(Hindi) Faster Than Lightning: My Autobiography

(Hindi) Faster Than Lightning: My Autobiography

परिचय


हम उसका नाम सुनते हैं, टीवी पर उसका चेहरा देखते हैं और उसे बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। वह अभी तक का सबसे तेज आदमी, जमैका का तेज दौड़ाक और ओलंपिक चैंपियन है- उसैन बोल्ट। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वो धरती का सबसे तेज आदमी कैसे बना? उसके जीवन के ऐसे क्या तजुरबे रहे होंगे जिन्होंने उसे वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक जीताया। हम उसके जीवन से क्या सीख सकते हैं कि हम भी सफल और चैंपियन बनने के लिए इसे अपने जीवन में लाएं।  फास्टर देन लाइटनिंग (बिजली से तेज) सबसे अच्छे रनिंग चैंपियन की आत्मकथा है जो ना केवल आपके दिल को छू लेगी बल्कि आपको तेज और पूरा जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगी।

चैप्टर (अध्याय) 1
मुझे धरती पर दौड़ने के लिए भेजा गया  है (आए वोज पुट ऑन दिस अर्थ टू रन)

ऐसा एक्सीडेंट जिसमें मौत हो सकती थी वह अक्सर लोगों को जरूरी बातों का अहसास करवाता है अप्रैल 2009 में, उसैन बोल्ट अपने दो दोस्तों के साथ जमैका के 2000 हाईवे पर बीएमडब्ल्यू M3 कूप (coupe) चला रहा था। जिंदा सबसे तेज आदमी के रूप में जाने जाते उसैन बोल्ट ने टीवी पर आने वाली चैंपियंस लीग की केक ऑफ गेम (kick-off game) को पाने के लिए कुछ रिस्क(risk) लिए। अब अचानक से बारिश होने लगी तो उसने गलती से ट्रैक्टर का कंट्रोल बंद कर दिया और टायर सड़क पर फिसलने लगे। कार तेज हो गई और सड़क पर और तेजी से चलने लगी। फिर कार हवा में उछल गई और एक वाशिंग मशीन की तरह फ्लिप होकर खाई में गिर गई।

सौभाग्य से, बोल्ट और उसके दोस्तों को एक्सीडेंट में ज्यादा चोट नहीं लगी। जो हुआ उससे बोल्ट हैरान था और भगवान का शुक्र कर रहा था कि वह जिंदा है लेकिन इस घटना के एक हफ्ते बाद तक, बोल्ट खबरों में अपनी बुरी तरह से नष्ट हो चुकी कार की तस्वीरें देखता रहा। तब उसे एहसास हुआ कि वह किस्मत से नहीं बचा था बल्कि सबसे शक्तिमान भगवान ने उसे बचाया था।बोल्ट जान गया था कि इसके पीछे भगवान का उसके लिए कोई मकसद था। वह जान गया था कि भगवान ने उसे एक गिफ्ट दिया था जिसका उसे ध्यान रखना चाहिए और वह गिफ्ट था उसे धरती पर दौड़ने के लिए भेजना जो कि इस धरती का सबसे तेज आदमी बने।

चैप्टर (अध्याय)2
एक चैंपियन की तरह चलना

एक चैंपियन बनना मैडल्स, टैलेंट और शोहरत से ऊपर होता है। एक असली चैंपियन बनना कड़ी मेहनत, अनुशासन और सबसे पहले खुद की और दूसरों की रिस्पेक्ट करना है।बड़े होते हुए, बोल्ट के पिता उसे हर समय अच्छे मैनर्स (manners) सिखाया करते थे. जब वो पांच यां छह साल की उम्र में स्कूल जाया करता था तो उसके पिता ने उसे आर्डर (order) दिया कि वह जिस भी व्यक्ति से मिले उन सब को गुड मॉर्निंग (good morning) कहे। उसे यह बिल्कुल पसंद नहीं था। लेकिन फिर भी, उसने उनकी बात मानी। वहां ऐसे लोग थे जो वापस मुस्कुराए। लेकिन वहां एक बूढ़ी औरत थी जो उसे हमेशा गुस्से से देखा करती थी। इसने बोल्ट को बहुत परेशान किया।

एक बार उसने फैसला लिया कि वह उसको विश( wish) नहीं करेगा और जब वह बूढ़ी औरत उसके पास आई तो वह भाग गया। जब उस दिन वह घर आया तो बोल्ट को यह देखकर अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि वह बूढ़ी औरत उसकी पिता से बात कर रही थी। उसके पिता ने उसे शर्ट(shirt) से पकड़ा और बताया कि आज जो हुआ , उसे वह कितने निराश थे।उसे याद है कि उस दिन उसे उस बुढ़िया पर कितना गुस्सा आया था लेकिन तब, उसने गुड मैनर्स और दूसरों की रिस्पेक्ट( respect) करने की वैल्यू( value) सीखी |

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

चैप्टर (अध्याय) 3
मेरा अपना सबसे बड़ा दुश्मन

दुश्मन कई रूपों में आ सकते हैं- लोग, पर्यावरण, emotions और यहां तक की आदतें और एटीट्यूड (दृष्टिकोण/attitude) जब भी यह दुश्मन अंदरूनी हमला करते हैं तो इसका इलाज भी अंदर से और व्यक्तिगत रूप से होना चाहिए। सभी चल रहे कंपटीशनस में बोल्ट हमेशा फर्स्ट आया करता था। उसके टीचर्स ने देखा कि उसमें बहुत टेलेन्ट  है। इसीलिए वह इस मुद्दे पर आए कि उसे उचित ट्रेनिंग मिले। ताकि वह सुधार कर सके और इस से भी बढ़िया करे। लेकिन बोल्ट को ट्रेनिंग( training) से नफरत थी। इसीलिए वह इसे छोड़कर बाकी खेल खेलने चला गया। एक बार उसे स्थानीय चैन चैंपियनशिप के लिए चुना गया था और वह हैरान हो गया कि उसकी ही उम्र के एक बच्चे ने उसे हरा दिया केवल इसलिए क्योंकि बच्चे ने उससे ज्यादा प्रैक्टिस(practice)  की थी।

