(Hindi) See You at the Top

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इंट्रोडक्शन (Introduction)

राल्फ वाल्डो एमर्सन (Ralph Waldo Emerson ) ने एक बार कहा था” बीता हुआ कल और आने वाला कल उतना इम्पोर्टेंट नहीं है जितना कि अभी जो हमारे अंदर चल रहा है वो इम्पोर्टेंट है”. तो आप अभी अपनी लाइफ में कहाँ पर है? क्या आपको लगता है कि आपने अपनी सारी एबिलिटीज यूज़ कर ली है? क्या आपने अब तक अपना बेस्ट किया है? या शायद आपको लगता है कि अभी तक आपने अपनी लाइफ में कुछ भी अचीव नहीं किया जो आप डिजर्व करते हो. अगर ऐसी बात है तो ये बुक summary आपके हिसाब से एकदम परफेक्ट चॉइस है.

कई बार हम लोगो को देखते है और खुद से पूछते है” क्या मै भी कभी ऐसा बन पाउँगा…अगर मेरे पास ये होता या वो होता तो मै भी सक्सेसफुल होता. लेकिन ये बड़ी नेगेटिव थिंकिंग है. अभी इसी टाइम, इसी मोमेंट आपके पास वो सब कुछ है जो आपको सक्सेसफुल होने के लिए चाहिए. क्योंकि आपके पास आप खुद हो और वो सब कुछ है जो आपको टॉप पे ले जा सकता है. एक बड़ी पोपुलर स्टोरी है एक ओल्ड मेन के बारे में जो मरने वाला था. अपने आखिरी पलो में उस आदमी को पता चला कि जिस घर में वो इतने सालो से रह रहा था, उसके नीचे असल में सोने की खान है.

उसे कभी पता ही नहीं चला कि वो एक्चुअल में इतना अमीर है और इस बात से अनजान उस ओल्ड मेन ने अपनी पूरी लाइफ उस घर में गुज़ार दी थी. लेकिन आप उस ओल्ड मेन की तरह मत बनो. इस बुक summary का गोल आपके अंदर छुपी पोटेंशियल को बाहर निकालना है, ये आपको एक्शन लेने में हेल्प करेगी. ये आपको अपनी एबिलिटीज को मैक्सीमाइज़ करने के लिए इंस्पायर करेगी ताकि आप और आपके आस-पास के लोग एक बैटर लाइफ जी सके. मान लो आप सबसे नीचे वाली सीढ़ी में खड़े हो और टॉप पर पहुंचना चाहते हो. और टॉप पर एक दरवाज़ा है जो आने वाले कल का है.

और इस दरवाज़े के पीछे हैप्पीनेस, पीस, वेल्थ, सिक्योरिटी, गुड हेल्थ और ढेर सारे मौके है. बेशक आप भी इस दरवाज़े तक पहुंचना चाहते हो लेकिन यहाँ तक पहुँचने के लिए कोई लिफ्ट नहीं है और कोई और शोर्ट कट भी नहीं है. बल्कि आपको सारे स्टेप्स लेने है तब जाकर आप वहां पहुँच सकते है. इसलिए आपको एक-एक स्टेप लेना सीखना होगा. फर्स्ट स्टेप सेल्फ इमेज की है. सेकंड स्टेप है दूसरो के साथ आपके रिलेशनशिप. थर्ड स्टेप है गोल्स. फोर्थ स्टेप है एटेट्यूड. फिफ्थ स्टेप है वर्क और फाइनली सिक्स्थ स्टेप डिजायर है. तो अब अपना फर्स्ट स्टेप लेने का टाइम आ गया है. टॉप तक जाने की आपकी जर्नी आज से स्टार्ट होती है. बेकार की नेगेटिव थिंकिंग को डम्प कर दो. आपके अंदर ही एक गोल्ड माइन मौजूद है, एक काइंड, टेलेंटेड और सक्सेसफुल इंसान आपके अंदर छुपा बैठा है लेकिन आप टॉप पर क्यों नहींपहुँच पा रहे?

