(Hindi) Sleep Smarter: 21 Essential Strategies to Sleep Your Way to a Better Body, Better Health, and Bigger Success

(Hindi) Sleep Smarter: 21 Essential Strategies to Sleep Your Way to a Better Body, Better Health, and Bigger Success

इंट्रोडक्शन(Introduction)

क्या आपको नींद ना आने की समस्या है ? क्या आपको बहुत मुश्किल से नींद आती है ? क्या आपकी नींद बीच बीच में टूट जाती है ? अगर हाँ तो ये बुक आपके लिए है.नींद हमारे जीवन का एक बहुत ज़रूरी हिस्सा है. ये बिलकुल खाने और सांस लेने जितना ज़रूरी है. फिर भी इस दौड़ती हुई ज़िन्दगी में हम इसपर ध्यान ही नहीं देते. ये बुक आपको एक अच्छी और गहरी नींद से होने वाले फायदों के बारे में सिखाएगी. ये आपको बहुत से ऐसे टिप्स भी सिखाएगी जिसे फॉलो करने से आपके सोने का रूटीन पहले से ज्यादा बेहतर  हो जाएगा.
अच्छी और पूरी नींद आपको अच्छी सेहत औरज्यादा ख़ुशी देती है. येज्यादा सफलता हासिल करने में मदद करती है. और ये बिलकुल सच है. तो अब समय है कि आप चैन से गहरी नींद सो सके और मीठे सपने देख सकें.और मेरी मानिए तो ये बुक आपके लिए एकलोरी का काम करेगी.

नो द वैल्यू ऑफ़ स्लीप   (Know the Value of Sleep)
आज कल लोग कम सोने लगे हैं,वोअपनी नींद पूरी नहीं करते क्योंकि उन्हें पता ही नहीं है कि ये हमारे लिए कितना ज़रूरी है. वो इसकी कीमत नहीं समझते.नींद हमारे शरीर और मन को समय समय पर आराम देने का एक नेचुरल प्रोसेस है.हमारे दिमाग का वो हिस्सा जिसकी वजह से जब हम होश में होते हैं तो सब देख सुन सकते हैं, समझ सकते हैं उसे कॉन्ससियस माइंड कहा जाता है. नींदउस प्रोसेस को कहते हैं जब हमारी आँखें बंद हो जाती हैं और कॉन्ससियस माइंड आराम कर रहा होता है. इसलिए सोते समय शरीर में ज्यादा हलचल नहीं होती और आस पास की चीज़ों की तरफ हम रियेक्ट नहीं करते.

हमारे शरीर में दो तरह के प्रोसेस होते हैं. पहला एनाबोलिक (anabolic) जो ओर्गंस और टिश्यू कोबढाने का काम करता है औरइस प्रोसेस में नए सेल्स भीबनते हैं. दूसरा है केटाबोलिक (catabolic) जोकंपाउंड्स और मॉलिक्यूल्स को ब्रेक करके एनर्जी बनाने का काम करता है. इसलिए नींद एनाबोलिक प्रोसेस है जहां हमारा शरीर खुद को रिपेयर या ठीक करने की कोशिश करता है. जगे रहना केटाबोलिक प्रोसेस है जहां हमारी एनर्जी काम करने से यूज़ हो जाती है. नींद आपकी बॉडी को आराम दे कर फिर से तरोताज़ा कर देता है,उसमें नयी एनर्जी भर देता है.

एक अच्छी और पूरी नींद आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाती है, आपके मेटाबोलिज्म को और बेहतर बनाती है जिसकी वजह से आपमें ज्यादा एनर्जी होती है.रात को अच्छी नींद आने से आपका ब्रेन बहुत शांत महसूस करता है, आपके बॉडी में हॉर्मोन का लेवल भी बैलेंस में रहता है. अगर आप एक स्वस्थ शरीर और दिमाग चाहते हैं तो ये सब आपको गहरी नींद के बिना कभी नहीं मिल सकता.

