(hindi) The Adventure of the Empty House
1894 में बसंत के मौसम की एक सुबह थी जब सारा लंदन और फैशन की दुनिया बेहद ईज्जतदार रौनल्ड अडैयर की रहस्यमयी और अजीबो-गरीब हालात में हुए कत्ल से दहल उठा था. पुलिस इन्वेस्टीगेशन से पब्लिक को इस कत्ल की हल्की-फुलकी जानकारी मिली थी पर काफी कुछ ऐसा था जो छुपाया जा रहा था. चूंकि पब्लिक प्रोजीक्यूशन के लिहाज़ से मामला इतना स्ट्रोंग था कि हर जानकारी को सामने लाना मुनासिब नही समझा गया. इस मामले को करीब दस साल हो चुके थे तो अब जाकर मै कत्ल के इस वारदात की खोई हुई कड़ियों की जानकारी दे सकता था जो इस हादसे को एक सनसनीखेज वारदात अंजाम देते थे.. वैसे खुद कत्ल की ये वारदात काफी दिलचस्प थी पर मेरे लिए उससे भी बढ़कर दिलचस्प था इसके पीछे जो हैरतअंगेज वजह थी, जिसने मुझे हिला कर रख दिया था और मेरी अब तक की एडवेंचरस लाइफ का सबसे बड़ा झटका दिया था.
यहाँ तक कि आज भी इतना लंबा अर्सा गुजरने के बाद, इस केस का ख्याल ही मेरे रोंगटे खड़े कर देता है, और मुझे उसी उत्तेजना, आश्चर्य और हैरानी के मिले-जुले एहसासों से भर देता है जो उस दौरान मेरे दिलो-दिमाग पर छाये हुए थे. यहाँ मै आपको एक बात बता दूं कि आम जनता ने इस केस में काफी इंटरेस्ट लिया था जब मैंने उन्हें एक बेहद ख़ास आदमी के कारनामे और उसकी सोच के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी दी वर्ना शायद वो कभी उस पर शक नही करते, अगर मैंने पब्लिक को नहीं बताया होता. क्योंकि मै अपना पहला फ़र्ज़ यही समझता हूँ, अगर उसने खुद मुझ पर इस बात को बताने की रोक नही लगाई होती, और पिछले महीने की तीन तारिख को ही मुझे ये आज़ादी मिली कि अब मै इस मामले पर अपनी चुप्पी तोडू.
ये कोई हैरानी की बात नही कि अपने दोस्त शरलॉक होम्ज़ के साथ रहते हुए मै भी क्राइम केसेस में काफी ज्यादा दिलचस्पी लेने लगा था, और उसके गायब होने के बाद जो भी केस पब्लिक के सामने आते थे, मै उन सबकी बड़ी गहराई सी तफ्तीश करता था, कई बार तो मैंने अपनी ही तस्सली के लिए शरलॉक के तरीके अपनाकर मामले की तह तक जाने की कोशिश की थी, हालाँकि उसके जैसी कामयाबी मुझे कभी नही मिली. लेकिन रौनल्ड अडैयर के साथ हुए उस हादसे ने मुझे झकझोर कर रख दिया था, जब मैंने कानूनी जाँच में दिए गये एविडेंस पढ़े जिसमे किसी अनजान आदमी या आदमियों के खिलाफ कत्ल का मामला दर्ज था,
उस वक्त मुझे उस भारी नुकसान का अंदाजा हुआ जो आम जनता को शरलॉक होम्ज़ की मौत से हुआ था. और मुझे पूरा यकीन है कि कत्ल की इस अजीब गुत्थी में ऐसे कई पॉइंट थे कि अगर शरलॉक होता तो गहरी दिलचस्पी दिखाता और योरोप के फर्स्ट क्रिमिनल एंजेट के तेज़ दिमाग और निगरानी में पुलिस की कोशिशे काफी हद तक कामयाब रहती. सारा दिन मेरे दिमाग में केस से जुडी बाते घूमती रही पर ऐसी कोई वजह समझ नही आ रही थी जो अपने-आप में काफी हो. सुनी-सुनाई कहानी को सुनाने का खतरा उठाते हुए मै उस सच्चाई को सामने रखूंगा जो कानूनी जाँच में नतीजे के तौर पर जनता के सामने रखी थी.
