(Hindi) One Thousand Ways to Make $1000
परिचय Introduction
क्या आप भी $1000 डॉलर्स कमाने के 1000 तरीके जानना चाहते है? इस बुक summary में हम आपको अलग-अलग लोगो की कुछ ऐसी ही स्टोरीज़ बताने जा रहे है जो अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट करने में सक्सेसफुल रहे और आज एक हैप्पी लाइफ जी रहे है. इनमे से कुछ लोग तो ऐसे है जिनके पास पहले कोई जॉब नहीं था, और कुछ ने यंग एज में ही अपना काम स्टार्ट कर दिया था. हालाँकि इन लोगो को हर तरह की मुश्किल आई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. 1000 वेज़ टू मेक 1000 डोलर्स सबसे पहले 1930 में छपी थी. ये एक क्लासिक बुक है जिसके प्रिंसिपल्स आज भी काफी रेलेवेंट है. फेमस ऑथर वारेन बुफे(Warren Buffet) अपनी एज में इसी बुक को पढकर इंस्पायर हुए थे. इसीलिए आज की जेनरेशन के लिए इसे फिर से अवलेबल कराया जा रहा है.
हाउ टू स्टार्ट योर ओन बिजनेस (How to Start Your Own Business)
अपना खुद का बिजनेस आज ही स्टार्ट करे, इससे अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा. अगर आपको लगता है कि आपका प्रोडक्ट या सर्विस जो आप दे सकते है, वो लोगो को पसंद आएगी तो आज से ही अपने बिजनेस की शुरुवात करे. कल का वेट ना करे, और ना ही ये सोच कर टाइम वेस्ट करे कि अभी सिचुएशन ठीक नहीं है. क्योंकि जो आप अभी नहीं कर सकते वो कभी नहीं कर पायेंगे. लोगो को जो कहना है कहने दे. अगर आप उन मुश्किलों के बारे में सोच रहे है जो बिजनेस में फेस करनी पड़ेंगी तो आप कोई स्टेप ले ही नहीं पाओगे इसीलिए टेंशन छोडकर अभी से शुरुवात करो. बस आपके अंदर डीटरमिनेशंन (determination),एक ड्राइव होनी चाहिए जिसे लोग “गट्स” बोलते है. अगर आपके अंदर भी सक्सेसफुल होने की गट्स (guts) है तो आप कभी हार नहीं सकते,
बेशक शुरुवात में कुछ मुश्किलें फेस करनी पड़े. आपका गोल है सक्सेसफुल होना, पैसा कमाना ताकि आप एक बैटर लाइफ जिए. और ये सब पाने के लिए आप अभी से अपनी जर्नी स्टार्ट कर दो. शायद आप सोच रहे होंगे कि आपके पास बिजनेस में लगाने के लिए पैसा तो है ही नहीं. लेकिन उसका भी अरेंजमेंट हो सकता है. सबसे इम्पोर्टेंट चीज़ कि आप के अंदर वो विल पॉवर होनी ज़रूरी है. अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट करो और कल नहीं आज ही करो. गुस्तावुस स्विफ्ट “Gustavus Swift” की स्टोरी से आप इंस्पिरेशन ले सकते है, एक यंग मेन जिसे चलने फिरने की दिक्कत थी. वो एक छोटे से विलेज में रहता था. उसके पास पैसा नही था लेकिन उसके अंदर एक गट्स थी.
उसके विलेज के बाकी यंग बॉयज भी पैसे कमाने के कुछ करना चाहते थे लेकिन स्विफ्ट ने अपना टाइम सोचने में वेस्ट नहीं किया उसने शुरुवात की. उसे मीट की ड्रेसिंग आती थी तो उसने एक मीट का बड़ा सा पीस लिया और उसकी बढ़िया सी ड्रेसिंग कर दी. फिर वो मीलो दूर चलकर गया उस बढ़िया क्वालिटी के मीट को बेचने के लिए. उसे ये काम बुरा नहीं लग रहा था बल्कि उसे तो एक एडवंचरस टाइप का लग रहा था. फिर कुछ टाइम बाद ही वो शिकागो आ गया जहाँ उसने अपना स्विफ्ट पैकिंग बिजनेस स्टार्ट किया. और आज स्विफ्ट का नाम लीडिंग प्रोसेस्ड मीट ब्रांड्स में से एक है. आप के पास भी बहुत सारे बिजनेस आईडियाज होंगे, लेकिन उनमे से आपको कोई एक बढ़िया वाला चूज़ करना है.
जिसके बारे में आपको कोई नॉलेज हो. जैसे कि मिसेज स्नीड (Mrs. Snead ) ने अपना टोमेटो जूस का बिजनेस खोला. ये तब का बात है जब डिप्रेशन का दौर था, स्नीड फेमिली(Snead family) एवंस्टोन, इलेनॉइस (Evanston, Illinois) में रहती थी. मिस्टर स्नीड (Mr. Snead ) की जॉब चली गयी थी और अब पूरी फेमिली को सर्वाइव के लिए भी स्ट्रगल करना पड़ रहा था. उनके दो बेटे कॉलेज स्टूडेंट्स थे. एक दिन किसी फ्रेंड ने उन्हें फ्रेश टोमेटोज़ का एक बॉक्स भेजा तो मिसेज स्नीड (Mrs. Snead decided ) ने सोचा क्यों ना टोमेटो जूस बनाया जाए. उन्होंने उन फ्रेश और जूसी टोमेटोज़ का टेस्टी जूस निकाला और अपने नेबर्स (neighbours) को भी कुछ बोटेल्स भिजवा दी. उनका टोमेटो जूस लोगो को बड़ा पसंद आया.
