(hindi) Against the Gods: The Remarkable Story of Risk

(hindi) Against the Gods: The Remarkable Story of Risk

इंट्रोडक्शन

क्या आपने कभी सोचा है, ये दुनिया कैसे बनी? इंसानी सभ्यता यहाँ तक कैसे पहुंची? या फिर ये कहे कि कब इंसान को ये यकीन हुआ कि उसकी किस्मत का फैसला ग्रीक गोड्स के हाथों में नहीं बल्कि खुद उसके हाथ में है ?

इस बुक में आप जानेंगे कि प्रोबबीलीटीज़ यानी संभावनाओं की, रिस्क लेने की और  जुआ यानी गैंबलिंग की शुरुआत कैसे हुई और आप ये जानकर हैरान रह जायेंगे कि ये सब एक दूसरे  को कितनी गहराई से अफेक्ट करते है. आपको ये भी पढने को मिलेगा कि गैंबलिंग किस फॉर्म में शुरू हुआ था की और इंसानियत पर इसका किस हद तक और कैसा असर पड़ा.

इस बुक में आप उन महान लोगो के बारे में भी पढ़ेंगे जो बहुत दूर की सोच रखते थे और जिन्होंने ऐसी नींव रखी जो आज हमारे प्रोबबिलीटीज़ और रिस्क फैक्टर के नॉलेज का बेस है.

तो क्या आप टाइम ट्रेवल करने के लिए तैयार हैं  ?

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To 1200: Beginnings

गैंबलिंग जिसे हम आमतौर पर दांव लगाना या जुआं भी बोलते है, हमेशा से ही ह्यूमन हिस्ट्री का एक पार्ट रहा है बल्कि यूं कह सकते है कि ये रिस्क टेकिंग का सबसे पुराना तरीका है. कहा जाता है कि जब जीसस क्राइस्ट को सूली पर चढ़ाया जा रहा था तो उस वक्त पोंटियस पाइलेट (Pontius Pilate ) के सैनिको ने शर्त लगाई थी कि जीसस का चोगा कौन लेगा.

ये भी कहा जाता है कि अर्ल ऑफ़ सैंडविच ने सैंडविच इसीलिए बनाया था ताकि उन्हें अपनी गैंबलिंग टेबल से उठना ना पड़े. क्या आपको नहीं लगता है जीतना कितना एक्साईटिंग है? हम जब किसी भी तरह की शर्त लगाते है या जुआं खेलते है, तो हमे लगता है कि किस्मत हमारा साथ देगी और अगर हमारा तुक्का सही लग जाए तो हम और बड़ा रिस्क लेने को भी तैयार रहते है. और अगर ऐसा नहीं होता , तो भी हम ये सोचकर दांव लगाते रहते है कि ये नही तो अगला वाला दांव तो हम जीत ही जायेंगे.

पर क्या कभी आपने सोचा है, गैंबलिंग की शुरुवात आखिर हुई कैसे ? जानकारो का मानना है कि भेड़ या हिरन के पैर की हड्डी,जिसे एस्ट्रैगलस (astragalus) बोला जाता है और जो देखने में चौकोर होती है, शायद इसे इंसान ने पहली बार खेलने के लिए इस्तेमाल किया होगा. मॉडर्न समय में, इसे आमतौर पर dice या पासा के रूप में जाना जाता है. इस बात के सबूत ईजिप्ट के पिरामिड की दीवारों पर बनी पेंटिंग्स से मिलते है जिसमे लोगो को एस्ट्रैगलस से खेलते दिखाया गया है.

यही नहीं ग्रीक सिविलाईजेशन में भी जानवरों की हड्डियों को डाइस बनाने में यूज़ किया जाता था, इस बात का प्रूफ फूलदानो पर बनी तस्वीरों से मिलता है जिसमे आदमियों को एक छोटे से गोले में हड्डी फेंकते हुए दिखाया गया है. अब बात करते है कैसिनो की जोकि दुनिया भर में सबसे ज्यादा खेला जाने वाला गैंबलिंग गेम है. इसके अलावा हॉर्स रेस और डॉग रेस भी काफी पोपुलर है जहाँ काफी बड़े-बड़े दांव लगाए जाते है. ये सारे गेम्स इस बात का प्रूफ है कि रिस्क लेना या खतरा मोल लेना सदियों से इन्सान की फितरत रही है.