काफी ईज्जतदार और जाने-माने रौनल्ड अडैयर अर्ल ऑफ़ मेनूथ के दूसरे बेटे थे जोकि उस वक्त ऑस्ट्रेलियन कॉलोनी में से एक के गवर्नर हुआ करते थे. अडैयर की माँ मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के लिए ऑस्ट्रेलिया से लौटी थी. वो और उसका बेटा रौनल्ड और बेटी हिल्डा 427, पार्क लेन में एक साथ रह रहे थे. ये नौजवान एक बढिया सोसाईटी में रहने आये थे, और इस यंगमेन का दूर-दूर तक कहीं कोई दुश्मन या बुरा चाहने वाला नही था. कारस्टैरयर्स की मिस एडिथ वुडली से उनका रिश्ता तय हुआ था हालाँकि कुछ महीने पहले आपसी रजामंदी से दोनों ने मंगनी तोड़ दी थी. वैसे रौनल्ड को मंगनी टूटने का ज्यादा दुःख नहीं था. अपने सीधे-सादे रहन-सहन और ठंडे स्वभाव के चलते उनका उठना-बैठना अपने पहचान वालो तक ही सिमित था. पर इसके बावजूद 30, मार्च,1894 की रात करीब दस से साढ़े ग्यारह के बीच इस बेपरवाह नौजवान की बड़ी ही रहस्यमय तरीके से मौत हुई थी.
रौनल्ड अडैयर ताश का शौकीन था, वो कई घंटो लगातर पत्ते खेल सकता था पर इस हद तक भी नहीं कि अपनी ही जान की बाजी लगा दे और वो बाँल्डविन, द कैवेनडिश और द बैगेटल कार्ड क्लब का मेंबर भी था. जिस दिन उसकी मौत हुई थी, उस रात उसे डिनर के बाद द बैगेटल कार्ड क्लब में रबर ऑफ़ व्हिस्ट खेलते देखा गया था. यही नहीं वो दोपहर में भी वहां ताश खेलने आया था. रौनल्ड और मिस्टर मरे(Murray), सर जॉन हार्डी और कर्नल मोरन चारो ने मिलकर व्हिस्ट का गेम खेला और बाजी बराबर की रही थी. अडैयर शायद पांच pound हारा था पर उसके जैसे रईस के लिए ये बड़ी मामूली सी रकम थी तो हारने के दुःख का तो सवाल ही पैदा नही होता. वो तकरीबन रोज़ ही किसी ना किसी क्लब में खेलने जाया करता था, वो ताश का काफी माहिर खिलाड़ी था इसलिए ज्यादातर जीत कर ही आता था. गोडप्रे मिल्नर और लार्ड बालमोरल की बातो से एक और खुलासा हुआ कि कुछ हफ्तों पहले ही उसने कर्नल मोरन की पार्टनरशिप में एक ही सिटिंग में चार सौ बीस पौंड जीते थे. पूछताछ से रौनल्ड के बारे में अब तक इतनी ही जानकारी मिली थी.
कत्ल वाले दिन रौनल्ड रात के करीब दस बजे क्लब से घर लौटा था. उस शाम उसकी माँ और बहन किसी रिश्तेदार के यहाँ गई हुई थी. नौकरानी ने बताया कि उसने दूसरी मंजिल के फ्रंट रूम में रौनल्ड के दाखिल होने की आवाज़ सुनी थी. ये कमरा आमतौर पर बैठक की तरह इस्तेमाल किया जाता था. नौकरानी ने जब कमरा गर्म करने के लिए फायरप्लेस में आग जलाई तो काफी धुआं हो गया, तो उसने खिड़की खोल दी थी. फिर करीब ग्यारह बजकर बीस मिनट पर लेडी मेनूथ और उनकी बेटी के वापस आने तक कमरे से कोई आवाज़ नही सुनाई दी. अपने बेटे को गुड नाईट बोलने की मंशा से लेडी मेनूथ उसके कमरे में गई.