आज हम जिस दुनिया में रह रहे हैं, नींद के बारे में तो हम जैसे बिलकुल भूल ही चुके हैं. बस सब यही मान के बैठे हैं कि जितना ज्यादा काम और मेहनतकरेंगे उतनी ज्यादा सफलता मिलेगी. अब तो जैसे ये सोच हीहो गई है किमरने के बाद ही कोईचैन की नींद सो सकता है.

ये बिलकुल सच है कि सफलता पाने के लिए मेहनत करना और लगातार अपने काम में लगे रहना  बहुत ज़रूरी है.लेकिन अगर ठन्डे दिमाग सेकाम किया जाए तो गलतियां भी कम होंगी और काम भी जल्दी पूरा हो जाएगा, अब बताइए ये बुद्धिमानी नहीं है क्या ? सोचिये अगर आप नींद पूरी नहीं करेंगे तो क्या आपका काम खराब नहीं होगा ? रिसर्च में ये पता चला है कि अगर आप एक पूरा दिन नींद पूरी किये बिना काम करते हैं तो आपके ब्रेन में 6% कम ग्लूकोस पहुंचता है जिसके कारण हमारा दिमाग बहुत थक जाता है क्योंकि उसे तो उसका पूरा खाना मिला ही नहीं. धीरे धीरे ये आपके दिमाग को कमज़ोर कर देता है. ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन ऐसा आएगा कि आपको बातें ठीक से समझ में आना बंद हो जाएंगी.

यही कारण है कि जब आप नींद पूरी नहीं करते तो आपको ज्यादा मीठा खाने की इच्छा होती है. इसलिए आपका मन डोनट, कूकीज और चॉकलेट खाने का करता है क्योंकि ब्रेन ये सिग्नल दे रहा है कि उसे शुगर की ज़रुरत है.

एक और मज़े की बात सुनिए.जबआप कम सोते हैं तो हमारे ब्रेन का जो हिस्सा हमें सोचने समझनें में मदद करता है, सबसे ज्यादा उसी हिस्से को नुक्सान पहुंचता है. हमारे ब्रेन के आगे का सबसे ज़रूरी हिस्सा, जिसे प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स (prefrontal cortex) कहा जाता है, हमारे ब्रेन में ज़्यादातर काम यही हिस्सा करता है.पैराइटल  लोब (parietal lobe) हमारे ब्रेन का पीछे का हिस्सा होता है और नींद पूरी ना होने से इन दोनों हिस्सों में 14% ग्लूकोस कम पहुंचता है.
इसलिए आधी रात के बाद लोग बेवकूफों जैसा व्यवहार करते हैं. क्या ये आपके साथ कभी हुआ है ? कम सोने की वजह से आपका दिमाग थक जाता है , सही और गलत के बीच फर्क नहीं कर पाता और इसलिए सही फैसले नहीं ले पाता है.इसलिएसुबह जब आपका माइंड आराम कर के फ्रेश होता है तब आप वो बेवकूफियां नहीं करते हैं.

जैसा कि हमनें ऊपर पढ़ा कि नींद एक नेचुरल प्रोसेस है जो शरीर को आराम देने के लिए बनाया गया है तो ये मत सोचिये कि इसकी वजह से आपको काम बीच में बंद करना पड़ता है. आपके शरीर और दिमाग के लिए नींद बहुत ज़रूरी है, इस दौरान बॉडी के अन्दर बहुत से नेचुरल प्रोसेस अपना काम करते हैं.नींद पूरी ना होने से आप ठीक से काम कर ही नहीं पाएँगे. आप कोशिश करते रहेंगे पर गलतियां भी उतनी ही ज्यादा होंगी जिससे काम ख़तम होने में और ज्यादा समय लगेगा. रिसर्च में पता चला है कि जो लोग कम नींद लेते हैं उन्हें अपना काम ख़तम करने में 14% ज्यादा समय लगता है और वो 20% ज्यादा गलतियां करते हैं.

