(Hindi) Buyology: Truth and Lies About Why We Buy

(Hindi) Buyology: Truth and Lies About Why We Buy

इंट्रोडक्शन

एक एलियन का रीज़ (Reese) चॉकलेट खाना, टॉम क्रूज़ का रे-बैन का सनग्लास पहनना, नाइकी का सिग्नेचर स्वूश (swoosh) का सिंबल, यूनिलीवर का X9 फैक्टर और Apple का वो प्रोडक्ट जिसे स्टीव जॉब्स ने डस्टबिन में फेंक दिया था.

ये कुछ ऐसी कहानियाँ हैं जो आप इस समरी से जानेंगे.

केलोग्स के ब्रेकफास्ट सीरियल और गिनीज़ बियर की बोतल के पीछे भी एक कहानी है.

आप उन्हें एक-एक करके जानेंगे.

प्रोडक्ट प्लेसमेंट

लुमियर ब्रदर्स का नाम फिल्म मेकिंग के साथ साथ-साथ प्रोडक्ट प्लेसमेंट में भी सबसे आगे हैं. लीवर  कंपनी  के सनलाइट साबुन के बार, अक्सर उनकी शार्ट फिल्म में दिखाई देते थे. ऐसा इसलिए था क्योंकि उनका एक प्रोडक्शन स्टाफ लीवर ब्रदर्स  कंपनी  के लिए एक पब्लिसिस्ट का पार्ट-टाइम काम करता था. इस कंपनी को अब यूनिलीवर के नाम से जाना जाता है.

1932 में, व्हाइट आउल सिगार (White Owl Cigars) कंपनी ने ‘स्कारफेस’ (Scarface) फिल्म प्रोडक्शन को 250,000 डॉलर दिए, ताकि फिल्म का हीरो, एक्टर, पॉल मुनि स्क्रीन पर सिगार स्मोक करें.

1940 के दशक में, वार्नर ब्रदर्स की फिल्में हमेशा जनरल इलेक्ट्रिक द्वारा स्पांसर किया जाता था. उनकी फिल्मों में हमेशा बैकग्राउंड पर जनरल इलेक्ट्रिक रेफ्रिजरेटर होते हैं. उधर, हर रोमांटिक मूवी के लिए, वार्नर ब्रदर्स ने भी डी-बीयर्स कंपनी के डायमंड रिंग्स का इस्तेमाल किया.

क्या आपने  स्टीवन  स्पीलबर्ग की फिल्म ई.टी एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल देखि है? ये एलियट नाम के एक लड़के की कहानी है जिसे अपने घर के पीछे के जंगल में एक एलियन मिलता हैं. फिल्म में, एलियन को बाहर आने के लिए मनाने के लिए एलियट ने चॉकलेट के टुकड़े जमीन पर रखे थे. ये चॉकलेट, Hershey  कंपनी  के रीज़ (Reese) चॉकलेट के टुकड़े थे जिसे फिल्म में साफ़-साफ़ देखा जा सकता है.

फिल्म बनाने के दौरान, डायरेक्टर स्पीलबर्ग ने पहले  M&M  कंपनी  से कांटेक्ट किया था, और पूछा था कि क्या वे फिल्म में अपनी चॉकलेट प्रमोट करना चाहते हैं. लेकिन  M&M ने इस प्रपोजल को ठुकरा दिया था.  Hershey  कंपनी  को इसके बारे में पता चला और अपने प्रोडक्ट रीज़ पीसेस को प्रमोट करने का ऑफर दिया. स्पीलबर्ग फ़ौरन मान गए.

ये एक अच्छा फैसला था क्योंकि ई.टी एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल मूवी के रिलीज़ होने के बाद, उस चॉकलेट की सेल्स तीन गुना बढ़ गई. मूवी प्रीमियर के दो महीने बाद भी, अमेरिका के मूवी थिएटर में रीज़ पीसेस रखे जाते थे. लोगों का फिर भी इस चॉकलेट से दिल नहीं भरता था.

अब प्रोडक्ट प्लेसमेंट के दूसरे सक्सेस की कहानियाँ सुनते हैं. 1980 के दशक में, सनग्लास बनाने वाली कंपनी रे-बैन को अपने बिज़नस में मुश्किलें आ रही थी. उनके सेल्स ठप्प थे. लेकिन ये प्रॉब्लम तब तक ही रहा था जब तक उनका ‘रिस्की बिज़नस’ फिल्म के डायरेक्टर पॉल ब्रिकमैन के साथ एक डील नहीं हुआ था. डील ये था कि फिल्म के हीरो टॉम   क्रूज़ फिल्म में रे-बैन की रेट्रो-लुक सनग्लास का यूज़ करेंगे. फिल्म ब्लॉकबस्टर हुई और रे-बैन की सेल्स 50% बढ़ गई.