दरवाजा अंदर से बंद था, उनके बार-बार आवाज़े देने और नॉक करने के बावजूद दरवाजा नही खुला तो नौकरों की मदद से दरवाजे को तोड़ा गया. कमरे में दाखिल होते ही सबके होश उड़ गए, उस बदनसीब नौंजवान की लाश टेबल के पास पड़ी मिली. उसे गोली मारी गई थी, एक्स्पेंडिंग रिवाल्वर की गोली ने उसके सिर के चीथड़े उड़ा दिए थे. कमरे से कोई हथियार बरामद नही हुआ. टेबल पर दस-दस पौंड के दो बैंक नोट और सत्रह pound के करीब गोल्ड और सिल्वर के दस सिक्के पड़े थे. पैसे अलग-अलग अमाउंट में ढेर बनाकर रखे गए थे. साथ ही एक कागज़ भी मिला जिस पर कुछ रकम लिखी गई थी और हर रकम के सामने क्लब के कुछ दोस्तों के नाम लिखे हुए थे, ये कागज इस बात की तरफ इशारा करता था कि मौत से पहले रौनल्ड खेल में हुए नफ़े-नुकसान का हिसाब-किताब कर रहा था.
पूरे घटनाक्रम की तफ्तीश के बाद मामला और भी पेचीदा नज़र आया. पहली बात तो ये समझ नहीं आई कि रौनल्ड में दरवाजा अंदर से क्यों बंद किया था. एक संभावना ये थी कि शायद खुनी ने ही दरवाजा अंदर से बंद किया और खून करके खिड़की के रास्ते बचकर निकल गया पर खिड़की की उंचाई करीब बीस फीट थी और नीचे क्रोकस के पौधो की क्यारियाँ थी जिन पर फूल खिले हुए थे. पर हैरत की बात तो ये थी कि एक भी फूल नही टूटा था और आस-पास की मिट्टी पर भी कोई निशान नही थे. और ना ही घास के पैरो से कुचले जाने के निशान थे जो घर से लेकर रोड तक के रास्ते पर उगी हुई थी.
यानी एक बात तो पक्की थी कि नौजवान ने कमरे का दरवाजा खुद बंद किया था. लेकिन दरवाजा अगर बंद था तो उसे मारा किसने? अगर कोई खिड़की से चढ़कर ऊपर आता तो उसका कहीं कोई निशान तो जरूर मिलता. पर मान लो किसी ने बाहर से गोली चलाई है तो वो उसका निशाना एकदम अचूक था जिसने अपने शिकार को एक ही निशाने में मौत की नींद सुला दिया. पर एक सवाल यहाँ भी खड़ा होता है. पार्क लेन भीड़-भाड़ वाला ईलाका है और घर से कोई सौ यार्ड की दूरी पर एक टैक्सी स्टैंड है इसके बावजूद किसी ने भी गोली चलने की आवाज़ नही सुनी पर कमरे में एक आदमी की लाश और रिवाल्वर की गोली मिली थी जो फट कर मशरूम जैसी हो गई थी, जैसे कि सॉफ्ट नोज्ड बुलेट हुआ करती है और गोली ने इतनी ज़बर्दस्त मार की थी कि लगते ही मौत हो गई.
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पार्क लेन की रहस्यमय मौत का ये सारा घटनाक्रम उस वक्त और भी ज्यादा पेचीदा हो जाता है जब इस कत्ल के पीछे की कोई वजह नज़र नहीं आती. क्योंकि जैसा मैंने कहा था, नौजवान अडैयर की किसी से भी कोई दुश्मनी नही थी और ना ही ये लूटपाट का मामला था क्योंकि कमरे में रखी कीमती चीज़े और पैसे सब सही सलामत थे.
