(Hindi) Outrageous Advertising That’s Outrageously Successful: Created for the 99% of Small Business Owners Who Are Dissatisfied with the Results They Get from Their Current Advertising
इंट्रोडक्शन
क्या “ Outrageous ” शब्द सुनकर आप किसी खतरनाक स्टंट के बारे में सोचते है? हो सकता है कि आपको किसी एक्शन फ़िल्म का कोई scene याद आ जाए। लेकिन क्या आप Outrageous शब्द का इस्तमाल हर रोज हर जगह देखी जाने वाली ad के लिए कर सकते है?
तो इसका जवाब होगा – हाँ। अगर आप अपने बिजनेस को ऊपर लेकर जाना चाहते है तो आपको outrageous बनना पड़ेगा। ये हुनर आप राइटर बिल ग्लेज़र से सिख सकते है, जो हर चीज से कुछ अलग (Outrageous ) करने को ही अपनी जिंदगी की philosophy बताते है।
इस समरी में आप outrageous ऐड के कुछ एलिमेंट्स के बारे मे पढ़ेंगे। एक बार ज़ब आप इन एलिमेंट्स में मास्टर बन जाओगे तो लोग आपको अनदेखा नहीं कर पाएंगे। इसमें आप अपने प्रोडक्ट और सर्विस के लिए बेस्ट ऐड बनाना भी सीखेंगे। तो क्या आप अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आने के लिए तैयार हैं?
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Take the Outrageous Path to Outrageous Successful
“Outrageous ” शब्द सुनकर आप बहुत सारी चीजों के बारे मे सोच सकते हैं। आपको कोई ऐसी चीज या घटना याद आ सकती है जो बहुत खतरनाक या बोल्ड हो। अगर आप चाहते है की आपका बिजनेस कामयाब हो, तो आपको outrageous यानि दूसरों से अलग या कुछ नया करना ही पड़ेगा। जरूरी नहीं है की आप बहुत ज्यादा रिस्क लो या सब कुछ बदल दो । हो सकता है ये बदलाव इतना छोटा हो की आपको सिर्फ अपने ऐड मेटेरियल के फॉन्ट को बदलना पड़े। कहने का मतलब ये है की जरूरी नहीं है की आप बहुत बड़े बदलाव करें. अपने बिजनेस की छोटी – छोटी चीजों को बदलकर भी आप outrageous बन सकते हो। outrageous बनने का मतलब सिर्फ ये है की आप अपने कम्फर्ट जोन से आसानी से बाहर निकल पाएँ।
राइटर बिल इसी बात के लिए जाने जाते है। वो हमेशा अपने बिजनेस मे कुछ नया करने की कोशिश करते है। उनका सबसे सक्सेसफुल ऐड technique था अपने सेल्स लेटर को खुद लिखना। उन्होंने इसे टाइप करने की बजाय अपने हाथ से लिखा था जो उनके लिए काफ़ी अच्छा साबित हुआ क्योंकि Bill को इसके लिए इनाम और साथ मे बहुत सारे पैसे भी मिले।
Bill ने अपने सेल्स लेटर को yellow legal कागज़ पर लिखा था और ये 5 पेज लम्बा था. आप सोच रहे होंगे, “इतना लंबा लैटर कौन पढ़ेगा?” लेकिन आप सुनकर हैरान होंगे की बहुत सारे लोगों ने इसे पढ़ा था । ये थोड़ा अजीब था । लेकिन ये कुछ अलग और हाथ से लिखा हुआ था ।
इसलिए इन letters ने काफ़ी लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा।
Bill के सेल्स लेटर मे ऐसा क्या था जिसे लिखने मे 5 पेज लगे?