दरअसल ग्रीक सिवाइलेशन में माना जाता था कि इस दुनिया की शुरुवात ही गैंबलिंग से हुई है. ज़्यूस, पोसायडन और हेड्स (Zeus, Poseidon, and Hades,) तीन गॉड थे जो भाई थे, उन्होंने डाइस रोल करके आपस में दुनिया को बाँट लिया था. ज़्यूस ने स्वर्ग लिया, पोसायडन को समुंद्र का राज मिला और हेड्स को अंडरवर्ल्ड यानी पाताल लोक मिला. इस बात से पता चलता है कि पुराने वक्त से ही ग्रीक लोगो को गैंबलिंग का कितना शौक था, उनका इतिहास एक राज है और उन्होंने प्रोबबीलीटीज़ स्टडी करने की शायद ही कभी कोशिश की हो.

ग्रीक लोगो को अपने सवालों का जवाब पाना और उसके पीछे लोजिकल एविडेंस ढूंढना अच्छा लगता था. इसके बावजूद उन्हें फ्यूचर के बारे में जानने की ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी. इसका एक एक्जाम्पल ये है कि वो किसी बात को प्रेडिक्ट करने के लिए लोजिक के बजाए ओरेक्लस के पास जाते थे. इसके पीछे बजह ये थी कि ग्रीक्स अपने गोड्स पर बहुत ज्यादा भरोसा करते थे और ये मानकर चलते थे कि उनकी तकदीर गॉड पहले ही लिख चुका है. चाहे कुछ भी हो जाए उनके गोद ज़ीउस की कही बात ही उनके लिए फाइनल डिसीजन होती थी. यानी गॉड के फैसलों में दखल देने का मतलब था सजा-ए-मौत.

हमारे पूर्वज फ्यूचर में क्या होगा, कैसे होगा, इन बातो को ज्यादा इम्पोर्टेंस नहीं देते थे. उन्हें सिर्फ दो चीजों से मतलब था, एक तो सरवाईव् करना यानी किसी तरह जिंदा रहना और दूसरा, बच्चे पैदा करना. पर ये भी सच है कि अगर वो लोग हंटिंग और फिशिंग के अलावा बाकि चीजों के बारे में सोचते तो सर्वाइव कैसे करते? लेकिन सभ्यता के विकास के साथ ही प्रोबबीलीटीज़ की अहमियत भी बढती चली गई. जब ईसाई धर्म तेज़ी से फैल रहा था तो लोग सोचने पर मजबूर हो गये कि उनके बिहेवियर से उनके स्वर्ग में जाने के ज्यादा चांस है या नर्क में जाने के.  अब लोग अपने फ्यूचर को लेकर भी कई तरह की प्रोबबीलीटीज़ सोचने लगे थे.

क्रिश्चिनिटी को दुनिया के हर कोने तक फैलाने के लिए धर्मयुद्ध किये गए. ईसाइयों ने अरबों से मुकाबला किया जो हिन्दू नंबर सिस्टम सीख रहे थे. हिन्दू नंबर सिस्टम की बदौलत दुनिया की हर सिविलाइजेशन में काफी बड़े बदलाव आये. अब गिनती करना बेहद आसान हो गया था और साथ ही इससे टाइम, ट्रेवलिंग और आर्किटेक्चर का एकदम सटीक अनुमान लगाने में भी काफी मदद मिली.

रेनेसांस (Renaissance) पीरियड के दौरान रिस्क और प्रोबबीलीटीज़ को सबसे ज्यादा अहमियत मिली. लोग अब इस बात पे यकीन करने लगे थे कि ऊपरवाला उनकी किस्मत का फैसला नही करता. बल्कि वो खुद अपनी किस्मत के जिम्मेदार है. हम जैसा करेंगे, हमे रिजल्ट भी वैसा ही मिलेगा. इस दौर के आते-आते लोग अपने फ्यूचर के बारे में सोचने लगे थे.

