(hindi) FOOLED BY RANDOMNESS -The Hidden Role of Chance in Life and in the Markets

(hindi) FOOLED BY RANDOMNESS -The Hidden Role of Chance in Life and in the Markets

इंट्रोडक्शन

क्या आपको लगता है कि आपका अपनी लाइफ पर पूरा कंट्रोल है? जब चीज़ें आपके हिसाब से नहीं होती तो क्या आप निराशा, झुंझलाहट और गुस्सा महसूस करते हैं? या आप अपने कंधो को हिलाकर कहते हैं कि “ऐसा तो अक्सर होता है.”

चाहे हम चीज़ों को कंट्रोल करने की कितनी भी कोशिश कर लें लेकिन रैंडमनेस एक ऐसी चीज़ है जिसे ख़त्म नहीं किया जा सकता. रैंडमनेस यानी बाय चांस कुछ हो जाना, अचानक कुछ होना जिसके बारे में पहले से कुछ कहा नहीं जा सकता. आपके द्वारा लिए गए हर एक एक्शन में कई संभावनाएं यानि probability होती हैं. ये दुनिया काफ़ी कॉम्प्लेक्स है इसलिए ये आपको कॉम्प्लेक्स probability देती है.

इस बुक में आप उस प्रोफेशन के बारे में जानेंगे जो probability को हैंडल करने के तरीके जानने पर डिपेंड करता है. आप सीखेंगे कि probability को एनालाइज करना क्यों evolution या डेवलपमेंट का हिस्सा नहीं है और असल में इसका क्या मतलब होता है. आप ये भी जानेंगे कि जब रैंडमनेस आपकी किस्मत का फ़ैसला करती है उस सिचुएशन में आप क्या कर सकते हैं.

तो आइए इस सफ़र की शुरुआत करते हैं और देखते हैं कि ये probability हमारी जिंदगी पर क्या क्या असर डालती है.

If You’re So Rich, Why Aren’t You So Smart?

इकॉनमी, स्टॉक्स, बांड्स और कई फाइनेंसियल टर्म्स के नाम सुनने में कितने डरावने लगते है ना. लेकिन हमारी कहानी के दो character नीरो और जॉन को ये डरावनी चीज़ें ही पसंद थीं क्योंकि ये उनका प्रोफेशन था. वो दोनों ट्रेडर थे और लगभग हर सामान ख़रीदने और बेचने का काम करते थे. भले ही इन दोनों का काम एक ही था लेकिन दोनों probability या चांस को अलग-अलग तरीके से हैंडल करते थे.
Probability हर फील्ड का एक अहम् हिस्सा है इसलिए ये सिर्फ़ स्टॉक मार्किट की बात नहीं है. हमारे पलक झपकने से भी ज़्यादा तेज़ी के साथ मार्केट का डिमांड और सप्लाई बदलता रहता है. इसलिए अगर आप एक ट्रेडर बनना चाहते हैं तो probability को देखने का सही नज़रिया जानना बहुत ज़रूरी है.

नीरो ट्युलिप प्रोफेसर था और अपने जॉब से बेहद नफ़रत करता था. उसे उन सुस्त मीटिंग में बैठना या पूरे दिन अपने डेस्क पर बैठे रहने से चिडचिडाहट होती थी. एक दिन शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज –जहां ट्रेडिंग का बिज़नेस होता है – के पास से गुज़रने के बाद नीरो बहुत excited हो गया. उसने देखा कि कई अमीर ट्रेडर कितने कांफिडेंस के साथ घूम घूमकर फ़ोन पर बात कर रहे थे. बस उसने उसी वक़्त फ़ैसला कर लिया कि ये काम उसके लिए ही बना है. नीरो एडवेंचर और excitement चाहता था और फाइनेंसियल इंडस्ट्री में इसकी बिलकुल कमी नहीं है.

