(Hindi) Made In America
इंट्रोडक्शन (Introduction)
क्या आप एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी बनना चाहते हैं? क्या सच में आपमें अपने सपनों को हकीकत बनाने की लगन है? अगर हां, तो आप सोच रहे होंगे कि कैसे और कहाँ से शुरुआत करें, तो ये बुक (summary) आपके सवालों का जवाब है.
ये summary आपको Walmart की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताएगी. इस बुक में आप बिज़नेस चलाने के सभी सीक्रेट्स के बारे में जानेंगे. आप ये भी सीखेंगे कि अपने बिज़नेस को कैसे expand करें औरउसे कैसे मेन्टेन करें.
इस बुक में अमेरिका के सक्सेसफुल कम्पनीज के इम्पोर्टेन्ट प्रिंसिपल्स हैं. इसमें कई प्रिंसिपल्स शामिल हैं जैसे कड़ी मेहनत और पैसे की वैल्यू समझना, अगर आप फेल हो जाएँ तो हार ना मानना और कुछ नया और ज़रा हट के सोचना यानी आउट ऑफ़ द बॉक्स थिंकिंग.
ये बुक सबसे अलग और बेहतरीन इसलिए है क्योंकि इसमें उन सच्ची घटनाओं के बारे में बताया गया है जिसने Walmart के ओनर सैम वॉल्टन को आर्डिनरी से एक्स्ट्राऑर्डिनरी बना दिया, ज़मीन से उठाकर आसमान के शिखर पर पहुँचा दिया. आज उनकी गिनती दुनिया के सबसे अमिर लोगों में की जाती है. ये कहानी काफ़ी दिलचस्प है और आप इससे बहुत कुछ सीखेंगे.
अगर आप एक नया बिज़नेस शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं, दुनिया में अपना नाम बनाने की सोच रहे हैं तो ये बुक आपको वो सारी नॉलेज देगी. तो इस एडवेंचर को एन्जॉय करें और हाँ ज़रूरी बातों के नोट्स बनाना ना भूलें.
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लर्निंग टू वैल्यू अ डॉलर (Learning to Value a Dollar)
क्या आपको लगता है कि आपकी सक्सेस को बनाने या बिगाड़ने में एक डॉलर की भी बहुत अहमियत होती है? आपका जवाब दिखाएगा कि आपकी परवरिश किस तरह हुई. अगर आप एक ऐसे परिवार में पले बढ़े हैं जहाँ हमेशा पैसों की तंगी रही हो और पैसा कमाने के लिए संघर्ष करना पड़ा हो तो आपको एक एक पाई की कीमत का पता होगा.
छोटी से छोटी रकम कमाने के लिए कड़ी मेहनत करना कोई बुरी बात नहीं है. बल्कि ये तो एक इंसान को ज़िम्मेदारी और चीज़ों की कदर करना सिखाता है. अगर आप पूरा दिन किसी चीज़ को हासिल करने में लगाते हैं तो उसे पाने के बाद उसकी कीमत और आपकी ख़ुशी दोनों दुगनी हो जाती है.
सैम बहुत कम उम्र से ही एक एक डॉलर की कीमत समझते थे. सैम का परिवार खेती (फार्मिंग) करता था और उनका बचपन काफ़ी कठिन परिस्थितियों से गुज़रा. उनका परिवार पुराने ख़यालात का था और एक एक डॉलर बहुत सोच समझ कर ख़र्च करता था. उनके पिता ने हर तरह के छोटे मोटे काम किए. उन्हें बिज़नेस करना बहुत पसंद था और वो मोल भाव करने में माहिर थे.
उनकी माँ भी बहुत मेहनती थी. एक बार उन्होंने दूध का बिज़नेस शुरू करने का फ़ैसला किया. तो सैम दूध निकालने का उनकी माँ के साथ उसे बोतल में पैक करने के काम में लग गए. सब तैयार होने के बाद सैम उसे अपने कस्टमर्स को डिलीवर करने जाते.
