(hindi) Option B: Facing Adversity, Building Resilience, and Finding Joy
Introduction
क्या आपने कभी किसी अपने के अचानक से खो जाने का दर्द महसूस किया हैं ?
क्या आपने कभी ये महसूस किया है , जैसे ये दुनिया अचानक से रुक गयी हो , और हम सिर्फ़ उनकी यादों के सहारे रह गए हों!
शेरिल सैंडबर्ग , जो पहले Facebook की COO रह चुकी हैं और इस बुक की राइटर भी, ने ये सब महसूस किया था !
वो अपने पति डेविड ब्रूस गोल्डबर्ग के साथ कुछ दिनों के लिए छुट्टियाँ मनाने गयी थी. उन्होंने अपने बेटे और बेटी को घर पर दादा दादी के पास रहने के लिए , वो दोनों अपने एक दोस्त का बर्थडे सेलिब्रेट करने के लिए मेक्सिको गए थे !
‘’मुझे नींद आ रही है’’, ये आखिरी शब्द थे जो शेरिल ने सोने से पहले और अपने पति की मौत से पहले उनसे कहे थे!
जब वो उठी तो उन्होंने देखा की , उनके पति जमीन पर गिरे हुए थे और उनके सिर से बहुत सारा खून बह चुका था !
वहाँ मोजूद लोग उसे बचाने के लिए डॉक्टर को बुला रहे थे और उसे पास के ही हॉस्पिटल में ले कर गए , पर आखिर में शेरिल के कानों में जो शब्द पड़े वो थे … माफ़ कीजिएगा हम इन्हें बचा नहीं पाए !
उनके पति , डेविड , 47 साल की उम्र में इस दुनिया से जा चुके थे और अपने पीछे 2 छोटे बच्चे छोड़ गए थे!
इस हादसे ने शेरिल की ज़िन्दगी हमेशा के लिए बदल कर रख दी थी , शुरुआत के कुछ महीने के दौरान वो उस दुःख से बाहर नहीं आ पा रही थी , उसे अपने दिल में एक खालीपन लग रहा था , जिसकी वजह से वो ना कुछ समझ पा रही थी ना ही खुले दिल से सांस ले पा रही थी !
उसे सब कुछ ख़त्म होता हुआ लगने लगा था , तभी उनके परिवार ने उसे मुश्किल की घड़ी में संभाल लिया !
एडम ग्रांट जो एक साइकोलोजिस्ट थे और शेरिल का बहुत अच्छा दोस्त भी उसने भी उसे समझाया की ये दुःख कभी भुलाया नहीं जा सकता पर हम इसे फ्लेक्सिबिलिटी ला कर इन चीजों को कम करने की कोशिश तो कर ही सकते हैं !
हम जन्म से ही गिरकर सँभलने की या किसी दुःख से उभरने की ताकत को सीखकर पैदा नहीं होते, पर हम ये शक्ति खुद के अन्दर ला ज़रूर सकते हैं !
हम कितना दर्द सह सकते हैं ये हमारी काबिलियत नहीं हैं बल्कि हम कितनी जल्दी इस दुःख से उभरते हैं और कितना जल्दी दूर करते हैं ये हमारी असली काबिलियत हैं !
शेरिल और एडम ने ये किताब खास इसलिए बनाई है, ताकि हमें पता चले की हमे कैसे लड़ना हैं और साहस दिखाना हैं !
किताब के शुरुआत में हमें पता चलेगा की जीवन को जीने के लिए हमें कौन सी चीज़े करनी हैं
इस बारे में भी बात करेगे की, कैसे हम उन लोगो को सहारा दे सकते हैं, जिनकी ज़िन्दगी में इस तरह के हादसे हो चुके हैं !
इस किताब में ये भी बताया गया हैं की , कैसे एक आदमी इस तरह के हादसों से जल्दी से जल्दी उभर सकता हैं !
अंत में ये बुक हमे बतायगी की कैसे हम आने वाली पीड़ियो को ऐसे हालतों से निपटने के लिए काबिल बना सकते हैं !
Option B will not revolve around Sheryl's tragedy but on every person's tragedy.
एक दूसरा तरीका भी होगा वो शेरिल के हादसे के आसपास नहीं घूमेगा बल्कि वो हर एक इन्सान की ज़िन्दगी में घट चुकी परेशानी के लिए होगा ! (wrong sentence translation)
Option B शेरिल के साथ जो दुखद दुर्घटना हुई सिर्फ़ उसके बारे में नहीं है बल्कि हर इंसान के साथ हुई किसी ना किसी दुखद घटना के बारे में भी है.
दुःख और सदमा हमेशा बुरे नहीं होते , कभी हम लोग इन्हें ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं !
हमारी ज़िन्दगी सिर्फ फूलो और गुलदस्तो भरी ही नहीं होती , अगर हम एक आप्शन A खो चुके हैं तो हमे आप्शन B के लिए खुद को तैयार करना ही पड़ेगा !
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Breathing again
दुर्भाग्यपूर्ण चीज़े हम में से किसी के साथ, कही भी , और कभी भी हो सकती हैं !
एक बुरी घटना हो जाने के बाद खुद को फिर से खड़ा करना और उस मुश्किल की घड़ी से उभर कर निकलना बहुत मुश्किल होता है !
जब कोई बुरी घटना हमारे साथ होती हैं तो हमे कुछ समय के लिए बहुत दुःख होता हैं पर हमे ये समझना चाहिए की ये एक नार्मल बात हैं !
