(Hindi) The 5 AM Club: Own Your Morning. Elevate Your Life

(Hindi) The 5 AM Club: Own Your Morning. Elevate Your Life

परिचय (Introduction)

आप सुबह किस टाइम उठते हो? और उठने के बाद सबसे पहले क्या करते हो? क्या आपको सुबह जल्दी उठना मुश्किल लगता है? क्या लेट सोना आपकी हैबिट है? इस बुक में हम आपको एक ऐसा मोर्निंग रूटीन बताएँगे जो आपकी लाइफ में एक बड़ा चेंज ला सकता है. क्योंकि सुबह जल्दी उठने के कितने फायदे है ये बात सब जानते है. जो लोग अपनी लाइफ में और ज्यादा क्रिएटिव, प्रोडक्टिव और हैप्पी और स्कसेसफुल होना चाहते है उन्हें इस बुक में दी गयी टेक्नीक्स ज़रूर फोलो करनी चाहिए. रोबिन शर्मा के दुनिया भर में कई मिलियन रीडर्स है जिन्होंने उनका 5 एएम क्लब ज्वाइन किया है. इन लोगो ने अपने मोर्निंग टाइम को कण्ट्रोल किया और अपनी लाइफ में काफी कुछ अचीव किया है. ये सब इन्होने इस बुक से सीखा जिसे पढकर आप भी इसका बेनिफिट ले सकते है. तो अगर आप भी अपनी लाइफ से लेज़ीनेस, मीडियोक्रिटी और अनहेल्दी हैबिट्स दूर करना चाहते है तो आज ही 5 एएम क्लब ज्वाइन करे.

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द मोर्निंग रूटीन ऑफ़ वर्ल्ड बिल्डर्स (The Morning Routine of World Builders)

सुबह 5 बजे उठो. ये पहली चीज़ है जो आपको करनी है. इसे अपनी हैबिट बना लो. वैसे अगर सोचा जाए तो हमारी लाइफ हैबिट्स की एक सिरीज़ ही तो है. जो भी हम करते है हैबिट्स की वजह से ही करते है. जैसे हम सुबह उठते है फिर ब्रेकफ़ास्ट करते है, नहाते है, ब्रश करते है, तैयार होते है और काम पे जाते है. इसी तरह लेट उठाना भी एक हैबिट है जिसे चेंज करना थोडा मुश्किल है. क्योंकि आपके ब्रेन को अब इसकी आदत हो चुकी है. आपके न्यूरोंस इस तरह से लिंक है कि सुबह 7 बजे से पहले आपकी नींद खुलेगी नहीं.

क्योंकि आप रोज़ देर से उठते है इसलिए जल्दी उठाना आपके लिए बड़ा मुश्किल है. साइंटिस्ट ने न्यूरोप्लास्टीसिटी के बारे में भी पता लगाया है. जिसका मतलब है कि हर इन्सान में अपने ब्रेन को वायर और रीवायर करने की एबिलिटी होती है. अगर आप रोज़ सुबह 5 बजे उठने की प्रेक्टिस करोगे तो आपके न्यूरोंस रीवायर हो जायेंगे और फिर रोज़ 5 बजे आपकी नींद ऑटोमेटिकली खुल जाएगी. और ये आपकी एक न्यू हैबिट हो जाएगी. स्टोन रिले एक बिजनेस मैगनेट और बिलेनियर है. उन्होंने जब फर्स्ट टाइम सुबह 5 बजे उठने की कोशिश की तो स्टार्टिंग में उन्हें ये काफी मुश्किल लगा.

कई बार तो उन्हें नींद पूरी ना होने की वजह से हेडएक हों जाता है. या कई बार उन्हें उठने के बाद फिर से सोने का मन करता था. मगर रिले ने हार नहीं मानी, वो जल्दी उठने की हैबिट बनाना चाहते थे और पूरी तरह कमिटेड थे. फिर हुआ यूं कि कुछ ही टाइम बाद उन्हें अपने एफर्ट्स का फायदा होने लगा. अब रोज़ सुबह 5 बजे उनकी आँख खुल जाती थी. और उन्हें इसकी आदत हो गयी थी तो अब सर दर्द भी नहीं होता था. रिले ने अपने आप में काफी चेंजेस फील किये. उन्हें अब पहले से बैटर फील होता था. एक तरह से उनकी लाइफ में एक बड़ा पोजिटिव चेंज आया था. जैसे कि पहले वो अपने बिजी शेड्यूल की वजह से टेंशन में रहते थे. लेकिन अब जल्दी उठने की वजह से उनके पास टाइम ही टाइम था.