मिसेज स्नीड को लगा कि ऐसा जूस तो वो बहुत बना सकती है. उन्होंने ये आईडिया अपने हजबैंड और दोनों बेटो को बताया. और इस तरह उन्होंने टोमेटो जूस का बिजनेस स्टार्ट कर दिया जिसका नाम रखा गया “मोर्निंग ग्लोरी” “Morning Glory” टोमेटो जूस. हालांकि मोर्निंग ग्लोरी मार्किट में मिलने वाले दुसरे ब्रांड्स से थोडा सा कॉस्टली था लेकिन फिर भी लोग इसे लेते थे क्योंकि एक तो ये टेस्टी था, दूसरा होममेड था. मोर्निंग ग्लोरी फ्रेश और बढ़िया क्वालिटी के टोमेटो से बनता था इसलिए इसकी क्वालिटी बैटर थी. उनका बिजनेस इतना चला कि सनीड्स को रेलरोड के साथ में एक प्लांट रेंट पे लेना पड़ा. उनके कस्टमर्स बढ़ते जा रहे थे ज्यादा जूस के लिए टोमेटोज की डिमांड थी. अब वे होटल्स और रेलरोड कंपनीज को भी सप्लाई करते थे.
फिर धीरे-धीरे मोर्निंग ग्लोरी ने बाकी फ़ूड प्रोडक्ट्स भी रखने शुरू कर दिए. और ये सब हुआ मिसेज स्नीड (Mrs. Snead) के आईडिया से जो उन्हें अपने किचेन में आया था.$1000 से क्यों बिजनेस स्टार्ट किया जाए ? क्योंकि ये अमाउंट रिजनेबल है जो आपको फोकस और मोटिवेशन देगा. ज़्यादातर लोग इसलिए फेल होते है क्योंकि उनके बिजनेस में टारगेट की कमी होती है. अमाउंट सेट करने से आपके पास एक क्लियर ऑब्जेक्टिव होगा. ओटो स्च्नेरिंग(Otto Schnering ) 21 की एज में ही खुद का बिजनेस स्टार्ट करना चाहता था. उसने $100 में एक कैंडी मेकिंग मशीन ली. उसे कैंडी बिजनेस में सक्सेस दिख रही थी. उसने कैंडीज का फर्स्ट बैच बनाया लेकिन उसकी कैंडीज नहीं बिकी. ओटो ने वही मिस्टेक की जो अक्सर बाकी बिजनेसमेन करते है.
अगर आप अपनी पसंद का प्रोडक्ट बनाओगे तो वो शायद ही बिके लेकिन अगर आप लोगो की पसंद का प्रोडक्ट बनाओगे तो ज़रूर बिकेगा. ओटो ने अपनी चॉइस की कैंडीज बनाई थी लेकिन उसने कस्टमर की चॉइस के बारे में नहीं सोचा. लेकिन ओटो अपनी मिस्टेक जल्दी समझ गया. उस टाइम तीन टाइप की बेस्ट सेलिंग कैंडीज थी जो लोगो को बड़ी पंसद थी और ये चोकलेट, पीनट और कैरेमल के टेस्ट में आती थी. ओटो को एक कैंडी बार के लिए परफेक्ट रेसिपी बनाने में तीन साल लगे. उसने तीनो बेस्ट सेलर टेस्ट एक ही कैंडी में डाल दिए थे. और इस तरह बेबी रूथ का जन्म हुआ. इस कैंडी बार में चोकलेट, पीनट और कैरेमल तीनो फ्लेवर थी और प्राइस भी बस फाइव सेंट पर बार.(five cents per bar). ओटो स्च्नेरिंग (Otto Schnering )ने बेबी रूथ नाम इसलिए रखा क्योंकि ये बोलने और याद करने में ईजी लग रहा था.
उसने $1000 लगाए थे लेकिन अब वो इससे कहीं ज्यादा कमा रहा था. मिसेज मैकडौगल (Mrs. MacDougall ) न्यू यॉर्क सिटी में रहने वाली एक विडो थी. अपने हसबैंड की मौत के बाद वो अकेले ही तीनो बच्चो को पाल रही थी. अपने घरेलु कामो के अलावा उसे एक ही काम आता था और वो था कॉफ़ी ब्लेंडिंग बिजनेस जो उनके हसबैंड चलाते थे. लेकिन मिसेज मैकडौगल के पास ज्यादा पैसा नहीं था इन्वेस्ट करने के लिए. उनके साथ जो बाकी के कॉफ़ी बिजनेस चलाने वाले थे, उन्हें लगता था कि वो 6 मंथ्स से ज्यादा नहीं टिक पायेगी लेकिन मिसेज मैकडौगल ने उन सबको रोंग प्रूव किया. उसने न्यू यॉर्क में 75 मिल्स तक का एरिया मैप किया और पर्सनली अपने बिजनेस के लिए मार्केटिंग की.
