(Hindi) Quiet: The Power of Introverts in a World That Can’t Stop Talking

(Hindi) Quiet: The Power of Introverts in a World That Can’t Stop Talking

परिचय


अपनी इस बेस्ट सैलर बुक में सुजेन कैन इस बात को थोरोली एक्सप्लेन करती है कि इंट्रोवर्ट्स इस दुनिया को किस नज़र से देखते है. उन्होंने इस बुक के थ्रू इंट्रोवर्ट्स के सबसे इम्पोर्टेन्ट ट्रेट को डिसक्राइब किया है. ये दुनिया,जहाँ एक से बढ़कर एक आइडियल, हाइली एस्सरटिव पर्सनेलिटी के एक्स्त्रोवर्ट्स से भरी पड़ी है वहां कभी-कभी इंट्रोवर्ट्स लोगो की एडवांटेज या तो भुला दी जाती है या नेगलेक्ट की जाती है. और यही पर सुजेन का सबसे इम्पोर्टेन्ट गोल आता है –आपको इंट्रोव्र्ट्स होने के फायदे गिनाना.

आमतौर पर हमारी सोसाइटी में इंट्रोवर्ट्स होना उतना अच्छा नहीं माना जाता. अब जैसे एक्जाम्पल के लिए इंट्रोवर्ट्स बच्चो को अपने स्कूल के दिनों में अक्सर पनिशमेंट मिलती है क्योंकि वे सबके जैसे नहीं होते, ज्यादा किसी से कम्यूनिकेट नहीं करते जैसा कि “उन्हें बाकी बच्चो की तरह करना चाहिए”. किसी भी सक्सेसफुल पर्सनेलिटी का वेस्टर्न आइडियल है हाइली एनरजेटिक होना, कांफीडेंट और कोम्यूनिकेटिव होना जोकि इंट्रोवर्ट्स लोगो के केरेक्टरस्टिक जैसे क्वाईटनेस, शाईनेस और आउटवार्ड एक्शन की कमी के एकदम अपोजिट है और उनकी पर्सनेलिटी की इन ख़ास बातो को नेगेटिव समझा जाता है. हालांकि, जैसा सुजेन कैन पॉइंट आउट करती है ये बस एक स्टीरियोटाइप है जो बदकिस्मती से बहुत से इंट्रोवर्ट्स लोगो को सक्सेस के उस लेवल तक पहुँचने से रोकती है जहाँ उन्हें वाकई में होना चाहिए था.

यहाँ हम सबसे पहले तो एक्सत्रोवेर्ज़न और इंट्रोवर्ज़न क्या है, ये चीज़ एक्सप्लेन करेंगे और बाद में कुछ ऐसे मोस्ट इम्पोर्टेन्ट आईडियाज़ को एलोब्रेट करके बताएँगे जो सुजेन ने अपनी समेटिव बुक में डेवलप की है.

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इंट्रोवेर्ज़न एंड एक्सत्रोवर्ज़न

साइकोलोजी में ये दो टर्म्स काफी इम्पोर्टेन्ट होती है. वैसे एक साइंस के सब्जेक्ट के तौर पर साकोलोजी में इंट्रोवेर्ट और एक्स्त्रोवर्ट टाइप का कांसेप्ट बहुत पहले से ही इंट्रोड्यूस हो चूका था. और बाद के सालो में कई सारे रिलाएबल मॉडल्स और थ्योरीज के थ्रू इस सब्जेक्ट को ज्यादा अटेंशन मिलने लगी. कार्ल गुस्ताव जंग जो एक बहुत बड़े जाने माने साइकोनेलिस्ट थे, उनका साइकोनेलेसिस के साथ-साथ साइकोलोजी में भी काफी कंट्रीब्यूशनरहा है और उन्होंने इंट्रोवेर्ज़न और एक्स्त्रोवेर्ज़न, इन दो टाइप्स के डेवलपमेंट में काफी काम किया जो हर एक ह्यूमन बीइंग के लिए कंसर्न का मैटर है. मगर आज भी हमारे पास इन टर्म्स की कोई कंन कनक्ल्यूसिव डेफिनेशन नहीं है. हालांकि ऑथर्स इसके मोस्ट एस्पेक्ट पर एग्री होते है.
इंट्रोवर्ट और एक्सोवर्ट के बीच का डिफ़रेंस एक्सप्लेन करने के लिए हम यहाँ दो ऐसे लोगो का एक्जाम्पल देंगे जो काफी पोपुलर है.
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जॉन लेनन जोकि पोपुलर म्यूजिक के फील्ड में एक इम्पोर्टेन्ट फिगर है, वो एक पक्के एक्सोवर्ट थे. वो हमेशा लाउड रहते थे, किसी भी चीज़ का तुरंत रीस्पोंस देते थे. उन्हें पब्लिसिटी भी बड़ी पसंद थी जो उन दिनों बीटल्स को मिला करती थी और हमेशा लोगो से घिरे रहना उनकी आदत थी. बीटल्स का ग्रुप छोड़ने के बाद भी वो मिडिया का अटेंशन खींचते रहे. अब जैसे एक्जाम्पल के लिए योको ओनो के साथ उन्होंने अपना फेमस “बेड इन्स फॉर पीस” रखा था जहाँ उन्होंने जर्नेलिस्ट्स को अपने होटल रूम में इनवाईट किया, जब वे कई दिनों के लिए बेड पे ही लेटे रहे थे. कई वीक्स तक वे सिर्फ होटल के अंदर ही घुमते रहे थे और जर्नेलिस्ट्ससे बाते करते हुए अपनी फिल्म बनवाते रहे थे. अब ये सिचुएशन तो किसी इंट्रोवर्ट के लिए किसी नाईटमेयर से कम नहीं होगी. हां, ये सच है कि पोपुलर लोगो को ये बात एक्सेप्ट करना ज़रूरी है कि जब वे स्ट्रीट्स पे निकलेंगे तो लोग उनके पीछे पड़ेंगे, उन्हें रोकेंगे.

