(hindi) Dare to Lead: Brave Work. Tough Conversations. Whole Hearts.

(hindi) Dare to Lead: Brave Work. Tough Conversations. Whole Hearts.

इंट्रोडक्शन (Introduction)

अगर मैं आपको एक ग्रेट लीडर के बारे में इमेजिन करने के लिए कहूं तो आपको मन में पहला थॉट क्या आएगा ? क्या आपके मन में एक ऐसे आदमी की तस्वीर बनेगी जिसका कद लंबा है और जो सूट पहने सर उठाकर बड़े कांफिडेंस के साथ चलता है ? अगर हाँ तो ये तस्वीर लीडर्स का बड़ा ही ओल्ड सा version है. अब एक महान लीडर की डेफिनिशन बदल गई है. ये बुक आपको बताएगी कि आज के मॉडर्न युग में लीडर की पर्सनालिटी में क्या बदलाव हुआ है, इसके साथ ही ये एक महान लीडर के बारे में आपके नज़रिए को भी बदल देगी.

इस बुक के ज़रिए हम आपको सिखाएँगे कि एक लीडर के रूप में ख़ुद को कैसे डेवलप किया जा सकता है. आप जानेंगे कि अब सिर्फ़ दिमाग की सुनकर ऊपर-ऊपर से लीड करना और उसमें भावनाओं को शामिल ना करना, काम नहीं करता और आपको इसे बदलने की ज़रुरत है.

इस बदलाव को हासिल करने के लिए ये बुक आपको वल्नरेबल होने के प्रिंसिपल्स के बारे में बताएगी.आप सीखेंगे कि वल्नेरेबिलिटी आपको ज़्यादा भरोसेमंद और विश्वासपात्र लीडर बनाती है. आप सीखेंगे कि कैसे दूसरों के साथ सहानुभूति के साथ पेश आकर, उनकी बात ध्यान से सुनकर एक ऐसा बिज़नेस चलाया जा सकता है जहां हर कोई एक ही गोल और सेम वैल्यूज के लिए काम करते हुए एक साथ जुड़े हुए हो सकते हैं.

क्योंकि आप एक महान लीडर बनना चाहते हैं, आपको ये भी सीखने की ज़रुरत है कि अपनी टीम को कैसे मैनेज किया जाए ताकि वो हाई परफॉरमेंस लेवल अचीव कर सकें. एक लीडर बनने के लिए आपको ये साबित करने की ज़रुरत है कि आप कॉंफिडेंट, डेरिंग और हमेशा कुछ नया जानने की इच्छा रखने वाले शख्स हैं.

इस बुक में वो सभी टूल्स मौजूद हैं जो आपको एक ओल्ड-fashioned लीडर के कैरेक्टर से निकालकर  एक ब्रैंड न्यू version ऑफ़ लीडर में अपग्रेड कर देगा और एक ऐसा लीडर बना देगा जिसे सब पसंद करते हैं और जिसका सब सम्मान करते हैं. इससे भी ज़्यादा ज़रूरी बात, आप अपनी टीम के साथ बेहतर रिजल्ट अचीव कर पाएँगे. तो आइए जानते हैं कि एक कमाल का लीडर कैसे बना जा सकता है.
The Moment and the Myths

इस दुनिया में दो तरह के लोग हैं : पहले वो जो निडर और बहादुर होते हैं, ये वो लोग हैं जो बहादुरी से हमेशा रिस्क लेते हैं भले ही वो जानते हों कि वो फेल हो सकते हैं. दूसरे वो लोग हैं जो रिस्क सिर्फ़ तभी लेते हैं जब फेल होने का चांस कम से कम होता है.

एक डेयरिंग लीडर होने का मतलब है बेबाकी से आगे बढ़ना, ये जानते हुए भी कि आप फेल हो सकते हैं. डेयरिंग का मतलब होता है वल्नरेबल होना. हम सब की कोई ना कोई कमज़ोरी होती है.वल्नेरेबिलिटी वो इमोशन है जो हमें तब महसूस होती हैं जब हम कोई रिस्क उठाते हैं या अपनी किसी कमज़ोरी का सामना करते हैं.ज़्यादातर लोगों का मानना है कि वल्नेरेबिलिटी एक कमज़ोरी है जिसे हमें छोड़ देना चाहिए.लेकिन बुक की ऑथर ब्रेने का मानना है कि वल्नेरेबिलिटी को अपनाना बहुत ज़रूरी है. जब आप अपनी कमजोरियों और डर को खुल कर गले लगाएँगे सिर्फ़ तभी आप सही मायनों में ख़ुद कोdaring कह सकते हैं.

