(Hindi) Business Adventures
परिचय Introduction
क्या आप जानते है ज़ेरॉक्स (Xerox) कम्पनी कैसे शुरू हुई थी? कैसे स्टोक में प्राइस अप एंड डाउन होते है? इनसाइडर ट्रेडिंग क्या चीज़ है? 1950 के टाइम में फोर्ड मोटर्स फ्लॉप हो गयी थी, ये बात क्या आपको मालूम है? क्या आपको जेर्नल इलेक्ट्रिक के स्कैम के बारे में पता है? अगर आप ये सब नहीं जानते थे तो इस बुक से जान जायेंगे. इसके ऑथर जॉन ब्रुक्स काफी लम्बे टाइम से एक न्यू यॉर्कर कंट्रीब्यूटर रहे है जिन्होंने बिजनेस और फाइनेंस में कई सारी बुक्स लिखी है. ये बुक सबसे पहले 1969 में पब्लिश हुई थी. बिल गेट्स ने कहा था कि जितनी भी बुक्स उन्होंने आज तक पढ़ी है उनमें बिजनेस एडवेंचर्स अब तक की बेस्ट बुक है.
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ज़िरोक्स (Xerox)
ज़िरोक्स इतनी स्कैसफुल हुई कि कॉपी करने का दूसरा नाम ही ज़िरोक्स बन गया था. ज़ेरोक्स ने 19 वी सेंचुरी के बिजनेस ट्रेंड को पूरी तरह अप्लाई किया था. एक फेमिली ने इस कंपनी को शुरू किया था, ये एक स्माल इन्वेस्टमेंट था, स्टार्टिंग में काफी मुश्किलें फेस की, कंपनी का नाम क्लासिकल ग्रीक टाइप रखा गया, और फिर कंपनी ने मार्किट में धूम मचा दी. लेकिन जो चीज ज़िरोक्स को औरो से हटकर बनाती है वो है उसकी कमिटमेंट, उसकी कोर्पोरेट रिसपोंसेबिलिटी. 1880 में अगर किसी लॉयर या बिजनेसमेन को किसी डोक्यूमेंट की कॉपीज चाहिए होती थी तो उसका क्लर्क हाथ से लिखकर कई सारी कॉपीज तैयार करता था. फिर 1950 में टाइपराइटर्स और कार्बोन पेपर आया. ऑफिस एम्प्लोयीज़ कार्बन पेपर रख के कॉपी कर लेते थे या टाइप राइटर से कॉपीज तैयार कर लेते थे.
वैसे 1950 में तीन कॉपी मशीन मार्किट में रिलीज़ हुई थी, थर्मो-फैक्स, ऑटोस्टेट और कोडक’स वेरीफैक्स. लेकिन इन सबमें कोई ना कोई प्रॉब्लम थी. जैसे कोडक’स वेरीफैक्स डम्प कॉपीज निकालता था जिसे यूज़ करने से पहले ड्राई करना पड़ता था. और इसमें एक स्पेशल पेपर ही यूज़ होता था जो कंपनी ही सप्लाई करती थी. फिर ज़िरोक्स कारपोरेशन ने कॉपी मशीन की दुनिया में एक ब्रेकथ्रू किया, अपने टाइम की सबसे बढ़िया और रिलाएबल कॉपी मशीन बनाकर. ये मशीन जीरोग्राफी के प्रोसेस से परमानेंट, गुड क्वालिटी की ड्राई कॉपीज प्रोड्यूस करती थी और वो भी ऑर्डिनरी पेपर यूज़ करके.1966 में ज़िरोक्स कारपोरेशन की सेल्स 500 मिलियन डॉलर तक पहुँच गयी थी. ज़िरोक्स कोर्प का नाम पहले हैलॉइड कम्पनी थी. इसे रोचेस्टर, न्यू यॉर्क(Rochester, New York) में 1906 में कंपनी की शुरुवात हुई थी. 1906 में हैलॉइड सिर्फ फोटोग्राफिक पेपर बनाती थी. रोचेस्टर की बाकी दूसरी कंपनीज की तरह हैलॉइड भी ईस्टमेन कोडक (Eastman Kodak) की बदौलत चल रही थी.