उसने होस्पिटल्स, क्लब्स और सेनीटोरियम्स में सप्लाई शुरू कर दी. सिर्फ 2 साल में ही मिसेज मैकडौगल ने $20,000 कमाए.उनके रेपुटेशन बढ़िया थी इसलिए ग्रैंड सेन्ट्रल टर्मिनल के पास उन्होंने खुद का एक कॉफ़ी शॉप खोल लिया. अपने मेनू में उन्होंने कॉफ़ी के साथ कुछ स्नैक्स भी एड कर दिए. आने वाले टाइम में मिसेज मैकडौगल ने न्यू यॉर्क सिटी में 6 और कॉफ़ी शॉप्स खोली. जब वे 65 की थी तो ग्रेट डिप्रेशन का टाइम था लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. मिसेज मैकडौगल ने इसी टाइम 3 और शॉप्स खोली. कोई और लेडी होती तो ऐसे मुश्किल टाइम में हार मान लेती लेकिन मिसेज मैकडौगल ने कभी हार नहीं मानी. उनके अंदर अपनी स्कसेस को लेकर बड़ा गट्स था.
सेलिंग एज अ बिजनेस (Selling as a Business)
एक सेल्स एजेंट होने के कई एडवांटेजेस होते है. कस्टमर्स की गुडविल और ट्रस्ट ही आपकी रियल कैपिटल है. सेल्स पर्सन को रेज़ का वेट नहीं करना पड़ता वो जितना चाहे उतना कमा सकता है. और ना ही उसे सारा दिन ऑफिस में बैठना पड़ता है. सेलिंग करना मज़ेदार काम है. आप कितने सारे नए लोगो से मिलते है. कई सारे सक्सेसफुल और इन्फ्लुएंशनल लोग आपको जानते है और आप उन्हें. आप किसी के अंडर में नहीं बल्कि अपनी मर्ज़ी से इंडिपेंडेंट होके काम करते है. जब तक कस्टमर्स से आपके अच्छे रिलेशन है, आप पैसा कमाते रहेंगे. सेल्स एजेंट एक तरह से लोगो को एजुकेट करते है. आप घर, वाशिंग मशीन,वैक्यूम क्लीनर या जो कुछ भी लेते है, एक सेल्स एजेंट ही आपको प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए मोटिवेट करता है.
मतलब ये कि सेल्स एजेंट्स लोगो की लाइफ में हैप्पीनेस और सेटिसफेक्शन लाते है. लूसिले अन्थोनी(Lucile Anthony) एक सिंगल पेरेंट है. उसका हजबैंड उससे अलग रहता है इसलिए उनके 6 मन्थ के बेबी को पालने की रिस्पोंसेबिलीटी अब उसके ऊपर है. उसने सिल्क स्टोकिंग्स बेचने का काम शुरू किया. एक मेनूफेक्चरर (manufacturer) ने लूसिले को हायर किया कि वो घर-घर जाकर स्टोकिंग्स बेचे. उसे 6 डिफरेंट कलर्स के सैम्पल दिए गये. वो पहले अपनी फ्रेंड्स के पास गयी. लूसिले को स्टोकिंग्स पहनना पसंद था, उसने अपने फ्रेंड्स को भी ये स्टोकिंग्स लेने के लिए बोला. जितनी औरतो को वो जानती थी, लूसिले ने सबको अप्रोच किया यहाँ तक कि स्ट्रेंजर्स को भी.
लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. वो जिनके भी घर जाती यही जवाब मिलता,” आज नहीं, आई एम् बीजी, आई हेव नो मनी, कम बैक नेक्स्ट वीक. तो लूसिले उनसे बोलती” मुझे पता है आप बहुत बीजी है मिसेज स्मिथ, लेकिन मै ज्यादा टाइम नहीं लुंगी, क्या मै अंदर आ सकती हूँ?” लूसिले तब तक कोशिश करती जब तक कि लोग उसे घर के अंदर नहीं बुला लेते थे. और जैसे ही वो अंदर घुसती सैंपल्स दिखाने शुरू कर देती. उसका एनथूयाज्म (enthusiasm ) ऐसा था कि औरते उससे सिल्क स्टोकिंग्स लेने के लिए मजबूर हो जाती. एक बार तो उसने यूनिवरसिटी ओर शिकागो में कोम्मेंसमेंट एक्सरसाइज़(commencement exercises) से पहले दो सोरोटी हाउसेस को कॉल किया, जहाँ उसने दो ग्रुप में डेमो दिया.
उसे तुरंत ही 56 जोड़ी के ऑर्डर्स मिल गए. उसकी सेल इनक्रीज हो रही थी और सिल्क स्टॉकिंग कंपनी से उसे काफी अच्छा-खासा कमिशन भी मिलता था. कस्टमर चाहे लाख मना करे लेकिन लूसिले को कोई फर्क नही पड़ता था. उसे बेचने का पैशन था. क्योंकि वो अपने प्रोडक्ट के बारे में अच्छे से जानती थी इसलिए उसे पता था कि लोगो को कैसे परसुयेड( persuade) करना है. ऐसा नही था कि हर कोई उसका प्रोडक्ट लेता था, उसे कई बार रिजेक्शन भी फेस करना पड़ा फिर भी लूसिले कभी पीछे नहीं हटी. ज्योर्ज कौनराड (George Conrad) की स्टोरी भी कुछ ऐसी ही है. वो भी कभी हार नहीं मनाता था. वो स्लाईसिंग मशीन्स का सेल्स एजेंट था. अपना प्रोडक्ट बेचने वो ग्रोसरीज़, रेस्तरोरेंट्स और मीट स्टोर्स में जाया करता.
