(Hindi) Jab Jab Jab Right Hook
इंट्रोडक्शन
ऐसा क्यों है कि सोशल मीडिया के थ्रू मार्केटिंग करना किसी बॉक्सिंग से कम नहीं लगता?
जबकि ट्रेडिशनल मार्केटिंग में किसी वन साइड बॉक्सिंग मैच जैसा लगता था. कंपनियाँ सारे प्लेटफॉर्म, टेलीविजन, रेडियो, प्रिंट को राईट हुक्स देती थी और कंज्यूमर्स इनके इन्फ्लुएंस में आ जाते थे क्योंकि उनके पास और कोई वेन्यू मौजूद नहीं होता था.
हालाँकि सोशल मीडिया ने पूरा गेम ही बदल दिया है. अब कंज्यूमर्स ज्यादा टाइम मांगते है, उन्हें ऐसे ब्रैंड चाहिए जो उनके मन मुताबिक हो, जो उनकी ओपिनियन सुने और सेल्स से पहले उनकी ज़रूरतों पर ध्यान दे. आज के मार्केटर्स को चाहिए कि कंज्यूमर्स को राईट हुक देने से पहले उन्हें जैब करे.
जैब यानी कंटेंट का छोटा सा टुकड़ा जो आपके कस्टमर्स को स्माइल करने का, हंसने का और एप्रीशिएटेड फील करने का मौका दे. राईट हुक वो कॉल है जिस पर एक्शन लेकर आप अपने कस्टमर्स से पैसा कमा सकते हो.
इसलिए सोशल मीडिया में आप पैसा कमाने से पहले अपने कस्टमर्स को एंटरटेन करते हो, उनसे कनेक्ट होते हो. आपको अपने ब्रैंड के बारे में एक अच्छी सी स्टोरी उन्हें सुनानी पडती है. इसीलिए तो हम आपसे कह रहे है, पहले जैब,जैब,जैब और फिर राईट हुक.
लेकिन गैरी वेनरचक कहते है कि कंटेंट के नाम पर आपको कोई भी ऐसा-वैसा कंटेंट नहीं डालना है. हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की अपनी लेंगुएज़ होती है. ऐसा नहीं है कि आप फ़ेसबुक पर कुछ भी पोस्ट कर दो और फिर उसे ही कॉपी पेस्ट करके इंस्टाग्राम , ट्वीटर या टम्बलर पर भी पोस्ट कर दो, इससे आपकी जैब बिल्कुल नज़रअंदाज़ कर दी जाएगी. ये तरीका जरा भी इफेक्टिव नहीं होगा.
ये किताब आपको ग्रेट कंटेंट और एक इफेक्टिव स्टोरी क्रिएट करने में हेल्प करेगी. आप सीखोगे कि कैसे अपने ब्रैंड के लिए एक अच्छी reputationबनाई जाए और कैसे अपने कस्टमर्स से इफेक्टिव वे में कनेक्ट हुआ जाए. साथ ही आप सीखोगे ऐसा कंटेंट क्रिएट करना जो भीड़ में सबसे अलग दिखे, जिस पर तुरंत कस्टमर्स की नज़र पड़ सके.
ये बुक आपको फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर के लिए परफेक्ट पोस्ट क्रिएट करना भी सिखाती है. अगर आप किताब में दी गई सारी टेक्नीक्स अप्लाई करते है तो इस बात की गारंटी है कि आपका कंटेंट कभी इग्नोर नहीं होगा. आपके भी लाखो-करोड़ो follower होंगे और सबसे बढ़कर तो ये कि आपकी सेल्स दुगनी-चौगुनी हो जायेगी.
तो तैयार है आप जैब, जैब, जैब एंड राईट हुक के लिए?