इसका एक रीजन शायद ये है कि आपने अब तक नेगेटिव थिंकिंग छोड़ी नहीं है. एक कहावत है” आप जहाँ हो वहां इसलिए हो क्योंकि आप एक्जेक्टली वही पर होना चाहते हो”. हो सकता है आपका दिल टूटा हो, हो सकता है आप लाइफ में बहुत कम्प्रोमाइज कर रहे हो. या शायद दोस्तों और रिश्तेदारो से आपकी अनबन चल रही हो. तो क्या आप लाइफ में यही चाहते थे? क्या यही आपकी एक्सपेक्टेशन है ? आप मानो या ना मानो इसके पीछे रीजन आपकी गारबेज थिंकिंग या नेगेटिव थिंकिंग है.

बचपन से ही हमे अपनी लाइफ को लेकर नेगेटिव आईडियाज और कमेंट्स मिलने शुरू हो जाते है. वो आपके कुछ यूं बोलते है” तुम तो बस यही कर सकते हो” या तुम बस यही बन सकते हो” लेकिन एक्चुअल में ऐसा नहीं है. लोग चाहे आपको कितना भी डिसकरेज कर ले आप उन पर बीलिव मत करो. आपका बैकग्राउंड चाहे जो भी हो वो मैटर नहीं करता, मैटर करता है आपकी लाइफ का एम् क्या है और उस एम् को पूरा करने के लिए आप क्या कर रहे हो. बहुत से लोग अपनी प्रोब्लम्स के लिए पेरेंट्स को ब्लेम करते है या फिर अपने रिलेटिव्स, बॉस या कम्यूनिटी को कोसते रहते है.

एक बार एक शहर के अंदर एक बड़ा सा गारबेज डम्प था. 100 सालो तक लोग वहां पर अपना सारा कचरा डालते रहे, साल दर साल कचरा जमा होता रहा. और फिर एक दिन कुछ प्रोग्रेसिव लोगो को उस गार्बेज डम्प में कुछ डिफरेंट नज़र आया. व्यू पॉइंट चेंज हुआ तो लोगो को वहां पर कचरे की जगह एक बड़ा सा शोपिंग सेंटर नजर आने लगा. और बस फिर क्या था, लोगो ने वहां कचरा डालना बंद कर दिया और उस जगह को अच्छी मिटटी से भरना शुरू कर दिया. वो तब तक मिटटी भरते रहे जब तक कि वहां पर एक बढ़िया सी फाउंडेशंन नहीं बन गयी.

और कुछ सालो में ही उस गार्बेज डम्प की जगह शहर का सबसे बड़ा और मैग्नीफीशियेंट शोपिंग कॉम्प्लेक्स खुल गया जिसमे बड़ी-बड़ी चमक दमक वाली शॉप्स थी और वहां हर तरह के प्रोडक्ट्स मिलते थे. जिस जगह पर लोग नाक बंद करके निकलते थे अब वो शहर की सबसे खूबसूरत जगह थी. और ये सब इसलिए हुआ क्योंकि लोगो ने अपनी ओल्ड थिंकिंग छोड़ कर एक न्यू वे ऑफ़ थिंकिंग अप्लाई की. तो आप भी इस वक्त अपने पास्ट का गार्बेज लेकर घूम रहे हो. लेकिन इसका कोई बेनिफिट नहीं है, इसलिए आज के दिन से ही आप अपनी लाइफ का फर्स्ट डे लेकर चलो.

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द ब्लैक बलून (The Black Balloon)

जैसा हमने पहले भी कहा है, आपके पास वो सब है जो आपको सक्सेसफुल होने के लिए चाहिए. आप सक्सेसफुल होने के लिए ही बने है. आपकी सक्सेस और ड्रीम लाइफ आपके साथ स्टार्ट होती है. खुद पर डाउट मत करो और ना ही कोई एक्सक्यूजेस दो. ये वेट मत करो कि एक दिन लाइफ में बिग ब्रेक मिलेगा. अपनी एबिलिटीज पर बिलीव करके तो देखो, आपकी ड्रीम लाइफ आपके हाथो में होगी. एक बार एक आदमी था जो न्यू यॉर्क सिटी में गुब्बारे बेचता था.

