(Hindi) Talk Like TED
टॉक लाइक टेड (Talk Like TED)
कारमाइन गेलो द्वारा by Carmine Gallo
आपने शायद कभी टेड का वीडियो देखके सोचा होगा: “गॉड, काश मै भी इस इन्सान की तरह पब्लिक में बोल सकता” क्योंकि रियली में टेड स्पीकर्स बड़े एंटरटेनिंग गुड पब्लिक स्पीकर होते है. लेकिन ऐसा नहीं है कि ये लोग पैदाइशी ही अच्छे पब्लिक स्पीकर होते है. बल्कि उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है इस फील्ड में मास्टर बनने के लिए. कारमाइन गेलो (Carmina Gallo) ने 500 सभी ज्यादा टेड स्पीकर्स को एनालाइज करके देखा और उन्हें कुछ बड़ी इंट्रेस्टिंग बात पता चली.हालांकि हर स्पीकर का एक डिफरेंट अप्रोच है, फिर भी उनमे कुछ केरेक्टरस्टिक कॉमन है- नोवेल्टी (novelty, इमोशन और मेमो एबिलिटी (memo ability). जिनके बारे में हम बाद में पढ़ेंगे.
इस बुक का ऑथर कोई आम इंसान नहीं है जो खूब सारे टेड वीडियोज देखके सोचता है कि चलो अब अब मै लोगो को सिखा सकता हूँ कि कैसे कॉंफिडेंट और परस्यूएसिव(persuasive)बना जाए. वो एक कम्यूनिकेटर एक्सपर्ट और पब्लिक स्पीकर है जो पहले टीवी न्यूज़ वर्ल्ड में जॉब करता था. कई सालो तक उसने जर्नलिस्ट की जॉब की जिससे उसे करियर मूव करने में एक स्ट्रोंग बेस मिला. वो स्टीव जॉब्स की बॉडी लेंगुएज और परस्यूएसिव टेक्नीक्स एनालाइज करता था जो कि उसकी टाइम पर उसकी बेस्ट सेलर बुक भी थी.
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नोव्ल्टी (Novelty)
जो चीज़ स्टैंड आउट करती है, मेमोरेबल होती है. लोगो को डेली रूटीन से कुछ हटकर स्पेशल और डिफरेंट चीज़े पसंद आती है. तो पहली चीज़ जो आप सीख सकते है वो ये कि थोडा डिफरेंट वे में ड्रेस अप होना सीख ले. बोरिंग, ग्रे ब्लेंड ऑफिशियल सूट्स लोगो की भीड़ में नज़र नहीं आते और सब एक ही जैसे लगते है. कुछ ऐसा पहने जो थोडा हटके हो, थोडा क्रेजी, कलरफुल हिप्पी लुकिंग शर्त टाइप जो आप आज तक अवॉयड करते आये है. या फिर सारे रूल्स तोडकर केजुअली ऐसे ड्रेस अप करे जैसे आप फेंड्स के साथ घूमने जाते है. जैसे कि स्टीव जॉब्स रेयरली कभी ऑफिशियल सूट पहनते थे –वो अपने सिंपल टेस्ट के लिए जाने जाते थे. दुसरे वर्ड्स में बोले तो आप सिम्पल होकर भी मेमोरेबल लग सकते है. इम्पोर्टेंट चीज़ है कि आप भीड़ से अलग दिखे.
बेशक आपको कुछ चीज़े कंसीडर करनी होगी जैसे कि:
1. मेरे स्पेकटेटर्स और लिस्नेर्स (spectators and listeners) किस टाइप के लोग है?
2. मै उन्हें किस टाइप का मैसेज देने वाला हूँ?
3. क्या मै उन्हें एक सिरियस, बिजनेस ओरिएंटेड इंसान का इम्प्रेशन दूंगा या उनके सामने जितना हो सके उतना रीलेक्स बनकर रहूँगा? ये कुछ इम्पोर्टेंट चीज़े है जो आपको एक बढिया स्पीच देने से पहले कंसीडर करनी होंगी. और आप एक बोरिंग सा ग्रे सूट पहनने के बावजूद भी स्टैंड आउट कर सकते है. अगर आपको टीनएजर्स के एक ग्रुप में ड्रग अब्यूज के डेंजर्स के ऊपर कुछ बोलना है तो ज़ाहिर है आपको थोड़ी बहुत कमांड शो करानी होगी –जैसे कि यहाँ पर सूट पहन कर जाना एक राईट स्टार्टिंग पॉइंट है.
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इमोशंस (Emotions)
जितने भी अच्छे स्पीकर्स है, सब इमोशनल होते है. स्पेकटेटर्स इस बात को फील कर सकते है और अगर स्पीच उतनी अच्छी भी नहीं है तो आपकी टोन ऑफ़ वौइस्, पैशन जो आपकी आवाज़ में झलके, वो आपके लिस्नेर्स को केप्टिवेट कर सकती है. इमोशंस थोड़े ट्रिकी होते है क्योंकि इन्हें हर टाइम कण्ट्रोल नहीं किया जा सकता. ऐसा नही होता कि आप सीधे गए और बोले: “राईट, अब मै इस चीज़ को लेकर पैशनेट होना चाहता हूँ” आपको शायद आईडिया मिल गया होगा कि ये चीज़ ऐसे काम नहीं करती है. जिस चीज़ के बारे में आप बात करे वो आपको बड़ी पसंद होनी चाहिए ताकि आपके बोलने में बेस्ट इमोशनल इफ्केट नजर आये.
