(hindi) How to become a straight A student

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इंट्रोडक्शन

ये बुक कोई टिपिकल या आर्डिनरी स्टडी गाइड नहीं है जो हमें अक्सर मिल जाती है क्योंकि इस बार असली और रियल straight A स्टूडेंट्स यानीtoppers अपने आईडिया और एडवाइस को पेश कर रहे हैं नाकि professors. मैंने इन स्टूडेंट्स के साथ किए गए इंटरव्यू में उनके जवाबों को इकट्ठा किया ताकि ये आपको ज़्यादा efficient बनने में, एग्जाम से घबराने के बजाय उसे एक मास्टर की तरह फेस करने में और आपके काम को कल पर टालने की आदत को ख़त्म करने में मदद कर सके.

मैंने ऐसे स्टूडेंट्स पर फोकस किया जिन्होंने पढने के लिए स्मार्ट तरीकों का इस्तेमाल कर अपने grades में इम्प्रूव किया ना कि उन स्टूडेंट्स पर जो रात रात भर जाग कर बस पढ़ते ही जाते हैं. इस बुक में दी गई हर एक एडवाइस आपको सही या सटीक नहीं लगेगी और ये ठीक भी है क्योंकि हर स्टूडेंट का पढ़ने का अपना तरीका होता है, ये सिर्फ़ एक्सपेरिमेंट करने और खोजने की बात है कि आपको कौन सी स्ट्रेटेजी सूट करती है.

हमेशा याद रखें कि कॉलेज का मतलब सिर्फ़ अच्छे grades लाना नहीं होता बल्कि ये कैंटीन में गप्पें मारने, दोस्तों के साथ मस्ती करने के बारे में भी है जो आपके कॉलेज के दिनों को यादगार बनाती है. लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि एजुकेशन का एक सिस्टम होता है और अच्छे grades उसमें एक अहम् रोल निभाते हैं.

मैंने ये बुक आपको गाइड करने के लिए लिखी है ताकि आपके कॉलेज के दिन नॉलेज और मस्ती से भरे हुए हों नाकि स्ट्रेस से.

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Step 2: Declare War on Procrastination

जब मैंने इस बुक के लिए इंटरव्यू करना शुरू किया तो मैंने सबसे ज़्यादा गौर काम को कल पर टालने की आदत पर रखा. इस आदत को procrastination कहते हैं.मैं ये सोच बैठा कि अगर ये स्टूडेंट A स्टूडेंट है तो इसने तो पक्का इस बुरी आदत से पीछा छुड़ा लिया होगा. लेकिन आश्चर्य की बात तो ये थी कि हर एक स्टूडेंट जिससे मैंने पूछा कि, “तुम procrastination को कैसे रोकते हो”?, उन सभी ने कहा “हम इसे रोकते नहीं”.

मुझे सच में इस जवाब की उम्मीद नहीं थी औए सच पूछो तो इस बात का कोई सेंस नहीं था.लेकिन फ़िर एक स्टूडेंट ने कहा “मुझे नहीं लगता कि आप इस आदत को पूरी तरह छोड़ सकते हैं, आपको बस इसे लिमिट करने की कोशिश करनी होगी”. मैंने उन स्टूडेंट्स से कई सवाल पूछे. उनके जवाब सुनकर मैं सब चीज़ों को जोड़कर समझने की कोशिश कर रहा था. उनकी बातों से मुझे इतना समझ में आया कि काम को टालने की इच्छा को ख़त्म नहीं किया जा सकता क्योंकि जितनी भी कोशिश कर लो, कोई ना कोई ऐसा काम सामने आ ही जाता है जो बहुत ही बोरिंग और बेकार होता है लेकिन फ़िर भी हमें उसे करना ही पड़ता है.

इस स्टेप का गोल इस आदत को छुड़ाना नहीं बल्कि ये सिखाना है कि जब आपको काम टालने की इच्छा हो तो आपको उसके आगे झुकना नहीं है. मैंने इस आदत को कुछ हद तक हराने के लिए एक प्लान बनाया है : 1. अपने काम के प्रोग्रेस की एक जर्नल रखें जिसमें आपको रिकॉर्ड करना है कि क्या आपने अपने सभी काम को पूरा किया है या उन्हें टालने के बहानों के सामने घुटने टेक कर उन्हें टाल किया. एक तरह से ये आपके ईगो को झटका देने का एक ज़बरदस्त तरीका है. ये आपको रियलिटी से बचकर निकलने नहीं देगा क्योंकि सच तो ये है कि आप सिर्फ़ आलसी हैं और आपके ईगो को ये अच्छा नहीं लगेगा.

