(Hindi) The Audacity of Hope Thoughts on Reclaiming the American Dream

(Hindi) The Audacity of Hope Thoughts on Reclaiming the American Dream

इंट्रोडक्शंन (Introduction)

क्या आपको पता है यू.एस. के प्रेजिडेंट बनने से पहले बराक ओबामा दो बार सीनेटर रह चुके थे? अबोर्शन और बॉर्डर कण्ट्रोल जैसे इश्यूज पर उन्होंने क्या स्टेंड लिया, क्या ये आप जानते है? क्या वो रिलिजियस है? कंज़र्वेटिव थिंकिंग वाले है या लिबरल? आपके माइंड में उठने वाले ऐसे तमाम सवालों के जवाब आपको इस बुक में मिलेंगे. इलएनॉय (Illinois) से जब वो सीनेटर थे उन्ही दिनों बराक ओबामा ने ओडासिटी ऑफ़ होप लिखी थी. जिन लोगो से वो मिले उनके बारे में और अपनी फेमिली, एक बैटर अमेरिका बनाने का उनका ड्रीम ये सब कुछ उन्होंने इस बुक में लिखा है. कुछ लोगो को लगता है कि वो अमेरिका के अब तक सबसे बेस्ट प्रेजिडेंट थे. बराक ओबामा यू.एस. के पहले बलैक प्रेजिडेंट थे ये तो सब जानते है लेकिन उनके बारे में और भी काफी कुछ आपको इस बुक से पता चलेगा.

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रीपब्लिकेशन और डेमोक्रेट्स (Republicans and Democrats )

बेशक ये कैपिटल का मोस्ट ब्यूटीफुल पार्ट ना हो लेकिन फिर भी सीनेट चैम्बर की ख़ूबसूरती देखने लायक है. इसकी लम्बी-चौड़ी वाल्स और टाल कॉलम्स (tall columns ) मार्बल के बने है. सीलिंग का कलर क्रीमी व्हाईट ओवेल है जिसमे आप सेंटर में अमेरिकन इगल् देख सकते है. 100 महोगनी डेस्क सेमी-सर्कल में लगी है. जिनमे से कुछ तो 1819 से यहाँ रखी है. अगर आप ड्राअर्स खोलोगे तो उसमे आपको उन होनरेबल मेंबर्स के नाम दिखेंगे जो यहाँ बैठ चुके है. केनेडी, लॉन्ग, टाफ्ट और बाकी दूसरो के भी सिग्नेचर आप देख सकते हो. कभी-कभी मै अपने उन ग्रेट सीनेटर्स को यहाँ पर इंसपायरिंग स्पीच देते हुए इमेजिन करता हूँ जिन्होंने इस कंट्री को बनाने में अपना कंट्रीब्यूशन दिया था. लेकिन आपको सुनके अजीब लगेगा कि मै और मेरे कलीग्स इस सीनेटर चैम्बर में मुश्किल से ही बैठते है और वो भी तब जब हमे अपना वोट डालना होता है.

उससे पहले हम बिल स्टडी करते है कि उन्हें कब पास करना है. हम अपने कमिटी चेयरमेन, स्टाफ और मेजोरिटी लीडर्स के साथ अमेंडमेंट्स डिस्कस कर लेते है. वोट के टाइम पर हमारी पोजीशन आलरेडी सॉलिड होती है क्योंकि हमारा स्टाफ, लॉबीइस्ट और इंटरेस्ट ग्रुप हमारे साथ होता है. वैसे हम लोग ज्यादा टाइम अपने ऑफिस में ही स्पेंड करते है. जहाँ पर हम लॉ की स्टडी करते है, अपने कॉल्स वगैरह अटेंड करते है और अपने कोंस्टीट्यूएन्ट्स (constituents) के साथ मीटिंग करते है. कभी-कभी हम लाइव इंटरव्यूज़ करने टेलीविजन स्टूडियो भी जाते है. हमारा वर्किंग डे नॉर्मली 12 से 13 घंटो का होता है. मुझे आज भी वो दिन याद है जब मैंने 109 कांग्रेस के लिए ओथ लिया था. काफी प्लीजेंट सनी डे था वो, मेरे फ्रेंड्स और फेमिली मेंबर्स मुझे सपोर्ट करने आये थे. मेरी दो बेटियाँ मालिया और साशा अपने खूबसूरत ड्रेसेस पहने हॉल के चक्कर काट रही थी.