दिनभर यही बाते मेरे दिमाग में घूमती रही. मै दिमाग के घोड़े दौड़ा रहा था, पर ऐसा कोई सिरा पकड़ में नही आ रहा था जो मामले की गुत्थी सुलझा देता और ना ही ऐसी कोई विरोधाभास वाली बात ही नजर आई जो मेरा दोस्त शरलॉक हर इन्वेस्टीगेशन का स्टार्टिंग पॉइंट डिक्लेअर कर देता था. हाँ ये जरूर कहूँगा कि थोड़ी बहुत प्रोग्रेस मैंने कर ली थी. शाम के वक्त मै पार्क में टहलने गया और लगभग छेह बजे मैंने खुद को पार्क लेन के आखिर में ऑक्सफ़ोर्ड स्ट्रीट में खड़े पाया. फुटपाथ पर कुछ आवारा किस्म के लोग खड़े थे, सब के सब एक खिड़की की तरफ देख रहे थे, मैंने भी उधर देखा तो पाया ये वही घर था, मै जिसकी तहकीकात करने आया था. रंगीन चश्मा लगाये हुए एक लंबा और पतला आदमी जो मुझे सादे कपड़ो में एक जासूस लग रहा था, अपनी थ्योरी सुना रहा था और लोग उसकी बात सुनने के लिए उसे घेर कर खड़े हो गये थे.
मै जितना हो सके उसके करीब जाकर खड़ा हो गया पर उसकी बाते सुनकर मै समझ गया था कि वो सिर्फ बे-सिर पैर के अंदाजे लगा रहा था और कुछ नहीं. मुंह बिचका कर मै वहां से हट गया और पीछे मुड़ा ही था कि एक बदसूरत बूढ़े से टकराया जो ठीक मेरे पीछे खड़ा था. मुझसे टकराकर उसके हाथ से कुछ किताबे नीचे गिर पड़ी थी. मुझे अच्छे से याद है किताबे उठाते हुए एक किताब के टाईटल पर मेरी नज़र पड़ी” द ओरिजिन ऑफ़ ट्री वरशिप” और मैंने अनुमान लगाया कि बूढा शायद किताबी कीड़ा है, या तो शायद बेचता होगा या इसे पढ़ने का शौक होगा या फिर गुप्त रहस्यों वाली किताबे जमा करता होगा. मैंने उससे माफ़ी मांगने ही वाला था पर शायद वो किताबे जिन्हें मैंने गलती से नीचे गिरा दिया था, उसकी नजरो में बेहद कीमती थी क्योंकि गुस्से और नफरत से मुझे घूरते हुए वो एक ही झटके में पलटकर वहां से चला गया. और देखते ही देखते झुकी कमर और सफेद गलमुच्छों वाला वो बुड्ढा भीड़ में कहीं गुम हो गया.
मुझे 427, पार्क लेन का मुआयना करने पर कुछ ख़ास जानकारी हाथ नही लगी. घर और गली के बीच में एक छोटी दिवार और रेलिंग थी जो पांच फीट से ज्यादा ऊंची नही थी. इस रेलिंग को फांद कर आसानी से बग़ीचे में घुसा जा सकता था पर खिड़की जमीन से काफी ऊपर थी. दीवार से लगी वाटर पाइप या ऐसी कोई चीज़ नही थी जिससे चढ़कर कोई चुस्त आदमी कमरे तक पहुंच सके. मै और भी ज्यादा हैरान परेशान होता हुआ वापस केंसिंग्टन लौट आया. अभी मुझे आये पांच मिनट भी नहीं हुए थे कि नौकरानी ने स्टडी में आकर बताया कि एक आदमी मुझसे मिलना चाहता है. और मेरी हैरानी का कोई ठिकाना नही रहा जब मैंने देखा कि वो आदमी और कोई नहीं बल्कि वही किताबो वाला बूढा था, उसके सफ़ेद बालो के बीच से उसका झुर्रीदार, नुकीला चेहरा झाँक रहा था. और उसकी बेशकीमती किताबे जो एक दर्जन से कम नही होंगी, उसके दाए हाथ के बगल में दबाई हुई थी.
