(hindi) A Case of Identity

(hindi) A Case of Identity

जब हम बेकर स्ट्रीट के घर में, फायरप्लेस के दोनों ओर बैठे हुए थे, शेरलॉक होम्स ने मुझसे कहा,  “ मेरे प्यारे दोस्त,  ये ज़िन्दगी भी बड़ी अजीब चीज़ हैं, इंसान चाहे कितना भी आगे की सोच लें लेकिन हमारी ज़िन्दगी उससे एक कदम आगे ही चलती हैं. हम रोज़मर्रा के आसान बातों को गहराई से नहीं सोचते. ज़रा सोचो, अगर हम दोनों हाथ में हाथ डालकर, उस खिड़की से निकलकर उड़ सकते, इस बड़े शहर के ऊपर मंडरा सकते, सबके घरों के छतों को धीरे से खोलते और झांककर अंदर चल रहे अजीब-अजीब वाकयों को देखते, कुछ संजोग की बातें, कुछ लोगों के इरादें और उनके टकरावों के बारे में जानते, जो सालों के बाद हमें कहानियाँ देते, जिनका अंत तो वही घिसा पीटा, बासी होता और कोई फायदा भी नहीं मिलता पर बहुत ही मज़ेदार फिक्शन कहानियाँ बनती.”

“ मैं इस बात को नहीं मानता,” मैंने कहा. “ न्यूज़पेपर में जितने भी केस आते है वो बेकार और अश्लील किस्म के होते है. पुलिस रिपोर्ट्स से जो भी कहानियाँ सुनने को मिलती है , उनमें भी सच्चाई कूट-कूट कर भरे होते है लेकिन फिर भी हमें मानना पड़ेगा कि ये सच्ची कहानियाँ न मज़ेदार होती है और न ही आर्टिस्टिक.”

“इन कहानियों को सच दिखाने के लिए, तुम्हें थोड़ा selective होना पड़ेगा और कुछ अपनी समझ बुझ का भी इस्तेमाल करना पड़ेगा. पुलिस रिपोर्ट्स में इसी बात की तो कमी हैं . इन रिपोर्ट्स में मजिस्ट्रेट की बोरिंग और उबाऊ बातें ही होती है , न कि कोई डिटेल. कहानी सुनने और देखने वालों के लिए यही पार्ट तो ज़रूरी होता हैं.  सिंपल कहानी  में वैसा कुछ भी नहीं होता जैसा आप अंदाज़ा लगाकर बैठते हैं.”

इस बात पर मैं हँस दिया और अपना सिर हिलाते हुए कहा-” मैं तुम्हारी बातों को समझता हूँ, बेशक तुम्हारे जैसा शख्स जो तीनों continents में प्राइवेट एडवाइज़र की तरह,  हैरान परेशान लोगों की मदद करता फिरता है, उसे सब कुछ अजीबोगरीब ही लगता हैं. लेकिन, ये देखो, आज का न्यूज़पेपर,” मैंने सुबह का पेपर उठाते हुए कहा. “चलो एक प्रैक्टिकल टेस्ट कर लेते है. ये फर्स्ट हैडिंग पढ़ता हूँ, 'एक पति द्वारा पत्नी का शोषण',  यहां आधा कॉलम इसके बारे में लिखा हुआ है, पर बिना पढ़े ही बता सकता हूँ कि इसमें क्या- क्या लिखा होगा. ऑफ़ कोर्स, इसमें होगा एक दूसरी औरत, शराब, धक्का-मुक्की, फिर घूंसा , चोट, बहन या लैंडलेडी मदद को पहुंची, वगैरह-वगैरह. लगता हैं, इस आम से राइटर को इससे ज़्यादा आम लिखने को कुछ नहीं मिला.”