मै और मेरी वाइफ मिशेल एक दुसरे का हाथ पकडे वाक् कर रहे थे. कांग्रेस की लाइब्रेरी में हमने अपने सपोर्टर्स के साथ कुछ क्वालिटी टाइम स्पेंट किया था. हम साथ में हंसे, आपस में हग किया, हैण्ड शेक किया और खूब सारी पिक्स खिचवाई. सबने हमे गुडलक विश किया. लेकिन सेरेमनी के बाद मै और मेरे कलीग्स अपने काम में लग गए. और हमे ये भी पता चला कि सीनेट डिवाइडेड है. रीपब्लिकंस और डेमोक्रेट्स के बीच हर इश्यू पर हमेशा ही डिसएग्रीमेंट रहता है. चाहे वो ईराक का इश्यू हो या फिर गे मैरिज. टेक्स से लेकर इमीग्रेशन, ट्रेड, अबोर्शन और एजुकेशन वगैरह जितने भी मैटर है, दोनों हमेशा एक दुसरे के अपोजिट रहते है. हम अपने डिसएग्रीमेंट के लिए डिसएग्री होते है. हम अपने डिसएग्रीमेंट के नेचर को लेकर डिसएग्री होते है और हम अपने डिसएग्रीमेंट के स्कोप को लेकर डिसएग्री होते है.

अब जैसे क्लाइमेट चेंज का इश्यू ले लो. क्लाइमेट चेंज के जो भी फेक्ट्स, कॉजेस, कलप्रिट्स है उस पर रीपब्लिकंस के अपने व्यूज़ है और डेमोक्रेट्स के अपने. बेशक ये भी एक फैक्ट है कि कंट्री में जो पोलिटिक्स आज है और जैसी पोलिटिक्स की कंट्री को वाकई में ज़रूरत है उसके बीच काफी डिफ़रेंस है. और इस सबके बीच लाखो अमेरिकन्स अपने काम पर जाते है, बिल्स पे कर रहे है, अपने बच्चे पाल रहे है और अपने हेल्थ इंश्योरेंस भी करवा रहे है. उन्होंने फालतू की बाते छोडकर सब कुछ अपने ऊपर लेना सीख लिया है. मुझे लगता है कि सीनेट को इस बात पर गौर करने की ज़रूरत है कि लोगो को बैटर सर्व कैसे किया जाए. हमे अपनी आइडियोलोजी के डिफरेंसेस छोडकर थोड़े कम्प्रोमाइजेस करने ही पड़ेंगे. सबसे बढकर रीप्ब्लिकंस और डेमोक्रेट्स को ये सीखने की ज़रूरत है कि कभी-कभी सामने वाले का पॉइंट भी राईट हो सकता है. अमेरिकन्स एक ऐसी सीनेट का वेट कर रहे है जो और ज्यादा मैच्योरिटी, कॉमन सेन्स और रीस्पोंसेबिलिटी के साथ अपना काम करे.

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हमारा कांस्टीट्यूशन (Our Constitution)

सीनेटर रोबर्ट सी. बर्ड (Robert C. Byrd) से ज्यादा सीनेट को कोई नहीं जान सकता.मै उनसे तब मिला था जब वो 87 के थे. वो 47 सालो से सीनेट में रहे है जहाँ उन्होंने हर एक पोजीशन हैण्डल की थी. वो पहले सिक्स इयर्स तक मेजोरिटी लीडर और नेक्स्ट सिक्स इयर्स माइनोरिटी लीडर रहे थे. सीनेटर ब्यर्ड वेस्ट वर्जिनिया से थे. एक कोल माईनिंग टाउन में अपने अंकल और आंटी के घर में वो पले बढे थे. उनकी मेमोरी इतनी अच्छी थी काफी छोटी एज में ही उन्हें लॉन्ग पोयम्स (long poems ) भी ज़बानी याद रहती थी. और वो फिडल भी काफी बढ़िया खेल लेते थे. यंग एज में उनके पास जब कॉलेज जाने के पैसे नहीं थे तो उन्हें सेल्समेन से लेकर मीट कटर और वेल्डर जैसी जॉब्स करनी पड़ी. वर्ल्ड वार के बाद उन्होंने पोलिटिक्स ज्वाइन किया. 1952 में वो कोंग्रेसमेन बने. और 1958 में सीनेट ज्वाइन किया. सीनेटर ब्यर्ड ने हमेशा ही वर्किंग क्लास लोगो की वेलफेयर को प्रायोरिटी दी.