मार्टिन लूथर किंग का एक्जाम्पल लेते है, वो एक ग्रेट स्पीकर थे. उन्होंने एक बड़े कॉज़ (cause) के लिए फाइट की थी –रेशियल इक्वेलिटी (racial equality). उसने ये तब किया जब बहुत मुश्किल टाइम था और इसकी वजह से फाइनली उसको मार दिया गया था. लेकिन उसकी स्पीच आज भी इतनी मेम्रोरेबल है क्योंकि उनमे एक स्टैण्डर्ड है जिसकी कम्प्येर लोग आज भी स्पीचेस में करते है. उसकी एक टाइमलेस स्पीच में से एक लाइन थी: “आई हैव अ ड्रीम!” जोकि हिस्ट्री के पन्नो में लिखी जा चुकी है. आप उनकी स्पीच थोड़े मिनट के लिए देखो, आपको पता चल जाएगा.
सबसे पहले तो उन्होंने एक हाईली पर्सनल कॉज के लिए फाइट की थी –एक अफ्रीकन अमेरिकन होने के नाते उन्हें अपने जैसे लोगो का स्ट्रगल मालूम था और ये वो 20वी सेंचुरी में 60 का वो टाइम था जब रेशियल डिसक्रीमेशन अपने पीक पर था जब वो इस बारे में स्पीच देते थे तो उनकी वौइस् कांपने लगती थी, उनकी आँखों में आंसू भर आते थे. उनके जेस्चर से पता चलता था कि वो कितने नर्वस और एनरजेटिक फील कर रहे है. अपने इमोशंस एक्सप्रेस करने के उनके ये तरीके थे. अगर कोई आदमी इस तरह से कोई वैक्यूम क्लीनर बेचने की कोशिश करे तो वो वर्ल्ड का बेस्ट मर्चेंट बन सकता है. लेकिन एक ट्रिक है कि आप वैक्यूम क्लीनर्स के बारे में इतने इमोशनल होकर बात नहीं कर सकते.
स्माल, इन्सिग्नीफिकेंट चीजों को लेकर हम इस लेवल तक पैशन नहीं दिखा सकते. पैशन के लिए आपको अंदर डीप तक जाना होगा. अगर आप दो-चार टेड वीडियोज एनालाईज़ करे तो देख सकते है कि इनमे सभी स्पीकर्स अपनी लाइफ के बिगेस्ट पैशन के बारे में बता रहे है –इनमे कुछ डॉक्टर्स है तो कुछ साईंकोलोजिस्ट और कुछ इकोनोमिस्ट है. “ये बस इतनी सी बात है कि आप जो है, सो है और खुद को लेकर कूल है. और जब आप ओथेन्टिक (authentic) होते है तो खुद ब खुद अपने दिल की सुनने लगते है, और फिर आप वही बोलते है,वही करते है और उन्ही लोगो के साथ होते है जो आपकी ख़ुशी दे. आप उन लोगो से मिलते है जिनसे बात करना आपको अच्छा लगता है, उन जगहों पर जाते है जो आपकी ड्रीम डेस्टीनेशन है और फिर आपकी लाइफ में एक तरह की फुलफिलमेंट आती है, और आप वही करते है जो आपका दिल कहता है”.
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बीइंग मेमोरेबल (Being memorable)
नोव्ल्टी और इमोशंस कुछ ऐसे तरीके है जिनसे आप मेम्रोरेबल बन सकते है. लेकिन बाकी दुसरे मेथड्स भी है जैसे हमने मार्टिन लूथर किंग की एटरनल (eternal) लाइन मेंशन की थी: “आई हैव अ ड्रीम” I –हमे जैसे ही इस एक सेंटेंस के बारे में सोचते है तुरंत मार्टिन लूथर किंग और उनके आईडियाज माइंड में आ जाते है. आपकी स्पीच में एक अच्छी सी “पंच लाइन” और एक बढ़िया स्ट्रक्चर होना चाहिए जो मेमोरेबल हो. पुराने टाइम में लोग ओरेटर्स को बड़ा पसंद करते थे जोकि एनशियेंट पब्लिक स्पीकर् होते थे और बोलने में बड़े माहिर माने जाते थे. और इनकी स्पीच भी बेस्ट होती थी.