नींद पूरी करने के लिए समय निकालना सीखिए तब आपको समझ में आएगा कि आपकी गलतियां कितनी कम हो गयी हैं और इसकी वजह से आप कितनी ज्यादा सफलता हासिल कर सकते हैं.जब आपका दिमाग थका हुआ हो तो आपका काम कभी ठीक नहीं हो सकता. तो यहाँ नींद के लिए एक पॉवर टिप सुनिए. अगर आपको किसी बड़े प्रोजेक्ट या एग्जाम के लिए तैयारी करनी है तो अपने कैलेंडर में उस तारीख को नोट कर लीजिये और उसके हिसाब से समय को इस तरह बांटिये कि आपके पास नींद पूरी करने का समय भी हो. याद रखिये ये समय की बर्बादी नहीं है, ये आपके दिमाग को तेज़ रखने का बस एक तरीका है. ये आपके प्रोजेक्ट या एग्जाम की तैयारी का एक अहम् हिस्सा है.

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गेट मोर सनलाइट ड्यूरिंग  द  डे  (Get More Sunlight During the Day)
क्या आपने “सिरकाडियन टाइमिंग सिस्टम” (circadian timing system) के बारे में सुना है ? आसान शब्दों में ये हमारे बॉडी का नेचुरल क्लॉक है जो 24 घंटे काम करता रहता है. अगर आपके शरीर को दिन में सही मात्रा में धूप मिलती है तो उसे पता चल जाता है कि कब सोना है. धूप मिलने से नींद बहुत अच्छी और गहरी आती है.

ये घडी हमारे ब्रेन के हाइपोथैलेमस ग्लैंड में होता है. नसों का एक ग्रुप है जो धूप को पहचान सकता है और महसूस कर सकता है जिससे आपके शरीर को पता चल जाता है कि उसे कब सोना है.धूप में जाने से हाइपोथैलेमस पूरी बॉडी को सिग्नल देता है कि अभी उसे जगे रहना है और काम करना है. अगर आपको दिन में ठीक से धूप ना मिले या आप रात को ज्यादा रौशनी में रहते हैं तो ये ग्लैंड कंफ्यूज हो जाता है. तब नींद आने में बहुत दिक्कत होती है.

लेकिन अगर आप का काम एक जगह ऑफिस के अन्दर बैठ कर करने का है तो आप क्या करेंगे ? रिसर्च से ये पता चला है कि ऑफिस में काम करने वाले लोगों को ठीक से धूप नहीं मिलने की वजह से आमतौर पर उन्हें1 घंटा कम नींद आती है. इसलिए उनके बीमार पड़ने का ख़तरा बढ़ जाता है, उनमें कम एनर्जी होती है और नींद आने में समस्या होने लगती है.

अगर आप भी ऑफिस में एक जगह बैठ कर काम करते हैं तो कोई ना कोई तरीका सोचिये जिससे आपको ठीक से धूप मिल सके, ये आपको ज्यादा खुशमिजाज़ बनाएगी और आप कम गलतियां करके ज्यादा काम कर पाएँगे. तो यहाँ धूप सेकने का एक पावर टिप ये है कि सुबहऑफिस जाने से पहले 6-8 बजे के बीच धूप में सैर कीजिये या बैठ जाइये. इस समय की धूप शरीर को बहुत फायदा पहुंचाती है क्योंकि सुबह की धूप में ज्यादा गर्मी नहीं होती. सुबह30 मिनटकीधूप भी शरीर के लिए काफी होता है.

तो टिप नंबर 2 है कि अगर ऑफिस में आप जहाँ बैठते हैं वहाँ धूप नहींआती तो ब्रेक के समय ऑफिस से बाहर निकल कर धूप का आनंद लीजिये. या आप किसी खिड़की के पास जा सकते हैं या अपना लंच बाहर कर सकते हैं. ये 15 मिनट की धूप भी आपके शरीर को बहुत सारे नुकसानों से बचाएगी. आपकी स्किन पहले से अच्छी होगी और हॉर्मोन भी बेहतर काम करने लगेगा.

