(hindi) GET SMART – How to Think and Act Like the Most Successful and Highest Paid People in Every Field

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इंट्रोडक्शन

क्या आप किसी बड़ी कंपनी के सीईओ हैं, एक बिजनेसमैन जो इस दुनिया में अपना नाम बनना चाहता है या आप एक साधारण से एम्प्लॉइ है जो अपना प्रमोशन  चाहता है? अगर आपको अपना बिज़नेस आगे बढ़ाने में और अपना गोल पाने में मुश्किलें हो रही है, तो बेफिक्र हो जाइये क्योंकि ये बुक आपकी बहुत सारे तरीकों से मदद करने वाली है।

ये बुक आपको बताएगी कि अपने करियर में आगे बढ़ने से पहले क्या ध्यान रखना चाहिए. यह आपको दिखाएगी कि आपको सही इनफार्मेशन कैसे इकट्ठा करनी है और अच्छी तरह से खोजी हुई नॉलेज के साथ रियल चैलेंजेज का सामना करने के लिए कैसे तैयार रहना है।

ये आपको स्लो थिंकिंग और फ़ास्ट थिंकिंग के बारे में भी बताएगी. जब आपको दोनों तरह की थिंकिंग के बीच का फ़र्क समझ आ जायेगा तो आप मौके के हिसाब से सही थिंकिंग यूज कर पाएंगे.

और अगर आप अमीर होना चाहते है, तो ये बुक आपको सिखाएगी कि कैसे उन 20% लोगो में से एक बना जाये जो साल में 10 करोड़ डॉलर कमाते हैं. ये सब हासिल करने के लिए आपको सीखना होगा कि कैसे फ्लेक्सिबल (flexible) बनना चाहिए, एक बिजनेसमैन की तरह कैसे सोचना है और अमीर लोगों की सही आदतों को कैसे अपनाना है.

ये सारी स्ट्रेटेजी इस समरी में बताई जाएँगी. आपको कुछ इंस्पायरिंग कहानियां सुनने को मिलेंगी और ऐसे स्टेप्स जिन्हे आप आज से ही शुरू कर सकते हैं.

ये बुक आपके बिज़नेस को बढ़ाने के लिए जरुरी है, आइये सीखना शुरू करते हैं की स्मार्ट कैसे बनें और ज्यादा से ज्यादा पैसे कैसे कमाए.

Informed Thinking Versus Uninformed Thinking

अगर आप नया बिज़नेस शुरू करने की सोच रहें हैं, तो पहले आप अपना होमवर्क कर सकते हैं. आपको शायद पता हो की आपके कस्टमर्स को क्या चाहिए, लेकिन हो सकता है कि आप गलत हो।

आप सिर्फ मानी हुई बातों के आधार पर फैसले नहीं कर सकते हैं. आपको हमेशा रियल फैक्ट्स पढ़ने और इकट्ठे करने चाहिए. ये फैक्ट्स आपको गूगल पर ढूंढ़ने से, बुक पढ़ने से, एक्सपर्ट या किसी से भी पूछने पर मिल सकते हैं.

अगर आप किसी इंडस्ट्री में काम करते हैं, आपका काम सिर्फ अच्छे रिजल्ट देना नहीं है। आपको ज्यादा से ज्यादा ambitious होना चाहिए और अपने काम में सबसे ज्यादा नॉलेज वाला इंसान बनने की कोशिश करनी चाहिए. अगर आपको सक्सेस हासिल करनी है, तो आपको ऐसा इंसान बनना होगा जिसके पास हर कोई मदद मांगने आये.
जैसे की, आपके पास एक प्रोडक्ट बनाने का एक बहुत अच्छा आईडिया है। ज्यादातर लोग बेस्ट प्रोडक्ट बनाने में जल्दबाजी करते हैं। वो सोचते हैं कि उनका प्रोडक्ट इतना अच्छा है कि वो कस्टमर्स का ओपिनियन बदल देंगे।

कस्टमर्स पर अपने प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए दबाव डालने से अच्छा है कि आपको पहले मार्केट के बारे में ज्यादा रिसर्च करनी चाहिए।

example के लिए, आप मॉल में किसी कस्टमर के पास गए। फिर, आपने उससे पूछा कि क्या वो आपका प्रोडक्ट A लेना चाहेगा भले ही उसमे कुछ कमियाँ है. अगर कस्टमर कहता है कि वो नहीं लेगा, तो आपका आइडिया सही नहीं है. अगर वो कहे की कमी होने के बाद भी वो प्रोडक्ट खरीदना चाहेगा, तो आप उसे बनाना शुरू कर सकते है.

किसी भी बिज़नेस में फेल होना आम बात है. हो सकता है कि आप ऐसा प्रोडक्ट बेचना शुरू कर दें, जो आपके कस्टमर के लिए काम का नहीं है, फेल होने के बाद, फिर से नई शुरुआत करें.

आगे बढ़ने के लिए, आपको खुद से कुछ सवाल पूछने होंगे. क्या मेरे प्रोडक्ट के लिए मार्केट में डिमांड है? क्या ये मार्केट ज्यादा से ज्यादा सेल करने के लिए काफ़ी है? मैं अपने प्रोडक्ट को कैसे बदल सकता हूँ, जिससे वो ज्यादा से ज्यादा लोगो के काम आये। क्या कस्टमर्स अच्छे पैसे देने के लिए तैयार हैं?

रोज इन सवालों के जवाब देने से, आप हमेशा जरूरी जानकारी पाएंगे।
अनजान या बेवकूफ़ होने से अच्छा है पूरी तरह से जानकारी रखना. ऐसे ही आप अपने competitors से आगे बढ़कर जीत पाएंगे.