लेकिन हैलॉइड कंपनी डिप्रेशन का टाइम सर्वाइव कर चुकी थी. वर्ल्ड वॉर II के बाद कॉम्पटीशन काफी बड गया था और लेबर कोस्ट भी. हैलॉइड (Haloid) अब कुछ नए प्रोडक्ट बनाना चाहता था. क्वीन्स का रहने वाला 32 साल का इन्वेंटर चेस्टर कार्लसन किसी इलेक्ट्रोनिक कंपनी के पेटेंट डिपार्टमेंट में काम करता था. चेस्टर अपने खाली टाइम में एक ऑफिस कॉपी मशीन बनाने की कोशिश कर रहा था, 1938 में जाकर वो सक्सेसफुल हुआ. इस मशीन को यूज़ करने पर काफी स्मोक और बदबू आती थी लेकिन ये एक पेपर से दुसरे पर “10-22-38 Astoria” टेक्स्ट कॉपी कर लेता था. चेस्टर इस प्रोसेस को इलेक्ट्रोग्राफी बोलता था जिसमे लाईट, हीट और इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज यूज़ होता था. चेस्टर अपने इस इन्वेंशन को पूरे पांच साल तक लेके घूमा. जितनी भी ऑफिस इक्यूपमेंट बनाने वाली कंपनीज थी, वो सबके पास गया. फाइनली 1944 में वो बटेल मेमोरियल इंस्टीटयूट (Battelle Memorial Institute.) को कन्विंस करने में कामयाब हो गया. चेस्टर अपने इनवेंशन के बदले रॉय्लटीज लेकर एक पोसिबल सेल या लाइसेंस देने के लिए रेडी हो गया था.
जोसफ विल्सन, हैलॉइड कंपनी के प्रेजिडेंट ने इस कॉपी मशीन की पोटेंशियल देखि. हैलॉइड ने चेस्टर कार्लसन के काम का फुल पेटेंट राईट ले लिया. कंपनी ने मशीन के डेवलप प्रोजेक्ट का भी कवर ले लिया था. इस कॉपी मशीन को डेवलप करने में हैलॉइड को 10 साल से ज्यादा लगे. और इस पर कंपनी ने 75 मिलियन डॉलर्स खर्च किये. फंडिंग के लिए विल्सन और बाकी कंपनी एक्जीक्यूटिव्स ने कोम्पेंसेशंन के तौर पर स्टोक लगा दिए थे. कुछ ने अपनी पर्सनल सेविंग्स लगाई और कुछ ने अपना घर भी गिरवी रख दिया था. 1958 में हैलॉइड कंपनी ने अपना नाम चेंज करके In 1958, हैलॉइड ज़िरोक्स (Haloid Xerox.) रखा. ये नाम एक तरह से ईस्टमेन’स कोडक की नकल जैसी थी लेकिन ज़िरोक्स ट्रेडमार्क भी सेम वे में काफी पोपुलर हुआ.