दुःख की घड़ी बहुत मुश्किल होती हैं पर कई बार हम इसे खुद के लिए और ही मुश्किल बना लेते हैं !
हम खुद को उन चीजों के लिए सजा देते हैं जो हमने कभी की ही नहीं , और हम वही से उम्मीद छोड़ने लग जाते हैं !
साइकोलोजिस्ट मार्टिन सेलिग्मैन ने 3 चीजों को ढूंढा जो ऐसे हादसों के बाद इंसान को पहले की तरह नार्मल होने से रोकती हैं जिन्हें 3 P’s कहा जाता है –
पहला P Personalization –कुछ घटनाओं के लिए हम खुद को दोषी मानने लग जाते हैं !
दूसरा P pervasiveness- जिसमे हम सोचते हैं की ये अकेली घटना हमारी ज़िंदगी के हर पहलू पर अपना असर डालेगी !
तीसरा Permanence जिसमे हम सोचते हैं की इस हादसे का दर्द हमारी ज़िन्दगी के खत्म होने तक बना रहेगा !
यहाँ एक example है की कैसे ये तीनो P हमारे दुःख पर अपना असर डालते हैं और फिर से जीना सीखने के लिए कैसे हम इन तीनो P से छुटकारा पा सकते हैं.
शेरिल को एक औरत का फ़ोन आता है , जिसका रेप हुआ था, वो एक जवान औरत थी, जो बर्थडे की पार्टी से लौट रही थी. जब वो घर जाने के लिए निकलती हैं तो देखती हैं कि उसी के साथ काम करने वाला एक आदमी घर जाने के लिए कैब का वेट कर रहा था इसलिए वो उसे अपनी गाड़ी में लिफ्ट देती है !
उसने कभी सोचा भी नहीं था की , मदद में आगे किया हुआ हाथ ही उस पर हमला कर देगा, कुछ देर के बाद गाडी में बैठे हुए आदमी ने एक हथियार निकाला और उसे डरा धमका कर उसके साथ रेप किया !
ये उसके लिए बहुत ही दर्दनाक घटना थी, जिसे सुनकर शेरिल को भी बेहद दुःख हुआ !
शेरिल और उस औरत ने ऐसे ही कुछ आम बाते की, अपने विचारो और भावनाओं को एक दूसरे से शेयर किया , जिसके बाद उन्हें एक दूसरे के साथ एक जुड़ाव महसूस हुआ !
फ़ोन call के शुरुआत में वो औरत अपनी आप बीती बता रही थी कि उस हादसे के बाद उसे कैसा महसूस हुआ !
शुरू में वो घबरायी , डरी हुई और गुस्से में थी , पर बाद में उस औरत ने उन सब चीजों के लिए खुद को ज़िम्मेदार समझना शुरू कर दिया , और वो सोचने लगी की उसके साथ जो कुछ भी हुआ उसकी दोषी वो खुद हैं !
शेरिल ने उस औरत को शांत करवाया और उसे 3 P के बारे में समझाना शुरू किया !
पहले शेरिल ने कहा खुद के साथ इतना स्ट्रिक्ट होना बंद करो , जब कुछ भी बुरा तुम्हारे साथ होता हैं , तो वो तुम्हारी वजह से नहीं होता, उसने उस औरत को कहा की खुद को दोष मत दो की तुमने क्यों उसे गाडी में बिठाया, क्योंकि ये तो सिर्फ एक तरीका था, जिससे पता चलता हैं की तुम कितनी दयालु हो ! किसी की मदद करने में कोई बुराई नहीं है!
उसके बाद उन्होंने उस औरत के जीवन में हुई अच्छी घटनाओं के बारे में बात की. शेरिल ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण घटना या अचानक से हुई चीज़े हमारी ज़िन्दगी के हर हिस्से को बुरा नहीं बना सकती , उसके पास अभी भी अपना परिवार हैं, दोस्त हैं और वो खुद भी अपने साथ हैं !
अंत में शेरिल ने उसे याद कराया की एक हादसा उसके साथ पूरी ज़िन्दगी नहीं रहेगा , वो सिर्फ एक रेप विक्टिम नहीं , बल्कि एक बहुत ही नेक दिल इंसान हैं, जो आने वाले जीवन में कुछ बड़ा या कमाल कर सकती हैं !
कुछ दिन बीत जाने के बाद उसी औरत ने शेरिल को फिर से call किया और कहा की उस रेप के दोषी का केस आगे बढ़ रहा हैं !
उसने ये भी बताया की 3P’s उसे आगे बढ़ने और अच्छा महसूस कराने में बहुत मदद कर रहे हैं!
हम सबको पता हैं की जीवन में कुछ हादसे कुछ उतार चढ़ाव ज़रूर आते हैं , अगर हमे उन चीजों से उभरना हैं तो खुद को फ्लेक्सिबल बनाना होगा , हम इस कला को आने वाले कुछ चैप्टर्स में समझेगे !
इससे पहले की हम आगे बढें , एक चीज़ जो आपको इस चैप्टर से सीखनी चाहिए वो हैं जब ज़िन्दगी आपको एक कांच के गिलास में बंद करना चाहे तब आप उस गिलास को तोड़ कर फिर से सांस ले सकते हैं !
कोई भी हालात तुम्हे बाँध या रोक नहीं सकते क्योंकि तुम में फ़िर से उठने की काबिलियत है, तुम फ़िर से एक नई शुरुआत कर सकते हो!