(Hindi) Men Are from Mars, Women Are from Venus
परिचय
ये बुक “मैन आर फ्रॉम मार्स एंड विमेन आर फ्रॉम वीनस” उन बेसिक डिफरेसेस को डिटेल्स से बताती है जो एक आदमी और एक औरत के बीच होते है. चाहे साइकोलोजिकल हो, इमोशनल हो या फिर मेंटल, दोनों के बीच ऐसे कई डिफरेंसेस होते है और ज़्यादातर ऐसे वक्त पर उभरते है जो सही नहीं होता जिससे उनके रिलेशनशिप में टेंशन आती है और जो दो लोगो के दिल टूटने की वजह बनते है. फिर रिलेशनशिप कितना भी पुराना हो, फर्क नहीं पड़ता क्योंकि जब रिश्ते में खटास आ जाती है तो आपस दूरियां बढ़ने लगती है.
सात साल तक इस बारे में कई सारी डिस्कवरीज़ करने के बाद मैं इस बुक को लिख पाने में सक्सेसफुल हुआ हूँ. इन सालो में मैंने अपनी मैरिड लाइफ में से ऐसी कई वजहों को दूर किया जिससे मेरी मैरीड लाइफ बर्बाद हो रही थी. ये एक सिम्पल इंसिडेंट की वजह से हुआ जो अचानक मेरे साथ हुई. हुआ यूँ कि एक दिन:उस दिन मेरा ऑफिस में काफी बुरा दिन गुज़रा था और जब मै काम से वापस घर आया तो मेरी वाइफ ने दिन भर की शिकायतों का पिटारा खोल कर रख दिया क्योंकि उसका दिन भी काफी टफ गुज़रा था. एक हफ्ते पहले ही हमारी बेटी हुई थी. इन दिनों मेरी वाइफ को काफी पेन रहता था और उसकी पेन किलर की गोली खत्म हो गयी थी.
वो दर्द से इतनी परेशान थी कि मेरे आते ही उसका सारा गुस्सा फूट पड़ा. मै भी दिन भर ऑफिस की चिक-चिक से भरा बैठा था. मै भी उस पर जोर से चिल्ला पड़ा और काफी कुछ बोल दिया. गुस्से के मारे में घर से बाहर जा ही रहा था कि वो मुझसे रिक्वेस्ट करने लगी कि मै थोड़ी देर उसका हाथ पकड़ कर उसके साथ बैठ जाऊ. तभी मुझे अंदर से कुछ हुआ. मै चुपचाप उसका हाथ पकड कर उसके पास बैठ गया, और तब वोईला ! जैसे जादू हो गया. मेरी टेंशन जैसे पल में गायब हो गयी ! मेरे माइंड में घंटी बजी. फिर डीप स्टडी, रिफ्लेक्शन और रीसर्च के बाद मैंने अपनी ये बुक लिख के दुनिया के सामने रखी. और मै प्राउडली कह सकता हूँ कि इसने उन हज़ारो कपल्स की लाइफ चेंज की है जो एक कडवाहट से भरी मैरीड लाइफ जी रहे थे और इस बुक को पढने के बाद अब वे अपने पार्टनर के साथ एक हैप्पी, पीसफुल और प्रोग्रेसिव लाइफ जी रहे है.
