(hindi) The Courage Habit: How to Accept Your Fears, Release the Past, and Live Your Courageous Life
इंट्रोडक्शन
अगर मै आपसे पूंछू क्या आप ब्रेव हो, तो आपका जवाब क्या होगा?
ब्रेव होने का मतलब सिर्फ ये नहीं कि हम कुछ डिफरेंट करे या कहीं किसी खतरनाक ट्रिप पर जाएँ बल्कि ब्रेव होने का मतलब है कि हम अपनी लाइफ के हर पार्ट को पूरी ईमानदारी और सच्चाई के साथ जिएँ।
इस किताब से हम सीखेंगे कि जिंदगी को सच्चाई और बहादुरी के साथ कैसे जिया जाये. ये किताब उन कॉन्सेप्ट्स को एक्सप्लेन करती है और हर चैप्टर में हमे प्रेक्टिकल एक्सरसाइज़ देती है.
सबसे पहले आपको अपनी आत्मा में गहराई से झांक कर देखना होगा कि’ आप असल में हो कौन और आपकी जिंदगी का मकसद क्या है. ये जानना बेहद जरूरी है कि हम जिंदगी से क्या हासिल करना चाहते है.
और जब आपको मालूम हो जाए कि आपको लाइफ से क्या चाहिए तो आप अपनी तीन प्राईमरी फोकस और तीन कॉमन डर को आइडेंटीफाई करना सीखोगे जो आपको अपनी सच्चाई तक पहुँचने से रोक रहे है.
फिर आप सीखोगे कि अपना बॉडी स्कैन कैसे करना है ताकि आप अपने डर को कण्ट्रोल कर सको और इसे खुद पर हावी होने से रोक सको. अपने डर का सामना करते ही आप बिना अटैच हुए अपने मन की आवाज़ सुनने लगोगे.
ये किताब हमे एक और चीज़ भी सिखाती है, कि हमे अपनी लिमिट पहचान कर उन्हें अपनी ताकत बनाना है.
और एक लास्ट प्रिंसिपल जो हम यहाँ सीखेंगे कि कैसे अपने दोस्त बनाये जो हमे जिंदगी के हर मोड़ पर सपोर्ट करे और हमारी हैबिट चेंजिंग जर्नी में हमारा साथ दे.
आपके सबसे डेयरिंग ड्रीम को पूरा करने के लिए ये बुक आपकी जर्नी बनेगी, तो आइये फर्स्ट स्टेप से हम इस जर्नी की शुरुवात करते है.
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Your Most Courageous Self
इस चैप्टर को शुरू करने से पहले आपसे एक सवाल का जवाब जानना है: क्या अभी आपकी लाइफ में ऐसा कुछ है जिससे आप खुश नहीं हो ? असल में हो सकता है कि आप खुद में, अपने काम में या अपने रिलेशनशिप की ऐसी एक दो चीज़े हो जिन्हें आप बदलना चाहते हो.
आपने शायद नोटिस किया होगा कि आपकी बॉडी आपको हिंट या क्लू दे रही है. ये आपसे कहना चाहती है कि आप अभी अपने हालात से खुश नहीं हो लेकिन आप है कि अपने बॉडी सिग्नल को इग्नोर करते रहते है क्योंकि बदलाव का ख्याल ही हमारे लिए डरावना और मुश्किल है.
शायद आप भी बड़े सपने देखते हो पर आपके अंदर एक आवाज़ आपसे यही कहती है कि आपको रियेलस्टिक होना चाहिए. आपकी प्रोब्लम का एक ही सोल्यूशन है कि आप खुद को बेहतर तरीके से समझो और ये सोचो कि आप लाइफ से आखिर चाहते क्या हो?
अगर आपने इन सवालों के जवाब ढूंढ लिए तो समझ लो कि आप फर्स्ट टाइम अपने मोस्ट करेजियस सेल्फ से मिलोगे फिर अपने ड्रीम तक पहुँचने के लिए आप प्रेक्टिकल स्टेप्स प्लान कर सकते हो.
चलिए हम शे (Shay) की कहानी सुनते है जो एक योगा टीचर है और वो काफी वक्त से ट्रेडिशनल योग मेथड फोलो करती आ रही है. एक दिन करेज हैबिट पर वर्क शॉप अटेंड करने के बाद शे ने कुछ ऐसा रियलाइज़ जिसने उसकी लाइफ को पूरी तरह से बदल के रख दिया.
