(Hindi) The Art of Seduction

(Hindi) The Art of Seduction

इंट्रोडक्शन (Introduction)

प्लेज़र को पेन के साथ मिक्स करें. उस इंसान को अपना प्यार महसूस करने दें और फ़िर  कुछ क़दम पीछे हट जाएँ. अब वो शख्स फ़िर से आपको ख़ुश करने और आपका प्यार पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाएगा. इस बुक summary में आप कुछ ऐसे ही टेक्निक्स के बारे में सीखेंगे.
क्या कोई ऐसा है जिसकी तरफ़ आप बहुत ज़्यादा attracted फील करते हैं? लेकिन हो सकता है कि वो इंसान अपने लाइफ में इतना मसरूफ़ हो कि आपकी तरफ़ उसका कभी ध्यान ही नहीं जाता. तो ये बुक आपको उस शख्स का ट्रस्ट और ध्यान अपनी ओर कैसे खींचना है वो सिखाएगी. ये बुक आपको उस इंसान को अपने इशारों पर नचाना सिखाएगी.

इसके लिए आपको कोई मैजिकल ड्रिंक बनाने की ज़रुरत नहीं है या किसी परी की मदद की ज़रुरत नहीं है. आपको सुंदरता, पैसे या पॉवर की भी ज़रुरत भी नहीं है क्योंकि इन सब का असर सिर्फ़ कुछ समय के लिए ही होता है. सिडक्शन तो एक माइंड गेम है और अगर आप इस आर्ट को मास्टर कर लेते हैं तो फिर आप किसी भी लड़के या लड़की को अपनी तरफ़ अट्रैक्ट कर सकते हैं.
चूज़ द राईट विक्टिम (Choose the Right Victim)
विकॉम्टे डी वॉलमोंट पेरिस में जवान लड़कियों और शादीशुदा औरतों को रिझाया करता था. वो अपने पसंद की किसी भी औरत को हासिल कर सकता था. इस वजह से अब वो बोर होने लगा था. अब पेरिस की कोई भी औरत उसके लिए चैलेंज नहीं थी. वो आसानी से किसी को भी अपनी तरफ़ अट्रैक्ट कर लेता था. इसलिए एडवेंचर की तलाश में उसने कुछ दिनों के लिए वहाँ से दूर अपनी आंटी के पास रहने का फ़ैसला किया.

वो अपनी आंटी के विला पहुँचा. वहाँ और भी कई गेस्ट रह रहे थे. उनमें से एक थी प्रेसिडेंट डी टूरवेल. वो 22 साल की शादीशुदा लड़की थी. उसका पति काम के सिलसिले में कहीं दूर गया हुआ था. वॉलमोंट ने टूरवेल के बारे में सुना था. वो बहुत ख़ूबसूरत थी और अपने पति के लिए बहुत लॉयल थी.

फ़िर भी वॉलमोंट उसकी तरफ़ अट्रैक्ट हो गया. टूरवेल रोज़ सुबह चर्च जाती थी, वॉलमोंट उसका पीछा करने लगा. डिनर के वक़्त भी वो चोरी चोरी एक नज़र उसे देख लिया करता  था. जहाँ पेरिस की औरतें हमेशा इस बात का ध्यान रखती थीं कि वो कैसी लग रहीं हैं वहीँ  टूरवेल उन सब से अलग थी. वो अपने पहनावे या लुक्स पर ध्यान नहीं देती थी. उसे तो पता भी नहीं था कि उसकी सुंदरता का वॉलमोंट पर क्या असर हो रहा था. और इसी बात ने वॉलमोंट को और भी ज़्यादा excite कर दिया था.

गर्मियों का मौसम था इसलिए टूरवेल सिर्फ़ सफ़ेद लिनन की ड्रेस पहनती थी और इस वजह से उसका आकर्षक फिगर और भी अच्छे से देखा जा सकता था. वॉलमोंट उससे अपनी नज़रें नहीं हटा पा रहा था. वो उसमें जैसे खो सा गया था.