वो ऐसा इसलिए कहती हैं क्योंकि जब हम वल्नरेबल होते हैं तब हम ज़्यादा स्ट्रोंग होते हैं क्योंकि हमारे इमोशंस हमारे कंट्रोल में हैं, हम दूसरों से कनेक्ट करते हैं और उनसे विश्वास का कनेक्शन जोड़ते हैं और ये कोई आसान काम नहीं है.आइए इसे एक कहानी से समझते हैं.

एलेन3rd स्टैण्डर्ड में थी. एक दिन, वो स्कूल से रोती रोती घर आई. उसकी मम्मी को चिंता भी हो रही थी और वो गुस्से में भी थी.जब उसने एलेन से पूछा कि वो क्यों रो रही थी तो एलेन ने बताया कि उसने स्कूल में बहुत ही शर्मनाक हरकत की थी और उसके दोस्तों ने वादा किया था कि वो किसी को उस बारे में नहीं बताएँगे.लेकिन जब एलेन क्लास में गई तो उसे पता चला कि पूरा स्कूल उस embarassing मोमेंट के बारे में जानता था. वो सब एक दूसरे के कान में फुसफुसा रहे थे और उस पर हंस रहे थे.

इतना कह कर एलेन बस रोए जा रही थी.उसने अपनी मम्मी से कहा कि वो फ़िर कभी किसी पर भरोसा नहीं करेगी. उसकी मम्मी चिंतित थी लेकिन उसने अपनी बेटी को एक लेसन सिखाने के बारे में सोचा.उसने एलेन को एक bottle लाने के लिए कहा. अब उसने एलेन को समझाया कि जब भी उसका कोई दोस्त उसके लिए कोई अच्छा काम करे तो उसे bottle में एक मार्बल बॉल डालना होगा यानी हर एक दोस्त के लिए एक अलग bottle होनी चाहिए.

फ़िर उसने एलेन को अपने सभी दोस्तों के बारे में सोचने के लिए कहा और पूछा कि उसकी कौन सी दोस्त के bottle में ज़्यादा मार्बल होना चाहिए? एलेन ने ध्यान से सोचा और कुछ दोस्तों के नाम लेने लगी. तो देखा आपने, अभी एलेन जिन दोस्तों से नाराज़ थी, वो उन्हीं में से कुछ के नाम भी ले रही थी.

असल में होता ये है कि हम ऐसे लोगों पर भरोसा करते हैं जिनके bottle में ज़्यादा मार्बल  बॉल्स होते हैं .इसका मतलब है कि वो इंसान एक अच्छा दोस्त है. लेकिन भरोसा तभी बनता है जब हम वल्नरेबल होते हैं और कनेक्शन बनाते हैं.इसी तरह एक महान लीडर बनने के लिए अपने followers के विश्वास की ज़रुरत होती है. इमोशंस को दिखाना कमज़ोरी नहीं है बल्कि ये अच्छे रिश्ते बनाने और अपने आस पास के लोगों का सपोर्ट पाने का तरीका है.जिंदगी के सफ़र में समय के साथ आप भी कई लोगों के bottle को मार्बल बॉल्स से भरेंगे और कई लोग आपके bottle को भरेंगे, इसी की नाम जिंदगी है – एक दूसरे को समझकर मदद करना और साथ चलना.

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

The Call to Courage

कभी-कभी हमें ऐसी सिचुएशन का सामना करना पड़ता है जिससे हमें uncomfortable महसूस होता है.कभी-कभी एक लीडर को किसी को ऐसी बात कहनी पड़ सकती है जिससे वो इंसान हर्ट हो सकता है. आमतौर पर ऐसी सिचुएशन में हम सोचते हैं कि सच बोलने से ज़्यादा अच्छा झूठ बोलना होता है. हमें लगता है कि किसी से कुछ छुपाकर हम अच्छा और नेक काम कर रहे हैं. लेकिन हम ये नहीं समझते कि हम खुलकर और सच बोलकर ही सच्ची काइंडनेस दिखा सकते हैं. अगर आप जो कहना चाहते हैं वो कोई कड़वी बात है तो सामने वाले को अपने शब्दों के बारे में सोचने का थोड़ा समय देने की कोशिश करें.

क्योंकि महान लीडर्स को ऑनेस्ट और supportive होना चाहिए, आइए कर्नल डीडी की कहानी पर एक नज़र डालते हैं.डीडी Air force Global Strike Command के लिए काम करती थी. वो इनोवेशन, लीडरशिप डेवलपमेंट और एनालिसिस की डायरेक्टर थी और 33,000 ऑफिसर्स को मैनेज करती थी.इस पोजीशन को संभालने से पहले, डीडी ने लूसियाना में 2nd मिशन सपोर्ट ग्रुप के कमांडर के रूप में काम किया था.उस समय के दौरान, उन पर 1,800 एयरमैन की ज़िम्मेदारी थी.