कुछ साल बाद, टॉम क्रूज़ ने ‘टॉप गन’ फिल्म में भी एक्टिंग की. एक सीन था जहां उन्होंने फाइटर जेट की सवारी की और उन्होंने एविएटर रे-बैंस पहनी थी. कंपनी की सेल्स एक बार फिर 40% बढ़ गई.
आपको ‘मेन इन ब्लैक’ में विल स्मिथ के सनग्लास शायद याद ही होंगे. वो भी रे-बैन ही था. फिल्मों में दिखाए जाने के बाद से ये  ब्रैंड पॉपुलर हो गया.

प्रोडक्ट प्लेसमेंट को एक असरदार एडवर्टाइज़िंग कैंपेन माना जाता है.  ब्रैंड अपने प्रोडक्ट्स को फिल्मों और टी वी शो में दिखाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.

क्या आप जानते हैं कि जेम्स बॉन्ड की फिल्म 'डाई अनादर डे' में पूरी फिल्म में 23 अलग-अलग  ब्रैंड  दिखाए गए थे? और, सिल्वेस्टर स्टेलोन की फिल्म 'ड्रिवेन' में 103 प्रोडक्ट्स को 117 रोलिंग मिनट के अंदर दिखाया गया था?

जेम्स बॉन्ड की फिल्म 'कैसीनो रोयाल' में कई सारे  ब्रैंड शामिल थे. उनमें से कुछ थे FedEx, Ford, Louis Vuitton, Sony, और कार्स में जैगुआर, लैंड रोवर और लिंकन. लेकिन जो प्रोडक्ट आपको सबसे ज्यादा याद होगा वो है जेम्स बॉन्ड की सिग्नेचर कार एस्टन मार्टिन.

मार्केटर और फिल्म मेकर्स अपने फिल्म में कितने भी प्रोडक्ट्स डाल सकते हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या ऑडियंस उन्हें याद रखेंगे और प्रोडक्ट्स खरीदेंगे?

ई.टी. में रीज़ चॉकलेट यादगार क्यों है? क्योंकि ये चॉकलेट कहानी का एक इम्पोर्टेन्ट हिस्सा हैं. अगर आप मार्केटिंग या एडवर्टाइजिंग के स्टूडेंट हैं, तो ध्यान रखिए कि आपके प्रोडक्ट को स्क्रीन पर दिखाना ही काफी नहीं है. इसे कहानी में इस तरह शामिल करना चाहिए कि ये कहानी का हिस्सा लगे और ऑडियंस के साथ इसका इमोशनल कनेक्शन बन जाए.

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मिरर न्यूरॉन्स एट वर्क  (Mirror Neurons at Work)

1992 में, ज़्याकोमो रिज़ोलात्ती (Giacomo Rizzolatti) और उनके स्टूडेंट्स मकाक (अफ्रीकन लंगूर), उनके दिमाग और उनकी आदतों को स्टडी कर रहे थे. वे ब्रेन के F5 यानि प्रीमोटर एरिया को देख रहे थे. ये एरिया तब एक्टिव होता है जब मकाक कुछ इशारे करते हैं जैसे कि मूंगफली उठाना.
दिलचस्प बात ये है कि रिज़ोलात्ती और उनकी टीम ने पाया कि प्रीमोटर न्यूरॉन्स सिर्फ तब नहीं चमकते हैं जब एक बंदर खुद एक मूंगफली उठा रहा होता है, बल्कि तब भी चमकता हैं जब वो दूसरे बंदरों को भी मूंगफली उठाते हुए देखता है.

एक बार गर्मी के एक दिन, रिज़ोलात्ती का स्टूडेंट लंच पर एक आइसक्रीम कोन लेकर आया. टीम ने देखा कि एक बंदर उसे लंबे समय से घूर रहा था. ऐसा लग रहा था कि बंदर को भी आइसक्रीम चाहिए. स्टूडेंट ने अपनी आइसक्रीम चाटी तो बंदर का इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटर एक्टिव हो गया. स्टूडेंट को आइसक्रीम खाते हुए देखकर बंदर के प्रीमोटर न्यूरॉन एरिया चमक उठी.