वैसे हर योगा क्लास के बाद शे को हमेशा एक ही रीमार्क मिलता था. हर क्लास के एंड में वो अपने स्टूडेंट्स को बोलती थी अपना पोज़ मत भूलना” और फिर क्लास खत्म हो जाती. लेकिन शे अंदर से कुछ और थी. वो जैसी स्ट्रोंग और तेज़ थी वही चीज़ वो अपने योग क्लास में लाना चाहती थी.
अपने मोस्ट करेजियस सेल्फ से एक ऑनेस्ट टॉक करने के बाद उसने डिसाइड कर लिया कि उसे अपनी योगा क्लास में चेंज लाना है. शे ने एक लेदर जैकेट खरीदी, जैसी लोग अक्सर मोटरसाइकल ड्राइव करते वक्त पहनते है. उस दिन शे एक नए एटीट्यूड के साथ क्लास में आई.
उसने अपने स्टूडेंट्स को उस दिन ऐसे योगा पोज ट्राय करने को बोला जो उन्हें पसंद नही थे और मुश्किल लगते थे. पर शे ने उन्हें करेजियस बनने और अपनी लिमिटेशन को चैलेन्ज करने के लिए मोटिवेट किया.
किसी ने भी शिकायत नही की, सब चुपचाप उन पोज की प्रेक्टिस करने लगे जो शे ने उन्हें करने को बोले थे, किसी ने ये नही बोला कि शे उनसे जबर्दस्ती योगा पोजेस करवा रही है. शे के स्टूडेंट्स उसे काफी पसंद करते थे और उन्हे अच्छा लगा कि शे उन्हें अपनी लिमिट से बढ़कर कुछ करने के लिए मोटिवेट कर रही थी.
और नतीजा ये हुआ कि शे की योगा क्लास लोगो में पोपुलर हो गई, उसके पास हमेशा योगा सीखने वालो की भीड़ लगी रहती थी.
शे की स्टोरी इस बात का प्रूफ है कि लाइफ में चेंज लाने के लिए सिर्फ अपना नजरियाँ चेंज करने की जरूरत है. हालाँकि शे चेंज से घबराती थी पर वो आगे बढ़ी और उसने वही किया जो वो हमेशा से करना चाहती थी.
क्योंकि वो खुद को अच्छे से समझ चुकी थी और ये भी जान चुकी थी कि उसे क्या करना है. शे अपनी मोस्ट करेजियस लाइफ जीने के लिए जरूरी स्टेप्स लेने को तैयार थी.
आप भी इस सिंपल एक्सरसाइज़ से अपने मोस्ट करेजियस सेल्फ को ढूंढ सकते है. पहले बैठ जाओ और फिर सोचो कि आपकी लाइफ का वो कौन सा दिन था जिस दिन आपने फ्रीडम का सबसे ज्यादा एहसास हुआ था. जिस दिन आपको लगा कि आप जो चाहे कर सकते हो और जो चाहे बन सकते हो. जो आपने देखा और फील किया उसे एक पेपर पर लिखो. ये लिखो कि आप अपनी लाइफ बिना किसी लिमिटेशन के कैसे जीना चाहते हो.
आप अपनी लाइफ के हर एस्पेक्ट में ये एक्सरसाइज़ प्रेक्टिस कर सकते हो. शान्ति से बैठकर सोचो और अपनी जिंदगी की तीन मोस्ट प्राइमरी फोकस के बारे में लिखो जिन्हें आप चेंज करना चाहते हो. यही तीन प्राइमरी फोकस होंगे जिन पर आप इस पूरी बुक को पढने के दौरान ध्यान देंगे.
तो चलिए स्टार्ट करते है.
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Habits and Courage
क्या आपको याद है लास्ट टाइम कब आपने कोई नई हैबिट डालने की कोशिश की थी और आपकी इनर voice आपसे बार-बार कह रही थी कि ये चीज़ पॉसिबल नहीं है? वेल, हमारी ये इनर voice हमेशा ही हमे पीछे धकेलती है.