ज्योर्ज शॉप में घुसता और शॉपकीपर को स्लाइसिंग मशीन की एक कलरफुल इमेज दिखाकर पूछता “ कैसा लगा आपको” तो शॉप कीपर का जवाब होता “अच्छा है, लेकिन मै इतनी एक्सपेंसिव स्लाईसिंग मशीन नहीं ले सकता”” तो ज्योर्ज अपनी कार से असली मशीन लेकर दूकान के काउंटर पे रख के बोलता” ये कम रेट वाला स्लाइसर है लेकिन देखने में एक्सपेंसिव लगता है. आप एक स्लाइसर का कैश में कितना प्राइस दे सकते हो”? तो दूकान वाला बोलता” आजकल बिजनेस स्लो चल रहा है तो मै $10 से ज्यादा नही दे पाउँगा”. ज्योर्ज थोड़ी ना नकुर करकेस्लाइसर का रियेल प्राइस बता देता. “वेल,अगर आप इतना अफोर्ड कर सकते है तो पैसे निकालो, वैसे ये स्लाइसर आपको सिर्फ $7.50 में पड़ेगा.” शॉप ओनर्स हैरान रह जाते,
स्लाइसर का एक्चुअल रेट को उनकी एक्सपेक्टेशन से कम निकला. इस तरह एक वीक में ज्योर्ज की 40 के अराउंड स्लाईसिंग मशीन बिक जाती थी. क्योंकि वो अपने प्रोडक्ट का बढ़िया डेमो देता और लो प्राइस होने के बावजूद उसकी मल्टीपल बेनेफिट्स गिना देता. डेमोनस्ट्रेशन(Demonstrations) और सैम्पल्स हर सेल्स एजेंट का एस्सेट (asset) होते है. डवीट रिची(Dwight Ritchie ) ने अपने मेंडिंग फ्लूइड डेमोज से खूब पैसा कमाया. नहीं, मुझे कुछ नहीं चाहिए” लोग उसे मना कर देते थे. लेकिन डवीट (Dwight) बोलता” कोई बात नहीं, मै बस आपको फेब्रिक रीपेयर करने का एक डेमो दिखा रहा हूँ’.
डवीट (Dwight )हमेशा अपने साथ कुछ सैंपल फेब्रिक ले के चलता था जिसे वो अपने प्रोडक्ट से रिपेयर करके दिखाता” अगर आपके सिल्क स्टोकिंग से कोई धागा निकल जाये तो बस थोडा सा मेंडिंग फ्लूइड लेकर टच कर दो, इससे आप बड़ी जल्दी और आसानी से रिपेयर कर सकते है”. अपने डेमो के बाद वो कस्टमर को मेंडिंग फ्लूइड हाथ में पकड़ा देता. ‘आप दो ट्यूब्स लेंगे या तीन? प्राइस है 25 सेंट्स” और इस तरह वो अर्ली मोर्निग से शाम तक डोर टू डोर सेलिंग करता. डवीट (Dwight) ने प्रूव् कर दिया था कि अगर पैसा कमाने का शौक हो तो घर से निकल के हार्ड वर्क तो करना ही पड़ेगा. अगर आप फ्रेंक डीप्रिएस (Frank DePries) से पूछे कि 1000 डॉलर्स कैसे कमाए जाते है तो वो तुरंत बोलेगा” फायर एस्टिंगुशर्स(Fire Extinguishers) बेच कर”. फ्रेंक ने अपने फर्स्ट $1000 सिर्फ 6 वीक्स में कमाए. हालाँकि ये उतना भी ईजी जॉब नहीं था.
उसने ढेर सारे सेल्स कॉल्स किये लेकिन फर्स्ट मन्थ में उसे एक भी ऑर्डर नहीं मिल पाया. फिर उसे रियेलाईज किया कि गलत लोगो को ट्राई कर रहा है. वो उन लोगो को कॉल करता था जिन्हें फायर एस्टिंगुशर (fire extinguisher) की कोई ज़रूरत ही नहीं थी. तो फ्रेंक ने अपनी फोन डायरेक्टरी को केयरफूली चेक किया. उसमे से उसने कुछ कंपनीज चूज़ की जहाँ उसका प्रोडक्ट काम आ सकता था. कुल मिलाकर एक डिस्ट्रिक्ट में 27 फर्म्स थी. फ्रेंक अपना टाइम और एनेर्जी बचाने के लिए एक रूट प्लान किया ताकि वो सबको विजिट करता चले. फिर क्या था उसका काम बन गया और अब वो डेली के 12 फायर एस्टिंगुशर्स बेचता है. उसने एक स्माल फैक्ट्री के लिए 10 यूनिट्स रखे है, और अब उसका टारगेट है वेयरहाउसेस, बड़ी फैक्टरीज और गैराज़ जिससे उसका वीकली कमीशन $300 के करीब बनता है.