” वॉटसन , तुमने अपने बहस के लिए बहुत ही गलत एग्जाम्पल लिया है.” होम्स ने मेरे हाथ से पेपर लेकर उसे ऊपर से नीचे नज़र मारते हुए कहा. “ ये डंडास सेपरेशन (Dundas separation ) केस के बारे में है और जैसा कि ज़ाहिर है, मैंने ही इससे जुड़ी कुछ बातों को सुलझाया है. इस केस में पति बिलकुल शराब नहीं पीता, उसका दूसरी औरत से कोई लेना-देना नहीं है और शिकायत में ये था कि इस शख्स को रोज़ खाना खाने के बाद , अपने नकली दांत को निकालकर अपने पत्नी के ऊपर फैंकने की आदत थी. अब तो तुम मानोगे कि ये कहानी लिखने वाला एक आम सोच वाला नहीं है. ये लो नसवार सूंघ लो और मान लो डॉक्टर, तुम्हारे एग्जाम्पल में मेरी ही जीत हुई है.”

शर्लाक होम्स ने नसवार का एक पुराना सुनहरा डब्बा जिसके ढक्कन में एमेथिस्ट पत्थर जड़ा था, उसे निकाला और मेरी तरफ बढ़ाया. ये शान उसके साधारण और सिंपल लाइफ से बिलकुल मेल नहीं खाती थी जिसे देखकर मैं बिना कुछ कहे नहीं रह पाया.

उसने कहा- ” आह, मैं भूल ही गया कि तुमसे कई हफ़्तों से मेरी मुलाकात नहीं हुई. ये डिब्बा बोहेमिया के किंग ने आइरिन एडलर केस में मेरी मदद के बदले एक यादगार के रूप में दी थी.”

” और ये रिंग?” उसकी ऊँगली में चमकते हीरे की तरफ देखते हुए मैंने पूछा.

” ये हॉलैंड के राजघराने की तरफ़ से है जिनका बहुत ही नाज़ुक सा केस था जिसके बारे में तुम्हें भी नहीं बता सकता, जबकि तुमने एकाध केस में मेरे छोटे-मोटे प्रॉब्लम्स को लिखकर मेरी मदद की हैं.”

” क्या अभी तुम्हारे हाथ में कोई केस है?” मैंने बहुत दिलचस्पी लेते हुए पूछा.

” कुछ दस-बारह केस है लेकिन किसी में भी कोई बात ऐसी नहीं जो मुझे दिलचस्प लगे. तुम तो समझते हो , ये सब इम्पोर्टेन्ट तो है पर बिलकुल इंटरेस्टिंग नहीं. ये बात ज़ाहिर हो गई है कि जो मामले मामूली होते है उनमें ही कुछ सोचने और जांचने का मौका होता है . इन से ही तो इन्वेस्टीगेशन मज़ेदार बनते हैं. बड़े क्राइम्स बहुत आसान होते है क्योंकि रूल के मुताबिक जितना बड़ा क्राइम, उतना ही उसके पीछे का कारण साफ़ होता है. मार्सेलस (Marseilles) ने रेफर किया हुआ एक नाज़ुक मामले को छोड़कर, मेरे पास आये इन सारे केसेस में कोई भी मज़ेदार बात नहीं है. लेकिन हो सकता है कि अगले कुछ मिनटों में मेरे पास इनसे बेहतर कुछ आने वाला है, क्योंकि ये जो इस तरफ आ रही हैं, मुझे मेरी नई क्लाइंट लग रही हैं, या फिर मेरा अंदाज़ा गलत भी हो सकता हैं.”