जब उसके गुब्बारे नहीं बिकते थे तो वो कस्टमर्स को अट्रेक्ट करने के लिए एक बलून हवा में उड़ा देता था. और लोग हवा में उड़ता बलून देखकर उसके पास बलून लेने आ जाते थे. और वो आदमी हर टाइम एक डिफरेंट कलर का बलून उड़ाता था. कभी व्हाइट, रेड या कभी येलो. एक दिन एक छोटा नीग्रो लड़का उसके पास आया. उसने अपनी स्लीव्स ऊपर चढाई हुई थी, उसके बलून वाले से पुछा” अगर आपतुम black बलून को छोड़ दोगे तो क्या वो भीऊपर उड जायेगा?

बेटा, बलून के अंदर जो हवा है वो उसे ऊपर ले जाती है” बलून वाले ने जवाब दिया.आप आज लाइफ में जो भी है जहाँ भी है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और आप ये बात जान ले तो अच्छा होगा. फर्क पड़ता है तो इस बात से कि आपके अंदर वो क्या चीज़ है जो आपको लाइफ में ऊपर तक लेके जाएगी.

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द फर्स्ट स्टेप: सेल्फ इमेज (The First Step: Self-Image)

टॉप तक पहुँचने की जर्नी आपके अंदर से ही स्टार्ट होती है. ये उतना ईजी नहीं है लेकिन ये बात सच है. अगर आप ही खुद पे बिलीव नहीं करोगे तो दुसरो से आप कैसे एक्स्पेक्ट कर सकते हो की वो आप पर ट्रस्ट करे? सबसे पहले तो आपको अपनी नेगेटिव सेल्फ इमेज से छुटकारा पाकर एक पोजिटिव सेल्फ इमेज बिल्ड करनी होगी. खुद को अलग नजरिये से देखो. इमेजिन करो कि आपके फ्रेंड्स आपसे कुछ ऐसे बोल रहे है “दोस्त, मैं तुम्हे डिस्टर्ब नहीं करता चाहता, और मैंने पैसो या किसी और फेवर के लिए भी कॉल नहीं किया, मै तो तुम्हे बस इतना बोलना चाहता हूँ कि तुम एक अमेजिंग पर्सन हो और अपने करियर और लोगो के लिए काफी कुछ कर रहे हो.

मुझे तुम्हारी फ्रेंड्सशिप पसंद है क्योंकि तुम मुझे इंस्पायर और मोटिवेट करते हो कि मै जो भी करूँ अपना बेस्ट करूँ. तुम एक ग्रेट फ्रेंड होजिसके साथ रहकर एंकरेजमेंट मिलती है. बस मै यही कहना चाहता हूँ और उम्मीद करता हूँ हम जल्द मिलेंगे”. अब इन वर्ड्स को सूनने के बाद भला किसे अच्छा नहीं लगेगा? आपको पता चलेगा कि आपके फ्रेंड्स आपके अंदर क्या पोजिटिविटी देखते है. अचानक से आपका कांफिडेंस बड जायेगा. आपको लगेगा कि आप तो बहुत कुछ कर सकते हो, और एक बार जब आपकी इमेज इम्प्रूव होगी तो परफोर्मेंस भी अपने आप इम्प्रूव हो जायेगी.