बोल्ट को बहुत गुस्सा आया लेकिन उसने अपनी बहुत बड़ी समस्या का एहसास किया था-आलस। वह अभी भी ट्रेनिंग पर नहीं जाना चाहता था। वह इस बात को जान नहीं पा रहा था कि वह खुद को कैसे समझाए और इसमें दिलचस्पी कैसे ले।फिर एक दिन, बोल्ट ने फेमस (famous) ओलंपियनो की वीडियो (video) और फुटेज(footage) देखी। वह सच में प्रेरित हुआ। उसने ओलंपियनो की ट्रेनिंग के बारे में पढ़ा। बोल्ट ने तब तक कोशिश की जब तक वह ट्रेनिंग के सही तरीके तक नहीं पहुंच गया। Local चैंपियनशिप के दिन बोल्ट अपने practice के कारण सफल रहा। उसने ना केवल उस बच्चे को हराया जिसने एक बार दौड़ में उसे हरा दिया था बल्कि उसने अपने अंदर के दुश्मन को भी हराया था।
चैप्टर(अध्याय) 4
Where Mere Mortals Quiver, the Superstar Becomes Excited by the Big Moment

तनाव और आशा उसके लिए बहुत कुछ कर सकते है जो मुकाबला करते हैं।लेकिन असली टैलेंट, दिल और पक्का इरादा एक सच्चे चैंपियन को जीत के लिए उत्साहित करते हैं।अपनी लगातार जीत के बाद, बोल्ट को वर्ल्ड junior कंपटीशन(world junior competition) में भाग लेने के लिए चुना गया। पहले तो वह इससे बहुत उत्साहित था लेकिन तभी उसने अपने देश को रिप्रेजेंट(represent) करने का दबाव महसूस किया। बोल्ट घबरा गया कि वह भीड़ को निराश कर सकता है। वह वापिस बाहर जाना चाहता था।

एक दिन बोल्ट अपने मन को शांत करने के लिए घर के बरामदे में बैठा था। उसकी मां और दादी उसके पास आईं। उन्होंने उसे सलाह दी कि उसे केवल रेस को ट्राई(try) करने की जरूरत है और जो भी हो उससे डरना नही है। उसकी मां ने इस बात पर जोर दिया कि चाहे कुछ भी हो, उन्हें हमेशा उस पर गर्व रहेगा। बोल्ट ने रोना शुरू कर दिया क्योंकि दबाव बहुत ज्यादा था। लेकिन उसकी मां के शब्दों ने उसे आराम और नई प्रेरणा दी।

रेस के दिन, बोल्ट उसके लिए चिल्ला रही भीड़ को सुनकर हिल गया । जब रेस स्टार्ट(race start) हुई तो उसे शुरू होने में थोड़ी देर हो गई लेकिन इतनी देर भी नहीं। कुछ ऐसा हुआ।बोल्ट बहुत तेज भागा।उसे ऐसा लगा जैसे कुछ/कोई उसे रास्ता दिखा रहा है और जोर से धक्का दे रहा है वह बहुत ज्यादा तेजी से भाग रहा था और वह दुनिया का जूनियर चैंप गया।बोल्ट ने एक सच्चे चैंपियन के एटीट्यूड (attitude) को विकसित किया जो रेस के ‘बड़े पल’ दबाव और तनाव दोनों से उत्साहित था ।

चैप्टर(अध्याय)6
एक चैंपियन का दिल, चट्टान का दिमाग

एक सच्चा चैंपियन हमेशा अपने दिल और दिमाग की वजह से भीड़ के बीच खड़ा रहता है जो जीत और हार से ऊपर उठने का पक्का इरादा बनाता है।  हेलसिंकी(Helsinki) में विश्व चैंपियनशिप थी, ठंड और बारिश हो रही थी।बोल्ट दौड़ के लिए तैयार था और इसकी शुरुआत में, वह सबसे आगे जा रहा था। लेकिन तभी कुछ हुआ। जिससे उनकी हैमस्ट्रिंग (घुटने के पीछे वाली नस) मुड़ गई। यह बहुत दर्दनाक था, जिसे कम करना पड़ा।उस ने रेस(race) के खत्म होने तक सिर्फ जोगिंग (jogging)  की और वह अंतिम स्थान पर रहा।  बुरी परफॉर्मेंस देना उसके लिए अच्छा नहीं था और इसीलिए उन्होंने हार नहीं मानी।
रेस के बाद बोल्ट अपने कोच के पास गया। वह अपने कोच का रिएक्श्न (reaction) देखकर हैरान था।वह खुश और मुस्कुरा रहे थे। उन्होंने कहा कि बोल्ट ने खेल में जो दिखाया, उस पर उन्हें गर्व है। पद छोड़ने और दौड़ खत्म करने के उनके पक्के इरादे ने एक चैंपियन का असली दिल दिखाया। कोच को तब पता चला कि बोल्ट के पास बहुत सारी चीजों के साथ-साथ एक वर्ड क्लास पावर( world class power) है लेकिन फिर भी बोल्ट के लिए लास्ट आना एक अच्छी बात नहीं थी।

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

SHARE
Subscribe
Notify of
Or
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments