(Hindi) Love’s Executioner and Other Tales of Psychotherapy
इंट्रोडक्शन
एक घिसा-पीटा सा सवाल है – क्या आपको लगता है कि लोग वैसे ही होते है, जैसे हमें नज़र आते है? हम सब लोग जिस तरीके से जीते है, उसके बारे में क्या कहना है? क्या आप मानते है कि सबके लिए ही जिंदगी तकलीफ से भरी है ? क्या ज़िंदा रहने का मतलब ही दर्द पालना है?
इस बुक में आप अर्विन यलोम और उनके पेशेंट्स की कहानियाँ पढ़ेंगे. एक साइकोथेरेपिस्ट के तौर पर, अर्विन बताते है कि उनके पेशेंट्स को किस तरह के दर्द से गुज़रना पड़ा. आप एक बूढ़ी औरत के बारे में जानेंगे जिन्हें एक ऐसे आदमी से प्यार हो गया था जिनको उन्होंने आठ साल पहले देखा था. आप ऐसे एक आदमी के बारे में भी जानेंगे जो कैंसर की वजह से मरने के कगार पर था और वो सपना देख रहा था कि रेप जैसे घिनौने काम को legal करार कर दिया जाए. आप एक असीसी भारी भरकम औरत के बारें में भी पढ़ेंगे जो मानती है कि उसका मोटापन उसके कंट्रोल से बाहर था.
हालांकि इन सब लोगों के हालात आपसे अलग हो सकते हैं पर फिर भी उन्होंने जो भी सबक सीखे है उसे आप अपनी लाइफ में अप्लाई कर सकते है. जिंदगी को जीने में जो भी तकलीफ है , वो तो हमें मरते दम तक झेलना ही पड़ता है. कम से कम हम ये तो कर सकते है कि हम दूसरों से सीखें कि वे कैसे इन सब से जूझते है. इस बुक में वो सबक हैं जो ज्ञान बढ़ाते है. ये ज्ञान बदले में हमें एक बेहतर इंसान बनने में मदद करती है.
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प्यार का जल्लाद
Love’s Executioner
ऑथर अर्विन एक साइकेट्रिस्ट भी थे. शुरू में, वे उन पेशेंट्स को नहीं देखना चाहते थे जिन्हे प्यार हुआ था. प्यार एक बहुत ही पावरफुल एहसास है और इसका मिज़ाज़ साइकोथेरपी से ठीक उल्टा है. साइकोथेरपी का काम होता है किसी इंसान की जिंदगी के हर इंच को जांचना जबकि प्यार रहस्य और पहेली के बीच फलता-फूलता है. यही बात इसे बहुत दिलचस्प बनाती है.
अर्विन प्यार के जल्लाद नहीं बनाना चाहते थे. लेकिन वे बिलकुल नहीं हिचकिचाए जब उनसे 71 साल की औरत थेल्मा ने आकर मुलाकात की और बताया कि उन्हें किसी से प्यार है. थेल्मा एक ऐसे आदमी से प्यार करती थी जिन्हें उन्होंने आखिरी दफा आठ साल पहले देखा था, और अब इस प्यार को ख़त्म करना चाहती थी. मैथ्यू नाम के इस आदमी के प्यार ने थेल्मा को पूरी तरह से निगल लिया था. टाइम के गुजरने के साथ उनका प्यार और भी गहरा होता गया. थेल्मा ने कई थेरेपिस्ट से मुलाकात की थी और अर्विन ही उनकी आखिरी उम्मीद थे.
