(hindi) HOW TO GET RICH- One of the World’s Greatest Entrepreneurs Shares His Secrets
इंट्रोडक्शन
क्या आप पैसे कमाने के लिए शोर्ट कट अपनाने में यकीन रखते हो? क्या आप जल्द से जल्द अमीर होना चाहते हो? क्या आप “गेट रिच क्विक” के एडवरटीज़मेंट में यकीन रखते हो? क्या आप खुद को अमीर समझते हो? क्या आपकी भी यही ईच्छा है कि काश आपके बैंक एकाउंट में ढेर सारा रुपया होता?
इस बुक में हम कुछ ऐसे तरीके सीखेंगे जो हम अमीर बनने और अपनी अमीरी बरकरार रखने में मदद करेंगे. आप ये भी सीखेंगे कि फेलियर इस प्रोसेस का एक पार्ट है और आप सीखोगे कि सक्सेसफुल होने के लिए सिर्फ़एक ग्रेट आईडिया ही काफी नहीं होते, और आप ये भी सीखोगे कि ऐसे कौन सी गलतियाँ है जो आपको अपना बिजनेस शुरू करते वक्त अवॉयड करनी चाहिए.
ये बुक आपको रिएलाईज़ कराएगी कि हर इंसान अमीर बन सकता है लेकिन हर कोई वो मेहनत नहीं करना चाहता जो अमीर बनने के लिए चाहिए.
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Harnessing the Fear of Failure
फेलिक्स जो इस किताब के ऑथर है, जानते थे कि कोई भी उनकी इस किताब पर यकीन नहीं करेगा. आप शायद ये किताब पढ़ते वक्त कुछ ऐसा ही सोच रहे होंगे. लेकिन फेलिक्स पूरे दावे से कहते है कि इस किताब में जो कुछ लिखा है, वो किताब के टाईटल से रिलेटेड है. बेशक फेलिक्स आपको खुश नहीं कर पाए, ना ही आपको हेल्दी बना पाए पर एक अमीर एंटप्रेन्योर बनने में जरूर मदद कर सकते है, इस बात का फेलिक्स हमे पूरी तरह यकीन दिलाते है.
आपको याद होगा, हमने पहले भी बताया है कि अमीर बनने का कोई शोर्टकट नहीं होता. जल्द से जल्द अमीर बनना एक धोखा और जाल है, क्योंकि पैसा कमाना कोई मज़ाक नहीं है. इसलिए सब्र रखे और अपनी कोशिशों में तब तक डटे रहे जब तक कि कामयाब नहीं हो जाते. यही फेलिक्स ने भी किया था और आपको भी करना होगा.
अमीर बनने की इस कोशिश में फेलिक्स की राह में अगर कोई चीज़ बार-बार आड़े आ रही थी तो वो थी, फेलियर . फेलियर सुनने में नेगेटिव वर्ड लगता है ना? अगर फेलियर का कोई रूप होता तो वो शायद एक भयानक गोरिला बनकर हमारे सामने खड़ा हो जाता. फेलियर से हर कोई डरता है. आप आप खुद ही सोचो कि एक खूंख्वार गोरिला के सामने आप कब तक टिक सकते हो?
लेकिन फेलिक्स के पास एक ग्रेट आईडिया है. आपने शुरुवात कर ली है तो मान लो कि आप अमीर होने का रास्ता आधा पार कर चुके हो. जरूरत सिर्फ़पहला कदम उठाने की है. हाँ, फेलियर आपके पीछे पड़ सकती है, बार-बार आपका रास्ता रोक सकती है. लेकिन आप जब तक एक बार कोशिश नहीं करोगे, कभी अमीर नहीं बन सकते.
लोग शायद आपका मजाक उड़ाए, आपको क्रिटीसाईज़ करेंगे, यहाँ तक कि आपको डरायेंगे कि इस रास्ते पर मत चलो. फेलिक्स को भी तब कई ऐसे लोग मिले थे जिन्होंने उन्हें डिसकरेज किया था. उन्हें बिजनेस वेंचर स्टार्ट करने से मना किया था, फेलिक्स जानते थे उनमे से कुछ उनके शुभचिंतक भी थे जो उन्हें सिर्फ़आगाह करना चाहते थे ताकि फेलिक्स नुकसान में ना रहे.
हमारे करीबी लोग और कलीग हमेशा ही हमारा भला चाहते, पर इसका ये मतलब नहीं कि आप फेलियर के डर से पीछे हट जाए. आप सफल हो सकते है, ये जानना हमे कई बार डरा देता है, लेकिन जानना ही काफी नहीं है, आपको सफल होने के लिए सच में एक्शन लेना होगा.
हार की कल्पना से भी इंसान डरता है, और फेलिक्स ये जानते थे. जब आप फेल होते हो तो लोग कुछ इस तरह बोलते है” मैंने तुम्हे मना किया था ना”. पर क्या आपको मालूम है, पछतावे का एहसास इससे भी बुरा होता है? फिर आप जिंदगी भर यही सोचकर पछताते रहोगे “काश! मैंने वो बिजनेस स्टार्ट कर दिया होता” “काश मैंने लोगों की बातें नहीं सुनी होती”, क्या पता आज मै अमीर बन गया होता”. वही दूसरी तरफ इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि आप फेल नहीं होंगे, तो अब ऐसे में आप क्या डिसीजन लेंगे?’