“मुझे देखकर आप हैरान होंगे सर, बूढ़े ने एक अजीब सी घरघराती हुई आवाज़ में कहा.
ये वही था, मैंने उसे पहचान लिया.
“वेल, मै अपनी अंतरात्मा की पुकार पर यहाँ आया हूँ, जब मै लपकता हुआ आपके पीछे आ रहा था तो मैंने आपको उस घर में जाते देखा, तो मेरे मन में ख्याल आया कि मुझे आपसे मिलना चाहिए और मेरी किताबे उठाने का शुक्रिया अदा करना चाहिए जो मै उस वक्त नही पाया था, मै माफ़ी चाहूंगा सर कि उस वक्त मैं थोडा रूखेपन से पेश आया”
मैंने जवाब दिया “आपने बड़ा कष्ट उठाया, पर क्या मै पूछ सकता हूँ कि आप मुझे कैसे जानते है और यहाँ तक कैसे पहुंचे?
“वेल, सर छोटा मुंह और बड़ी बात, अब क्या बताऊँ, मै आपका पड़ोसी हूँ चर्च स्ट्रीट के कोने पर आपको मेरी छोटी सी दूकान दिख जायेगी. आप वहां आयेंगे तो मुझे ख़ुशी होगी सर, शायद आप कोई किताब लेना पसंद करे, ये देखिए, ये है” ब्रिटिश बर्ड्स”, और कैटूलस.” और ये” द होली वॉर” '—हर किताब में डिसकाउंट मिल जाएगा. ये पांच वोल्युम ले लो सर, आपके सेकंड शेल्फ की खाली जगह भर जाएगी. खाली जगह देखने में थोड़ी अजीब लगती है, है ना सर?
मैने सिर घुमाकर अपने पीछे की कैबिनेट को देखा, और वापस मुड़ा तो स्टडी टेबल के उस तरफ मेरे सामने शरलॉक मुस्कुराता हुआ खड़ा था. मै उछल पड़ा, कुछ सेकंड तक उसे हैरानी से घूरता रहा और फिर मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मै अपनी जिंदगी में पहली और आखिरी बार बेहोश हुआ हूँ. मै यकीन से बोल सकता हूँ कि मेरी आँखों के सामने स्लेटी रंग का धुआं छाया गया था और जब धुंआ छंटा तो मैंने पाया कि मेरे कालर के बटन खुले थे और ब्रांडी का झनझनाता स्वाद मेरे होंठो पर था. होम्ज़ ब्रांडी का फ्लास्क हाथ में लिए मेरी कुर्सी पर झुका हुआ था.
उसकी जानी पहचानी आवाज़ मेरे कानो में पड़ी “माई डियर वॉटसन, मै तुमसे हजार बार माफ़ी मांगता हूँ , मुझे नही पता था कि तुम्हारे होश उड़ जायेंगे”
मैंने लपककर उसकी बाजू पकड़ी.
“होम्ज़! मैं चीखा, क्या ये तुम ही हो? क्या ये मुमकिन है कि तुम जिंदा हो सकते हो? क्या ये मुमकिन है कि तुम उस नर्क की गहराई से बाहर निकल कर आ गए?
उसने मुझे टोका “एक मिनट, तुम्हे लगता है कि तुम्हारे होशो-हवास दुरुस्त है ? कहीं मेरी इस ड्रेमेटिक एंट्री से तुम्हारा दिमागी संतुलन तो नही बिगड़ गया”?
“मै एकदम ठीक हूँ होम्ज़, पर मुझे अपनी आँखों पर यकीन नही हो रहा. हे भगवान, ये तुम हो- मेरे सामने, मेरी स्टडी में खड़े हो?