वॉलमोंट ने वहाँ कुछ दिन और रुकने का फ़ैसला किया. ये सुन कर उसकी आंटी बहुत ख़ुश हुई हालांकि उन्हें असली कारण का बिलकुल अंदाज़ा नहीं था. वॉलमोंट ने टूरवेल को रिझाने (seduce) की ठान ली थी. उसे वो एक चैलेंज लगने लगी थी. अगर वो इसमें कामयाब हो जाता तो ये प्रूव हो जाता कि वो एक कमाल का सिड्यूसर था.

प्रॉब्लम ये थी कि टूरवेल ने वॉलमोंट के बारे में काफ़ी कुछ सुन रखा था. वो जानती थी कि वो बदनाम था. वो उसके जाल में नहीं फँसना चाहती थी. इसलिए वो इस बात का ध्यान रखती थी कि वो उसके साथ कभी भी कहीं अकेले ना जाए.

उसका भरोसा जीतने के लिए, वॉलमोंट उसके साथ चर्च जाने लगा. उसने टूरवेल से कहा कि वो बिलकुल बदल चुका था. एक दिन, वॉलमोंट ने अपनी सिडक्शन को आगे बढ़ाने से पहले टूरवेल को टेस्ट करने का फ़ैसला किया. इससे उसे हिंट मिल जाता कि उसका सिडक्शन काम कर रहा है या नहीं और टूरवेल उसमें इंटरेस्ट ले रही है या नहीं.

वॉलमोंट ने अपनी आंटी और टूरवेल को गार्डन में वॉक करने के लिए इनवाईट किया. उसने जानबूझकर ऐसा रास्ता चुना जहाँ वो कभी जाते नहीं थे. वो जानता था कि आगे एक छोटा गड्ढा था जिसमें पानी जमा हो जाया करता था. क्योंकि दोनों औरतों ने गाउन पहना था तो उसे ही दोनों का हाथ पकड़ कर दूसरी ओर ले जाना पड़ता.

जब वो वहाँ पहुँचें तो वॉलमोंट ने कहा कि दूसरी तरफ़ का नज़ारा बेहद खूबसूरत था. अगर उन्होंने वो नहीं देखा तो क्या देखा, उनका आना ही बेकार हो जाएगा. वहाँ पहुंचनें में उनकी मदद के लिए उसने अपना हाथ बढ़ाया. पहले उसने अपनी आंटी को पार करवाया. अब टूरवेल की बारी थी. वॉलमोंट को इसी पल का तो इंतज़ार था. उसका इरादा था कि वो उसे इस तरह पकड़ेगा कि टूरवेल का पैर लड़खड़ा जाए और वो वॉलमोंट को कस कर पकड़ ले.

और बिलकुल ऐसा ही हुआ, बैलेंस बिगड़ने से टूरवेल ने वॉलमोंट को बाहों में भर लिया. वॉलमोंट को उसकी तेज़ धड़कन सुनाई दे रही थी. जब उसकी नज़र टूरवेल के चेहरे पर गई तो वो शर्म से लाल हो गई थी. अब वो समझ गया था कि टूरवेल को सिड्यूस करना मुश्किल नहीं होगा. बहुत जल्द वो उसकी ओर खींची चली आएगी.

तो आपको क्या लगता है कि किस वजह से टूरवेल वॉलमोंट की शिकार (victim) बन गई थी? पहला, वो अपनी लाइफ से बोर हो गई थी. शायद वो ख़ुद नहीं जानती थी कि उसे एक adventure की तलाश थी. दूसरा, वो भोली भाली थी. वो सिड्यूसर नहीं थी इसलिए वॉलमोंट जो गेम खेल रहा था वो उस बारे में कुछ नहीं जानती थी. उसे एक अधूरापन लग रहा था और वॉलमोंट ने ये जताया कि वो उस कमी को पूरा कर सकता था.