कॉपी मशीन की रिलीज़ से पहले कंपनी में काफी टेंशन और नर्वसनेस थी लेकिन 1960 में आखिर ज़िरोक्स चल पड़ी. ज़िरोक्स कॉपी मशीन काफी बड़ी सक्सेस स्टोरी बनी, कंपनी के स्टोक प्राइस आसमान छू रहे थे और जो भी इस कंपनी में इन्वेस्ट करता मालामाल हो जाता था. 1961 में हैलॉइड ज़िरोक्स ज़िरोक्स कॉर्पोरशन बन गया. कंपनी को वर्ड”ज़िरोक्स” के राइट्स लेने पड़े क्योंकि अब ये वर्ड कॉमन लेंगुएज में काफी यूज़ होने लगा था. इसका इन्वेंटर चेस्टर कार्लसन फोर्च्यून लिस्ट ऑफ़ रिचेस्ट पीपल में 66वे नम्बर पर आ गया था. कंपनी के एक्जीक्यूटिव्स ने कम्पनी में अपना जो कुछ लगाया था वो उन्हें हज़ार गुना वापस मिल गया था.. ज़िरोक्स की सक्सेस में सबसे बड़ा रोल था उनके पर्पज का, जिसे एक्जीक्यूटिव्स” ज़िरोक्स स्पीरिट” बोलते थे. क्योंकि कंपनी अपने कस्टमर्स, एम्प्लोयीज़ और स्टोक होल्डर्स के लिए अपनी रिसपोंसेबिलिटी समझती थी. लेकिन उससे भी बढकर ज़िरोक्स के अंदर एक सोशल रिसपोंसेबिलिटी की फीलिंग थी. 1965 से लेकर 1966 तक ज़िरोक्स ने डिफरेंट चेरेटीज और यूनिवरसिटीज में ऑलमोस्ट 4मिलियन डॉलर्स डोनेट किये थे..
जोसफ विल्सन एक बड़े हम्बल और सॉफ्ट स्पोकन इंसान है जो कम्पनी चलाने के साथ-साथ कम्यूनिटी सर्विस में भी यकीन रखते है. कभी-कभी स्टोक होल्डर्स कम्प्लेंट करते थे कि कंपनी उनका पैसा चेरिटीज में दे रही है. यही नहीं ज़िरोक्स को अक्सर क्रीटीसाइज़ भी किया जाता था क्योंकि ये सोशल इश्यूज पर स्टैंड लेती रही है. लेकिन जोसफ विल्सन कहते है” यूनिवरसिटी एजुकेशन, नीग्रो एम्प्लोयमेंट, और सिविल राइटर्स जैसे इश्यूज हमारे अपने इश्यूज है, मुझे उम्मीद है कि हम ऐसे ही हमेशा हिम्मत दिखाते रहेंगे उन इश्यूज पर अपने पॉइंट ऑफ़ व्यू रखने के लिए जो हमे ठीक लगते है, फिर चाहे लोग क्रीटीसाइज़ क्यों ना करे”
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अ रिजनेबल अमाउंट ऑफ़ टाइम (A Reasonable Amount of Time)
इनसाइडर्स एट टेक्सास गल्फ सल्फर (Insiders at Texas Gulf Sulphur)
टेक्सस गल्फ सल्फर स्कैम (The Texas Gulf Sulphur scam ) इनसाइडर ट्रेडिंग का एक क्लासिक केस है. एक बड़ी मिनरल डिपोजिट(mineral deposit) की डिस्कवरी होने के कंपनी एक्जीक्यूटिव्स ने टेक्सस के गल्फ के स्टॉक खरीदने शुरू कर दिए. यही नहीं उन्होंने अपने फ्रेंड्स और फेमिली मेम्बेर्स को भी इसमें पैसा इन्वेस्ट करने को बोला. एस.ई.सी. (S.E.C.) के इस पर केस फ़ाइल करने के बाद ये मामला काफी कंट्रोवरशियल (controversial) हो गया था.
टैकसस गल्फ न्यू यॉर्क बेस्ड एक कंपनी है, सल्फर के मार्किट वैल्यू कम होने की वजह से कंपनी बाकी दुसरे मिनरल सोर्स की तलाश में थी. फिर ओंटारियो, कैनेडा में कंपनी को एक माइनिंग ग्राउंड की ओनरशिप मिली और उसने वहां पर डिगिंग शुरू करवा दी. किड-55 (The Kidd-55) वहां का एक पोपुलर माइनिंग एरिया है, जहाँ गोल्ड का काफी बड़ा भण्डार माना जाता है. रिचर्ड क्लेटन (Richard Clayton,) टैक्सस गल्फ इंजीनियर, वो पहला आदमी था जिसने इस एरिया का सर्वे किया.