मैंने एक बार फिर से उसकी बाजू पकड़ते हुए कहा, उसकी हड्डियों जैसी कमज़ोर बाहें मुझे महसूस हुई.
“वेल, तुम भूत नही हो. माई डियर, तुम्हे देख कर कितनी खुशी हुई बता नहीं सकता. बैठ जाओ और बताओ कि आखिर तुम उस खतरनाक खाई से बाहर निकले कैसे ?”
वो मेरे सामने बैठ गया और अपने उसी पुराने बेफिक्र अंदाज़ में एक सिगरेट सुलगा ली. वो किताब बेचने बुड्ढे के गेट अप में था एक फीका सा फ्रॉक कोट पहने हुए और बाकी उसके नकली सफेद बाल और किताबे टेबल पर पड़ी थी. होम्ज़ पहले से उम्रदार और दुबला हो गया था, उसके चील जैसा चेहरा सफ़ेद पड़ चुका था जिसे देखकर मै कह सकता था कि वो काफी दिनों से बीमार था.
उसने कहना शुरू किया “अब जाकर मै आराम से टाँगे फैला सकता हूँ, वॉटसन, मुझसे जैसे लम्बे आदमी के लिए कई घंटो तक कमर झुकाए रखना कोई आसान काम नहीं है, अब माई डियर फ्रेंड, इन सब खुलासो के बाद क्या मै तुमसे थोड़ी मदद की उम्मीद कर सकता हूँ, क्योंकि आज रात हमे एक बेहद खतरनाक मिशन पर जाना पड़ सकता है. शायद यही बेहतर होगा कि मै तुम्हे पूरी सिचुएशन तभी समझाऊँ जब ये काम खत्म हो जाए” ”
मैंने उसे कहा “मै जानने के लिए उतावला हूँ, इसलिए अच्छा होगा कि अभी बता दो”
“पर तुम आज रात मेरे साथ चलोगे ना?” उसने पुछा.
“जब चाहो और जहाँ चाहो”
“ओह! वही पुराने दिन याद आ गये. जाने से पहले हम डिनर कर लेंगे. वेल, तो तुम खाई के बारे में पूछ रहे थे, मुझे वहां से निकलने में कोई खास दिक्कत नही आई, वजह काफी सिंपल है, क्योंकि मै उस खाई में कभी था ही नहीं”
मै चौक कर बोला “तुम वहां नहीं थे?
“नहीं, वॉटसन कभी नही. मैंने जो तुम्हे नोट लिखा था, एकदम सच था. मुझे थोडा शक हुआ कि शायद अब मेरा करियर खत्म होने को है जब मैंने शैतान प्रोफेसर मोरियार्टी को उस संकरी पगडण्डी पर खड़े देखा जो सुरक्षित रास्ते की तरफ जाती थी, उसकी सलेटी रंग की आँखों में मक्कारी साफ़ नजर आ रही थी. मैंने उससे कुछ बाते की इसलिए उसने मुझे एक छोटा सा नोट लिखने की ईजाजत दी जो बाद में तुम्हे मिला था, वो नोट मैंने अपने सिगरेट बॉक्स और छड़ी के साथ छोड़ दिया और उस रास्ते पर आगे बढने लगा. मेरे ठीक पीछे प्रोफेसर चल रहा था.
खाई के किनारे पहुँचकर मै रुक गया. उसने कोई हथियार नही निकाला बल्कि मेरी तरफ भागा और मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया. उसे पता था कि उसका खेल खत्म हो चुका है इसलिए वो अब मुझसे बदला लेने की फिराक में था. हम दोनों एक साथ लुढ़कते हुए ढलान की तरफ गिरने लगे. लेकिन मुझे जापानी कुश्ती बरित्सू आती है, जो कई बार मेरे काम आई है. मैंने खुद को उसकी पकड़ से छुड़ा लिया, उसके मुंह से एक भयानक चीख निकली. वो पागलो की तरह हाथ-पैर मार रहा था पर खुद को संभाल नहीं पाया और खाई में फिसल गया. मैंने खाई में झाँक कर देखा, वो बहुत दूर नीचे गिरा और पत्थर से टकराकर नीचे नदी में गिर पड़ा.