अब ज्यादा भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ती थी. उनके सारे काम टाइम से कम्प्लीट होने लगे थे. यही नहीं वो अपने काम को लेकर और ज्यादा फोकस रहने लगे थे. जब आप सुबह 5 बजे उठते है उस वक्त आपके आस-पास कितनी शान्ति होती है, कोई आपकी डिस्टर्ब नहीं करता. यानी आप ऐसे स्टेज में होते है जहाँ कोई इंटरफेयर करने वाला नहीं है, आप उन चीजो पर कंसन्ट्रेट कर सकते हो जो आपके लिए मोस्ट इम्पोर्टेंट है. आजकल लोग ज्यादर साइबर जोम्बीज बनते जा रहे है. हम लोग हर वक्त अपने गेजेट्स से घिरे रहते है.

जब भी हम कोई इम्पोर्टेंट काम कर रहे होते है उसी वक्त अगर मोबाइल पे कोई मैसेज आ जाये तो हम एकदम से डिस्ट्रेक्ट हो जाते है. क्या आपको मालूम है हर चैम्पियन या वर्ल्ड क्लास वायोलिनिस्ट या कोई फेमस पेंटर जैसे जो भी ग्रेट लोग है, उनकी सक्सेस का सीक्रेट है कई घंटो तक बिना डिस्ट्रेक्ट हुए लगातार प्रेक्टिस करना. और इसी वजह से ये लोग अपने स्किल्स के मास्टर थे और मैक्सीमम रिजल्ट्स देते थे. न्यूरोसाइंस इसे “फ्लो” कहते है. ये हमारे मेंटल स्टेट का पीक होता है.

ये पीरियड फुल फोकस का होता है जिसमे किसी भी तरह की डिस्टर्बनेस नहीं होती. इसी स्टेट में हमारे माइंड में ओरिजिनल आईडियाज आते है और ब्रेन अपनी फुल पोर्सेसिंग पर होता है. और यही स्टोन रिले के साथ भी हुआ था, उन्होंने जब से सुबह 5 बजे उठाना शुरू किया, तब से उनकी क्रिएटिविटी, एनेर्जी और प्रोडक्टीविटी कई गुना बढ गयी थी.

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हैबिट इंस्टालेशंन प्रोटोकाल (Habit Installation Protocol)

कमिटमेंट, डिसप्लीन और प्रीजेर्ववेंस, इन्हें अपनी हैबिट बना लो ताकि आप भी एक हाई अचीवर बन सको. आपका गोल है हर रोज़ हाई परफोर्मेंस देना यानी अपना बेस्ट देना. यही आपका नार्मल रूटीन होगा. क्या आपको सक्सेस का कॉमन डेनोमिनेटर जानना है? क्योंकि यही वो चीज़ है जो एक्स्ट्राओर्डीनेरी लोगो को नार्मल लोगो से अलग करती है. सक्सेसफुल लोग वो चीज़े करते है जो नार्मल लोग नहीं करना चाहते. जैसे कि सुबह जल्दी उठना, हार्ड ट्रेनिंग करना, एक्स्ट्रा एफर्ट लगाना. ये सब हाई परफॉर्मर्स लोगो की निशानी है.

ये लोग अपनी गुड हैबिट्स कभी नहीं छोड़ते फिर चाहे करने का मन हो या ना हो. इनकी सेल्फ मास्टरी ऑटोमेटिकली इनके बिहेवियर में शामिल हो जाती है. और देखने वालो को इनकी हाई परफोर्मेंस बड़ी एफोर्टलेस लगती है. मगर लोगो को ये नहीं पता कि इसके पीछे रोज़ ना जाने कितने घंटो की प्रेक्टिस है. इतनी मेहनत के बाद जाकर ही ये लोग अचीवर बनते है. तो कोई नई हैबिट कैसे सीखी जा सकती है? जैसे कि सुबह रोज़ 5 बजे उठना और बिना डिस्टरबेंस के अपने सारे काम पूरे करना? इसे हम लाइफटाइम हैबिट आर्क बोलते है. फर्स्ट, आपको कोई ट्रिगर चाहिए, एक सिग्नल कि अब हमे स्टार्ट करना है. सेकंड, जो भी एक्टिविटी आप करो उसे रिचुअल की तरह करो. और थर्ड, रीवार्ड को एन्जॉय करो. और फिर प्रोसेस को रीपीट करते रहो.