नीरो ने हर जगह ध्यान देने के बजाय ट्रेडिंग के एक खा़स ब्रांच पर फोकस करना शुरू किया. उसका ये फोकस रंग लाया क्योंकि कम समय में ही वो बहुत पैसा कमाने लगा था. ऐसा लग रहा था जैसे मार्केट में आते ही वो इंस्टेंट हिट हो गया हो. अब ट्रेडिंग कंपनियों में उसकी सर्विस लेने की होड़ लग गई. क्योंकि नीरो अपना हर फ़ैसला बहुत सावधानी से लेता था, मार्केट को पूरा स्टडी करने के बाद एक्शन लेता था इसलिए नीरो कुछ दिनों के लिए छुपकर मार्केट से दूर रहा. वो उन तेज़ तर्रार ट्रेडर्स की तरह नहीं बनना चाहता था जो हमेशा बिजी रहते थे और हर गुज़रते दिन के साथ घमंडी होते जा रहे थे. नीरो एक ऐसे माहौल में रहना चाहता था जहां वो ट्रेड मार्केट को अच्छे से स्टडी कर सके.

इसलिए नीरो अब Proprietary trading करने लगा. Proprietary trading तब होता है जब कोई ट्रेडर स्टॉक्स, बांड्स या किसी भी फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट को फर्म के ख़ुद के पैसे के साथ ट्रेड करता है नाकि depositors के पैसे से ताकि वो फर्म के लिए प्रॉफिट कमा सके. नीरो अब भी एक कंपनी का एम्प्लोयी था और उनके पैसे से ट्रेडिंग करता था. लेकिन वो सेट अप इस तरह बनाया गया था कि ये कहना गलत नहीं होगा कि वहाँ नीरो सेल्फ़ employed था.

नीरो अपने काम में इतना माहिर इसलिए था क्योंकि वो probabilities को सीरियसली लेता था. वो अपनी इनकम को बहुत बुद्धिमानी से ख़र्च करता और उसमें से कुछ सेविंग्स अकाउंट में जमा भी करता रहता था. वो और उसकी पत्नी एक आम और मामूली घर में रहते थे और उन्हें क्या खरीदना चाहिए और क्या नहीं इसका डिसिशन बड़ी प्रैक्टिकल सोच से लेते थे. फाइनेंसियल मार्केट में डील करने की एक बात जो उसे अलग बनाती है वो ये है कि आप बड़ी तेज़ी से अमीर हो सकते हैं. अगर आप लोगों या कंपनियों को समझाने या मनाने में माहिर हैं और कुछ भी आसानी से बेच सकते हैं तो आप इसमें बहुत पैसा कमा सकते हैं.

Example के लिए, आप अपनी कंपनी या ख़ुद के पैसों को एक लगातार बढ़ते हुए नए प्रोडक्ट में लगाते हैं तो जैसे-जैसे वो प्रोडक्ट अच्छा बिज़नेस करेगा वैसे-वैसे आपका पैसा डबल या ट्रिपल होता जाएगा. लेकिन इस सौदे का एक दूसरा पहलू भी है. अगर आप एक प्रोडक्ट पर बहुत ज़्यादा पैसा लगा देते हैं और मार्केट अचानक से क्रैश हो जाता है तो आप अपना सारा पैसा खो देंगे. मार्केट क्रैश के कारण कई बार ट्रेडर्स क़र्ज़ में भी डूब जाते हैं. वे इस probability पर बहुत ज़्यादा भरोसा कर लेते हैं कि वे हर ट्रेडिंग opportunity के साथ हमेशा अमीर होते जाएंगे मगर इस बात को अनदेखा कर देते हैं कि हारने के चांस कितने हैं.

लेकिन नीरो बहुत स्मार्ट था उसने कभी भी अपना या कंपनी का बहुत ज़्यादा पैसा लगाकर रिस्क नहीं लिया. हाँ, बहुत ज़्यादा रिस्क लेने का मतलब ये है कि आप बदले में बहुत ज़्यादा कमाएंगे भी लेकिन इस situation में पैसा खो देने का चांस भी तो उतना ही ज्यादा होगा. इसलिए नीरो कई दूसरे ट्रेडर्स जितना अमीर नहीं था. वो कितने पैसों का ट्रेड करेगा इसके लिए वो एक फिक्स्ड अमाउंट सेट कर लेता था.