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अवॉयड द स्क्रीन्स बिफोर बेडटाइम (Avoid the Screens before Bedtime)

अब हम बात करेंगे आपके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से निकलने वाली आर्टिफीसियल ब्लू लाइट के बारे में.क्या आप जानते हैं कि ये लाइट आपकी बॉडी परकितना खराब असर डालता है ?इसकी वजह सेकोर्टिसोल हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है.जब हम तनाव में होते हैं तो कोर्टिसोलहमें उसे झेलने में मदद करता है लेकिन अगर ये ज्यादा हो गया तो नींद भी खराब कर देता है.

रिसर्च करने से ये पता चला कि अगर 2 घंटे ipad को ज्यादा ब्राइटनेस के साथ इस्तेमाल किया जाए तो  रात को हमारे शरीर में बनने वाला हॉर्मोन मेलाटोनिन कम बनने लगता है. मेलाटोनिन वो हॉर्मोन है जो हमें यंग और एक्टिव रखता है. बच्चों के शरीर में ये ज्यादा बनता है, बड़ों में थोडा कम हो जाता है. इसलिए अगर आप नींद पूरी करते हैं तो जितना मेलाटोनिन ज़रूरी है उतना हमारे शरीर में बनेगा जिसकी वजाह से आप अपनी उम्र से छोटे लगेंगे और तेज़ और फुर्तीले भी रहेंगे.

हॉर्मोन लेवल बिगाड़ने के अलावा आपकेस्मार्टफ़ोन, टीवी और लैपटॉप से निकलने वाली ब्लू लाइट आपकी बॉडी के नेचुरल क्लॉक को भी खराब कर देती है. अगर आप हर रोज़ सोने से पहले इन गैजेट्स का इस्तेमाल  करते हैं तो समय के साथ आपको नींद ना आने की बिमारी और दूसरी बीमारियाँ भी हो सकती हैं.
आज की मॉडर्न टेक्नोलॉजी सच में कमाल की है लेकिन हमें अपने शरीर को आराम देने की बात पर अब ज्यादा ध्यान देना होगा.इससे खुद को बचाने का एक पॉवर टिप ये है कि सोने से 90 मिनट पहले सारे गैजेट्स को यूज़ करना बंद कर दीजिये. खासकरवो लोग जिन्हें नींद आने में दिक्कत होती है, उन्हेंतोये टिपज़रूर ट्राय करना चाहिए.

दूसरा टिप ये है कि गैजेट्स के इस्तेमाल के अलावा कुछ और करने की आदत डालिए जैसे बुक्स पढना या किसी अपने से बात करना. हाँ आप अपने स्मार्टफ़ोन के बिना नहीं रह सकते लेकिन बुक्स पढना एक बहुत कमाल की आदत है. बुक्सहमेंजानकारी देती है, हमारी नॉलेज बढ़ाती है, हमेंकईअच्छी कहानियां पढने को मिलती हैं और उनमें से  कुछ हमें इंस्पायर भी करती है. कभी कभी हमें ऐसे विचारों के बारे में पढने को मिलता है जिन्हें सुन कर हम और बेहतर इंसान बन जाते हैं तो अब समझे,यूहीं नही कहते कि बुक्स हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती है.

किसी अपने के साथ बैठ कर बात करने का मुकाबला तो कुछ भी नहीं कर सकता. सोने से पहले अपने बच्चों, अपने पेरेंट्स, अपने पति या पत्नी या अपने पार्टनर से ज़रूर बातें करें. उनसेपूछिए कि उनका दिन कैसा बीता, उन्हें क्या खुश करता है, वो किसी बात से परेशान तो नहीं है ना. आपके ऐसा करने से वो भी आपसे ये सब पूछेंगे जिससे आपको बहुत अच्छा और हल्का महसूस होगा. इससे सिर्फ आपकी नींद अच्छी नहीं होगी बल्कि आपके रिश्तों में भी पहले से ज्यादा मिठास होगी.

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