मै बड़ी हैरानी से उस पूरे वाकिये को सुन रहा था जो होम्ज़ सिगरेट के पफ उड़ाते हुए बड़ी तस्सली से सुना रहा था.
फिर मैंने चौकते हुए कहा “लेकिन ट्रैक्स? मैंने खुद अपनी आँखों से दोनों को नीचे गिरते देखा और कोई भी ऊपर नही आया”
“बात कुछ यूं हुई कि जिस पल प्रोफेसर गायब हुआ मुझे लगा किस्मत ने मुझे कैसा गोल्डन चांस दिया है. मुझे पता था कि सिर्फ मोरियार्टी ही अकेला नही है जिसने मुझे मारने की कसम खाई थी. तीन और भी थे जो मेरे दुश्मन थे और अपने लीडर की मौत के बाद मेरे खून के और भी प्यासे हो गए थे. ये सब के सब बड़े खूंखार और खतरनाक क्रिमिनल थे, इनमे से एक ना एक तो मुझे पकड़ ही लेता तो मैंने सोचा अगर दुनिया मुझे मरा हुआ समझ ले तो इन बदमाशो की चांदी हो जायेगी, और जब ये लोग खुल्लम-खुल्ला घूमेंगे तो कभी ना कभी मेरे चंगुल में फंस जायेंगे और मै उन्हें खत्म कर दूंगा, फिर दुनिया को बताऊंगा कि अभी मै जिंदा हूँ. और जरा दिमाग की ताकत तो देखो, मैंने ये सब प्रोफेसर मोरीयार्टी के खाई में गिरने से पहले ही सोच लिया था”
“मैंने उठा और अपने पीछे की पथरीली दीवार का मुआइना किया. तुम्हारे उस अनोखे पदार्थ की व्याख्या मैंने कुछ महीनो बाद पढ़ी जिसमे तुमने जोर दिया था कि दिवार एकदम पतली है लेकिन असल में ऐसा नहीं था, हालाँकि कुछ छोटे-छोटे फूटहोल्ड दिख रहे थे पर वो एक दुसरे से काफी दूर-दूर थे, चठ्ठान इतनी ऊंची थी कि ऊपर चढ़ना नामुमकिन सा लग रहा था और उससे ज्यादा मुश्किल था गीले रास्ते से होते हुए ऊपर आना और वो भी बिना कोई निशान छोड़े. हाँ, मै अपने बूट्स उतार सकता था जैसा ऐसे मौके पर मुझे करना चाहिए पर एक ही दिशा में पैरो के तीन जोड़ी निशानों को देखकर किसी को भी शक हो सकता था. कुल मिलाकर मेरे लिए यही बेहतर था कि मै चढकर ऊपर आऊँ.
हालाँकि इसमें बड़ा खतरा था वॉटसन, मै दिन में सपने नही देखता वॉटसन पर तुम्हे सच बता रहा हूँ मुझे लगा जैसे दूर कहीं गहराई से मोरीयार्टी मुझे पुकार रहा है. एक जरा सी चूक और मेरा काम तमाम. कई बार तो ऐसा हुआ कि चठ्ठान पर उगी घास मेरे हाथ से फिसली या फिर गीले पत्थर पर मेरा पैर फिसलते-फिसलते बचा. मुझे लगा, मै अब गया, तब गया. लेकिन मैंने हार नही मानी, और लास्ट में मै एक ऐसी खोह में पहुंचा जो कई फीट गहरी थी और हरी नरम घास से ढकी हुई थी, यहाँ मै आराम से छुप सकता था. मै वही पर लेटा हुआ था माई डियर वॉटसन जब तुम और बाकि के लोग बड़े ही दुःख के साथ मेरी मौत की तह्कीकात कर रहे थे.