दूसरी ओर जॉन नीरो से बिलकुल opposite था. नीरो से ज़्यादा पैसे वाला होने के अलावा, जॉन बहुत ही ऐशो आराम और ख़र्चीली लाइफस्टाइल जी रहा था. वो हमेशा कुछ ना कुछ नया और हद से ज़्यादा महँगा ख़रीदता ही रहता था. वो शो ऑफ करता था ताकि लोगों को पता चले कि उसके पास बेशुमार पैसा था.

नीरो और जॉन पड़ोसी थे और एक दूसरे को जानते थे. नीरो जॉन जैसे ट्रेडर्स से दूरी बनाए रखने में ही भलाई समझता था. जॉन ने अपने करियर में बहुत पैसा लगाकर बड़े-बड़े रिस्क लिए. अक्सर वो रिस्क उसके favor में होते थे इसलिए वो अनाब शनाब पैसा कमाए जा रहा था. बहुत पैसा इंवेस्ट करने में ये बात देखि गई है कि आपको इसकी लत लग जाती है. अक्सर इंसान ये भूल जाता है कि ये possibility भी तो है कि वो सब कुछ गवां सकता है.

और एक बार जॉन के साथ बिलकुल ऐसा ही हुआ. उसने बहुत ज़्यादा पैसा लगा दिया और मार्केट अचानक से क्रैश हो गया. इससे भी ज़्यादा बुरा तो तब हुआ जब जॉन को उसकी जॉब से निकाल दिया गया. एक बात हमेशा याद रखें कि कोई भी probability कितनी भी छोटी क्यों न हो, फ़िर भी उसके सच होने का चांस तो बना ही रहता है.

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Survival of the Least Fit: Can Evolution be Fooled by Randomness?

कार्लोस एक सक्सेसफुल ट्रेडर था. उसने इकोनॉमिक्स में पढ़ाई की थी इसलिए वो ट्रेडिंग करने में अच्छा था. ये पता होना कि इकॉनमी कैसे काम करती है और पैसों को एक जगह से दूसरे जगह मूव करते रहने की कला एक ज़बरदस्त कॉम्बिनेशन है. उसके इसी गहरी नॉलेज के कारण कंपनी, इंवेस्टर सभी की कार्लोस की सर्विस लेने के लिए लाइन लग गई. कार्लोस ने एक साल में कई मिलियन कमाए, इसके साथ साथ उसे जॉब में प्रमोशन भी मिली.

गर्मियों का सीजन शुरू हुआ और कार्लोस को बहुत ही कम समय में 300 मिलियन डॉलर का नुक्सान हुआ. इस पैसे को खोने की शुरुआत उसके ईगो और सच्चाई को नकारने के साथ हुई. मार्केट में उतार चढा़व होना आम बात है. ट्रेडर और इकोनॉमिस्ट जैसे कि कार्लोस बेशक इसे ध्यान में रखते हैं. जब भी किसी मार्केट के नीचे जाने का साइन दिखाई देता तो कार्लोस वहाँ से खरीदना शुरू कर देता. ये उसकी पर्सनल technique थी. वो जानता था कि मार्केट वापस ऊपर चला जाएगा और आमतौर पर उसके बाद वैल्यू बढ़ जाती है. इसलिए जब russian बांड्स का मार्किट गिर रहा था तो कार्लोस ने कई बांड्स ख़रीद लिए. उस वक़्त एवरेज russian बांड की वैल्यू 52 $ थी. तो अगर मार्केट ऊपर जाता, जैसा कि कार्लोस ने अनुमान लगाया था, तो उसे 100 मिलियन $ से भी ज़्यादा कमाई होती. लेकिन उस दौरान मार्केट नीचे गिरता ही जा रहा था और उसके बढ़ने का कोई साइन नहीं दिख रहा था.