अपने टारगेट को पाने की जल्दबाज़ी मत करो. आप अपने और विक्टिम के बीच टेंशन क्रिएट कर सकते हैं. ये सिडक्शन को और भी ज़्यादा स्ट्रोंग बना देता है. और सबसे ज़रूरी चीज़, आगे बढ़ने से पहले हिंट ढूंढना चाहिए. ये पता लगाना चाहिए कि उस इंसान को आपमें थोड़ा भी इंटरेस्ट है या नहीं. अगर हाँ तब आपको सिडक्शन को और गहरा करना होगा.

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एप्रोच इनडाइरेक्टली  (Approach Indirectly)

ऐन मैरी 17th सेंचुरी फ्रांस में एक रानी थी. उनके दादा किंग हेनरी IV थे. उनके परिवार ने ऐन के लिए कई रिश्ते देखे थे लेकिन वो सब बस एक पोलिटिकल डील जैसे थे. ऐन को  कभी कोई ऐसा नहीं मिला था जो सच में उससे प्यार करता हो.

वो 42 की हो गई थी लेकिन अब तक उनकी शादी नहीं हुई थी. एक दिन, राजा के दरबार में उसकी मुलाक़ात एक बहादुर सोल्जर से हुई. उसका नाम मार्किस एंटोनिन था. वो दिखने में बहुत साधारण था, उसकी हाइट भी कुछ कम थी. लेकिन उसकी बाहादुरी के किस्सों ने सबको इम्प्रेस कर दिया था.
ऐन जानती थी कि वो औरतों को सिड्यूस करने में माहिर था लेकिन वो उसके बारे में और जानने से ख़ुद को रोक नहीं पा रही थी. अगले कुछ दिनों तक वो कई बार एक दूसरे से दरबार में टकराए और उनके बीच बातचीत हुई.

ऐन ने अपनी डायरी में लिखा था कि मार्किस के साथ हुई बातचीत उस दिन का सबसे स्पेशल और यादगार मोमेंट था. वो अच्छे दोस्त बन गए थे. कुछ ही समय में मार्किस उनके हमराज़ बन गए, अब वो उनके साथ अपने सीक्रेट्स शेयर करने लगी थी. मार्किस उन्हें कई बातों में अपनी राय भी देने लगे थे.
ऐन को ये विश्वास हो गया था कि उसे मार्किस से प्यार हो गया है. अब वो मार्किस के दिल का हाल जानना चाहती थीं. इसलिए उसने ज़रा घुमा कर मार्किस से अपनी शादी के मामले में एडवाइस माँगी.

ऐन के लिए रिश्तों की तलाश अब भी जारी थी. उसने मार्किस से पूछा कि उन लड़कों में से कौन उसका पति बनने के लिए बेस्ट चॉइस था. ऐन एक्स्पेक्ट कर रही थी कि वो जेलस हो जाएँगे. उन्होंने सोचा बस यही मौका है जब मार्किस अपनी फीलिंग्स का इज़हार कर सकते हैं.

लेकिन उन्हें धक्का तो तब लगा जब उन्हें एहसास हुआ कि मार्किस को उनकी कोई परवाह नहीं थी. बल्कि उन्होंने तो ये पूछ लिया कि “तुम अचानक शादी की बातें क्यों कर रही हो? तुम तो अपने आप में भी ख़ुश रहती हो, तुम्हें किसी की क्या ज़रुरत है ? और वैसे भी इनमें  से कोई भी लड़का तुम्हारे लायक नहीं है”. ऐन उसके जवाब से बहुत हर्ट हुई.