माइनर्स के यूनियन प्रोटेक्शन और हेल्थ बेनेफिट्स के लिए उन्होंने कई लॉ पास करवाए. इसके अलावा पूअर कम्यूनिटी के लोगो के इन्फ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रिक सोर्स के लिए भी उन्होंने बहुत काम किया. अपने सीनेट बनने के 10 सालो बाद उन्होंने नाईट कोर्स करने के बाद लॉ की डिग्री ली. अगर सीनेटर ब्यर्ड को अपनी वाइफ के बाद किसी चीज़ से प्यार था तो वो थी कांस्टीट्यूशंन और हिस्ट्री ऑफ़ द सीनेट. उन्होंने सीनेट हिस्ट्री में 4 वोल्यूम्स लिखी है. सीनेटर ब्यर्ड जहाँ भी जाते है, अपने साथ हमेंशा कांस्टीट्यूशन की एक पॉकेट साइज़ कॉपी रखते है. मुझे मेरे सीनियर कलीग्स ने एडवाइस किया कि मुझे सीनेटर ब्यर्ड के साथ एक मीटिंग रखनी चाहिए. क्योंकि मैंने अभी अपने टर्म की शुरुवात की है इसलिए मुझे उनकी काउंसिल की ज़रूरत पड़ सकती है. सीनेटर ब्यर्ड के प्राइवेट ऑफिस में कई सारी किताबे और ओल्ड फोटोग्राफ्स रखे थे. मैंने भी उनके साथ कुछ फ़ोटोज़ खिचवाने की रिक्वेस्ट की. हमने मुस्कुरा कर कैमरे की तरफ देखते हुए हैण्ड शेक किया. मैंने सीनेटर ब्यर्ड से उनकी वाइफ का हाल-चाल पुछा जो कुछ टाइम से बीमार थी. मैं उनके ऑफिस में टंगी उन फ़ोटोज़ को देख रहा था और सीनेटर ब्यर्ड हर एक फोटो के पीछे की स्टोरी मुझे सुनाने लगे. इस सबके बाद मैंने इस रेस्पेक्टेबल आदमी से पुछा “मेरे नए सीनेटर बनने पर वो मुझे क्या एडवाइसदेना चाहेंगे.”

रूल्स सीखो” उन्होंने कहा” सिर्फ रूल्स ही नहीं बल्किएक्जाम्पल्स भी सेट करो” फिर उन्होंने मुझे थिक बाइंडर्स का कलेक्शन दिखाया. उनमे से हर एक को उन्होंने मार्क और लेबल करके लिखा हुआ था. “ ‘आजकल लोग इन्हें पढना पसंद नहीं करते क्योंकि इसके लिए टाइम चाहिये. और आज के सीनेटर के पास फुर्सत ही नहीं है ये सब लर्न करने की” हमने सीनेट की हिस्ट्री की. जिन प्रेजिडेंट्स के साथ ब्यर्ड काम कर चुके थे और जो बिल्स उन्होंने अपने टाइम में पास किये, उस पर भी हमने डिस्कसन किया. सीनेटर ब्यर्ड ने मुझे बोला” फ़िक्र मत करो, तुम सब कुछ सीख जाओगे”.

इम्पोर्टेंट चीज़ ये है कि किसी भी काम में जल्दी मत करो. प्रेजीडेंसी पर कई सिनेटर्स नजर गाढे बैठे है. लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि कांस्टीट्यूशन ऑफ़ सीनेट असल में गवर्नमेंट का हार्ट और सोल है. “आज बहुत कम लोग है जो कांस्टीट्यूशन को पढ़ते है”. सिनेटर ब्यर्ड ने अपने ब्रेस पॉकेट से खुद की कॉपी निकाली और बोले” “मै हमेशा से यही बोलता आया हूँ कि ये डोक्यूमेंट और होली बाईबल, दो चीज़े ऐसी है जिनकी गाइडेंस मैंने हमेशा ली है” जाने से पहले उन्होंने मुझे सीनेट हिस्ट्री की अपनी चारो वोल्यूम्स गिफ्ट की. मैंने उनसे कहा कि ये अच्छी बात है आपको लिखने का टाइम मिल जाता है. “ओह, मै इस मामले में काफी लकी रहा हूँ” सिनेटर ब्यर्ड बोले.“बल्कि मै बड़ा शुक्रगुज़ार हूँ कि मुझे इतना कुछ मिला बस एक रिग्रेट रहेगा.. और जानते हो वो क्या है? जवानी की कुछ बेवकूफियां…”
हम सबको किसी ना किसी चीज़ का रीग्रेट रहता है, सिनेटर”, लेकिन हम यही दुआ करते है कि एंड में गॉड हम पर दया करे” मैंने जवाब दिया.
उन्होंने मेरी आँखों में देखा और धीरे से मुस्काए. “हां तुमने सही कहा, गॉड ग्रेट है. चलो मै इन वोल्यूम्स पर अपने साइन कर देता हूँ.

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