अपनी मोस्ट करेजियस लाइफ जीने की कोशिश करते वक्त आपको डर भी लगेगा और आपके अंदर कई सारे डाउट्स भी आयेंगे. ये डर आपके ओल्ड पैटर्न्स और रूटीन को वापस आने के लिए ट्रिगर करेगा और आपको सक्सेसफुल नही होने देगा. ऐसी हालत में आपको ये देखना होगा कि कहीं आपका डर आपको चेंज लाने से रोक तो नहीं रहा.
हमारे अंदर जो डर होता है उसके अलग-अलग रूप हो सकते है. जैसे कि आपको मेमोरी लोस हो सकती है या अचानक से थकावट या बीमार होने की फीलिंग आ सकती है. हमारा डर कैसे काम करता है, ये जानने के लिए याद करो जब लास्ट टाइम आपने चेंज करने की कोशिश की थी पर आप नहीं कर पाए थे. ऐसी क्या वजह थी जो आप सक्सेसफुल नहीं हो पाए?
चलिए इस कहानी से सीखने की कोशिश करते है.
यास्मिन एक आर्टिस्ट है. कई सालो से वो अपने किचेन के एक कोने में आर्ट की प्रेक्टिस करती आ रही है पर उसे अपना खुद का स्टूडियो खोलने से डर लगता है. अपना खुद का एक स्टूडियो किराए पर लेने के ख्याल से ही उसे घबराहट होने लगती है क्योंकि यास्मीन ने कभी भी खुद को एक प्रोफेशनल आर्टिस्ट के तौर पर नहीं देखा था. वो खुद को सीरियसली नहीं लेती थी.
पर करेज हैबिट के बारे में जानने के बाद यास्मीन ने अपने आर्ट को सिरियसली लेने के बारे में सोचा, उसने डिसाइड किया कि वो इस बारे में जरूरी स्टेप्स लेगी. और उसने एक प्रोफेशनल स्टूडियो रेंट पर लेने का फैसला कर लिया. वो अब लार्ज स्केल पेंटिंग्स के साथ-साथ मुरल्स भी बनाना चाहती थी और इसलिए उसे एक बड़ी जगह की जरूरत थी.
उसकी ख़ुशी और एक्साईटमेंट का ठिकाना नहीं था पर जैसे ही उनसे स्टूडियो में कदम रखे उसकी ख़ुशी छू-मंतर हो गई. उसने देखा कि वेयरहाउस कई सारे क्यूबिकल्स में बंटा था और हर क्यूबिकल किसी ना किसी आर्टिस्ट ने रेंट पर ले रखा था. यानी वहां पहले से ही कई सारे आर्टिस्ट काम करते थे.
यास्मीन इनसिक्योर फील करने लगी, उसे डर था कि इतने सारे आर्टिस्ट के बीच उसकी अपनी पहचान कहीं खो कर रह जाएगी. उसने अंदर का डर कह रहा था कि वो रियल आर्टिस्ट नही है इसलिए उसका वहां कोई काम नही है. उसे अपना फैसला समय की बर्बादी लग रहा था, और वो वहां से तुंरत बाहर निकली और फिर कभी लौटकर नही गई.
यास्मीन के अंदर का डर उस पर हावी हो गया था. उसे पता नहीं था कि उसके डर ने उसे पीछे खींचा है और उसे अपना सपना पूरा करने से रोका है. अगर आप इस बात को नहीं समझोगे कि कैसे हमारा डर हमारे पुराने लिमिटिंग पैटर्न को ट्रिगर करता है, तो यकीन मानो, आप कभी अपने सपनों तक नहीं पहुँच पाओगे.
आज और अभी उस ड्रीम के बारे में लिखो जो आप अचीव करना चाहते हो. खुद से ये सवाल करो: मुझे क्या रोक रहा है? क्यों मैंने अब तक ये सपना पूरा नही किया?
जब आपको साफ-साफ समझ आने लगेगा कि आपका डर ही आपकी प्रोग्रेस को रोक रहा है तो आप रीपीटीटिव पैटर्न्स नोटिस करने लगोगे. अपने तीन मोस्ट कॉमन फीयर्स चूज़ करो जो आपको रोकते है, और उन्हें एक पेपर पर लिख लो.
आने वाले चैप्टर में आप सीखोगे कि कैसे अपने मोस्ट कॉमन डर से डील करना है और अपनी लाइफ में वो चेंज लाने है जो आप चाहते हो. तो क्या रेडी है आप?