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The Characteristics of Great Content and Compelling Stories
ये एक बेहद इम्पोर्टेंट information है जो ब्रांड्स, मार्केटर्स, small बिजनेस और इंटरप्रेन्योर्स के बड़े काम आती है. सोशल मीडिया पर कंटेंट के नाम पर कुछ भी कंटेंट डाल देने से काम नहीं चलेगा खासकर तब जब आप प्रोमो के तौर पर कंटेंट पोस्ट कर रहे हो, ये सिर्फ स्पेस पकड़ेगा और कोई भी इसमें इंटरेस्टेड नहीं होगा.
आपको इस शोर-शराबे के बीच अपनी आवाज़ बुलंद करनी होगी, सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट और information की भरमार है पर आप चाहे तो नीचे दिए गए सिक्स रूल्स अप्लाई करके ऐसा कंटेंट क्रिएट कर सकते हो जो सबसे हटकर दिखे, जिस पर तुरंत लोगों का ध्यान जाए. तो एक ग्रेट कंटेंट के केरेक्टरस्टिक क्या है, ये हम आपको बताते है.
पहला रुल है: आपको नेटिव बनना होगा यानी आपका कंटेंट ऐसा हो जो उस स्पेसिफिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म का यूनीक स्टाइल, कल्चर और लेंगुएज़ फॉलो करता हो, कभी भी भूल से कंटेंट को कॉपी-पेस्ट ना करे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में गलत टाइप का कंटेंट डालकर आप खुद के साथ-साथ दूसरों का भी टाइम वेस्ट करते हो तो इससे अच्छा क्यों ना उस प्लेटफोर्म के यूनीक और नेटिव तरीके सीख कर ही अपना कंटेंट तैयार किया जाए.
असल में सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर वही ब्रांड्स और बिजनेस शाइन करते है जो नेटिव लेंगुएज़ फॉलो करके कंटेंट डालते है, और इन्ही को लाखो-करोड़ो लाईक्स, कॉमेंट्स और शेयर्स भी मिलते है और सबसे ज्यादा सेल्स भी इन्ही की होती है.
देखा जाये तो टम्बलर आर्टिस्टिक टाइप के लोगों को अट्रेक्ट करता है और अपने यूजर्स को ज्यादा से ज्यादा GIF यूज़ करने के लिए एनकरेज करता है. जैसे कि कोई डिजाईन कंपनी की अगर कुछ इस तरह टेक्स्ट पोस्ट करे “Visit our website to see our latest furniture designs” तो ये टम्बलर पर उतनी इफेक्टिव नहीं लगेगी और एक लो-क्वालिटी की ईमेज बेकार ही पिंटरेस्ट पर पोस्ट हो जाएगी.
आप जिस भी सोशल मीडिया प्लेटफोर्म को यूज़ कर रहे हो, आपका कंटेंट उसमे ब्लेंड हो जाना चाहिए, ताकि वो कस्टमर्स से ईमोशनली कनेक्ट हो सके. ऐसा लगना चाहिए जैसे एक टिपिकल यूजर ने क्रिएट किया हो.
दूसरा रुल है कि कंटेट इंटररप्ट नहीं होना चाहिए, जब आप लोगों को पहुँचने की कोशिश करते हो जो एंटरटेनमेंट के लिए सोशल मीडिया ओपन करके बैठे है तो आपको भी इस एंटरटेनमेंट का एक पार्ट लगना है. उनके न्यूज़ एक्सपिरियेंस, डिजाईन एक्सपीरिएंस या नेटवर्किंग एक्सपिरियेंस में आपको बड़े स्मूथली अपना कंटेंट डालना है, ये ध्यान रखो कि उस प्लेटफार्म पर लोग क्या ढूंढते है.
तीसरा रुल है कि आपका कंटेंट डिमांडिंग ना हो. याद रखो आपको सिर्फ देना, देना और देना है और कॉल तो एक्शन से पहले अपना कंटेंट प्रोवाइड कराना है. कंटेंट को सिंपल और मेमोरेबल बनाओ, जो देखने में काफी इनवाईटिंग और पढने में मजेदार लगे. आपको इंट्रेस्टिंग, फनी और इंस्पायरिंग नज़र आना है साथ ही इन्फोर्मेटिव भी लगना है, ठीक ऐसी ही क्वालिटी हो हम इंसानों के अंदर देखना पसंद करते है.