अर्विन ने थेल्मा को मैथ्यू के बारें में सवाल पूछे. जब थेल्मा 50 के आस पास थी, वे डिप्रेशन की शिकार हो गई थी. इस कारण उन्हें अपने लोकल मेन्टल हेल्थ क्लिनिक में थेरेपी के लिए जाना पड़ा. वहां के ट्रेनी में से एक थे मैथ्यू जिसने थेल्मा से बात की थी. वो एक जवान और ख़ूबसूरत साइकोलॉजी के इंटर्न थे. जब वे दोनों बात करते तो थेल्मा खुद को ख़ास महसूस करती. मैथ्यू वाकई में थेल्मा की बहुत केयर करते थे. वो थेल्मा के अब तक के बेहतरीन थेरेपिस्ट थे. वो सच्चे, दयालु और विनम्र थे. थेल्मा की थेरैपी ख़त्म होने के बाद उन दोनों ने एक दूसरे को एक साल तक नहीं देखा क्योकि मैथ्यू एक हॉस्पिटल में फुल-टाइम काम करने के लिए चले गए थे.
हाँ, थेल्मा बिलकुल उजड़ सी गई थी. पर जब वे दोबारा मिले, वो इत्तेफ़ाक ही था. थेल्मा अचानक ही मैथ्यू से सैन फ्रांसिस्को के यूनियन स्क्वायर में मिली थी. उन्होंने पहले कॉफ़ी पी, फिर डिनर किया और वे दोनों मैथ्यू के घर गए . उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया कि वे दोनों ही पेशेंट- थेरेपिस्ट की मर्यादा को लांघ रहे है. इन सब में सबसे परेशान करने वाली बात ये थी कि मैथ्यू को थेल्मा के बारें में सब कुछ पता था क्योकि वो उनकी पेशेंट रह चुकी थी. थेल्मा भी शादी-शुदा थी और उनके पति घर पर इंतज़ार कर रहे थे. बहरहाल, मैथ्यू और थेल्मा का अफेयर 27 दिनों तक चला. यही वो 27 दिन थे जो थेल्मा को पिछले आठ साल से तंग कर रहे थे.
इस अफेयर के ख़त्म होने का कारण ये था कि मैथ्यू ने थेल्मा से मिलना बंद कर दिया था. उसने कभी ये नहीं बताया कि उसने ऐसा क्यों किया और उसने थेल्मा के फ़ोन का जवाब ही देना बंद कर दिया था. इसलिए, मैथ्यू से मिलने के लिए थेल्मा उस हॉस्पिटल में पहुँच गई जहां वो काम करते थे. वहाँ उसके ऑफिस में, मैथ्यू ने थेल्मा को गले लगाया और कहा कि जो वे दोनों कर रहे थे वह गलत है. इसे रोकने के ज़रूरत है.
अपनी जिंदगी के सबसे बेहतरीन 27 दिनों का यूँ ही अचानक ख़त्म हो जाने से थेल्मा बिलकुल टूट गई थी. उन्हें ऐसा लग रहा था मानो उनकी दुनिया ही उजड़ गई है. फिर, थेल्मा पर एक जुनून सवार हो गया. मैथ्यू ने उन्हें क्यों ठुकरा दिया ? सब कुछ अच्छा चल रहा था, इसे ख़त्म क्यों करना पड़ा?
वो मैथ्यू के बारें में पिछले आठ सालों से रोज़ सोचती रही. अपने थेरेपी सेशन में डॉ. अर्विन ने थेल्मा के दिमाग में फंसे इस बात को दूर करने की कोशिश की कि मैथ्यू ही वह सब कुछ था जिसकी उन्हें जरूरत थी. थेल्मा पर मैथ्यू के प्यार का जुनून सवार हो गया था. उन्हें अभी भी उम्मीद थी कि 1 % चांस है एक दिन मैथ्यू उनके फ़ोन का जवाब ज़रूर देंगे. उन्हें ये उम्मीद नहीं थी कि मैथ्यू फ़िर से उनसे प्यार करने लगेंगे पर थेल्मा जानना चाहती थी कि क्या वो अभी तक उनकी परवाह करते है या नहीं. इस 1 % की उम्मीद में ही उन्होंने अपने पिछले आठ साल बिता दिए थे.