ओब्सेस्ड फेंस उन्हें हैरास कर सकते है. लेकिन हर कोई पोपुलर इंसान खुद जर्नेलिस्ट्सको अपने होटल सुइट में बुलाकर उनके साथ इतना नहीं घुलता-मिलता. अब डेनियल रेडक्लिफ एक परफेक्ट एक्जाम्पल है इंट्रोवर्ट् पर्सनेलिटी का, जो काफी पॉपुलर होने के बावजूद भी जर्नेलिस्ट्सऔर पब्लीसिटी को हर कीमत में अवॉयड करने की कोशिश करते थे. उन्हें हर एक ब्लोकबस्टर मूवी में होने का बिलकुल शौक नहीं था और ना ही वो पार्टी एनीमल थे. यहाँ तक कि लोगो से बचने के लिए वो स्ट्रीट्स में अपने कई सारे डॉग्स लेकर वाक् करते थे. कई सारे डॉग्स से हमारा मतलब है वाकई में बहुत सारे डॉग्स. ज़रा इमेजिन करो डेनियल रेडक्लिफ 10 कुत्तो के साथ रोड पे चल रहे है. ये उनका बड़ा मजेदार तरीका था अपने फैन्स को दूर रखने का.

अब वापस जॉन की बात करते है. बीटल्स ने मिड सिक्सटीज़ में जो मूवीज़ बनाई थी उनमे जॉन की लाउड पर्सनेलिटी को थोडा और एक्ज़ाग्रेटेड करके दिखाया गया है. इन सभी फिल्मो में उन्हें एक ऐसा केरेक्टर दिखाया जाता था जो हमेशा मस्ती के मूड में रहता है, जोक्स मारता रहता है, मतलब कि जिसकी पूरी लाइफ ही एक पार्टी है. वो अपने बैंडमेट ज्योर्ज हैरीसन के पोलर अपोज़िट थे जो एक्पोज़र बिलकुल पसंद नहीं करते और ज़्यादातर चुपचाप से पीछे बैठे रहते थे. बीटल्स की स्टेज परफोर्मेंस में भी ज्योर्ज कहीं बैक साइड में खड़े रहते थे जबकि जॉन और पॉल मैकर्टनी हमेशा फ्रंट पे रहते थे. जॉन से बिलकुल अलग ज्योर्ज हैरीसन खुद को हेमशा काम में डुबाये रखते थे. उनका म्यूजिक भी डिफरेंट था.

बीटल्स एरा के दिनों में हैरीसन के सोंग्स, आईडिया और कंटेंट वाइज़ मैकर्टनी और लेनन की कम्पोजीशन से बहुत डिफरेंट होते थे. मतलब कि उनके गाने कुछ अलग ही होते थे जिनमे थोड़ी फिलोसिफी और मिस्ट्री छुपी थी. और जब उनका बैंड बंद हो गया तो हैरीसन ने खुद को एक्सप्रेस करना स्टार्ट किया और फाइनली अपना मास्टर पीस रिकोर्ड किया- एक डबल एल्बम “आल थिंग्स मस्ट पास”.  उन्हें इसे परफेक्ट बनाकर रिकोर्ड करने  में कई साल लग गए थे जोकि उनकी एक और खासियत थी. हैरीसन जोकि एक परफेक्शिनिस्ट थे, अपने म्यूजिक में इतना फोकस करते थे कि अपने आस-पास की हर चीज़ भूल जाते थे. वे महीनो अपने सोशल सर्कल और बाकी सब चीजों से दूर रहते थे. उनकी इस आदत से उनके बैंडमेट्स तक परेशान हो जाते थे क्योंकि परफेक्शनिज्म के चक्कर में कई बार उनकी कम्पोजीशन भी फिनिश नहीं हो पाती थी.