जैसे मान लो आपका कॉस्मेटिक का बिजनेस है, तो आप फ़ेसबुक पर short मेक-अप ट्यूटोरियल बना सकते हो. आप एक वीडियो भी क्रिएट कर सकते हो कि चेहरे पर स्ट्रेस के साईंन कैसे दूर किये जाए या आप आर्टिकल लिख सकते हो कि लडकियों को किस उम्र से आईब्रो बनानी चाहिए.
जब आप जैब करते हो तो आप कुछ बेच नहीं रहे हो,ना ही अपने कस्टमर्स से कोई कमिटमेंट कर रहे हो. आप उनके साथ बस एक मोमेंट शेयर कर रहे हो जो फनी या informative , dramatic या दिल को ख़ुश करने वाला, कुछ भी हो सकता है. शायद कोई क्यूट सी कैट इमेज, यानि कुछ भी पर भूल कर भी सेल्स पिच ना करे.
जब आप अच्छा कंटेट पोस्ट करते हो तो आपके follower अपने फ्रेंड्स को शेयर करेंगे और आप उन्हें याद रहेंगे. आपके follower जो आपको पहले से पसंद करते है, आपकी पोस्ट लाईक करते है, उन्हें जब आप राईट हुक दोगे तो ईज़िली एक्स्पेट कर लेंगे. और फिर यही आपके कस्टमर्स भी बनते है.
आप अपने follower के साथ एक ईमोश्न्ल कनेक्शन बनाते हो जो राईट हुक बिल्ड करता है.
मान लो जैसे आप अपना फेवरेट ब्लॉग पढ़ रहे हो कि बीच में एक एड पॉप-अप होती है, आप इरीटेट फील करते हो और तुरंत क्लोज़ का बटन दबा देते हो.
ज़ाहिर ही कोई भी बीच में इंटरप्ट होना पसंद नहीं करता. और ना ही कोई सेल्स पिच पसंद करता है. इससे लोग आपके ब्रांड्स से नफरत करने लगते है.
इसलिए पहले जैब करना इम्पोर्टेंट है.
याद रहे, जैब,जैब,जैब देन राईट हुक, गिव, गिव, गिव देन आस्क.
चौथा रुल है आपका कंटेंट पॉप कल्चर एडाप्ट करे, millennial अपने स्मार्ट फोन के बिना नहीं रह सकते, उनसे फोन छीनने का मतलब है उनकी लाइफ छीन लेना.
आज से कुछ दस साल पहले तक बच्चे अपने फ्रेंड्स के साथ मॉल या 7-एलेवेन पार्किंग लोट में घूमा करते थे. सीडी या कैसेट चलाकर सोंग सुनना उनका फेवरेट टाइमपास था.
पर आज के टीनएजर्स जो ज्यादा टाइम ऑनलाइन रहते है, उन्हें चैट या वीडियो कॉल करना पसंद है. टाइम पास के लिए या तो वो ऑनलाइन गेम्स खेलते है या अपने स्मार्टफोन पर वीडियोज देखते है. अब ऐसे कस्टमर्स को अट्रेक्ट करने के लिए आपके कंटेंट में कुछ तो ख़ास होना चाहिए.
एक कहावत तो आपने सुनी होगी” इफ यू कैन नोट बीट देम, ज्वाइन देम”, पॉप कल्चर में एंट्री करने का यही तरीका है. अपने follower को दिखाओ कि उनकी पसंद आपकी पसंद है, आप भी वही म्यूजिक सुनते हो जो वो सुनते है. हमेशा अपनी नॉलेज अपडेट रखो, आपको सारी लेटेस्ट सेलेब्रिटी गॉसिप मालूम होनी चाहिए, अपनी ओपिनियन भी दो. करंट इवेंट्स और ऐसे इम्पोर्टेंट मुद्दों पर कंटेंट बनाओ जो आपके follower के लिए इम्पोर्टेंट है.