वो अपनी टीम के साथ फर्स्ट टेस्ट ड्रिल होल करने पहुंचा. कंपनी जियोलोजिस्ट केनेथ डरके (Kenneth Darke,) भी टीम के साथ था. इन लोगो ने 3 दिन में 150 फीट गहरी खुदाई की. डरके (Darke) ने मिनरल डिपोजिट के कोर की स्टडी की, उसके बाद उसने तुरंत चीफ जियोजोलिस्ट वाल्टर होल्य्क (Walter Holyk)को कॉल किया. होल्य्क( Holyk) ने अपने सुपीरियर कंपनी के वाईस प्रेजिडेंट रिचर्ड मोलिसन (Richard Mollison,) को कॉल किया. फिर मोलिसन (Mollison) ने अपने बॉस चार्ल्स फोगार्टी ( Charles Fogarty,) को कॉल किया जो कंपनी में एक्जीक्यूटिव वाईस प्रेजिडेंट और नम्बर 2 मेन था. नेस्क्ट डे फोगार्टी (Fogarty) मोलिसन और होल्य्क (Holyk) सब मिलकर साईट विजिट करने कैनेडा पहुंचे ये नवंबर का मन्थ था और बर्फ पड़ रही थी. जियोलोजिस्ट होल्य्क (Holyk) और डरके (Darke,) ने डिगिंग चालू रखी. 600 फीट तक खुदने के बाद ड्रिल कोर में कुछ कॉपर और जिंक कंटेंट मिला. मिनरल्स ग्राउंड के अंदर ज्यादातर वेंस की तरह बहते है.
और अगर किसी जगह में थोडा सा भी मिनरल डिपोजिट मिले तो हाई चांसेस है कि जमीन के अंदर और भी मिलेगा. फिर सवाल आता है कि उस जगह पर कितना मिनरल डिपोजिट हो सकता है. तो टैक्सस गल्फ इंजीनियर्स ने फर्स्ट होल से कई सारे होल्स के पैटर्न्स बनाए. इन होल्स ने अर्थ को डिफरेंट एंगल्स पर हिट किया जिससे वेंस की चौड़ाई भर गयी. जब ये सब चल रहा था तो सुपीरियर्स आलरेडी अपने मूव प्लान कर रहे थे. इंट्रेस्टिंग बात है कि 12 नवंबर को फोगार्टी ने टैक्सास गल्फ स्टॉक के 300 शेयर्स खरीद लिए. उसने कुछ दिनों बाद फिर इसमें 1400 और एड कर दिए. क्लेटोन(Clayton) ने भी 15 तारीख को 200 शेयर्स खरीदे और मोलीसन ने भी 100 शेयर लिए. होल्य्क (Holyk) की वाइफ ने भी 29 तारिख को 50 शेयर खरीद लिए और 10 तारीख को बाकी के और 100 शेयर ले लिए. स्प्रिंग का सीजन आया लेकिन टैक्सास गल्फ की ड्रिलिंग एक्टिविटी अभी भी चालू थी. टीम को लग रहा था कि फर्स्ट वाला होल ज्यादा डीप नहीं है. थर्ड और फोर्थ होल्स से जिंक, कॉपर और सिल्वर का काफी बड़ा मिनरल डिपोजिट दिख रहा था.