वो अपने चेयर से उठकर, खिड़की के पर्दों के बीच से, नीचे की ओर हलके रोशनी से सजी लंदन की सड़क को देख रहा था. उसके कन्धों के ऊपर से झांककर मैंने देखा कि दूसरी तरफ के फुटपाथ पर एक लम्बी चौड़ी औरत खड़ी थी. उसने अपने गर्दन पर फर से बना भारी सा स्कार्फ़ पहना था, उसकी टोपी पर घुंगराले लाल पंख लगे थे जो डेवोनशैर की राजकुमारी के फैशन की नक़ल करते , लुभावने अंदाज़ में, अपनी टोपी को अपने कान के ऊपर थोड़ा सा झुकाकर पहना हुआ था. इस ताम झाम के बीच वो बहुत नर्वस होते हुए और झिझक के साथ हमारे खिड़की की तरफ देख रही थी. वो कभी आगे आती और कभी पीछे वापस जाती . उसकी उँगलियाँ उसके ग्लव्स के बटन के साथ खेल रही थी. फिर, अचानक से कूद कर उसने सड़क को ऐसे पार किया जैसे एक स्विमर किनारे से पानी में डुबकी मारता है, और फिर हमने दरवाज़े पर ज़ोर से खटखटाने की आवाज़ सुनी.

” ऐसे हाव-भाव और तौर-तरीके मैंने पहले भी देखे है,”  होम्स ने अपने सिगरेट को आग में झोंकते हुए कहा. ” रास्ते के बीच इधर-उधर करने का मतलब हमेशा एक लव-अफेयर होता है. इन्हें एडवाइस तो चाहिए पर इन्हें ये नहीं पता कि इनका मामला किसी से पूछने लायक है भी कि नहीं. कुछ बातें ऐसी हैं जिनसे हम दूर से अंदाज़ा लगा सकते हैं और मामलों के बीच के अंतर को पहचान सकते हैं. जैसे कि, अगर एक औरत के साथ किसी शख्स ने बुरा बर्ताव किया है तो वो कभी इस तरह इधर-उधर करते हुए उलझन में नहीं दिखेगी , वो तो दरवाज़े की घंटी के तार को ही उखाड़ फेंकेगी. लेकिन अभी ये सब नहीं हुआ, इसका मतलब है कि ये प्यार का ही मामला है. पर, ये औरत इतने गुस्से में नहीं लग रही जितना उसके चेहरे में परेशानी और हैरानी दिख रही है. चलो, हमारे सवालों और शक का जवाब देने ये आ ही गई.”

जैसे ही उसने अपनी बात ख़त्म की, दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ आई, और नौकर ने मिस मैरी सदरलैंड के आने की खबर दी जो उस नौकर के ही काले छोटे फिगर के पीछे ऐसे खड़ी थी जैसे मानो एक छोटी सी नाव के पीछे चौड़ा सा जहाज़ का व्यापारी खड़ा है. शर्लाक होम्स ने बड़े खूबी से उनका स्वागत किया, दरवाज़ा खुद बंद किया और झुककर अपने मेहमान को आर्मचेयर पर बैठने का इशारा किया. उसने मिस सदरलैंड को एक मिनट के लिए देखा लेकिन उनके फैशन पर कोई ध्यान नहीं दिया,  ऐसा सिर्फ होम्स ही कर सकता था, ये तो उसकी आदत थी.

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होम्स ने मिस सदरलैंड से पूछा-” टाइपराइटर पर काम करना क्या आपके कमज़ोर आँखों के लिए कुछ ज़्यादा मुश्किल काम नहीं हैं?”

मिस सदरलैंड ने फट से जवाब दिया -” शुरू में मुश्किल लगता था, लेकिन अब तो बिना देखे ही पता चल जाता है कि कौन सा लेटर कहाँ है.”  फिर अचानक, होम्स की बात का मतलब समझने के बाद, गुस्से ,डर और हैरानी से ऊपर देखते हुए पूछा- “क्या आपने मेरे बारे में पहले से ही सुन रखा है, मिस्टर होम्स? नहीं तो आपको इतना सब कैसे पता ?”

“बुरा मत मानिये,” होम्स ने हँसते हुए कहा. “बातें जानना तो मेरा काम है.  जिन बातों को दूसरे लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं, वैसी बातों को जानने की मैंने खुद को ट्रेनिंग दी हैं. अगर ऐसा न होता तो आप मुझसे कंसल्ट करने क्यों आती?”