पांचवा रुल है कंटेंट को माइक्रो रखो यानि एकदम छोटा और क्रिस्प, गैरी वी कहते है कि आपकी पोस्ट सिर्फ कंटेंट नहीं बल्कि माइक्रो कंटेंट होनी चाहिए. उसे एक यूनीक टाईनी पीस ऑफ़ information की तरह क्रिएट करो साथ ही सिंपल और क्रिएटिव भी रखो.
ऐसी पोस्ट डालो जो फनी, एंटरटेनिंग और इंस्पायरिंग लगे. लेकिन जब आप करंट इवेंट्स और ट्रेंड्स पर respond करते हो तो वो और भी इफेक्टिव लगती है. अब जैसे एक्जाम्पल के लिए 2013 के super bowl में ओरियो ने जो किया था.
थर्ड क्वार्टर के दौरान एकदम अँधेरा हो गया था, लाईट जाने की वजह से गेम को अँधेरे में चालू रखना मुश्किल था. पूरे आधे घंटे तक लाईट नहीं थी तो San Francisco 49ers और Baltimore Ravens के प्लेयर फैन्स के साथ इंतज़ार करते रहे.
इस अनएक्सपेक्टेड इवेंट के बीच ओरियो के मार्केटर्स को एक अपोरच्यूनीटी नज़र आई. ओरियो ने एक ट्वीट किया “पॉवर चली गई? नो प्रॉब्लम ” और साथ में एक ओरियो की इमेज अटैच कर दी जो अँधेरे में अकेला बैठा था, टेक्स्ट में आगे लिखा था “आप फ़िर भी अँधेरे में jump कर सकते हैं”.
फैन्स को ये ट्वीट बड़ा पसंद आया, ट्वीट काफी फनी और क्रिएटिव तरीक से एकदम मौके के हिसाब से बनाया गया था कि ओरियो कुकी किसी भी सिचुएशन में खाई जा सकती है क्योंकि ये फनी और प्लेफुल कुकी है.
हालाँकि ट्वीट लोगों को ओरियो खरीदने के लिए नहीं बोल रहा था, बल्कि इसे जरूरत भी नहीं थी. पर ये ट्वीट एक परफेक्ट जैब था. चंद मिनटों बाद ही ये पोस्ट ट्विटर रीट्वीट हुई और फ़ेसबुक पर हजारों बार शेयर की गई.
ओरियो ने पोस्ट कुछ ऐसे बनाई थी जैसे ये कोई ब्रैंड ना होकर कोई इन्सान हो. ये एक एडवांटेज भी थ कि ओरियो की एक सोशल मीडिया टीम है जो हमेशा तैयार रहती है चाहे गेम के बीच में कुछ भी हो जाये. ये ट्वीट काफी एलिगेंट आईडिया था जो शो करता था कि ओरियो ऐसी कुकी है जिसे आप फ़ुटबॉल मैच देखते हुए खाना पसंद करेंगे.
छठा रुल है आपका कंटेंट कंसिस्टेंट और सेल्फ-अवेयर होना चाहिए. हर पोस्ट, कमेन्ट, लाईक और शेयर आपकी कंपनी की आइडेंटीटी के साथ कंसिस्टेंट रहे. आप रोज़ माइक्रो कंटेंट क्रिएट करेंगे लेकिन उनमे इस सवाल का जवाब छुपा होना चाहिए” हम कौन है? अगर आप सेल्फ-अवेयर है तो समझ लो आप अपने मैसेज को लेकर श्योर है. आप फेसबुक, इंस्टाग्राम या ट्विटर पर चाहे कोई भी कंटेंट बनाये आपका मैसेज हर जगह सेम रहना चाहिए ताकि अपने ब्रैंड की आइडेंटीटी को बेस्ट तरीके में represent कर सके.