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मेकिंग थिंग्स टू सेल (Making Things to Sell)
जेर्मनी में एक विलेज था जहाँ एक टाइम में एक्सीलेंट वुड कार्विंग (wood carving) का काम होता था. इस विलेज के लोग रिलीजियस स्टेच्यूज़ वनाने में एक्सपर्ट थे और उनकी बनाई हुई चीज़े हाई क्वालिटी और बड़ी आर्टिस्टिक मानी जाती थी. अगर विलेज में एक या दो आर्टिस्ट होते तो माना जा सकता था कि उनके पास नेचुरल टेलेंट है लेकिन वहां तो पूरा विलेज ही आर्टिस्ट से भरा था. जिसको देखो वही वुड कार्विंग में एक्सपर्ट है, तो यही प्रूव हुआ ना कि इंसान चाहे तो कोई भी स्किल लर्न कर सकता है. अगर आपमें कोई टेलेंट है तो आपकी प्रैक्टिस से उसे और निखारना होगा. “जीनियस इज 10% इन्स्पीरेशन एंड 90% पर्स्पीरेशंन” (“Genius is 10% inspiration and 90% perspiration.”) अक्सर फेमस राइटर्स, म्यूज़िशियन्स या एथलीट्स से लोग जलते है. क्योंकि ये लोग बोर्न टेलेंटेड होते है.
लेकिन लोगो को ये नहीं पता होता कि उनकी घंटो की मेहनत और प्रैक्टिस से उन्होंने अपने टेलेंट को और निखारा है और इस लेवल तक पहुंचे है. ज़रा अपने फेवरेट ऑथर के बारे में सोचो. राइटिंग के लिए अपने पैसन की वजह से ही वे लोग इस मुकाम तक पहुंचे है. एक परफेक्ट स्टाइल के लिए उन्होंने ना जाने कितनी मेहनत की होगी और दिन-रात प्रैक्टिस करके ही उन्होंने बेस्ट सेलिंग बुक्स लिखी होगी. हर एक्सपर्ट आर्टिस्ट कभी एक बिगेंनर रहा होगा. कोई भी रायटर फर्स्ट ट्राई में ही राइटर नही बन जाता. अगर आप भी एक एंटप्रेन्योर बनना चाहते हो तो कहीं ना कहीं से आपको शुरुवात करनी पड़ेगी. फेल हो भी गए तो क्या ? हार मत मानो, फिर से ट्राई करो. आप तभी सक्सीड होंगे जब आप अपने ट्रेक पे रहेंगे.
ऐसा क्या है जो आप करना चाहते हो? हो सकता है कि यही आपका फ्यूचर बिजनेस बन जाए. शायद आपने अपनी ज़रूरतों की वजह से कोई करियर चूज़ किया हो लेकिन आपकी हॉबी कुछ और हो. तो अगर आपकी हॉबी आपका बिजनेस बन जाए तो इससे बढ़िया बात और क्या हो सकती है? जहाँ आप रहते है वहां कम्यूनिटी कैसी है? क्या उसमे काफी बच्चे है? क्या आपकी सोसाइटी के लोग अपार्टमेंट्स में रहते है? आप एक फिशिंग विलेज में रहते है या क्राऊडेड सिटी में? आपको कोई ना कोई ऐसा प्रोडक्ट तो मिल ही जाएगा जो आप अपनी कम्यूनिटी में बेच सके. अगर आपके पास बेचने के लिए कुछ है तो सबको बताओ. घर से निकलो और अपना प्रोडक्ट बेचो. बिली बी. ने भी कुछ ऐसा ही किया. वो एक कॉमेडियन था जो एक सक्सेसफुल एंटप्रेन्योर(entrepreneur) बना.
बिली एक थियटर में कॉमेडियन था लेकिन फिर उसे जॉब छोडनी पड़ी क्योंकि उसे टीबी की बिमारी हो गयी थी. उसके पास इतना पैसा भी नहीं था कि वो अपना ट्रीटमेंट करवा सके. तो उसके कुछ कलीग्स और फ्रेंड्स ने मिलकर उसकी हेल्प की. दो सालो तक वो न्यू हम्पशायर (New Hampshire) के पाइन फारेस्ट में रहा जहाँ पे उसे ये बिजनेस आईडिया आया. बिली को पाइन ट्रीज़ की स्मेल बड़ी पसंद थी. उसे आईडिया आया कि क्यों ना इसका बिजनेस किया जाए. आखिर जो लोग पाइन ट्री की स्मेल पसंद करते है, उनमे से कई लोग पैसे या टाइम ना होने की वजह से फारेस्ट में जाकर फ्रेश पाइन की स्मेल नहीं ले पाते है. तो बिली को आईडिया आया क्यों ना पाइन ट्री सोप (pine tree soap) बनाके बेचा जाए.
उसने एक सोप मेकर ढूँढा जो उसके लिए ये सोप बना सकता था. लेकिन सेलिंग का काम बिली को खुद करना था. बिली ये सोचकर हंस पड़ा, वो पूरी लाइफ एक कॉमेडियन रहा था उसने आज तक एक भी चीज नहीं बेचीं थी. लेकिन तभी उसे फील हुआ कि वो सारी लाइफ सेलिंग ही तो करता रहा, हर रात वो अपने जोक्स और एक्ट्स ऑडीएंश को बेचता आया था. उसने सोप अपनी पोकेट्स में भर लिए और बेचने निकल पड़ा. लेकिन उसके रास्ते में कई चैलेज थे. ड्रग स्टोर वाले ने उसका सोप लेने से मना कर दिया और एडवरटाईजिंग के लिए बिली के पास पैसा नहीं था. तो बिली को एक और आईडिया आया. वो अक्सर होटल्स में अपने शो किया करता था इस वजह से उसे कंट्री के ऑलमोस्ट सारे होटल मैनेजर्स जानते थे.