माना कि ये बिज़नेस काफ़ी छोटा था क्योंकि उनके कुछ गिने चुने कस्टमर ही थे लेकिन इसने सैम को एक ऐसी बात सिखाई जिसे वो कभी भुला नहीं पाए. उन्होंने पहली बार जाना कि एक डॉलर कमाना भी कितना मुश्किल होता है, एक डॉलर कमाने के लिए भी कितनी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.
हालांकि,आगे चलकर एक सवेरा ऐसा भी आया जो उनके लिए एक सुनेहरा सवेरा बन गया था जब उन्हें पहली बार एहसास हुआ कि वो दुनिया के सबसे अमीर आदमी बन गए थे, लेकिन दिल से से वो तब भी पहले वाले सैम ही थे. वो अपनी वही पुरानी ट्रक ड्राइव करते और किसी हाय फाय सैलून में नहीं बल्कि पास वाले नाइ की दुकान पर जाते थे. लोगों ने उम्मीद की थी कि अब वो एक आलिशान घर में और रईसों की तरह जीएँगे लेकिन उनका मानना था कि वैसा जीवन सिर्फ़ पैसों और एनर्जी की बर्बादी होती है.
सैम पैसों की कदर करते थे.वो पैसों से प्यार नहीं करते थे ,जैसा कि उनके ज़्यादातर दोस्त कहते थे.लेकिन ये सच नहीं था उन्हें सिर्फ़ टॉप पर बने रहने में दिलचस्पी थी. पैसों की तरफ़ उनके नज़रिए और ज़िम्मेदारी ने उन्हें हमशा सबसे ऊपर बनाए रखा.
सक्सेस का मतलब हमेशा एक सेलेब्रिटी होना या बड़े बड़े इवेंट्स में इनवाईट किया जाना नहीं होता.अगर आप नंबर वन बनना चाहते हैं और लंबे समय तक नंबर वन बने रहना चाहते हैं तो आपको पाई पाई की अहमियत समझनी होगी.
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स्टार्टिंग ओन अ डाइम (Starting on a Dime)
जो लोग ज़िम्मेदार होते हैं और लाइफ के प्रति एक पॉजिटिव सोच रखते हैं वो कुछ भी हासिल कर सकते हैं ख़ासकर अगर वो ambitious हों तो. जिस इंसान पर कुछ हासिल करने की धुन सवार हो जाए तो उसे कोई नहीं रोक सकता.
सक्सेस की चाहत और भूख ही वो जूनून है जो सक्सेसफुल लोगों को दुनिया की भीड़ से अलग करती है.ये इच्छा आपको अपना बेस्ट परफॉर्म करने के लिए पुश करती है. हो सकता है कि आपको बिलकुल नीचे से शुरुआत करनी पड़े, हो सकता है कि आपको कई काम ऐसे भी करने पड़े जो आपको पसंद नहीं हैं.
लेकिन पेशेंस के साथ लगे रहे, हर चैलेंज को एक मौके के रूप में देखें. हिम्मत करके एक्सपेरिमेंट करें. कभी भी पहला कदम आगे बढ़ाने से ना डरें. आपको एक बिज़नेस शुरू करने के लिए अमीर होने की ज़रुरत नहीं है बस आपको स्मार्ट होने और अपने options को ध्यान से स्टडी करने की ज़रुरत है. यहाँ तक कि अगर आप किसी मोड़ पर फेल भी हो जाते हैं तो ख़ुद पर इस हार को हावी ना होने दें. अपने अंदर जोश भर कर दोबारा शुरुआत करें.
आपको क्या लगता है कि सैम ने इतनी बड़ी सफ़लता कैसे हासिल की? उनका जन्म किसी अमीर घराने में नहीं हुआ था और ना ही उन्हें विरासत में कोई जायदाद मिली थी. वो बहुत गरीबी से उठे थे. जो ख़ास बात उन्हें सबसे अलग बनाती है वो है उनकी सबसे बेस्ट बनने की ख्वाइश.
सैम के भाइयों का कहना था कि ये एम्बिशन उन्हें अपनी माँ से मिला था. उनकी माँ ने बहुत छोटी उम्र में ही उन्हें कड़ी मेहनत और इमानदारी जैसे वैल्यूज को सिखाया था. उन्होंने सैम को सिखाया कि कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप कौन हैं या क्या करते हैं,बस हर काम में अपना बेस्ट दो.