पहले पेज पर Bill अपने सेल्स लेटर लिखने के कारण के बारे मे बताते है। वह यह बताने मे बिलकुल शर्म महसूस नहीं करते की वो कामयाब होना चाहते है। बहुत सारे बिजनेसमेन जो अपने बिजनेस को और बड़ा करना कहते है या और कामयाब होना चाहते है वे सब Bill जैसे ही अलग तरीके अपना रहे है।
अगर आप किसी इंसान को कुछ बेचना चाहते हो, तो जरूरी है की आप उसे ऐसा करने का कारण बताओ। अगर आप कारण नहीं बताओगे तो वो इंसान सोचता रहेगा की आपके इरादे क्या है। Bill ने और अलग क्या किया? उन्होंने अपने पेज लिखने के कारण को कहानी की तरह लिखा था । लोगों को कहानियाँ अच्छी लगती है इसलिए कभी भी अपनी क्रिएटिविटी को बाहर निकालने मे शर्माओ मत।
दूसरे पेज पर Bill ने बहुत जरूरी जानकारी दी थी या ये कहे की उन्होंने बताया की सेल्स लेटर किस बारे मे है, वो क्या बेचना चाहते है, खरीदने वाले को कितना खर्च करना होगा. Bill ज्यादा से ज्यादा कितना बेच सकते है वगैरह। उन्होंने यह भी पक्का किया की अपने खरीदारों तक आसानी से पहुँच सके। यह वो सारी चीजे है जो एक अच्छी ऐड मे होनी चाहिए
आपके बिजनेस का नाम, पता, काम करने का टाइम, फ़ोन नंबर, आपकी प्रोडक्ट और सर्विस और वेबसाइट का लिंक।
तीसरे पेज पर Bill ने बताया की कोई इंसान कूपन का फायदा उठाकर कितना बचा सकता है। उन्होंने कूपन के बारे मे बस थोड़ा बहुत नहीं बताया बल्कि गहराई से सारी जानकारी दी। एक कूपन मे कस्टमर से Bill ने वादा किया की उनके स्टोर से खरीदारी करने पर उसे डिज़ाइनर मोज़े गिफ्ट मे मिलेंगे।
चौथे पेज पर उन्होंने अपने कस्टमर्स के लिए एक पर्सनल मैसेज लिखा और उन्हें एक बार फिर से याद दिलाया की Bill क्या बेचना चाहते है। उन्होंने अपने स्टोर, जिसका नाम “Gage” था, के बारे मे भी जिक्र किया। सबसे ऊपर Bill ने कूपन के बारे मे भी बात की जो उसके स्टोर मे मौजूद थे।
सबसे आखिरी पेज पर Bill ने कूपन के लिए लास्ट दिन की बात की लेकिन उन्होंने सिर्फ ये नहीं कहा की “ इसे 15 जून से पहले इस्तमाल करे ”। Bill ने कूपन को ज्यादा से ज्यादा outrageous और सुंदर बनाने की कोशिश की। उन्होंने बहुत सारे arrow (-) और exclamation mark (!) का इस्तमाल किया ताकि पढ़ने वाले का ध्यान इस पर जरूर जाये।
Bill की इस अलग सोच की वजह से वह फेमस हो गए।जैसे की पहले बताया है उनके लेटर को बहुत सारे इनाम मिले और उनके मेंसवियर स्टोर में कस्टमर आना शुरू हो गए। सबसे जरूरी चीज उनके सेल्स लेटर को काफ़ी पहचान मिली।
कई जाने-माने सीईओ, अकाउंटेंट, डॉक्टर और वकीलों ने Bill को invite किया । उन सब ने Bill को कहा की सेल्स लेटर लिखना काफ़ी अच्छी चाल थी। उनके लिखने के तरीके की वजह से सबका ध्यान उस पर गया क्योंकि वो बहुत जरूरी लग रहा था। अगर वो outrageous नहीं होते और अपने सेल्स लेटर को सिम्पल तरीके से लिखते तो किसी का ध्यान उस पर नहीं जाता। इसलिए कभी भी अपने ऐड बनाने के तरीके को बदलने मे शर्माओ मत। Bill शर्माये नहीं और आप जानते है उन्हें इसके क्या नतीजे मिले।
Outrageous ऐड की अच्छी बात ये है की आपको कहीं से भी कोई आइडिया मिल सकता है। ज़ब बिल अपनी पत्नी के साथ घूमने गए थे तब उन्हें सबसे अलग आइडिया आया. मसलन, ज़ब वो अलास्का के किसी क्रूज पर थे, तब टूरिस्ट स्पॉट पर पोस्टकार्ड कोई नई चीज नहीं थी। तब उन्हें वहाँ से आइडिया मिला और उन्होंने अपना ख़ुद का यानी customized पोस्टकार्ड बनवाया।
उन्होंने लिखा “ ज़ब मैं छुट्टियों पर था तब भी आपके बारे मे सोच रहा था ”। उन्होंने ये पोस्टकार्ड अपने कस्टमर्स को भेजा और वादा किया की अगली खरीदारी पर उन्हें 10% की छूट मिलेगी। हैरानी की बात है की पोस्टकार्ड का तरीका काम कर गया। Bill के कस्टमर्स को पोस्टकार्ड बहुत पसंद आये क्योंकि उसमें बहुत अपनापन था और वो बहुत अच्छे और personalized थे।
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Defining Advertising and the Three Possible Responses