एक होटल ने उसे ट्रायल आर्डर की परमिशन(permitted) दे दी. बिली ने अपने सोप्स बढ़िया तरीके से पैक किये और उन पर एक स्टीकर लगा दिया जिसमे लिखा था” दिस सोप विल कीप एव्रीथिंग क्लीन बट योर कान्शेस” (“This soap will keep everything clean but your conscience”) नेक्स्ट डे उसे एक गेस्ट से एक नोट मिला जिसमे लिखा था“डियर बिली, आई लाइक योर सोप, सेंड में सिक्स केक्स, हियर इज योर डॉलर” (Dear Billy, I like your soap. Send me six cakes. Here’s your dollar.) बिली की कमाई शुरू हो गयी थी, बाकी गेस्ट से भी उसे और ऑर्डर मिले रहे थे. आपकी बीमारी या जॉब छूट जाने का मतलब ये नहीं कि अब आप सक्सेसफुल नहीं हो सकते. बिली ने अपना करियर सक्सेसफूली शिफ्ट किया. उसने प्रूव कर दिया कि एक कॉमेडियन भी एंटप्रेन्योर बन सकता है. और एक हॉउसवाइफ या विडो भी. मिसेज स्मिल्थ विडो थी जो ब्रूकलीन (Brooklyn.) में रहती थी.
उनका एक ही शौक था, बेकिंग करना. एक दिन सुबह अपने लिए ब्रेड बेक करते टाइम उन्हें खुद का” फ़ूड स्पेशिएलिटी बिजनेस” स्टार्ट करने का आईडिया आया. उसने कॉफ़ी शॉप्स और टी रूम्स में जाकर अपने प्रोडक्ट्स बेचने शुरू किये. उसे कॉफ़ी केक, नट ब्रेड और डॉनट के लिए ऑर्डर मिले. एक टी रूम तो उनसे डेली पाई और रोल्स आर्डर करता था. एक दिन, मिसेज स्मिथ ने अपने बेटे को एक टूरिस्ट कैंप में भेजा. उनका बेटा अपनी साइकल में एक कुकीज़, पाई और काफी केक से भरी एक बास्केट लेकर गया. जॉनी ने सारा सामना बड़ी ईजिली बेच दिया था और उसे काफी सारे ऑर्डर्स भी मिले थे. उसने घर आकर ये बात मिसेज स्मिथ को बताई, फिर तो पूरे समर दोनों टूरिस्ट कैंप में बेकिंग प्रोडक्ट्स डिलीवर करते रहे.
जब विंटर सीजन आया तो मिसेज स्मिथ को एक और अपोरच्यूनिटी मिली. उसने पार्टी सीजन के लिए चीज़े बेक करनी शुरू कर दी. उसे हेलोवीन पार्टी के लिए ढेर सारे ऑर्डर्स मिले. पार्टी ओर्गेनाइजर्स जानते थे कि मिसेज स्मिथ पूरे टाउन में सबसे बेस्ट डॉनट्स बेक करती है इसीलिए सारे आर्डर उन्ही को दिए गए. मिसेज स्मिथ की सक्सेस का सीक्रेट यही था कि उनके प्रोडक्ट्स इतने टेस्टी होते थे कि लोग दुबारा लेंने आते थे. पार्टीज़, होलीडे या संडे नाईट डिनर में उनके बेक्ड आइटम्स की बड़ी डिमांड थी., मिसेज स्मिथ को बेकिंग से प्यार था और यही उनकी सोर्स ऑफ़ इनकम भी बन गया था. इससे बैटर और क्या हो सकता था. मिसेज नेप (Mrs Knapp) अपनी प्रेस्ड चिकेन रेसिपी के लिए फेमस थी. उनकी फेमिली का मिशिगन में एक पोल्ट्री फ़ार्म था.
स्पेंट हेन खाने में बड़ी हार्ड होती है और ब्रीडिंग सीजन के बाद मिसेज नेप (Mrs. Knapp ) ओल्ड चिकेन्स को अपने प्रेशर कूकर में 40 मिनट तक पकाती थी. इससे कूकिंग का टाइम शोर्ट होता ही था साथ ही चिकेन भी टेस्टी बनता था. फिर वो चिकेन को क्रोस सेक्शन में काटती थी, उसमे सीजनिंग और चिकेन स्टोक डालती थी. कोई स्पेशल आर्डर मिलता तो मिसेज नेप (Mrs. Knapp ) उसमे ओलिव्स, स्लाइसड वेजीटेबल्स और हार्ड बोइल्ड एग्स भी डाल देती थी. वो एक ओल्ड कहावत है ना” इफ लाइफ गिव्स यू लेमंस, यू शुड मेक सम लेमनेड” लेकिन मिसेज नेप (Mrs. Knapp) के लिए ये कहावत कुछ ऐसी थी” इफ यू हेव हंड्रेडस ऑफ़ स्पेंट हेंस, यू शुड मेक टेस्टी प्रेस्ड चिकेन्स” ( if you have hundreds of spent hens, you should make tasty pressed chicken)
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रेजिंग थिंग्स टू सेल (Raising Things to Sell)
अगर आपको किसी फार्म या फिशरी में बिजनेस करने का मौका मिले तो? क्या आपके इलाके में फ्रूट या वेजिटेबल्सग्रो होते है ? या फिर आपको हर्ब या फ्लावर्स उगाने का शौक हो? वैसे आप चीज़े उगा कर बहुत पैसा कमा सकते है. अब जैसे होवार्ड और बिल की स्टोरी ही ले लो. होवार्ड व्हिटली (Howard Whitely) एक मैप प्रिंटिंग कंपनी में जॉब करता था. उसे अच्छा पैसा मिलता था और बैंक में भी उसकी कुछ सेविंग थी. लेकिन फिर एक दिन डॉक्टर ने उसे उसकी हेल्थ कंडिशन के बारे में बताया तो होवार्ड को जॉब छोडनी पड़ी. डॉक्टर ने उसे ज्यादा से ज्यादा धुप में रहने को बोला था. होवार्ड ने अपनी सेविंग्स से इंडियानापोलिस में एक 15 एकर फ़ार्म लेने का मन बनाया.