इस कांसेप्ट को मिरर न्यूरॉन्स कहा जाता है. जब हम कुछ भी काम करते हैं तो जो हलचल होता हैं, वही हलचल दूसरों को वही काम करते हुए देखने पर भी होता हैं. जैसे हम खुद ही वो काम कर रहे हैं. हां, बंदरों और इंसानों में यही होता है. fMRI स्कैन से मिरर न्यूरॉन्स को कई बार प्रूव किया गया है.

जब आप बेसबॉल गेम देख रहे होते हैं और आपकी फेवरेट टीम गोल करती है, तो आपके मिरर न्यूरॉन्स एक्टिव हो जाते हैं. जब आप कोई फिल्म देखते हैं और हीरोइन रोती है तो आपके आंखों में भी आंसू आ जाते हैं. जब आप कोई थ्रिलर फिल्म देखते हैं तो आपको ऐसा लगता है जैसे कोई सीरियल किलर आपका पीछा कर रहा है.

मिरर न्यूरॉन्स ही वो वजह है जिससे जब एक बच्चा रोता है तो दूसरा बच्चा भी रोने लगता है. यही वजह है कि जब आपके साइड में बैठे, आपका कोई कलीग जम्हाई लेता है तो आप भी जम्हाई लेते हैं. यही कारण है कि हम उन प्रोडक्ट को खरीदते हैं जो हमारे दोस्त खरीदते हैं.
इमेजिन कीजिए कि आप शॉपिंग मॉल में हैं और आप 'गैप'- कपड़े के  ब्रैंड की खिड़की से गुजरते हैं. वहां मैनिक्विन ने स्किनी जींस, वाइट ब्लाउज और रेड स्कार्फ़ पहना हैं. आप रुकते हैं और देखते हैं. मैनिक्विन स्लिम और कॉंफिडेंट दिख रही हैं. मन में आप सोचते हैं, ” अगर मैंने भी वही कपड़े पहने तो, मैं भी ऐसी ही दिखूंगी,  मैं भी अट्रैक्टिव दिखूंगी.” आपके मिरर न्यूरॉन्स आपको स्टोर में जाने और जल्दी से वही कपड़े खरीदने के लिए मज़बूर करते हैं.

17 साल के निक बेली की कहानी लेते हैं. नवंबर 2006 में, निन्टेंडो ने Wii गेमिंग सिस्टम रिलीज़ किया. ये वो गेम है जो प्लेयर्स को टेनिस सर्व या बैट के स्विंग को सिमुलेट करवा सकता था. निक दूसरे लोगों की ही तरह लाइन में लग गया. उसने अपने  ब्रैंड – न्यू निन्टेंडो Wii को खरीदने के लिए टॉयज-आर-अस स्टोर में 17 घंटे तक इंतजार किया.

घर पर, निक ने अपने नए गैजेट को खोलने और उसके साथ खेलने के बजाय एक अनबॉक्सिंग वीडियो किया. उसके फोल्लोवेर्स निनटेंडो Wii का मज़ा ले पाते हैं, हालांकि उन्होंने इसे अभी तक नहीं खरीदा नहीं था. अनबॉक्सिंग वीडियो उसके फॉलोवर्स के लिए एक अच्छी बात थी क्योकिं वे खुद इस प्रोडक्ट को नहीं खरीद सकते थे. इमेजिन कीजिए कि फॉलोवर्स के मिरर न्यूरॉन्स जल उठते हैं क्योंकि उन्होंने इस अनबॉक्सिंग वीडियो को देखा. उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे वो खुद उस प्रोडक्ट को छू रहे है.

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रिरुअल  (Ritual)

ऐकापुल्को (Acapulco) में, समुंदर के किनारे एक बार में दो शख्स बैठे थे. उन्होंने दो नींबू के टुकड़े के साथ कोरोना बीयर की दो ठंडी बॉटल मंगवाई. पीने से पहले, उन्होंने नींबू निचोड़ कर बोतल में डाला और नींबू के टुकड़े को बोतल के ही अंदर डाल दिया. उन्होंने बोतलों को उल्टा कर दिया और जब तक बबल्स गायब नहीं हुए तब तक उल्टा ही रखा. और तभी उन दोनों ने बियर का एक सिप लिया. चीयर्स!!!