चैप्टर 1
मैंन आर फ्रॉम मार्स, विमेन आर फ्रॉम वीनस
मैंने अपनी बुक की शरूवात इस थौट से की है कि हम सबको इस बात पे बिलीव करना शुरू कर देना चाहिए कि आदमी प्लानेट मार्स से है और औरते प्लानेट वीनस से. जब मेन ने विमेन को वीनस पे डिस्कवर किया तो वे मार्स से वीनस पर उतर आये और फिर दोनों साथ में अर्थ में रहने आ गए. दोनों के बीच का ये डिफ़रेंस इतना बड़ा है कि दोनों को ही एक दुसरे से एक तरह की खास एक्सपेक्टेशन और बिहेवियर की उम्मीद कम कर देनी चाहिए. हम यही एक्स्पेक्ट करते है कि हमारा अपोजिट सेक्स हमारी तरह ही बिहेव करेगा जो कि पोसिबल नहीं है क्योंकि जब हम फंडामेंटली एक दुसरे से डिफरेंट है तो ज़ाहिर है कि बिहेवियर भी डिफरेंट होगा. बाकी के चैप्टर्स में आपको कपल्स के बीच पैदा होने वाले वेरियस इश्यूज के बारे में डिटेल्स से बताया जाएगा और मैं आपको उन इश्यूज को सोल्व करने का तरीका भी बताऊंगा.
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चैप्टर 2
मिस्टर फिक्स इट एंड द होम इम्प्रूवमेंट कमिटी
अगर हम मार्शियन्स (मैंन) की बात करे तो देख सकते है कि ये लोग खुद को हमेशा रिजल्ट्स के थ्रू दिखाने में इंट्रेस्टेड होते है. क्योंकि मार्स का यही सिस्टम है. मर्द लाइफ को ऑब्जेक्टिव तरीके से लेने में ही ख़ुशी फील करते है. उन्हें वो चीज़े हासिल करने में ख़ुशी मिलती है जो उन्हें फेंसी करती है और उनके लिए गोल्स अचीव करना खुद को कम्प्लीट फील कराने का एक तरीका है. और साथ ही उन्हें लोगो को किसी प्रॉब्लम का सोल्यूशन देने की हैबिट भी होती है. और ये अपनी हर प्रॉब्लम खुद से सोल्व करना चाहते है, कोई और उन्हें सोल्यूशन बताये तो उन्हें एक अपनी वीकनेस लगती है. और जब हम वीनेसियंश (औरते) की बात करे तो इनके लिए सबजेक्टिव मैटर्स इनकी हैप्पीनेस और सक्सेस तय करते है.
इनके लिए फीलिंग्स एक्सप्रेस और शेयर करना भी एक स्टाइल है. ख़ुशी हो या कोई प्रॉब्लम, आपस में कम्यूनिकेट करने से ही इन्हें फुलफिलमेंट की फीलिंग्स आती है. और एक दुसरे की हेल्प करना ही इनके लिए रियल और गुड पर्सन होने की निशानी है. इसलिए अक्सर औरत और आदमी के बीच डिफरेंसेस पैदा हो जाते है. औरते एडवाईस देना अपना फर्ज़ समझती है क्योंकि ये उनका नेचर है जिस इंसान से वो प्यार करती है,उसे एक बैटर पर्सन के रूप में देखना चाहती है. लेकिन आदमी इसे अपनी एबिलिटी पर एक थ्रेट की तरह लेता है. उसे लगता है कि उसे एडवाइस देकर उसकी काबिलियत पर शक किया जा रहा है. एक बात और ये कि आदमी औरत को किसी चीज़ का सोल्यूशन बताकर समझता है कि उसकी डयूटी पूरी हो गयी लेकिन औरतो को सोल्यूशन नहीं बल्कि एक कन्धा चाहिए होता है जिस पर सर रखकर वे रो सके.
चैप्टर 3
मेन गो टू देयर केव्स एंड वीमेन टॉक
आदमियों को अपनी प्रोब्लेम्स सोल्व करके ख़ुशी मिलती है जबकि औरतो को प्रॉब्लम के बारे में बात करना पसंद होता है, ये इन दोनों के बीच एक बेसिक डिफ़रेंस है. इसलिए जब वो अपने टर्ब्ल्स के बारे में बात करती है तो ये उसके लिए एकदम नार्मल है मगर आदमी ये बात नहीं समझ पाता. इसलिए जब वो किसी पचड़े को सॉर्ट आउट करने के लिए कोने में चला जाता है तो औरत समझती है कि वो उसे इग्नोर कर रहा है. और बस यही बात बिगड़ने लगती है. दोनों को ये चीज़ समझने की ज़रूरत है. आदमी जब पीछे हटता है तो दरअसल वो एक तरह का कोपिंग मेकेनिज्म यूज़ कर रहा होता है.