कई महीनों बाद, राजा के भाई की वाइफ की डेथ हो गई. राजा लुइ ने ऐन को अपने भाई की दूसरी पत्नी बनने का ऑफर दिया. ऐन को ये बात बिलकुल अच्छी नहीं लगी. उसने ये बात मार्किस से शेयर की और उनकी एडवाइस माँगी. मार्किस ने कहा कि उन्हें राजा के प्रति वफ़ादार होना चाहिए और जिस तरह भी हो सके उनकी हमेशा सेवा करनी चाहिए. ऐन इस जवाब से एक बार फ़िर निराश हो गई थी.

इससे भी ज़्यादा बुरा तो तब हुआ जब मार्किस ने उससे बात करना बंद कर दिया. उसने अचानक ही ऐन से दूरी बना ली थी. ऐसा लग रहा था मानो अब वो उसका दोस्त बने रहना नहीं चाहता था.

ऐन ने राजा को अपना डिसिशन बताया कि वो उनके भाई से शादी नहीं करना चाहती. फ़िर वो मार्किस के पास गई और उन्हें एक पेपर दिया और कहा कि वो सिर्फ़ अगली सुबह ही इसे पढ़ सकते थे. उसने बताया कि उस पेपर में उस इंसान का नाम लिखा था जिससे वो सच में बहुत प्यार करती थी.

मार्किस ने जब पेपर खोला तो उसमें सिर्फ़ तीन शब्द लिखे थे – “वो तुम हो”. जब ऐन ने दरबार में मार्किस से साथ अपनी इंगेजमेंट के बारे में बताया तो पूरा दरबार चौंक गया. ऐन फ्रांस की दूसरी सबसे पावरफुल औरत थी फ़िर भी उसने एक मामूली सोल्जर को चुना था. अब कोई भी उसका मन नहीं बदल सकता था.

तो कुछ समझे आप? असल में मार्किस हिस्ट्री के एक बेमिसाल और ग्रेट सिड्यूसर थे. पहले उन्होंने ऐन का इंटरेस्ट जगाया फ़िर उन्हें ख़ुद की तरफ़ अट्रैक्ट किया और उनकी फीलिंग्स को एक्साइट किया. जब उन्होंने ऐन का ध्यान ख़ुद की ओर खींच लिया तब वो उसमें कम इंटरेस्ट दिखाने लगे और पीछे हट गए. इसकी वजह से ऐन बेचैन हो गई और उनके सिडक्शन के जाल में फँस गई. ऐन से शादी करके उन्हें बेशुमार पैसा और पॉवर मिला. सिडक्शन ही उनका मास्टर स्ट्रोक था.

जब उन्होंने ऐन से पहली बार बात की थी तब वो समझ गए थे कि वो उनकी तरफ़ अट्रैक्ट हो रही थी. मार्किस दोस्ती का लालच दे कर उनके करीब होने लगे थे. दोस्त बन कर उन्होंने ऐन का भरोसा जीता और ये जताने की कोशिश की कि वो उसके पैसे, रूतबा या सेक्स के पीछे नहीं थे. उन्हें विश्वास था कि धीरे धीरे ही सही लेकिन ऐन उनसे प्यार करने लगेगी.

सिडक्शन का दूसरा स्टेप होता है दोस्ती बढ़ाना. ऐसा करने से आपका टारगेट आपके साथ कम्फ़र्टेबल हो जाता है. वो थोड़ा insecure भी फील करने लगता है. क्योंकि आप अपनी हद पार नहीं कर रहे तो वो कभी आपके छुपे हुए मकसद को नहीं समझ पाएगा और आप पर विश्वास करने लगेगा.

फ़िर आपको इस दोस्ती को और गहरा करना होगा. बाद में एक ऐसा टाइम आएगा जब उसमें ये जानने की  तड़प पैदा होने लगेगी कि क्या वो दोस्त से बढ़कर कुछ और हो सकता  है या नहीं. लेकिन आप उसे पहला कदम उठाने दें. उसे इस भ्रम में रहने दें कि वो आपको कंट्रोल कर रहा है. लेकिन सच तो सिर्फ़ आप जानते हैं कि कंट्रोल किसके हाथ में है !

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