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1200-1700: अ थाउजेंड आउटस्टैंडिंग फैक्ट्स (एक हजार आउटस्टैंडिंग सच) A Thousand Outstanding Facts

रेनेसांस (Renaissance) एक ऐसा वक्त था जिसमे इंसान की नॉलेज काफी बढ़ी. आर्ट से लेकर मैथमेटिक्स तक हर फील्ड में इम्प्रूवमेंट आई. आज आप अपनी हिस्ट्री बुक्स में जितने भी महान लोगो के बारे में पढ़ते हो, वो सब रेनेसाँस पिरियड के ही थे. और उन्ही में से एक थे, लुका पैचियोली (Luca Paccioli)

लुका इटली के महान मैथमेटीशियंस में से एक थे. उनका सबसे फेमस वर्क है, उनकी किताब सुम्मा डे एरिदमेटिक,जियोमेट्रीया एट प्रोपोर्शनेलिटा (Summa de arithmetic, geometria et proportionalita.) सुम्मा में बेसिक एलजेबरा की जानकारी के अलावा 60X60 तक मल्टीपिकेशन टेबल्स है. अब क्योंकि नंबर सिस्टम उन दिनों एकदम नया-नया था तो ख़ासतौर पर रेनेसांस पीरियड में ये सारे टोपिक्स बड़े काम आए. हमे ये याद रखना चाहिए कि प्रोबेबीलीटीज़ या रिस्क कैलकुलेट करने जैसे कॉम्प्लेक्स कॉन्सेप्ट्स की शुरुवात कहीं न कही से तो हुई होगी. तो लुका जैसे लोगो ने ही हमारे लिए उस रास्ते की नींव रखी थी, जिस पर आज हम चल रहे है.

रेनेसाँस के दौर का एक और इंसान है जो बदकिस्मती से उतना फेमस नही हो पाया, गिरोलामो कार्डानो (Girolamo Cardano) पेशे से फिजिशियन था. लेकिन गिरोलामो को अपने डॉक्टरी के ईज्जतदार पेशे की वजह से नही बल्कि अपने गैंबलिंग के शौक की वजह से पहचान मिली. उसे गैंबलिंग का इतना शौक था कि उसने इस पर एक बुक ही लिख डाली थी. इस बुक का नाम है” लिबर डे लुडो एलिया (Liber de Ludo Aleae ) जिसे Book on Games of Chance भी कहते है. एलिया बुक में डाइस के गेम का जिक्र आता है और इसमें गिरोलामो ने ये भी बताया है कि गैंबलिंग की शुरुवात सबसे पहले कहाँ हुई थी.

यही वजह है कि ये ऑफिशियली पहली किताब मानी गई है जिसमे प्रोबबीलीटी और स्टेटिसटिक्स पर गंभीरता से लिखा गया है. हालाँकि इस बुक में एक बार भी गिरोलामो ने प्रोबेबीलिटी मेंशन नही किया है बल्कि उसने’ चांसेस” वर्ड यूज़ किया है क्योंकि गैंबलिंग में खेलने वालो को कई ऐसे चांसेस मिलते है जहाँ उन्हें अपनी हार या जीत का ज़रा भी अंदाज़ा नही होता.

वक्त के साथ-साथ प्रबबीलीटी के मायने भी बदलते गए. लीबनिज (Leibniz ) नाम के एक जर्मन स्कोलर ने प्रोबबीलीटी को एक ऐसी चीज़ बताया है जो एविडेंस और रीजन से तय होती है. इसका एक और मतलब है यानी आपके अंदाजे किस हद तक सही निकलेंगे, उसे प्रोबबीलीटी बोल सकते है. गिरोलामो के वक्त में प्रोबबीलिटी को इंसान के दम-खम या रिस्क लेने की हिम्मत से जोडकर देखा जाता था. यानी किसी बात या घटना के होने का आपको किस हद तक यकीन है?

पर गिरोलामो ही वो पहला आदमी था जिसे लगता था कि प्रोबबीलिटी को मैथमेटिक्स की नजर से देखा जाना चाहिए. यानी दुसरे शब्दों में कहे तो उसके हिसाब से प्रोबबीलिटी को ना सिर्फ मापा जा सकता है बल्कि एकदम सही अनुमान भी लगाया जा सकता है.

हालाँकि गिरोलामो उस हद तक कभी पहुंचा ही नहीं, वो जानता था कि प्रोबबीलिटी को लेकर उसकी सोच किसी इन्वेंशन से कम नही है. इसीलिए उसने इस पर लिबर डे लुडो एलिया (Liber de Ludo Aleae) नाम से बुक लिख दी जो उसकी सबसे बड़ी अचीवमेंट थी. गिरोलामो ने यहाँ तक कहा था कि सिर्फ उसकी डिस्कवरी की वजह से ही लोग थाऊजेंड आउटस्टैंडिंग फैक्ट्स के बारे में जानते है. बेशक गिरोलामो गैंबलिंग के पीछे के फैक्ट्स की बात कर रहा था.

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