लेकिन कभी ऐसा भी होता है कि आप ज़रा भी मोटिवेटेड फील नहीं कर पाते. आपको लगता है कि बस मै इतना ही अचीब कर सकता हूँ इससे ज्यादा नहीं. मेरी लिमिट बस इतनी ही है. जब भी आप ऐसा सोचते है, असल में खुद से ही नजरे चुरा रहे होते है. एक बार इम्मानुएल निन्गेर (Emmanuel Ninger) नाम का एक टेलेंटेड पेंटर था, 1880 में वो बड़ा पोपुलर हुआ करता था, अपने बनाये (portraits) पोट्रेट्स के लिए नहीं बल्कि नकली डॉलर नोटके लिए. एक बार इम्मानुएल (Emmanuel) एक लोकल ग्रोसरी स्टोर से टर्निप ले रहा था. उसने कैशियर को 20 डॉलर का नोट दिया. कैशियर ने देखा कि पैसे लेते वक्त उसकी फिंगर्स में इंक लग गया है. लेकिन उसने ज्यादा ध्र्यान नहीं दिया और पैसे ले लिए.

बेशक इम्मानुएल (Emmanuel)कुछ अलग टाइप का आर्टिस्ट था लेकिन वो फ्रॉड नहीं हो सकता था. उस कैशियर ने नोट के पैसे काट कर बाकी चेंज इम्मानुएल को वापस कर दिया. लेकिन बाद में जब उसने वो नोट चेक किया तो उसे असलियत पता चल गयी. उसने तुरंत पोलिस को कॉल किया. 20 डॉलर उन दिनों बड़ी रकम हुआ करती थी. एक पोलिसवाले को वो नोट असली लग रहा था लेकिन दूसरा कन्फ्यूज़ था क्योंकि नोट में से इंक छूट रही थी. उन्होंने सर्च वारंट इश्यू किया और इम्मानुएल के घर पहुँच गए. वहां जाकर उन्होंने जो कुछ देखा उससे पोलिसवाले हैरान रह गए. उन्हें एक छत के अंदर इम्मानुएल (Emmanuel’) का कामकरनेकाकमरा मिला जहाँ पर उसने 20 डॉलर के कई सारे फेक नोट्स बनाकर रखे हुए थे.

उन्होंने एक वन डॉलर का बिल भी देखा जिसे इम्मानुएल ने सूखने के लिए डाला हुआ था. इम्मानुएल एक स्किलड आर्टिस्ट था, वो इतना एक्सपर्ट था कि उसने 20 डॉलर एकदम असली दिखने वाले फेक नोट बनाये थे जिन्हें देखकर कोई भी धोखा खा सकता था. और उसी दिन इम्मानुएल को अरेस्ट कर लिया गया. इस कन्ट्रोवर्सी की वजह से उसके हर एक आर्टवर्क का रेट $5,000 से बढकर $16,000 तक पंहुच गया. लेकिन अगर इम्मानुएल ने इतना टाइम और एफर्ट्स और ज्यादा पोट्रेट बनाने में लगाया होता तो वो काफी पैसा कमा सकता था.

क्या पता तब वो और ज्यादा सक्सेसफुल होता. लेकिन इम्मानुएल ने अपनी एक्स्ट्राओर्डनरी टेलेंट को फ्रॉड कामो के लिए यूज़ किया. शायद आपकी लाइफ में भी कभी ऐसा टाइम आया होगा जब आपको अनप्रोडक्टिव होने की फिलिंग आई हो. ये हम सबके साथ होता हैकि जब हमारी बुरी हैबिट्स और नेगेटिव थौट्स हम पर हावी होने लगते है, ऐसे में हम खुद को बड़ा एवरेज सा फील करते है. लेकिन इन फीलिंग्स को चेंज करना आपके हाथ में है. क्योंकि आप चोर बनो या जीनियस, ये सिर्फ आपकी चॉइस पे डिपेंड है.

लेकिन इसके उलट जब आप खुद को एक ऐसा इंसान समझते हो जो कुछ भी अमेजिंग कर सकता है तो ऑटोमेटिकली आपकी परफोर्मेंस इम्प्रूव होने लगती है. चाहो तो आप ट्राई करके देख लो. जब आप खुद के लिए अच्छा फील करोगे तो आपके साथ-साथ औरो की लाइफ भी improve होने लगेगी.

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