी थी. वो लिफाफे को घूर रहे थे जो उन्होंने अपने काँपते हुए हाथो में पकड़ा हुआ था.
“के, के, के”” अंकल के गले से एक सहमी हुई सी आवाज़ निकली. वो खुद से बडबडा रहे थे” ओह माई गॉड! ओह माई गॉड! आखिर मुझे अपने पापों की सजा मिल ही गयी” ‘
“‘क्या हुआ अंकल! आप ठीक तो है” मैं उनकी हालत देखकर घबरा गया था.
“‘मौत” उन्होंने बस इतना कहा और अपने रूम में चले गए. मै हैरान-परेशान सा वही खड़ा रह गया. मैंने वो लिफाफा पकड़ा और गौर से देखा, उसके इनर साइड में लाल इंक से तीन बार “के” लिखा हुआ था. लिफाफे के अंदर से सूखे हुए बीजो के अलावा और कुछ नहीं निकला था. इस लिफ़ाफ़े और अंकल के इस डर का वजह क्या थी? मै ब्रेकफ़ास्ट टेबल से उठा और अभी सीढियों तक पहुंचा ही था कि अंकल अपने रूम से नीचे आते दिखे. उनके हाथ में एक पुरानी सी जंग लगी चाबी थी, मुझे पूरा यकीन था कि ये चाबी एटिक वाले कमरे की ही होगी. उन्होंने अपने दूसरे हाथ में कैशबॉक्स टाइप का एक छोटा सा पीतल का बॉक्स पकड़ा हुआ था.
“‘उन्हें जो करना है करे, पर मै भी चुप नहीं बैठूंगा” अंकल कसम खाने वाले अंदाज में खुद से बोले.
“मैरी को बोल दो कि आज रात मेरे रूम में आग जलाकर रखे, और किसी को होर्शम के वकील फोर्द्हम को बुलाने भेज दो”
मैंने वही किया जैसा अंकल का ऑर्डर था. जब वकील आया तो अंकल ने मुझे अपने रूम में आने को बोला. आग बड़ी तेज़ जल रही थी और गेट के पास ही एक बड़ा सा राख का ढेर पड़ा था जैसे किसी ने बहुत सारे कागज जलाए हो. पास ही में पीतल का बॉक्स खुला रखा था जो अंदर से खाली था. मैंने बॉक्स की तरफ देखा तो नोटिस किया की उसके ढक्कन पर “के” लैटर प्रिंट है वैसा ही जैसा मैंने सुबह लिफाफे पर देखा था.