इससे पहले जो ओनर था वो इस फार्म में वेजिटेबल्स ग्रो करता था लेकिन होवार्ड को चिकेन्स पालने का आईडिया आया. लेकिन प्रोब्लम ये थी कि उसे पोल्ट्री फार्म बिजनेस के बारे में कोई नॉलेज नहीं थी इसलिए उसने एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की बुलेटिन्स पढनी शुरू की, वो अपने फार्म के पास वाले पौल्ट्री फ़ार्म भी गया. वो इस काम के बारे में और नॉलेज हासिल करना चाहता था. उस पौल्ट्री फार्म में उसने देखा कि वहां का ओनर अपने चिक्न्स की ज्यदा केयर नहीं करता था, उन्हें प्रॉपर खाने को नहीं देता था और ना ही साफ़ सफाई का ध्यान रखता था.
इसलिए उस फार्म के चिकेन्स बड़े वीक और गंदे रहते थे. और उस फार्म के ओनर को चिकेन्स बेचने के बारे में कोई खास नॉलेज नहीं थी. उसने होवार्ड को बोला”और जैसे कि तुम बुक और मैगेजीन पड़कर चिकेन्स पालना सीख जाओगे?’. सच बात तो ये थी कि उस फार्मर को पौल्ट्री मैगजींस और गवर्नमेंट बुलेटिन्स वेस्टेज ऑफ़ टाइम लगता था. लेकिन होवार्ड को ऐसा नहीं लगता था, पोल्ट्री फ़ार्म जाकर उसे पता चल गया था कि वो अपने खुद के फ़ार्म में क्या चीज़ नहीं करेगा. होवार्ड ने मैगजींस में पढ़ा था कि पोल्ट्री फ़ार्म में हमेशा सफाई रखनी चाहिए ताकि चिकेन्स बीमार ना पड़े.
उसने एक सेकंड हैण्ड ब्रूडर और इनक्यूबेटर लिया, फिर उसने अपने फर्स्ट इन्वेस्टमेंट किया, फार्म के लिए 10 डोज़न एग्स खरीदकर. होवार्ड ने उनमे से हाफ एग्स ब्रीडिंग के लिए रखे, और बाकी के हाफ मार्किट में बेचने के लिए. इस दौरान वो गवर्नमेंट बुलेटिन्स भी बराबर पढता रहा. उसे फील हो रहा थे कि उसे ये काम वाकई में पसंद है. अपना प्रोडक्ट मार्किट करने के बारे में उसने काफी सोचा, उसे तीन रेस्तरोरेंट्स और दो होटल्स के ऑर्डर्स मिल गए
थे. कस्टमर्स को उसके फ़ार्म के प्ल्म्प और मिल्क फेड चिकेन्स बड़े पसंद थे. उसे अब एक के बाद एक ऑर्डर्स मिलने लगे थे. उसकी वाईफ चिकेन मीट पैकिंग में उसकी हेल्प करती थी. हर एक चिकेन को बड़ी केयरफूली पैक किया जाता था ताकि फ्रेशनेस मेंटेन रहे. होवार्ड के प्रोडक्ट्स स्टोर के बाकी प्रोडक्ट्स से एक्सपेंसिव होते थे फिर भी डिमांड में थे. कस्टमर्स जानते थे कि उन्हें हाई प्राइस में सुपीरियर क्वालिटी मिल रही है. होवार्ड को अब रेस्तरोरेंट्स, होटल्स और कंट्री क्लब से रेगुलर ऑर्डर्स मिलने शुरू हो गए.
होवार्ड की तरह बिल क्लेबर (Bill Klaiber) ने भी बुक्स पढके बिजनेस स्टार्ट किया. बिल एक पेंट फैक्टरी में रेगुलर जॉब करता था लेकिन उसकी एक इंट्रेस्टिंग हॉबी भी थी, ट्रोपिकल फिश पालने की. उसने इस सब्जेक्ट में ऑलमोस्ट हर बुक पढ़ रखी थी यहाँ तक कि अपनी नॉलेज बढाने के लिए उसने कई सारी एक्सपेंसिव बुक्स भी खरीदी. इन बुक्स से जो कुछ उसने अब तक सिखा था उससे उसके पास ट्रोपिकल फिश का अच्छा-ख़ासा कलेक्शन हो गया था. उसे जब बिजनेस का आईडिया आया तो अपने ब्यूटीफुल फिश कलेक्शन के लिए एक मार्किट ढूंढी. उसके बिजनेस का नाम था के’स एक्वेरियम (Kay’s Aquarium) जिसमे से सबसे ज्यादा बिकती थी, द बेटास (the Bettas ) या फाइटिंग फिश (Fighting Fish) जो कलरफुल लॉन्ग फिन्स और टेल्स वाली फिश होती है, वैसे ये फिश इसलिए भी स्पेशल है क्योंकि इन्हें गैंबलिंग के लिए यूज़ किया जाता है.