सैम को नई चीज़ों के साथ एक्सपेरिमेंट करना बहुत पसंद था. अपने स्कूल के दिनों में उन्होंने स्कूल के हर क्लब को ज्वाइन किया, हर स्पोर्ट में participate किया. वो जो भी करते उसमें अपना बेस्ट परफॉर्म करते.यहाँ तक कि वो अपने स्कूल काउंसिल के प्रेसिडेंट भी बने थे.
भले ही उनकी डेली लाइफ काफ़ी बिजी थी लेकिन कुछ पैसे कमाने के लिए वो काम करने का वक़्त निकाल ही लेते थे. वो कभी भी अपने परिवार के मदद के सहारे नहीं रहे. उन्होंने ख़ुद अपने कॉलेज की फ़ीस का खर्चा उठाया था.
सैम ने JC Penny में काम करके रिटेल बिज़नेस को ज्वाइन करने का फ़ैसला किया. उन्हें अपना जॉब बहुत पसंद था. वहाँ वो एक मैनेजर से मिले जिन्होंने उन्हें इस रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए मोटीवेट किया.यही वो जगह थी जहां से सैम ने रिटेल बिज़नेस के साथ अपने सफ़र की शुरुआत की.
फ़िर एक दिन, उन्हें एक ख़ास मौका मिला जब एक दुकान के मालिक का दिवाला निकल गया था. वह अपने दुकान की हर चीज़ को बेचने की कोशिश कर रहा था. सैम ने उस स्टोर को चलाने का चैलेंज एक्सेप्ट किया. स्टोर पिछले मालिक के अंडर अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहा था लेकिन सैम ने उसे एरिया का बेस्ट स्टोर बनाने की ठान ली थी.
पहले सैम ने बिज़नेस चलाने के आर्डिनरी रूल्स को फॉलो किया लेकिन जब ज़्यादा बात नहीं बनी तो उन्होंने एक्सपेरिमेंट करना शुरू किया. सैम ने उन स्टोर्स पर गौर करना शुरू किया जिनसे उनका कम्पटीशन था. इससे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला और आलम ये था कि दो साल बाद सैम उनसे काफ़ी आगे निकल गए थे.
सैम बहुत होशियार और सतर्क थे. एक बार की बात है जब उन्हें पता चला कि दूसरे स्टोर का मालिक अपना बिज़नेस बढाने के लिए एक और स्टोर खरीदने वाला है तो उन्होंने उस स्टोर के मालिक को ढूँढा और ख़ुद उसके स्टोर को खरीद लिया. अब वो दो स्टोर के मालिक बन गए थे. उन्हें बहुत प्रॉफिट होने लगा और ये बात कुछ लोगों को खटकने लगी थी.
फ़िर सैम के सामने को एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा. सैम को स्टोर्स का रेंट देना पड़ता था और 5 साल बाद उनके स्टोर्स के रेंट का वक़्त पूरा हो चुका था. लैंडलॉर्ड के उसे दोबारा शुरू करने से साफ़ इनकार कर दिया. सैम ने बहुत मेहनत कर के इन स्टोर्स को जमाया था और अबएक झटके में ये सब उनके हाथों से जाने वाला था.
लेकिन उनके पास कोई चारा नहीं था. ना जाने कितने लोग थे जिन्हें सैम जितनी सफ़लता पाने की इच्छा थी. सैम ने हर संभव कोशिश की लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला. इसलिए उन दोनों स्टोर्स को छोड़कर सैम शहर से दूर चले गए.
हाँ, यहाँ वो हारे ज़रूर लेकिन वो मन से नहीं हारे बल्कि उनका इरादा और भी पक्का हो गया था. उन्हें समझ में आ गया था कि इस दुनिया में सर्वाइव करना इतना भी आसान नहीं है. उन्होंने अपनी गलतियों से सीख कर आगे बढ़ने का फ़ैसला किया लेकिन वो जान गए थे कि उन्हें और ज़्यादा स्मार्टतरीके से चीज़ों को हैंडल करना होगा.