2. अगर आप में एनर्जी कम है तो आप इस आदत की चपेट में आ जाते हैं. इसलिए आपको अपने ब्रेन को एक मशीन के रूप में देखना होगा जिसे आपको मोटीवेट करने की और जिसका ध्यान रखने की ज़रुरत है.लेकिन कैसे ? सिंपल, ज़्यादा पानी पीना शुरू करें, आप कितनी कॉफ़ी, चाय या कोल्ड ड्रिंक पी रहे हैं उस पर ध्यान दें क्योंकि कॉफ़ी में बहुत कैफीन होता है जो हमारी बॉडी के लिए बिलकुल अच्छा नहीं होता. इस बात को समझें कि खाने का काम आपको एनर्जी देना है इसलिए लिमिट में खाएं और कभी भी कोई मील स्किप ना करें.

3. एकडिफिकल्ट और डराने वाले काम को एक्स्ट्राऑर्डिनरी काम में कैसे बदला जाए? उस काम को करने के लिए एक अलग लोकेशन पर जाएं जैसे कोई बुकस्टोर, रेस्टोरेंट या कॉफ़ी शॉप और वहाँ जाने का टाइम सेट करें और उसके बारे में बहुत से लोगों को बताना ना भूलें, इस तरह आप उस मीटिंग को कैंसिल नहीं करेंगे.

4. एक रूटीन बनाएं. हाँ, बेशक आपका रूटीन हर दिन बदलता रहता है लेकिन हर दिन कम से कम एक घंटा ऐसा रखें जो बिलकुल सेम रहता हो जैसे मान लीजिए कि आप उसे ब्रेक के रूप में लेते हैं. रूटीन बनाने का गोल है काम को हैबिट में बदलना ताकि आपको हर बार उस काम को करने के लिए ख़ुद को मनाना ना पड़े.

5. अंत में, अपने हार्ड डेज को चुनें. कई दिन ऐसे भी होते हैं जो बहुत ज़्यादा बिजी होते हैं तब आपको अपने रिलैक्स करने या socialize करने जैसे काम को साइड में रखना होगा.अगर आपको लगता है कि काम का ढेर लगने वाला है तो उसके ढेर लगने से पहले एडवांस में उसकी प्लानिंग करें. बहुत देर होने से पहले ही उसे कुछ समय देने से ये मुश्किल कुछ आसान हो जाएगी. दूसरे शब्दों में कहें तो, आप उनके नेगेटिव इफ़ेक्ट को कम कर पाएँगे.

Step 3: Choose When, Where and How Long

जब पढ़ाई की बात आती है तो छोटी छोटी चीज़ें भी बहुत मायने रखती हैं.ये कुछ बेसिक से सवाल हो सकते हैं लेकिन इन्हें नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता जैसे पढ़ने के लिए सबसे बेस्ट टाइम कौन सा होता है?–तो इसका जवाब है – सुबह सुबह. ज़्यादातर स्टूडेंट्स ने कहा कि जितनी जल्दी हो सके उठकर पढ़ना चाहिए. उस समय आपकी एनर्जी सबसे ज़्यादा होती है, उस वक़्त आप फ्रेश होते हैं. लेकिन रात में कभी नहीं पढ़ना चाहिए क्योंकि वो आपके सोने के टाइम टेबल को डिस्टर्ब कर देता है जो आपकी प्रोडक्टिविटी पर बुरा असर डालता है.

दूसरा सवाल है, आपको कहाँ पढ़ाई करनी चाहिए? किसी ऐसी जगह जहां शांति हो और कोई आपका ध्यान ना भटका सके. तीसरा सवाल, आपको कितनी देर पढ़ना चाहिए? ब्रेक के बिना एक घंटे से ज़्यादा नहीं. एक घंटा पढ़ाई कर ब्रेक लें. ब्रेक सिर्फ़ पांच या दस मिनट का भी हो सकता है लेकिन उसे ऐसा होना चाहिए जो आपके माइंड को आपके काम से पूरी तरह हटा कर आपको फ्रेश कर सके. ये सभी चीज़ें आपको ज़्यादा प्रोडक्टिव और आर्गनाइज्ड बनाएंगी.

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