लेकिन उन्हें सेपरेट टैंक में रखा जाता है क्योंकि मेल फिश एक दुसरे को मार डालती है. एक ही टैंक में रखने पर ये आपस में फाइट करती है लेकिन अपने मेट्स और एग्स के लिए काफी प्रोटेक्टिव भी होती है. बिल के पास फाइटिंग फिश की बहुत सी बुक्स थी. उसे कई सारे कस्टमर्स मिल रहे थे, वो सैन फ्रांसिस्को में रहता था लेकिन टेक्सास, मिडवेस्ट और कैनेडा से उसे मेल के थ्रू बेट्टा फिश (Bettas ) के आर्डर मिल रहे थे. एक ऐसा भी टाइम आया जब उसका प्रॉफिट उसकी सेलेरी से भी ज्यादा हो गया था. लोवा(Iowa)के ज्योर्ज जेस्सुप (George Jessup) ने भी अपना साइड लाइन एक बूमिंग बिजनेस में टर्न किया. उसने बी यानी मधुमक्खी पालने का बिजनेस किया. अपने इन नन्हे हनी मेकिंग फ्रेंड्स की हेल्प से ज्योर्ज के सारे हाउसहोल्ड एक्सपेंसेस मज़े से चल रहे थे.
उसने पहले सिर्फ एक बी कालोनी से स्टार्ट किया. उसने उनके लिए एक बड़ा सा बीहाइव बनाया ताकि उन्हें ब्रीडिंग के लिए लार्ज स्पेस मिल सके. उसने क्वीन बी की एफिसियेंशी के लिए एक लार्ज होनी काम्ब भी लगाया. हनी बीज और इक्विपमेंट(equipment) वगैरह खरीदने में $20 और $5 हनी प्रोसेसिंग में खर्च हुए. बी कॉलोनी में एक साल में 100 पाउंड हनी प्रोड्यूस हुआ. ज्योर्ज ने हनी को 5 पाउंड के कंटेनर्स में रखा. विंटर में हनी बीज की ब्रीडिंग हुई जिससे ज्योर्ज को कॉलोनी डिवाइड करके एक और बी हाइव लगाना पड़ा. सेकंड वाले बी हाइव से भी 100 पाउंड हनी मिला. कुछ ही टाइम में ज्योर्ज के पास 10 बी कॉलोनी हो गयी थी. वो अपना हनी व्होलसेलर्स और रिटेलर्स को बेचता था. एक 5 पाउंड कंटेनर का उसे 45 सेंट्स मिलता था.
हालाँकि उसके पास अब 10 कॉलोनीज थी लेकिन उसे उनकी ज्यादा देखभाल नहीं करनी पड़ती थी. क्योंकि हनी बीज को ज्यादा केयर करने की ज़रूरत नहीं होती, वे अपना काम करती रहती है. ज्योर्ज के हिसाब से हनी बीज को आप कहीं भी रख सकते है जहाँ एक आउटसाइड विंडो हो. आप चाहे तो अपने एटिक में या बार्न, गैराज या फिर सेलर में भी हाइव बना सकते है. लेकिन ध्यान रहे कि आपके बी हाइव में एक अच्छी क्वीन बी हो और फिर ये बीज आपके लिए हमेशा हनी बनाती रहेंगी. इसी तरह मशरूम ग्रो करना भी काफी ईजी है. लेज़ लेविन(Laz Lewin ) ने भी मशरूम उगाकर काफी पैसे कमाए. उसने कुछ मशरूम सैंपलिंग लाये और अपने सेलर में प्लांट कर दिए. उसके पास अब 100 फीट का मशरूम बेड साइज़ है.
जब वो मशरूम के स्पानस (spawns) खरीद का लाया तो ये देखने में वाइट (white threads) जैसे लग रहे थे. लेज(Laz ) ने बड़े केयरफूली उन्हें एक 10×10 के स्पेस में प्लांट किया. फाइव वीक बाद लेज़(Laz ) ने जब सेलर चेक किया तो वहां बेबी मशरूम उगे हुए थे. और अमेजिंग बात ये थी कि उसके नेस्क्ट डे ही मशरूम 10 टाइम्स बड़े हो गए थे. लेज़(Laz ) ने मशरूम तोड़े और उन्हें मार्किट में 45 सेंट्स पर पाउंड के हिसाब से बेच दिया. उसने टोटल $110 कमाए. लेज़(Laz) ने और पैसा इन्वेस्ट किया और जल्द ही उसके पास एक 1000 स्क्वायर फीट का मशरूम बेड रेडी हो गया. उसे इस बिजनेस से सिर्फ प्रॉफिट ही प्रॉफिट हो रहा था, उसे कोई रेंट नहीं देना था, कोई इक्विपमेंट की ज़रूरत नहीं थी और ना ही मार्केटिंग का खर्च था. लेज़(Laz) अपने ये सेलर मशरूम्स लोकल स्टोर्स, कैफे और रेस्तरोरेंट्स में बेचता था.