चिंता मत कीजिये. जैसे जैसे वक़्त बीतता जायेगा, आपकी सक्सेस का रास्ता साफ़ होता जायेगा. अब, क्योंकि आपने अपनी रिसर्च की है, आप अपने बिज़नेस के बारे में सबसे ज्यादा जानते है. अब आपके बिज़नेस प्लान पर भरोसा और विश्वास किया जा सकता है और ये आपको कामयाबी की तरफ लेकर जायेगा.

सिर्फ इसलिए की आपका बिज़नेस प्लान बन गया है, इसका मतलब यह नहीं कि आप ढ़ीले पड़ जाएं, खुद पर हमेशा जोर डालते रहे, पढ़ते रहे और जो भी परेशानी आ सकती है उसका हल ढूंढ़ते रहे।

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स्लो थिंकिंग versus फ़ास्ट थिंकिंग

शायद पहले किसी ने आपको कहा होगा कि अगर आप एक गोल की तरफ ध्यान देंगे तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं. ये बिलकुल सच है क्योंकि हमारा दिमाग बहुत पावरफुल होता है.

हम हर मिनट करीब 1500 वर्ड्स सोचने की काबिलियत रखते है. ये बहुत बड़ी बात है. इसलिए अमीर लोगों की तरह फोकस करने और सोचने के लिए काफी विल पॉवर और मेहनत की जरुरत पड़ती है.

हम रोज जिस चीज की प्रैक्टिस करते है, वो हमारी आदत बन जाती है और सोच इससे अलग नहीं है. हम स्लो थिंकिंग और फ़ास्ट थिंकिंग की प्रैक्टिस कर सकते है.
स्लो थिंकिंग तब सही से इस्तेमाल की जा सकती है जब हम मुश्किल फैसला लेने वाले होते है, जब हम गुस्से में होते है और जब हमे फैसला लेने से पहले उसके नतीजे के बारे में सोचना होता है. अपनी थिंकिंग को स्लो करने के लिए, आप एक कमरे में अकेले बैठ सकते है और अपने थॉट एक पेपर पर लिख सकते है.

आसान शॉपिंग, फ़ोन कॉल करने के लिए या गेम खेलने के लिए फ़ास्ट थिंकिंग यूज की जा सकती हैं.

सक्सेसफुल होने के लिए, आपको दोनों तरह की थिंकिंग सीखनी होगी, और ये जानना जरुरी है कि कब कौन सी थिंकिंग यूज करनी है.
अपनी थिंकिंग स्लो करने का एक example है GOSPA मॉडल यूज करना. इसका मतलब है गोल्स, ऑब्जेक्टिव्स, स्ट्रैटेजीस, प्राइऑरिटीस और एक्शन्स.

आपको इस मॉडल की रोज प्रैक्टिस करनी चाहिए. शुरू में आदत डालना बहुत मुश्किल होगा, लेकिन फिर ये आपकी आदत बन जाएगी जिससे आपकी जिंदगी बदल सकती है.

तो, इस GOSPA मॉडल का मतलब क्या है?

गोल्स का मतलब है, क्लियर और लम्बे समय तक चलने वाले गोल्स जिन्हें measure किया जा सके उन्हें सेट करना जिससे आपके बिज़नेस को बढ़ने में मदद मिले. एक बिज़नेस का मालिक होने के नाते, आपको हमेशा अपने गोल पर नजर रखनी चाहिए, चाहे उसे मिलने में सालों लग जाएं।

एक गोल सोचने के बाद, आपको ऐसा ऑब्जेक्टिव बनाने की जरूरत है जो आपको आपकी आखिरी मंज़िल तक लेकऱ जाये. ये ऑब्जेक्टिव शोर्ट टर्म के लिए और फोकस्ड होने चाहिए.

अब, सारी स्ट्रेटेजी बनाने का वक़्त है जो हर ऑब्जेक्टिव को पाने में आपकी मदद करेंगीं. जैसे की, अभी आपके बिज़नेस का ऑब्जेक्टिव नए एम्पलॉईस को हायर करना है. आपकी स्ट्रेटेजी होंगी, उन स्टेप्स की लिस्ट, जिन्हें फॉलो करके आप जॉब के लिए सही इंसान ढूंढ सकते हैं.

अगला स्टेप होगा हर गोल के लिए प्राइऑरिटीस सेट करना। अपनी प्राइऑरिटीस बनाने के लिए आपको खुद से पूछना होगा कि वो कौनसी 20 % स्ट्रेटेजी हैं जिन्हे फॉलो करके आपको 80% रिजल्ट मिलेंगे। दूसरे शब्दों में कहे तो, आपको 80/20 का प्रिंसिपल फॉलो करना होगा।

आखिरी स्टेप उन सही कामों को करने का फैसला लेना है जिसकी जरुरत है. ये काम आपके रोज के हो सकते है, या हफ्ते के या फिर महीने के.

हमेशा याद रखें की कभी भी रास्ते से नहीं हटना है. इसका मतलब है कि आपको हमेशा अपने गोल्स पाने में फोकस रहना है चाहे वो आपसे कितनी ही दूर क्यों ना हो. अगर आप अपने गोल्स, ऑब्जेक्टिव्स और स्ट्रेटेजी से अपना फोकस हटाते हैं, तो आप कामयाब ल नहीं हो पाएंगे.

ट्रिक ये है कि ना तो हमेशा फ़ास्ट सोचें ना ही स्लो। ट्रिक ये डिसाइड करना है की हर सिचुएशन के हिसाब से कौन सी थिंकिंग की जरुरत है, फिर उसके हिसाब से काम करे.

जब थिंकिंग कंट्रोल करना आपकी आदत बन जाएगी, आप उन ख़ास लोगो की गिनती में आ जाएंगे जो हर वो चीज हासिल कर सकते है जो वो करना चाहते है.

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