(hindi) 2BR02B

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सबकुछ एकदम बढिया चल रहा था
कोई जेल नही, ना झोपड़पट्टियाँ, ना पागलखाने, ना गरीबी और ना ही लड़ाई. सारी बीमारियाँ, बुढ़ापा सब खत्म हो गया था. मौत और दुर्घटनाए अब सिर्फ उनके लिए बचे थे जिन्हें एडवेंचर का शौक था.

यूनाईटेड स्टेट्स की पोपुलेशन बस चालीस मिलियन तक सिमट कर रह गयी थी.
ऐसी ही एक सुहानी सुबह शिकागो के एक होस्पिटल में एडवर्ड के, वेह्लिंग जूनियर नाम का आदमी अपनी वाइफ की डीलिवरी करवाने आया था. वो अकेला वहां ऐसा था जो अपने बच्चे के जन्म इतंजार कर रहा था, क्योंकि एक दिन में एक से ज्यादा बच्चे पैदा होने का ट्रेंड खत्म हो चूका था.

वेह्लिंग वैसे तो छप्पन साल का है पर एक-सौ उन्नतीस साल एवरेज उम्र की पोपुलेशन के हिसाब उसे नौजवान बोल सकते है. एक्स-रे की रिपोर्ट्स से पता चला है कि उसकी वाइफ को ट्रिपलेट्स होने वाले है, एडवर्ड फर्स्ट टाइम बाप बनने जा रहा था.

यंग वेह्लिंग दोनों हाथ सिर पर रखे एक चेयर पर बैठा था, एकदम शांत और बेरंग जैसे किसी को दिखाई ना दे. उसने खुद को परफेक्टली छुपा रखा था, एस्ट्रेज़ और कुसियों को दीवारों के पास से हटा रखा था और फर्श पर दरियाँ बिछी थी.

उस कमरे को रीडेकोरेट किया जा रहा था उस इन्सान की याद में जो अपनी मर्जी से मरने जा रहा है, वो बेचारा दो सौ साल का बूढा. एक सीढ़ी पर बैठा दीवार पर वो पेंटिंग बना रहा है जो उसे पसंद नही थी. पहले जिन दिनों लोग बड़ी उम्र में बूढ़े नजर आते है, तब उसकी उम्र पैंतीस के आस-पास रही होगी. पर बढती उम्र का ईलाज आने से पहले ही उस पर उम्र का असर हो चूका था.
वो एक खूबसूरत गार्डन की म्यूरल पेंटिंग बना रहा था. पेंटिंग में सफेद कपड़ो में आदमी, औरते, डॉक्टर्स और नर्से एक बड़े से बगीचे में पौधे लगा रहे है और खाद-पानी डाल रहे है. बैंगनी रंग की यूनिफोर्म्स पहने कुछ आदमी औरते घास-फूस और सड़े-गले पौधे उखाड़ के साफ़ कर रहे थे और पेड़ो की सूखी पत्तियां बटोर कर ट्रेश कूड़ेदान में डालकर जला रहे थे.

कभी नहीं-कभी नही-कभी नही – ना ही मिडिवल होलैंड में और ना ही जापान में- इससे बढ़िया और अच्छा गार्डन नही बना होगा. हर पौधे को जरूरत के हिसाब से हवा, धूप, खाद और पानी दिया गया है.
होस्पिटल का एक वर्कर एक पोपुलर गाना गुनगुनाते हुए कॉरिडोर में आया,
इफ यू डोंट लाइक माई किसेस हनी,
हेयर इज़ व्हट आई विल डू
आई विल गो सी अ गर्ल इन पर्पल,
किस दिस सेड वर्ल्ड टूडल ओ ओ
इफ यू डोंट वांट माई लविंग,
व्हाई शुड आई टेक अप आल दिस स्पेस?
आई विल गेट ऑफ दिस ओल्ड प्लानेट
लेट सम स्वीट बेबी हैव माई प्लेस
वो वर्कर म्यूरल पेंटिंग और पेंटिंग बनाने वाले की तरफ देखकर बोला” बिल्कुल असली लगता है, मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे मै सचमुच किसी गार्डन में खड़ा हूँ”
” तुम्हे कोई शक है क्या कि तुम सचमुच के गार्डन में नही खड़े हो ? पेंटर ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा. “वैसे भी ये हैप्पी गार्डन ऑफ़ लाइफ है”
” ये वाला काफी अच्छा है डॉक्टर हिट्ज़” वर्कर बोला.
वो पेंटिंग में एक सफेद कपड़े पहने हुए आदमी की तरफ इशारा कर रहा था जो हॉस्पिटल के चीफ ओब्स्टेट्रीशियन डॉक्टर बेंजामिन हिट्ज़ का ही पोट्रेट था. हिट्ज़ काफी हैंडसम आदमी था.