जून के आखरी हफ़्ते में एवरेज russian बांड की वैल्यू 48$ से कम पहुँच गई और जुलाई तक प्राइस 43$ हो गया था. अब कार्लोस ने जो बांड ख़रीदे थे उनकी ना के बराबर वैल्यू रह गई थी. उसने जिस दाम पर उसे ख़रीदा था उसे वो अगर 43$ पर बेचता तो उसे और ज़्यादा नुक्सान होता. august आते आते बांड्स की वैल्यू 10$ के आस पास हो गई और कार्लोस को जॉब से निकाल दिया गया.

अगर आप किसी फील्ड के एक्सपर्ट हैं तब भी ये possibility है कि आप मार्केट को गलत read कर सकते हैं और आपका इन्वेस्टमेंट बैक फायर कर सकता है. कार्लोस ने इकॉनमी को एनालाइज करने की अपनी एबिलिटी पर भरोसा किया. इस चीज़ ने पिछले कुछ सालों में तो उसके लिए अच्छे से काम किया लेकिन इकॉनमी कभी एक जैसे काम नहीं करती. इसलिए इस बात का हमेशा चांस बना रहता है कि आप कोई ना कोई फैक्टर मिस कर देंगे जो नुक्सान का कारण बनता है.

कई बार हम ये सोचने की गलती कर देते हैं कि क्योंकि एक ट्रेडर अच्छा कमा रहा है तो वो अपने काम में माहिर होगा. लेकिन एक कारण है कि क्यों एक ट्रेडर अपने काम में अच्छा है – वो कारण है रैंडमनेस.

जब मार्केट अपने पीक पर था तब कार्लोस ने ट्रेडिंग करना शुरू किया था. मार्केट आमतौर पर एक साईकल से गुज़रता है जिसमें एक पॉइंट पर आकर वो काफ़ी बढ़ता है. उस point पर मार्केट ग्रो करता है और जो ट्रेडर उसमें participate करते हैं वो भी बहुत पैसा कमाते हैं. यही कारण है कि अक्सर ट्रेडर्स  successful हो जाते हैं.

जब कंपनियों और बिज़नेस की बात आती है, तो ये माना गया कि competitive होना ही ये डिसाइड करता है कि कौन सबसे बेस्ट है. अगर आपकी कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रही है तो आप आसानी से दूसरी कंपनियों को पछाड़ सकते हैं. जो उतने अच्छे नहीं हैं वो बंद हो जाते हैं. लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता.

यही बात evolution पर भी लागू होती है. जो लोग जिंदा बच जाते हैं वो ज़रूरी नहीं कि सबसे बेस्ट हों. हमारी दुनिया में हमेशा एक रैंडमनेस बना रहता है. रैंडमनेस के साथ आता है नेगेटिव म्युटेशन यानी बदलाव. ये वो लक्षण हैं जो evolution होने के बावजूद भी आज तक बने हुए हैं. ये लंबे समय तक नहीं रहते और अंत में ख़त्म हो जाते हैं लेकिन ये कई generation तक पास होते जाते हैं.

इसी तरह, सिर्फ़ इसलिए कि एक जानवर जिंदा बच गया इसका ये मतलब नहीं है कि वो बेस्ट था. एवरेज में हर जानवर जिंदा रहने जितना फिट हो सकता है. लेकिन यहाँ बात ये है कि नेगेटिव म्युटेशन के कारण हर इंसान जिंदा रहने के लिए फिट नहीं होगा. ऐसा ही कुछ कार्लोस के साथ हुआ था. अपने प्रोफेशन में वो बेस्ट सर्वाइवर था लेकिन उसके सामने ऐसे सिचुएशन आए जिसने उसे टेस्ट किया कि वो असल में अपने काम में कितना अच्छा है और दुःख की बात ये है कि इन सिचुएशन में पता चला कि वो बेस्ट नहीं था.

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