जैसे एक्जाम्पल के लिए आप अपना अलार्म 5 बजे का सेट कर दो, ये आपका ट्रिगर है. उसके बाद आप रिचुअल के लिए परोसीड करो. 5 एएम क्लब वालो के लिए ये टाइम एक्सरसाइज़, रीफ्लेक्शन और स्टडी का होता है. और इसका रीवार्ड है कि आप पहले से ज्यादा एक्टिव, रीफ्रेश और प्रोडक्टिव फील करेंगे. फिर नेक्स्ट डे भी आपको ये सेम एक्टिविटी फोलो करनी है. ट्रिगर, रिचुअल और रीपीट- खुद को और अपने बच्चे को ट्रेन करने के लिए ये टेक्नीक यूज़ करो. यही सेम टेक्नीक एनिमल ट्रेनर्स भी यूज़ करते है. ये काफी सिंपल और इफेक्टिव है. एक बार जब आप ट्रिगर प्रेस करेंगे तो रीवार्ड की पूरी उम्मीद कर सकते हो. अब, अपने ब्रेन को रीवायर करने और ओल्ड हैबिट को रीमूव करने के लिए आपको कम से कम 66 मिनिमम दिन चाहिए.

जिसका मतलब है कि आपको हैबिट आर्क पूरे 66 डेज़ लगातार परफोर्म करना है. जब आपके 66 डेज़ पूरे होंगे तब तक वो एक्टिविटी आलरेडी आपकी हैबिट बन चुकी होगी. हैबिट आर्क को मिनिमम 66 डेज़ के लिए फोलो करने से सुबह 5 बजे उठना आपके लिए एकदम ईजी हो जायेगा. आपको लगेगा जैसे ये आपके रूटीन का एक पार्ट है. ऐसे बाकी 5 एएम् कल्ब वाली हैबिट्स के बारे में हम नेक्स्ट चैप्टर्स में सीखेंगे. सेम रीजल्ट पाने के लिए बस आपको हैबिट इंस्टालेशन का प्रोटोकाल याद रखना पड़ेगा. और हैबिट आर्क फोलो करते रहो चाहे आपका मूड हो या ना हो. कई बार हम उतने मोटीवेटेड भी फील नहीं करते, लेकिन आपको बस फोलो करते रहना है. 66 दिनों के बाद न्यू हैबिट आपके ब्रेन में वायर्ड हो जायेगी. फिर आप इसे नैचुरली करोगे. आप देखना फिर आपकी परफोर्मेस कितनी वर्ल्ड क्लास होगी. आपकी ओर्डीनेरी स्किल भी जल्दी ही एक्स्ट्राओर्डीनेरी बन जाएगी.

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द 20/20/20 फ़ॉर्मूला (The 20/20/20 Formula)

सुबह 5 बजे उठकर आप क्या-क्या कर सकते हो? अब अगर आप टीवी खोल के बैठ जाओ या नेट सर्फ करने लगोगे तो कोई फायदा नहीं. आपकी सारी मेहनत वेस्ट जायेगी. 5 से 6 बजे के बीच का टाइम आपका विक्ट्री टाइम होना चाहिए. यही पर 20/20/20 फ़ॉर्मूला काम आता है. यानि 20 मिनट्स की एक्सरसाइज़, 20 मिनट रिफ्लेक्शन के लिए और 20 मिनट स्टडी में.

5 से 5:20 तक आप अपनी सिंपल एक्सरसाइज़ कर सकते हो. इसके लिए जिम जाने की ज़रूरत नहीं है. जो भी वर्क आउट करना है अपने लिविंग रूम में कर लो. लेकिन एक्सरसाइज़ के साथ-साथ खूब सारा पानी पीना ना भूले. सुबह के वक्त एक्सरसाइज़ करने से डोपेमाइन और सेरोटोनिन लेवल शूट अप करते है जिससे आप दिन भर एक्टिव और एनेर्जी से भरपूर रहोगे. इससे आपका मेटाबोलिज्म भी फ़ास्ट होता है.

न्यूरोलोजिस्ट ने बीडीएनएफ यानी ब्रेन डीराइव्ड न्यूरोट्रोफ़िक फैक्टर का पता लगाया है जोकि एक हार्मोन है जो हमारे ब्रेन सेल्स को रीपेयर करता है और तेज़ी से न्यूरल कनेक्शंस फॉर्म करता है. और ये बीडीएनएफ हार्मोन तभी रीलीज़ होता ही जब हम वर्क आउट करते है. यही बजह है कि रेगुलर एक्सरसाइज़ करने वाले शार्प माइंडेड और हेल्दी होते है. अब सुबह कैसे उठा जाए ? तो आप इसके लिए अपना ओल्ड स्कूल अलार्म क्लोक सुबह 5 बजे का सेट कर ले.