बेशक बेस्ट से बेस्ट स्पीच में भी इम्प्रूवमेंट की गुंजाईश है लेकिन अपने स्पीच का स्ट्रक्चर पहले ही डेवलप करके रख ले. कारमाइन गेलो (Carmine Gallo )ने ये टेक्नीक्स एनालाइज की है जिससे लोग आपकी स्पीच लॉन्ग टाइम तक याद रखेंगे. नेक्स्ट चैप्टर्स में हम इन टेक्नीक्स के बारे में और पढेंगे, जो है –लोगोस (logos, एथोस (ethos, और पाथोस (pathos. ये एनशियेंट ग्रीक वर्ड्स है –और शायद इसीलिए गेलो (Gallo) ने इन्हें एम्प्लोय करने के बारे में सोचा. हमने पहले ही मेंशन किया है कि एनशियेंट सीवीलाईजेश्न्स जैसे ग्रीक्स और रोमंस खासकर (Greeks and Romans in particular) ने आर्ट ऑफ़ परस्यूएशन (persuasion) में अपना काफी कंट्रीब्यूशन दिया है. बाकी कुछ और तरीके भी है जो आपकी प्रेजेंटेशन को मेम्रोरेबल बना सकते है –एक्सट्रीम मोमेंट्स और न्यू स्टेटीस्टिक्स आपकी हेल्प कर सकते है. लोगोस, एथोस, और पाथोस के बारे में बताने के बाद हम आपको इन एक्सट्रीम मोमेंट्स और नोवल स्टेटिसटिक्स के बारे में बताएँगे.
एथोस (Ethos)
जैसा हमने पहले बताया कि एनशियेंट सीवीलाईजेशन्स खासकर ग्रीक्स (especially Greeks) डिबेट और परस्यूएशन (persuasion ) स्किल के बड़े शौकीन थे. यहाँ के लोगो को बाते करना बड़ा पसंद था और अक्सर इस चीज़ का भी कॉम्पटीशन होता था. सुकरात(Socrates)पुराने टाइम का एक बड़ा ग्रेट फिलोसफ़र अपनी परस्यूएशन स्किल्स (persuasion skills) के लिए फेमस था. वो अपने लिस्नेर्स को अपनी बातो से कन्विंस कर लेता था और राईट क्वेश्चन पूछ कर वो कम्प्लीटली अपोजिट ओपिनियन इंड्यूस कर लेता था. और एंड में उसके लिस्नेर्स कम्प्लीटली अमेज़ड (completely amazed) हो जाते थे. और जब वो उनको बेवकूफ़ नहीं बना पाता था तो वो सिम्पली उनसे कुछ सवाल पूछता, और उस पर आर्ग्यूमेंट करता फिर सुनने वाले खुद से ही कोई कनक्ल्यूजन निकाल लेते थे.
आपको भी कुछ इस टाइप की स्टाइल अपनानी होगी. क्योंकि कोई भी बेवकूफ बनना या झूठ सुनना पसंद नहीं करता. और इसीलिए अपनी स्पीच में हमेशा रियल, रेलेवेंट आर्ग्यूमेंट्स रखो, यही एथोस का एसेंस है. एथोस का मतलब है क्रेडीबिलिटी. गेलो(Gallo ) एक इंट्रेस्टिंग टेक्निक के बारे में बताते है जिससे राईट अमाउंट ऑफ़ एथोस लाया जा सकता है. –जैसे कि आप अपने क्लेम्स (claims)रियल डेटा से प्रूव कर सकते है, या उससे भी बैटर जैसे स्टेटिसटिक्स और ग्राफ्स. स्पेशली ग्राफ्स पब्लिक स्पीकर्स के बड़े काम आते है क्योंकि ये समझने में ईजी है और लोगो को बस एक पिक्चर से काफी इन्फोरमेशन मिल जाती है. लेकिन उससे भी ज्यादा इम्पोर्टेंट है आपकी पर्सनल क्रेडिबीलिटी –आपकी पर्सनेलिटी और केरेक्टर. सिम्पली बोले तो लोग आपकी क्रेडीबीलिटी चेक करना चाहते है इसीलिए खुद को हमेशा पोजिटिव लाइट में प्रजेंट करे.
जैसे कि हमने बताया आप टीनएजर्स के सामने ऐसे ही नहीं चले जायेंगे, आपमें कुछ रौब वाली बात होनी चाहिए. इसके लिए आपको अपने लुक्स पर और पर्सनल स्टांस (personal stance) पर ध्यान देना होगा. कोई चश्मा पहने है तो लोग कभी-कभी बोल देते है: “ओह, आप तो एक साइंटिस्ट लगते है!” या कोई गंजा होगा तो बोलेंगे: “तुम ठग लगते हो”. तो देखा आपने अपिरिएंश (Appearances) धोखा देता है, लेकिन कई बार आप इसे मैक्सिमम अमाउंट ऑफ़ एथोस अचीव करने के लिए भी यूज़ कर सकते है. वही दूसरी तरफ क्राउंड पर भी काफी कुछ डिपेंड करता है. जैसे एक्जाम्पल के लिए जो लोग पोलिटिकल इवेंट्स अटेंड करते है उन्हें आर्ग्यूमेंट्स नहीं चाहिए होते और अगर वो ऐसा करते भी है तो उन्हें क्रेडिबिलिटी की परवाह नहीं होती. हम बाद मे बताएँगे कि बाकी और भी टेक्नीक्स है जो ऐसे क्राउड के लिए एकदम सूटेबल है.