Advertising एक मुश्किल काम है। जैसा की बताया है आपको अपनी सक्सेस एडवरटाइजिंग की वजह से हुई कमाई से मापनी चाहिए। अगर आप अपने ब्रैंड को फेमस बनाना चाहते हो तो ये समरी आपके लिए नहीं है।
ब्रैंड बनाने का मकसद सिर्फ़ आपके ब्रैंड को फ़ेमस करना होता है। लेकिन Bill इस बात को नहीं मानते क्योंकि उनका मानना है कि इससे आपकी सक्सेस का सही ढंग से पता नहीं लगता है ।
Bill बताते है की आप ऐसी एडवरटाइजिंग को चुनो जिसमे आपको सीधा कस्टमर्स से जवाब मिले। इस तरह की ऐड आपकी असली सक्सेस को बताने मे मदद करेगी। डायरेक्ट एडवरटाइजिंग वो होती है जिसमे आप कस्टमर्स के रिस्पांस को ट्रेक कर पाते हैं । दूसरी तरफ ब्रैंड बिल्डिंग मे आप अपने ब्रैंड का नाम लोगों के सामने लाते हैं । उन्हें सिर्फ आपको फेमस करना होता है। वो इस बात पर ध्यान नहीं देते की आपकी कमाई हो रही है या नहीं।
डायरेक्ट रिस्पांस एडवरटाइजिंग के तीन जरूरी पार्ट होते है – हेडलाइन , ऑफर और डेडलाइन। इन सबको आगे हम अच्छे से समझेंगे।
आप सोच रहे होंगे की अगर आप डायरेक्ट रिस्पांस एडवरटाइजिंग और ब्रैंड बनाने का काम साथ मे करना चाहे तो? तो जवाब है कि ऐसा बिलकुल किया जा सकता है।
मान लीजिये आप Outrageous डायरेक्ट रिस्पांस एडवरटाइजिंग मे कामयाब हो गये तो आपको आपके फेमस होने का फायदा साथ – साथ मिल जाएगा।
Bill अक्सर अपने कस्टमर्स को mail करते है और अलग – अलग तरह के मेंसवियर के बारे मे बताते है जो वो बेचते है । ज़ब Bill mail भेजना बंद कर देते थे तब भी कस्टमर उनके स्टोर पर आते थे।
अपनी एडवरटाइजिंग को कामयाब करने के लिए आपको तीन चीजों को समझना होगा। जैसे Bill ने समझा कि लोग एडवरटाइजिंग को कैसे देखते है और जवाब को अलग -अलग ग्रुप में बाँट दिया ।
ग्रुप A – एक पॉजिटिव फ़ाइल है। ये वैसी ऐड है जिन्हें लोग हर हाल मे देखते है। आप इसे खोलने के लिए मजबूर हो जाते है, जैसे आपकी मेडिकल टेस्ट की रिपोर्ट या आपके बच्चे का रिपोर्ट कार्ड।
ग्रुप B – ये may be या शायद वाली फ़ाइल है। इसमें आपके कस्टमर ऐड मे दिलचस्पी तो दिखाते है लेकिन वो इसके बारे मे इतना sure नहीं होते इसलिए वो इसे अलग कर देते है।
ग्रुप C – ये no फ़ाइल है यानी ज़ब कस्टमर आपकी ऐड मे कोई दिलचस्पी नहीं लेते। जैसे आपने आज एक कंपनी से अपने गटर की मरम्मत के लिए कहा । अगले हफ्ते आपको गटर के बारे मे कोई ऐड मेल मिलता है। आप इसे dustbin में फ़ेंक देंगे क्योंकि अब आपको इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।
लोग हमेशा यही सोचते है की ऐड लोगों को पसंद आती है या नहीं आती। लेकिन Bill जानते है की ग्रुप B जो May be फ़ाइल है, वहाँ कुछ भी हो सकता है। बिजनेस मे ‘ना’ का मतलब ‘ना’ नहीं होता।
‘ना ‘ बाद मे ‘हाँ ‘ मे भी बदल सकती है।
यहां पर दो बाते सामने आती है, सबसे पहले वो लोग आते है जो कुछ खरीदना चाहते है लेकिन वो हाँ या ना नहीं कहते। उन्हें ऐड पसंद तो आती है लेकिन इतनी भी नहीं की वो कुछ खरीदे। ऐसे टाइम पर वो कोई बीच का रास्ता ढूंढ़ते है।
दूसरा लोगों को कोई ऐड पसंद आती है लेकिन वो उसे खरीदने के लिए कोई दबाव नहीं चाहते। कोई भी कस्टमर ऐसा नहीं चाहेगा की वो किसी ऐड के बारे मे जानकारी ले और उस पर कुछ खरीदने का दबाव बनाया जाए।
सिम्पल सी बात है की आप सिर्फ इस बात पर ध्यान दे की आपके कस्टमर अपनी मर्जी से आपके प्रोडक्ट्स के बारे मे पता करे। अपने प्रोडक्ट्स के बारे मे अपनी वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा जानकारी दे ताकि कस्टमर अच्छे से पता कर सके। ये छोटी सी चीज आपको आसानी से ग्रुप B से ग्रुप A मे पहुँचा देगी।
ऐसे कस्टमर को कभी भी अनदेखा ना करे जो आपसे ‘शायद ‘ कहते रहते है, उन्हें मनाने के लिए और outrageous तरीके ढूंढ़ते रहे। जितने ज्यादा आपके पास कस्टमर होंगे उतना ही ज्यादा आपको फायदा होगा।