“मैं आपके पास आई क्योंकि मैंने आपके बारें में मिसेज एथेरेज से सुना, जिनके पति को आपने तब ढूंढ निकाला था जब पुलिस और बाकी सब लोगों ने उन्हें मरा हुआ समझा लिया था. ओह  मिस्टर होम्स, काश आप मेरे लिए भी उतनी ही कोशिश करते. मैं पैसेवाली तो नहीं हूँ पर मैं एक साल में सौ पाउंड्स कमाती हूँ और साथ में जो भी थोड़ा कुछ टाइपराइटर पर काम करके बनाती हूँ, मैं वो सब आपको दे दूंगी अगर आप पता कर सकें कि मिस्टर हॉसमेर एंजेल का क्या हुआ.”

” आप इतने ज़ल्दबाज़ी में कंसल्ट करने क्यों आई है?”  अपने उँगलियों को जोड़कर, छत की तरफ नज़रे कर शर्लाक होम्स ने पूछा.

ये सुनकर मैरी सदरलैंड के खाली चेहरे पर हैरानी के बादल छा गए. उन्होंने कहा-  ” हाँ, मैं घर से तेज़ी से निकली थी, क्योंकि मुझे ये देखकर बहुत गुस्सा आया था कि मेरे पिताजी मिस्टर विंडिबैंक, के लिए सब कुछ कितना आसान था. वे पुलिस के पास नहीं जाना चाहते थे, आपके पास नहीं आना चाहते थे और कुछ और भी नहीं करना चाहते थे. वे बस ये कहते रहे कि कुछ नुक्सान नहीं हुआ है जिसे सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं सीधे उठकर आपके पास ही आई हूँ.”

” आपके पिताजी, आपके सौतेले पिताजी हैं, आप दोनों के नाम अलग-अलग है,” होम्स ने कहा.

” हाँ, मेरे सौतेले पिताजी. पर  मैं उन्हें पिताजी ही कहती हूँ, वैसे ये बहुत अजीब और हंसने वाली बात है क्योंकि वे मुझसे उमर में पांच साल दो महीने ही बड़े है.”

” आपकी माँ ज़िंदा है?”

” ओह , हाँ, वो ज़िंदा है और ठीक-ठाक है. मैं बिलकुल खुश नहीं थी जब उन्होंने मेरे पिताजी के गुजरने के फ़ौरन बाद ही दूसरी शादी कर ली थी, वो भी ऐसे शख्स से जो उनसे पंद्रह साल छोटी उम्र का था. मेरे पिताजी टॉटेनहम कोर्ट रोड में काम करने वाले एक प्लम्बर थे. उनके गुजरने के बाद मेरी माँ ने सुपरवाइजर मिस्टर हार्डी के साथ मिलकर उनके काम को संभाला . लेकिन, मिस्टर विंडिबैंक के कहने पर मेरी माँ ने उस बिज़नेस को बेच दिया क्योंकि मिस्टर विंडिबैंक वाइन के बिज़नेस की वजह से दुनिया घूमते थे और उन्हें लगता था की वे ज़्यादा पैसे वाले है. उन्हें चार हज़ार सात सौ पौंड मिले.  अगर मेरे पिताजी ज़िंदा होते तो उस बिज़नेस की कीमत कहीं और ज़्यादा होती.”

मुझे लगा था कि इस लम्बी कहानी को सुनकर शर्लाक बेचैन हो उठेगा पर उसने तो पूरी कहानी को बड़े ध्यान से सुनी, जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी.

” आपकी छोटी-मोटी कमाई क्या उसी बिज़नेस से आती है? ” शर्लाक ने उनसे पूछा.

” ओह नहीं सर. ये अलग ही है जिसे मेरे अंकल टेड ने ऑकलैंड में छोड़ा है. ये न्यूज़ीलैण्ड के स्टॉक में है और मुझे साढ़े चार परसेंट मिलता हैं. ये दो हज़ार पांच सौ पौंड की रकम है जिसे  मैं इस्तेमाल तो नहीं कर सकती पर इसका इंटरेस्ट मुझे मिलता रहता है.”