इस पॉइंट पे कैनेडीयन माइनिंग सर्कल्स को इस डिस्कवरी के बारे में कुछ शक होने लगा था. कैनेडीयन न्यूज़ पेपर्स ने टैक्सास गल्फ एक्टिविटी के बारे में रिपोर्ट्स छापनी शुरू कर दी. टोरंटो डेली स्टार ने लिखा कि” “द मेजिक वर्ड ओं एवरी स्ट्रीट कार्नर एंड इन एवरी बार्बर शॉप इज” टैक्सास गल्फ”.ये न्यूज़ जल्दी ही वव्हाईट हाउस तक पहुँच गए. अप्रैल 10 की बात है प्रेजिडेंट स्टीफंस बहुत कंसर्नड(concerned) हो गए थे. उन्होंने अपने भरोसेमंद एसोशिएटस की काउंसिल बुलाई. थॉमस लामोंट (Thomas Lamont ) टैक्सास गल्फ के सीनियर बोर्ड मेंबर और जे.पी. मॉर्गन के पार्टनर थे. लामोंट ने प्रेजिडेंट को बताया कि जब तक ये फ्रेंज़ी कैनेडीयन प्रेस में है “यू माईट बी एबल टू लिव विथ देम”. लेकिन लामोंट रोंग प्रूव हुए. नेक्स्ट मोर्निंग टाइम्स एंड द हेराल्ड ट्रीब्यून में टैक्सास गल्फ की स्टोरीज़ छपी थी. हेराल्ड ने तो ये न्यूज़ फ्रंट पेज पे कुछ इस तरह प्रिंट की थी” द बिगेस्ट ओर स्ट्राइक सिंस गोल्ड वाज़ डिसकवर्ड मोर देन 60 इयर्स एगो इन कैनेडा” (“the biggest ore strike since gold was discovered more than 60 years ago in Canada”). और वाल स्ट्रीट में टैक्सस गल्फ स्टोक के प्राइस काफी हाई जा रहे थे. टैक्सास गल्फ हेडक्वाटर्स में ऑफिसर्स ने एक प्रेस रिलीज़ रखी. इस प्रेस रिलीज़ में प्रेजिडेंट स्टीफन भी प्रजेंट थे, और टैक्सास गल्फ के नम्बर 2 मेन फोगार्टी भी.
कंपनी सेक्रेट्री डेविड क्रावफोर्ड (David Crawford) ने लिखा“टैक्सास गल्फ कम्पनी के हाथ जिंक, कॉपर और सिल्वर का एक बड़ा भंडार लगा है..सात ड्रिल होल्स बना लिए गए है ओर बॉडी (The ore body ) एट लिस्ट 800 फीट लम्बी, 300 फीट चौड़ाई वाली और 800 फीट से ज्यादा डीप है. ये एक मेजर डिस्कवरी है. प्रीलीमाइनरी डेटा (preliminary data) से पता चलता है कि जमीन के अंदर कम से कम 25 मिलियन टन से ज्यादा ओर (ore) है. और उसी दिन न्यू यॉर्क में कंपनी इंजीनियर क्लेटोंन (Clayton) और सेक्रेटरी क्राफोर्ड (Crawford) अपने ब्रोकर्स को कॉल करके टैक्सास गल्फ स्टॉक्स खरीदने को बोल रहे थे.
क्लेटोन (Clayton ) ने 200 शेयर्स खरीदे जबकि क्राफोर्ड (Crawford) ने 300 का आर्डर दिया. उसी शाम क्राफोर्ड ने दुबारा अपने ब्रोकर को कॉल किया और अपना आर्डर डबल कर दिया. टैक्सास गल्फ ट्रायल अप्रैल 1964 में शुरू हुआ. एसईसी(S.E.C.) यानी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन ने एक स्ट्रोंग केस बनाकर कोर्ट में अपील की. ट्राय्ल्स और हियरिंग का एक लंबा सिलसिला चला और फाइनली 1968 में एस.ई.सी. केस जीत गयी. कंपनी के ज्यादातर एक्जीक्यूटिव गिल्टी पाए गए. टैक्सास गल्फ स्कैम कॉर्पोरेट वर्ल्ड में एक बड़ा लेसन बन चूका था. आज इनसाइडर ट्रेडिंग एक बड़ा सिरियस क्राइम माना जाता है.