थेल्मा से बात करना बहुत ही मुश्किल होता जा रहा था. वो अपनी पुरानी यादों में ही रह गई थी. दुर्भाग्य से, अपने बीते हुए कल पर फोकस करने का मतलब है अपने आज की परवाह न करना. वो अपनी ज़िन्दगी नहीं जी पा रही थी क्योंकि वो अभी भी मैथ्यू के साथ गुज़ारे सुहाने पलों में ही जी रही थी. थेल्मा ने मैथ्यू को अपनी ज़िन्दगी पर इतना अधिकार दे दिया था.
जब भी अर्विन थेल्मा से बात करने की कोशिश करते तो वो बात सुनने से इंकार कर देती. आखिर में अर्विन ने एक फैसला किया. थेल्मा के जुनून को ख़त्म करना था और उनका सामना हक़ीक़त से कराना था. थेरेपी के पांचवे महीने में, अर्विन ने मैथ्यू को थेल्मा के अगले सेशन के लिए बुलाया. इस ऑफर को सुनकर थेल्मा का चेहरा खिल उठा. वो अपने प्यार से आठ सालों बाद मिलने वाली थी .
इसके अगले ही हफ्ते, थेल्मा और मैथ्यू ने अर्विन के सामने बात की. थेल्मा ने मैथ्यू से वो सारे सवाल पूछे जो उन्हें पिछले आठ सालों से परेशान कर रहे थे. अर्विन को मैथ्यू के जवाब सुनकर काफी हैरानी हुई. उसने कहा कि वो थेल्मा की परवाह तो करता था पर फिर भी उसे थेल्मा को दूर करना पड़ा.
मैथ्यू ने बताया कि जब वे दोनों इत्तेफ़ाक से यूनियन स्क्वायर में मिले थे, उससे कुछ दिनों पहले ही उन्हें साइकोसिस का पता चला था. इस वजह से मैथ्यू का मेन्टल स्टेट बहुत अच्छे हालत में नहीं था. उसने और थेल्मा ने कुछ गलत फैसले लिए जिसके कारण उसे और थेल्मा दोनों को तकलीफ पहुंची थी. थेल्मा से मिलना उनके मेन्टल स्टेट के लिए ठीक नहीं था, ऐसा उनके थेरेपिस्ट ने बताया था और उन्होंने ही थेल्मा से मिलना बंद करने के लिए कहा था. थेल्मा ने उन 27 दिनों में जो महसूस किया था वो मैथ्यू के एक्सपीरियंस से बिलकुल अलग था. थेल्मा के लिए वो वक़्त बहुत ही सुहाना था , पर मैथ्यू के लिए नहीं. वो तो अपनी जिंदगी के सबसे बुरे दौर को जी रहे थे.
उस सेशन के बाद, थेल्मा ने अर्विन से कहा कि वो उनके साथ अपने सेशंस को रोक देगी. ये जानना थेल्मा के लिए एक बहुत बड़ा धक्का था कि वो और मैथ्यू दोबारा उन 27 दिनों को फिर से नहीं जी सकते. उन्होंने सारी उम्मीदें खो दी थी और बस अब पेशेंट बनी रहना नहीं चाहती थी. मैथ्यू से मिलने से पहले भी वे लगातार साइकोथेरेपी ले रही थी.
अर्विन खुद भी फेल हो गए थे. थेल्मा के इंकार के बाद वे थेल्मा की मदद नहीं कर सकते थे. थेल्मा साइकोथेरेपी के लिए बिलकुल फिट नहीं थी. मैथ्यू से मुलाकात में भी कुछ ख़ास हासिल नहीं कर पाई थी. अर्विन को पता तो था कि ऐसा हो सकता है पर वे ये साबित करने पर अड़ गए कि वे थेल्मा की मदद कर सकते है. सबसे हैरानी की बात ये थी कि थेल्मा ने अर्विन से आखिरी बार मिलने से पहले बताया कि वे और मैथ्यू दोबारा बातचीत करने लगे है. ये बात ,अर्विन की थेल्मा के लिए चिंता को कम नहीं कर पाई.