हाँ, आप हारा हुआ महसूस करेंगे, हाँ, लोग आपको डिसअपोइन्ट कर सकते है. लेकिन दुनिया यही पर खत्म नहीं हो जाती, कम से कम आप ये तो बोल पाएंगे’ मैंने कोशिश की पर मै सक्सेसफुल नहीं रहा, चलो कोई नहीं दूसरा आईडिया ट्राई करते है”
आप चाहे फेल हो या कामयाब, लोगों फिर भी बोलते रहेंगे. इसलिए लोगों की परवाह करना छोड़ दो, अपने चारों तरफ एक ऐसी दीवार बना लो जो आपको क्रिटिक्स की बातो से बचा कर रखे, पर हां, दीवार इतनी भी मोटी ना बना लेना कि आपके परिवार और दोस्तों की अच्छी और काम की सलाह भी आपको सुनाई ना दे..
कुल मिलाकर फर्स्ट स्टेप है, टेक अ स्टेप, और फेल होने के लिए कमर कस कर तैयार रहो, क्रिटिक्स की बातो को पर्सनली मत लेना, सिर्फ़उनकी सुनना जो लोग आपके अपने है और जो आपका भला चाहते है.
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The Fallacy of the Great Idea
अक्सर लोग कहते है, जो औरों से अलग होता है, वो काफी दूर तक जाता है. अगर आप अमीर बनना चाहते है तो आपको कुछ ऐसा करना होगा जो कभी किसी ने ना किया हो. लेकिन फेलिक्स इस बात को पूरी तरह नकारते है. दुनिया में रोज़ ही ग्रेट आईडिया जन्म लेते है लेकिन हर आईडिया कामयाब नहीं होता. आपको सिर्फ़ग्रेटनेस पर फोकस नहीं करना है बल्कि ये ध्यान रखना है कि उस आईडिया को इम्प्लीमेंट कैसे किया जाए.
ग्रेट आईडिया रनिंग शूज़ जैसे होते है. अच्छी क्वालिटी के शूज़ एथलीट को तेज़ दौड़ने में मदद करते है और लंबे टाइम तक चलते है, पर गुड शूज़ की तब तक अहमियत नहीं है जब तक कि एथलीट उसे पहन ना ले. अगर आप गोल्ड मेडल चाहते हो तो सिर्फ़शूज़ पहनने से काम नहीं चलेगा, आपको खुद पूरी मेहनत से दौड़ना होगा.
फेलिक्स कहते है, ठीक ऐसे ही सिर्फ़ग्रेट आईडिया आपको अमीर नहीं बना सकता, मेहनत तो आपको खुद ही करनी होगी. जैसे अब रे क्रोक को ही ले लो. McDonald’sके बिजनेस आईडिया के पीछे रे का ही हाथ था. बेशक रे ने फ़ास्ट फ़ूड का कांसेप्ट क्रिएट नहीं किया था और ना ही वो पहले थे जिन्होंने ये बिजनेस स्टार्ट किया था. उनका आईडिया ना तो ग्रेट था और ना ही यूनिक पर इसके बावजूद रे ने इसे वो फेमस एम्पायर बनाया जो आज McDonald’sहै.
और ये सब हुआ क्योंकि रे ने McDonald’sमें अपना प्लान इम्प्लीमेंट किया. उन्होंने McDonald’sके मेन्यू और प्राइस को रेगुलेट किया. रे ने देशभर में McDonald’s की फेंचाईज़ी सेट की. साथ ही उन्होंने इस बात का भी ध्यान रखा कि McDonald’s के किचन में हेल्थ को ध्यान में रखते हुए काम किया जाए, और लास्ट में उन्होंने McDonald’sको एक ऐसे फ़ास्ट फ़ूड चेन के तौर पर पेश किया जहाँ आपके पूरे पैसे वसूल होते है.
सुनने में आसान लगता है ना? लेकिन इन सारे आईडियाज़ को इम्प्लीमेंट करना काफी मुश्किल और challenging काम था. हालाँकि बाद में McDonald’sको इन सारी ट्रिक्स का पूरा फ़ायदा मिला. तब से लेकर आज तक McDonald’s लोगों का फेवरेट फ़ास्ट फ़ूड जॉइंट बना हुआ है और आगे भी यूं ही बना रहेगा.
इसलिए सिर्फ़ग्रेटनेस देखने के बजाए इस बात पर भी फोकस करो कि आपका आईडिया एक स्मूथ और प्रॉपर तरीके में इम्प्लीमेंट किया जा सके. अक्सर स्टार्ट-अप कंपनीज़ यही गलती करती है. वो यूनिक बनने के चक्कर में अपना काफी टाइम वेस्ट कर देती हैं. उन्हें समझ ही नहीं आता कि आईडिया को इम्प्लीमेंट करने के बाद अगला स्टेप क्या होना चाहिए, और यही वो पॉइंट है जहाँ पहुँच कर ये कंपनियाँ फेल हो जाती है.