वो उसे इग्नोर नहीं कर रहा है. उस वक्त उसकी फीलिंग्स का औरत से कोई लेना देना ही नहीं होता. ऐसे मौके पे उसे बस थोडा स्पेस चाहिए होता है ताकि वो उस प्रॉब्लम पर ढंग से सोच विचार कर सके. ठीक ऐसे ही अगर एक औरत अपने आदमी के साथ प्रॉब्लम शेयर करती है, तो आदमी को लगता है कि शायद वो उसे ब्लेम कर रही है या उसे कोई एडवाइस चाहिए क्योंकि मार्स में ऐसे ही बिहेव किया जाता है. इसमें उसकी गलती नहीं है वो अपने बेहिवियर के हिसाब ही सोच रहा है. वो या तो औरत को सोल्यूशन देगा या उसके ब्लेम पर ओब्जेक्शन करेगा और फिर वही होगा कि बात का बतंगड़ बन जाएगा.आदमी को ये सोचने की ज़रुरत है कि जब औरत अपनी प्रॉब्लम शेयर करे तो चुपचाप सुन ले क्योंकि औरत के लिए इतना ही काफी है कि कोई है जो उनकी बात सुने, उन्हें समझे. वे ज्यादा कुछ नहीं चाहती बस इतना ही कि कोई उनके दुःख में उनके साथ रहे. मर्दों को ये सीखने की जरूरत है कि जब औरत उनसे प्रॉब्लम शेयर करे तो “सुने”.
चैप्टर 4
हाउ टू मोटीवेट द अपोज़िट सेक्स
एक आदमी तब मोटिवेट फील करता है जब उसे लगता है कि उसके पार्टनर को उसकी नीड है. और एक औरत को मोटिवेट होने के लिए प्यार, इज्ज़त और चाहत की ज़रूरत होती है. जब आदमी प्यार में पड़ता है तो वो कोशिश करता है कि उसकी पार्टनर उससे खुश रहे. सिर्फ अपनी ख़ुशी के लिए नहीं बल्कि औरत की ख़ुशी के लिए भी क्योंकि वो केयर करता है. और ये उसके लिए मोटिवेशन है. हालांकि जिन और सुजेन के केस में जिम को ये समझने में थोडा टाइम लग गया कि वो अपनी वाइफ को खुश नहीं रख रहा है, उसकी उतनी केयर नहीं कर रहा जितनी उसे करनी चाहिए थी. उनकी शादी टूटने की कगार पर थी. वे मेरे पास काउंसलिंग के लिए आये. अपनी मैरीड लाइफ में फिर से पैसन जगाने के लिए वे इन 3 स्टेप प्रोसेस से गुज़रे जो नीचे दिए गए है:
स्टेप 1 : मोटिवेशन – जिम ने सुजेन की बातो पर ध्यान देना शुरू किया ताकि उसे यकीन हो जाए कि जिम उससे प्यार करता है और उसकी केयर करता है. ये सुजेन के लिए एक मोटिवेशन था.
स्टेप 2: रिसपोंसेबिलिटी –जिम ने अपनी गलतियाँ मानी और और उन्हें सुधारने की रिसपोंसेबिलिटी ली.
स्टेप 3: प्रैक्टिस – This change in approach needed practice. जब ये 3 स्टेप सोल्यूशन अप्लाई किया गया तो सुजेन इस रिश्ते में रहने के लिए मोटिवेट हुई और जिम को अपनी वाइफ का ख्याल रखने की मोटिवेशन मिली जैसे कि वो पहले रखता था और जैसा कि आदमी हमेशा करता है.