लेकिन ये श्योर कर ले कि इस टाइम आपके आस-पास कोई डिजिटल गैजेट्स वगैरह ना हो. ये चीज़ नोट कर ले कि अगर आप लगातार 66 दिनों तक कोई एक्टिविटी करोगे तो वो आपकी हैबिट बन जायेगी. ये आपकी आदत में ऑटोमेटिकली शामिल हो जाएगा. 5:20 से लेकर 5:40 तक का टाइम रिफ्लेक्ट करने का है. ये टाइम है साइलेंस और शान्ति का. इस में आप प्रे कर सकते हो, मेडिटेशन कर सकते हो या अपनी डायरी लिख सकते हो. अगर कोई फ्यूचर प्लान्स आपको बनाने है तो वो भी इस टाइम आप बना लो और सोचो कि आपको कहाँ और क्या इम्प्रूवमेंट लानी है.

वैसे मॉडर्न लाइफ में कम्पीट साइलेंस मिलना एकदम रेयर है. पूरे दिन-भर में इतना शोर शराबा होता है कि हमे शांति के कुछ पल मुश्किल से ही मिल पाते है. ऐसे में अर्ली मोरिंग उठकर हमे जो भी टाइम मिलता है वो काफी इम्पोर्टेंट होता है. इसलिए इन मोमेंट्स को ऐसे ही वेस्ट ना जाने दे. रोज़ सुबह उठकर 20 मिनट प्रे करो, ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करो कि आपको इतनी खूबसूरत जिंदगी मिली है. एक कहावत है” काउंट योर ब्लेसिंग्स” यानी हमारी लाइफ में जो भी अच्छा है उसके लिए हमे थैंकफुल होना चाहिए और ये कोशिश करनी चाहिए कि हम एक अच्छे इंसान, अच्छे पेरेंट, बैटर कलीग या बैटर बोंस बन सके. अगर आपको डायरी लिखनी की हैबिट नहीं है तो डाल ले, लिखना काफी अच्छा होता है खासकर जब आपके दिल में बहुत कुछ होता है जिसे आप दूसरो से शेयर नहीं कर पाते तो उन सब बातो को अपनी डायरी में लिख ले. आपको काफी रिलेक्स फील होगा.

एक डायरी के थ्रू आप अपने हैप्पी मोमेंट्स तो याद रखेंगे ही साथ ही आपको अपने गोल्स भी याद रहेंगे. डायरी सिर्फ अपोइन्टमेंट्स के लिए नहीं होती. इसमें हम अपने अच्छे-बुरे पलो को शेयर कर सकते है. 5:40 से लेकर 6 एएम तक स्टडी करो. लर्निंग सिर्फ स्कूल तक ही लिमिट नहीं होती. आप बुक्स पढ़ सकते हो, कोई पोडकास्ट सुन सकते हो या किसी ऑनलाइन कोर्स की स्टडी कर सकते हो. अगर आपकी नॉलेज इनक्रीज होगी तो आप कोई भी कॉम्पटीशन जीत सकते हो और आपको ज्यादा अपोरच्यूनिटी भी मिल सकती है. स्टडीज हमे स्मार्ट बनाती है. जो चीज़ हमे नहीं आती हम सीख सकते है.

जैसे आप अपने फेवरेट मोटिवेशनल स्पीकर को सुन सकते हो या सक्सेसफुल लोगो की बायोग्राफीज पढो. ज़रा सोचो इन ग्रेट आईडियाज से आप कितना कुछ अचीव करोगे और कितना ग्रो कर सकते हो. जब सीखने को इतना कुछ है तो क्यों बेकार के एंटरटेनमेंट में टाइम वेस्ट किया जाये? आप खुद अपना बेस्ट एसेट हो. इसलिए अपने टाइम को लर्निंग में इन्वेस्ट करो जो आपको सक्सेसफुल इंसान बना सकती है. तो आज से ही अपना अलार्म क्लोक सेट कर लो और कल सुबह ठीक 5 बजे उठो. एक बार विक्ट्री आवर की प्रेक्टिस करके देखो – 20 मिनट की एक्सरसाइज़, 20 का रिफ्लेक्शन और 20 स्टडी में. फिर आप देखना ये हैबिट आपकी लाइफ में कितना पोजिटिव चेंज लेकर आती है.

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