” अभी और भी चेहरे बनाने है” वर्कर बोला. वो म्यूरिल्स के फिगर्स की तरफ इशारा कर रहा जिनके चेहरे अभी खाली थे. इन खाली चेहरों की जगह पर या तो इम्पोर्टेंट लोगो के पोट्रेट बनेंगे या हॉस्पिटल स्टाफ की या फिर फेडरल ब्यूरो ऑफ़ टर्मीनेशन के शिकागो ऑफिस के स्टाफ की.
“आपको अच्छा लगता होगा ना कि आप ऐसी तस्वीरे बनाते है” वर्कर बोला.
“तुम्हे क्या लगता है मुझे इस लीपा-पोती में मज़ा आता है? तुम्हे लगता है मै जिंदगी को इसी नजर से देखता हूँ” पेंटर मुंह बिचकाते हुए बोला.

“Phir tum life ko kis tareeke se dekhte ho” usne poocha
फिर उसने जमीन पर पड़े हुए एक बदबूदार चादर की तरफ इशारा किया और बोला” इसमें ज्यादा अच्छी तस्वीर है. इसे फ्रेम करो, ये इस पेंटिंग से ज्यादा ऑनेस्ट पिक्चर है”
“तुम हमेशा दुखी रहते हो? है ना ओल्ड मेन? वर्कर बोला.
“दुखी रहना क्राइम है क्या?’ पेंटर बोला.

वर्कर ने कंधे उचकाए” अगर आपको यहाँ अच्छा नहीं लगता ग्रैंडपा- वर्कर बोलते-बोलते रुक गया. वो मन ही मन एक ट्रिक फोन नंबर याद कर रहा था जिस पर वो लोग फोन करते थे जिनके मन में जीने की इच्छा मर चुकी हो. और फोन नंबर में जीरो को वो ”नौट” प्रोनाउंस करता था.
नंबर था” 2 बी आर ओ टू बी” “2 B R 0 2 B.”

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ये नंबर था एक ऐसे इंस्टीटयूट का जिसके कई और भी फैंसी नाम थे, जैसे कि” ऑटोमेट, बर्डलैंड, कैनेरी, कैटबॉक्स, डीलौसेर, ईज़ी गो, गुड बाई मदर, हैप्पी हूलिगन, किस मी क्विक, लकी पिअर, शीपडीप, वार्निंगब्लेंडर, वीप नो मोर और व्हाई वरी?
“टू बी ओर नोट टू बी” म्यूनिसिपल गैस चैम्बर्स ऑफ़ द फेडरल ब्यूरो ऑफ़ टर्मीनेशन” का टेलीफोन नंबर है. वर्कर ने पेंटर से कहा.

पेंटर ने वर्कर की बात हवा में उड़ाते हुए उसे उल्टा जवाब दिया ” जिस दिन मै डिसाइड कर लूँगा,मै चला जाऊँगा पर शीपडीप में तो बिल्कुल भी नहीं जाऊँगा”
“ओह! खुद ही सब कुछ करने वाले हंहं ?’ पर जरा उनसे पूछो जिन्हें ये सारी गंदगी साफ करनी पडती है, ग्रांडपा. कभी उनके बारे में सोचा है जो लोगो के जाने के बाद क्लीन अप करते है?’
पर पेंटर के चेहरे पर जो एक्सप्रेशन थे उससे तो यही लगता था कि उसे रत्ती भर भी लोगो की परवाह नही है.
” मुझसे पूछो तो इस दुनिया में वैसे ही काफी गंदगी है, थोड़ी सी और हो जायेगी तो क्या फर्क पड़ेगा?’
पेंटर की बात पर वर्कर हंसते हुए वहां से चला गया.

वहीँ दूसरी तरफ वेह्लिंग, जो बाप बनने के इंतज़ार में बैठा था, वैसे सिर झुकाए मन ही मन कुछ बुदबुदाते हुए बोला और फिर से खामोश हो गया.
तभी एक लंबी-चौड़ी, रौबदार चेहरे वाली औरत पॉइंटेड हील्स पहने वेटिंग रूम में आई. उसके जूते, जुराबे, ट्रेंच कोट, बैग से लेकर सिर की साइड कैप तक सबकुछ पर्पल कलर के थे. पर्पल कलर जिसे पेंटर” द कलर ऑफ़ ग्रेप्स ओन जजमेंट डे” बुलाता था.
उसके पर्पल बैंग में जो चेन वाली ब्रोच लगी थी उस पर फेडरल ब्यूरो ऑफ़ टर्मीनेशन के सर्विस डिवीज़न की सील बनी थी” एक घुमावदार गेट के ऊपर बैठी एक ईगल” की तस्वीर.
औरत के चेहरे पर काफी फेसियल हेयर थे.—एक तरह से बोले तो उसकी मूंछे थी. इन गैस चैम्बर होस्टेसेस के साथ कुछ अजीब किस्सा था. ये चाहे शुरुवात में कितनी ही नाज़ुक और हसीन क्यों ना हो, पांच साल के अंदर ही सबकी मूंछे निकल आती थी.