“आपकी बातें मुझे बहुत इंटरेस्टिंग लग रही है,”  होम्स ने कहा. “ मुझे यकीन है कि आपके साल भर की कमाई  से आप थोड़ा बहुत घूरना- फिरना और खुद के खर्चे आराम से निकाल लेती हैं. एक सिंगल औरत के लिए 60 पौंड एक अच्छी-खासी रकम है.”

“मैं उससे भी कम में गुज़ारा कर सकती हूँ, मिस्टर होम्स. आप तो समझ ही सकते है कि जब तक मैं उस घर में रह रही हूँ, मैं उन पर बोझ नहीं बन सकती इसलिए जब तक मैं वहाँ हूँ , मेरे पेरेंट्स ही उन पैसों का इस्तेमाल करेंगे. बेशक, ये कुछ दिनों की ही बात है. मिस्टर विंडिबैंक मेरे इंटरेस्ट के पैसों को हर तीन महीनों में निकाल कर मेरी माँ को दे देते है. मैं अपने टाइपराइटिंग से जो भी कमाती हूँ, उसी से मेरा गुज़ारा आराम से हो जाता है. मुझे हर शीट को टाइप करने के दो पेन्स मिलते है और मैं दिन में लगभग 15 – 20 शीट्स टाइप कर ही लेती हूँ.”

“आपकी पूरी कहानी मुझे समझ आ गई है,”  होम्स ने कहा. “ये मेरे दोस्त है, मिस्टर वॉटसन जिनके सामने आप वैसे ही खुल कर बात कर सकती है जैसा आप मुझसे करेंगी. अब आप प्लीज मिस्टर हॉसमेर एंजेल के बारे में हमें कुछ बताइये.”

ये सुनते ही मिस सदरलैंड का चेहरा लाल हो गया और वो नर्वस होकर अपने जैकेट के किनारों को उधेड़ने लगी. ” मैं उससे पहली बार गैसफिटर्स बॉल में मिली थी,” उन्होंने जवाब देते हुए कहा. ” मेरे पिताजी जब ज़िंदा थे तब वे लोग उन्हें ही ये टिकट्स भेजा करते थे और उनके गुजरने के बाद हमें याद कर मेरी माँ को टिकट्स भेज देते है. मिस्टर विंडिबैंक तो नहीं चाहते थे कि हम उस बॉल में जाएँ पर वे तो हमें कहीं भी नहीं भेजना चाहते है. मेरी बहुत इच्छा थी कि मैं अपने स्कूल के संडे ट्रीट के लिए जाऊं, लेकिन उसपर भी वे बहुत गुस्सा करते. पर, इस बार मैंने बॉल में जाने की ठान ली और मैं ऐसी कोई गलत काम नहीं कर रही थी जिसे वे रोक लेते.

वे कहते हैं कि उस बॉल में जो लोग आते हैं, उनके साथ जान पहचान करने की ज़रूरत नहीं, जबकि वहाँ मेरे पिताजी के सारे दोस्त आते हैं. वे ये भी कह रहे थे कि मेरे पास वहाँ जाने के लिए ढंग के कपडे नहीं है पर मेरे पास एक पर्पल कलर का महंगा ड्रेस रखा हुआ था जिसे मैंने कभी ड्रावर से निकाला ही नहीं था. आखिर में, हमें रोकने के लिए उनके कोई बहाना नहीं बचा तो वे बिज़नेस के लिए फ्रांस चले गए. मैं और मेरी माँ, मिस्टर हार्डी जो हमारे सुपरवाइजर थे, उनके साथ ही बॉल के लिए चले गए. वहीं मेरी मुलाकात मिस्टर हॉसमेर एंजेल से हुई थी.”

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