अब देखो ये दो म्यूज़िशियन आपस में कम्यूनिकेट कैसे करते थे. लगभग हर इंटरव्यू में जॉन ही पिच डोमिनेट करते थे क्योंकि वही सबसे लाउडेस्ट थे और दूसरो को इंटररप्ट करके बस अपनी बात उपर रखते थे या कोई मज़ेदार किस्सा सुनाने लगते. दूसरी तरफ ज्योर्ज चुपचाप रहते थे. उन्हें बोलने से ज्यादा सुनना पसंद था. और जब वो बोलते भी थे तो गुम से रहते थे, बड़ी सॉफ्ट वौइस् में बोलते थे. जॉन उन लोगो में से थे जो नजरे मिलाकर बात करते है और आपको भी अपनी दुनिया का हिस्सा बना लेते है मगर ज्योर्ज शायद ही कभी किसी को देखकर बात करते हो. और बात करते वक्त भी वो नीचे देखते रहते थे कि क्या बोलना है.

अब पर्सनल लाइफ की बात करे तो जॉन की पर्सनल लाइफ काफी प्रोब्ल्मेटिक थी. उन्होंने लाइफ में काफी सारे अप्स-डाउन देखे थे. जॉन बहुत सोशल थे, वो रोजाना कई नए लोगो से मिलते रहते थे जिसमे कई खूबसूरत और जवान लेड़ीज़ भी होती थी. अब सीधी सी बात है उनके साथ कई एस्केपेड्स और सकेन्डल्स हुए जो मिडिया में काफी उछले थे. बाद में वो सेटल डाउन भी हुए लेकिन जॉन एक ऐसे इंसान रहे जिनकी लाइफ में एक से ज्यादा पार्टनर आये, कई औरतो से उनके केजुअल फ्रेंडशिप रही. वही दूसरी तरफ ज्योर्ज की पर्सनल लाइफ काफी शांत और प्रेडिक्टेबल रही थी. उनका दूसरी औरतो के साथ कोई स्केंडल नहीं रहा था.

इंट्रोवर्ट लोगो की दोस्ती बहुत कम होती है और जिससे भी होती है वो सुपरफिशियल फ्रेंडशिप नहीं होती बल्कि एक गहरा रिलेशनशिप होता है जिसे वो हमेशा मेंटेन रखते है. ये बात समझना इम्पोर्टेन्ट है कि ये एक मिसकन्ससेप्शन है कि इंट्रोवर्ट लोग सोशल नहीं होते और लोगो से नफरत करते है, मगर ये बिलकुल गलत है. ज्य्रोर्ज की तरह ही इनकी पर्सनल लाइफ ज्यादा स्टेबल होती है. ये कम दोस्त बनांते है मगर जिससे भी दोस्ती करती है पूरी निभाते है. अब शायद आपको थोडा आईडिया मिल गया होता इंट्रोवर्ट लोगो के बारे में. हालांकि हम इस बात पर पूरा जोर नहीं दे सकते कि इंट्रोवर्ट होने का मतलब ये नहीं है कि आप लोगो से बात नहीं करना चाहते या उनके साथ आपकी बोन्डिंग नहीं होती.

हमने अभी ज्योर्ज हैरीसन का एक्जाम्पल दिया. हालांकि उन्हें भीडभाड पसंद नहीं थी लेकिन वे अपने ख़ास फ्रेंड्स के साथ घुमते फिरते थे और असोशल बिलकुल भी नहीं थे. लेकिन ये बात सभी इंट्रोवर्ट्स के साथ होती है ये तो पक्का है- बेशक उन्हें बाते करना पसंद होता है लेकिन हर चीज़ के बारे में नहीं. एक्स्त्रोवर्ट्स यूज़वल स्माल टॉक पसंद करते है—वो अपनी लास्ट नाईट आउट के बारे में घटो बात कर सकते है, या वेकेशन में उनके साथ हुई किसी फनी बात को भी शेयर करेंगे. दूसरी तरफ इंट्रोवर्ट को इन सब्जेक्ट्स पर बात करना अच्छा नहीं लगता. उन्हें लाइफ, फिलोसीफी या एबस्ट्रेक्ट सब्जेक्ट्स पर डीप और मीनिंगफुल कनवेर्सशन करना पसंद आता है. उन्हें ऐसे डीप सब्जेक्ट्स ऐसे ही पसंद होते है जैसे एक्स्त्रोवर्ट्स को एवरीडे की चिट-चैट. ये को प्रोब्लेमेटिक बात नहीं है लेकिन देखा गया है कि अक्सर एक्स्त्रोवर्ट जब कोई इस तरह की बात छेड़ते है तो इंट्रोवर्ट उसमे एंगेज नहीं होते. इस बात का हम एक और एक्जाम्पल देंगे.

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