“यहाँ मेरी जरूरत है क्या ?’ उसने पेंटर से पुछा.
“ये डिपेंड करता है कि तुम किस काम से आई हो. पेंटर ने जवाब दिया. फिर पुछा” तुम्हे बच्चा तो नही होने वाला है ना?’
“मेरा नाम लेओरा डंकन है और मै यहाँ कुछ पिक्चर्स के लिए पोज़ देने आई हूँ” उस औरत ने बताया.
“और तुम लोगो को डंक करती हो” पेंटर बोला.

“क्या मतलब ?
“कुछ नही, भूल जाओ” पेंटर बोला.
“पिक्चर तो काफी सुंदर है” औरत ने पेंटिंग की तरफ देखते हुए कहा.
“ऐसा लग रहा है जैसे जन्नत का नज़ारा हो.
“या कुछ और” पेंटर बोला. फिर उसने अपनी स्मोक पॉकेट से नामो की एक लिस्ट निकाली.
“डंकन, डंकन, डंकन.. उसने लिस्ट को स्कैन करते हुए नाम पढ़े.
“हां-ये रहा तुम्हारा नाम. तुम अमर तो होने वाली हो. देख लो इनमे से कौन सी बॉडी में तुम्हारा फेस बनाना है? हमारे पास बस यही चॉइसेस बची है”
औरत ने म्यूरल पेंटिंग को बड़े ध्यान से देखा.

“हा, ये सब तो एक जैसी लग रही है. मुझे आर्ट की ज्यादा नॉलेज नहीं है”
“पर बॉडी तो बॉडी होती है? पेंटर झुंझलाते हुए बोला.
फिर उसने औरत से कहा” चलो ठीक है, मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट होने के नाते मै तुम्हे ये वाली बॉडी रेकमंड करता हूँ”. वो पेंटिंग में एक बिना चेहरे वाली औरत की तरफ इशारा कर रहा था जो अपने हाथो में ट्रेश बर्नर में डालने के लिए सूखी टहनियां पकड़े हुए थी.
“वेल, पर ये तो सफाई वाली लगती है, है ना! मेरा मतलब है कि मै तो सर्विस में हूँ मेरा काम ये साफ़ –सफाई नही है “
पेंटर ने मज़ाक उड़ाने वाले अंदाज में ताली बजाई.

“ओह, तुम तो बोल रही थी कि आर्ट की नॉलेज नहीं है पर एक मिनट में ही तुमने प्रूव कर दिया कि तुम इस पेंटिंग के बारे में मुझसे ज्यादा जानती हो, हुंह! बेशक एक होस्टेस कचरा क्यों उठाएगी? तुम तो इससे बड़ी निशानेबाज हो—ये काम तुम्हे ज्यादा सूट करता है.

“ तो फिर,, वो कैसी रहेगी, एकदम तुम्हारे जैसी लगती है” पेंटर ने एक पर्पल फिगर की तरफ ऊँगली से इशारा जो एक सेब के पेड़ से सूखी टहनी तोड़ रही थी”
उस औरत के गाल शर्म से लाल हो गए, वो बड़े नर्म अंदाज में बोली ” ओह गॉड, फिर तो मै डॉक्टर हिट्ज़ के पास खड़ी हो जाउंगी
“तो ये बुरी बात है क्या?’ पेंटर ने पुछा.
“नो- नो बिल्कुल भी नही. ये तो बड़े ईज्जत की बात है” औरत फिर से शरमाते हुए बोली.
“आह.. पंसद करती हो ना उन्हें? उसने औरत को छेड़ा.

“उन्हें कौन नही पंसद करता? औरत हिट्ज़ के पोट्रेट को निहारते हुए बोली. पोट्रेट में हिट्ज़ एक टेन स्किन और सफेद बालो वाला दो सौ चालीस साल का (omnipotent Zeus) आदमी दिखाया गया था.

“उन्हें कौन प्यार नही करेगा? वो फिर से आहे भरते हुए बोली. वो ही तो थे जिन्होंने फर्स्ट टाइम शिकागो में गैस चैम्बर सेट किया था”.
“और मुझे बड़ी ख़ुशी होगी, आपको उनके साथ हमेशा के लिए खड़ा करने में, पेड़ की टहनी काटते हुए-जोकि आप पर जंचता भी है. है ना ?

“हाँ, मेरा काम कुछ ऐसा ही है” वो बोली.  उसे अपने काम को लेकर थोड़ी सी शर्मिंदगी महसूस हुई. दरअसल उसका काम ही ऐसा था. वो लोगो को मारते वक्त उन्हें तसल्ली देती थी.

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