पीने से पहले दोनों शख्स ने बीयर और नींबू का  रिरुअल  क्यों किया? क्या ये  a) सिर्फ इसलिए कि लैटिनो लोगों का मानना है कि नींबू बियर के स्वाद को बढ़ाता है? b) ये माना जाता है कि नींबू उन बैक्टीरिया का खत्मा करता है जो बीयर की पैकेजिंग और शिपिंग में जमा हो जाता है? या c) क्योंकि बहुत पहले, एक बारटेंडर ने अपने दोस्तों के साथ बेट लगाई थी कि अगर उसने अपनी कोरोना बियर बोतल में नींबू के टुकड़े डाले, तो बार के दूसरे लोग भी अपने नींबू को बोतलों में डालेंगे.

सही जवाब है c . कोरोना बीयर और नींबू का  रिरुअल  एक बारटेंडर ने शुरू किया था. इसने कोरोना बियर को अमेरिकी मार्केट में हेनेकेन बियर पर जीत हासिल करने में मदद की.

इस बीच, आयरलैंड में दो आदमियों ने गिनीज बीयर की दो बोतलें ऑर्डर कीं. बारटेंडर ने बीयर को ग्लास में थ्री-क्वार्टर भरा. फिर वो फ़िज़्ज़ के हटने तक इंतजार करता है. कुछ मिनटों के बाद, बारटेंडर पूरी बोतल खाली कर देता है. यही गिनीज बीयर पीने का  रिरुअल  है.

1990 के दशक की शुरुआत में, गिनीज बीयर को ब्रिटिश आइल्स में सेल्स में परेशानी हो रही थी. कस्टमर अपनी बीयर पीने के लिए 10 मिनट तक इंतजार नहीं करना चाहते थे. इस प्रॉब्लम को सुलझाने के लिए कंपनी ने लोगों की सोच को बदलने के लिए एडवर्टाइजमेन्ट का इस्तेमाल किया.
गिनीज़ ने कमर्शियल रिलीज़ करते हुए कहा कि “इंतजार करने वालों को अच्छी चीजें मिलती हैं” या “सही पाइंट डालने में 119.53 सेकंड लगते हैं”. उन्होंने गिनीज़ बीयर को पीने के सही तरीके के कमर्शियल कैंपेन भी चलाए. इन कैंपेन की वजह से बीयर पीने के इस  रिरुअल  को बहुत से लोगों ने माना और पसंद भी किया.

ब्रैंड के लिए ऐसे  रिरुअल  अच्छे क्यों हैं? क्योंकि ये प्रोडक्ट के साथ हमारा इमोशनल बॉन्डिंग बनाता है. वे हमारे कंसम्पशन को और ज़्यादा यादगार बनाते हैं.

आप ओरियो बिस्किट कैसे खाते हैं? क्या आप इसे दूध में डुबोकर उसे पूरा एक साथ खाते हैं? या आप पहले कुकी खोलते हैं और उसके बीच की क्रीम की फिलिंग खाते हैं? ओरियो खाने के ये दो तरीके हम में से कई लोगों के लिए एक  रिरुअल  बन गया हैं.

यूनाइटेड किंगडम में, साइडर का एक  ब्रैंड , 'मैग्नर्स' (Magners), एक  रिरुअल  की वजह से पॉपुलर हो गया था. टिपरेरी नाम के एक छोटे से काउंटी में, रेफ्रिजरेटर की कमी हो गई, और इसलिए लोगों ने बर्फ से भरे ग्लास पर मैगनर डालने की शुरुवात की.
तब से, बारटेंडर बोतल से बर्फ से भरे ग्लास में डालकर मैग्नर्स को सर्व करते हैं. कस्टमर्स ने कहा कि मैग्नर्स ऑन आइस का टेस्ट बेहतर होता है. इस  रिरुअल  ने इस  ब्रैंड के लिए लोगों का प्यार बढ़ा दिया.

रिरुअल  के दूसरे एग्जाम्पल है सबवे और बकार्डी. सबवे में सैंडविच बनाने के लिए वहां के स्टाफ एक ही  रिरुअल  को फॉलो करते हैं. यहाँ कस्टमर्स अपने हिसाब से इंस्ट्रक्शन दे सकते हैं और बता सकते हैं कि उन्हें अपने सैंडविच को कैसे बनवाना हैं.
क्या आप क्यूबा लिबरे या बकार्डी, कोक और लाइम के पॉपुलर मिक्स को जानते हैं? इसे क्यूबा में स्पेनिश-अमेरिकन वार के दौरान बनाया गया था. बकार्डी  कंपनी  क्यूबा में थी. इस बीच, अमेरिकी आर्मी अपने साथ कोक लेकर आए और इस तरह नए मिक्स का जन्म हुआ.

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