एक लीडर के रूप में डीडी का मानना था कि चाहे कोई भी प्रॉब्लम क्यों ना हो, उसे सोल्व करना उनकी ज़िम्मेदारी थी फ़िर चाहे उसके लिए उन्हें वल्नरेबल ही क्यों ना होना पड़े.मुद्दा सिर्फ़ इतना था कि किसी ट्रेनिंग ने उन्हें इसके लिए तैयार नहीं किया था, जहां इमोशंस शामिल हो वहाँ सही शब्दों का इस्तेमाल करना बहुत ज़रूरी होता है.

कमांड के पहले साल के दौरान, डीडी कुछ एयरमैन को अवार्ड दे रही थी. अपनी स्पीच के दौरान, उन्होंने सभी से पूछा,“क्या आप लोग कुछ पूछना चाहते हैं?” एक एयरमैन ने हाथ ऊपर किया और पूछा, “ क्या मैनेजमेंट कुछ काम कम करने की प्लानिंग कर रही है क्योंकि हम सभी बहुत थक चुके हैं”?

डीडी ने ये समझाते हुए जवाब दिया कि हर कोई थका हुआ था और ना सिर्फ़ उस कमांड में बल्कि सभी इलाकों में यही मुद्दा था.फ़िर उन्होंने पूछा कि जो लोग थक गए हैं वो अपने हाथ ऊँचें करें. वो देख कर चकित रह गई कि लगभग सभी ने हाथ उठा लिया था.

अब इस सिचुएशन में डीडी के पास कहने के लिए कुछ नहीं था, वो बिलकुल चुप खड़ी थी.उन्हें वो आर्टिकल याद आया जो उन्होंने सालों पहले पढ़ा था.उन्होंने वल्नरेबल होकर अपनी चिंताओं को शेयर करने का फ़ैसला किया.

उन्होंने कहना शुरू किया कि वो थकान के बारे में उनसे बातें करना चाहती थीं और उन सब को उस आर्टिकल के बारे में बताया. उस आर्टिकल में एक रिसर्च के बारे में बताया गया था, रिसर्च में ये बात सामने आई थी कि जब लोग थके हुए होते हैं, ख़ासकर बिज़नेस सेटिंग में,तो वो असल में अकेलापन महसूस करते हैं.जो थकान वो महसूस कर रहे थे वो सिर्फ़ फिजिकल नहीं था बल्कि वो ज़्यादा इमोशनल था.

फ़िर डीडी ने उन सब से पूछा, “कौन कौन अकेला महसूस कर रहा है?”लगभग 15 लोगों ने हाथ ऊपर किया. इस नज़ारे ने डीडी को हैरान कर दिया था क्योंकि उनका मानना था कि अकेलापन लगने के बाद भी लड़के इसे स्वीकार करने की हिम्मत नहीं दिखाते.

डीडी को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे क्योंकि वो कोई थेरपिस्ट नहीं थी और ना ही उन्हें किसी ट्रेनिंग में ऐसी सिचुएशन को हैंडल करना सिखाया गया था.अब उन्हें सिर्फ़ और सिर्फ़ इंसानियत दिखाने की बात समझ में आ रही थी.उन्होंने उनके इमोशंस को समझने और महसूस करने की कोशिश की,उनसे बातचीत कर उनके दर्द को बांटने और किसी भी तकलीफ़ का हल निकालने के लिए उनसे खुलकर बात करने का फ़ैसला किया.

एक लंबी चर्चा के बाद, डीडी और उसका ग्रुप इस नतीजे पर पहुंचें कि उन्हें कुछ बदलाव करने की ज़रुरत थी जहां फ़ोर्स के लोग एक दूसरे के साथ ज़्यादा मेल जोल बढ़ा सकें, खुलकर बातचीत कर इंसानी की बुनियादी ज़रुरत को पूरा कर सकें.

यहाँ डीडी एक लीडर की तरह पेश आई जिसके सामने एक परेशानी थी लेकिन उससे भागने के बजाय उसने डट कर उसका सामना किया और जिन लोगों की ज़िम्मेदारी उस पर थी उससे इमानदारी से खुलकर बात कर उनकी मदद की.

इमानदारी से बात करना कभी भी आसान नहीं होता लेकिन एक महान लीडर होने का मतलब है मुश्किल बातचीत करने के लिए तैयार रहना. हम बस ध्यान से सुनकर सामने वाले की वल्नेरेबिलिटी को शेयर कर सकते हैं.

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

SHARE
Subscribe
Notify of
Or
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments