(hindi) 100 Ways to Motivate Yourself: Change Your Life Forever
इंट्रोडक्शन
आप इस विशाल खाली यूनिवर्स के एक अनोखे प्लेनेट में रहने वाले एक बहुत कॉम्प्लिकेटेड जीव है. आपके पास ज़्यादा से ज़्यादा सौ साल है जीने के लिए. आप अपने लाइफ में क्या करना चाहेंगे ?
क्या आप अपनी पूरी ज़िन्दगी आराम से काटकर एक एवरेज लाइफ जीना चाहते है? या आप अपने लाइफ को कामयाबी से जीना चाहते हैं और कुछ ख़ास करना चाहते हैं?
ये बुक आपके लाइफ को बदल कर रख देगी. और, ये बदलाव सिर्फ अच्छे के लिए होगा.
अपने भूख को बरकरार रखिए (Stay Hungry)
ऑथर स्टीव चैंडलर पहली बार आर्नोल्ड श्वाट्जनेगर से 1996 में मिले थे. उन दोनों की मुलाक़ात एरिज़ोना के एक रेस्टॉरेंट में हुई थी. ये उस वक़्त की बात हैं जब आर्नोल्ड अभी मशहूर नहीं हुए थे और कोई उन्हें नहीं पहचानता था.
उन दिनों स्टीव लोकल न्यूज़पेपर के एक जर्नलिस्ट थे और उनके असाइनमेंट में आर्नोल्ड के साथ एक दिन बिताकर उनकी कहानी लिखना था. उन दिनों, आर्नोल्ड अपनी पहली फिल्म ' स्टे हंगरी ' प्रमोट कर रहे थे. ये फिल्म मार्केट में फ्लॉप थी फिर भी आर्नोल्ड खुश थे कि वे इस फिल्म में कास्ट हुए थे.
रेस्टॉरेंट में दोनों एक टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे और साथ में स्टीव अपने सवाल पूछ रहे थे. ये तब की बात थी जब आर्नोल्ड बहुत ही यंग थे और बॉडी बिल्डिंग में ढेरों अवार्ड्स जीत चुके थे. वे बहुत ही लम्बे-चौड़े और हट्टे-कट्टे थे. वे ऑस्ट्रिया में जन्मे थे और वहीं बड़े हुए थे जिससे उनकी बातों में ऑस्ट्रिया का एक्सेंट रहता था. लोगों को ये बिल्कुल यकीन नहीं था कि वे मशहूर हो पाएंगे.
स्टीव ने आर्नोल्ड से पूछा, ” अब आप मिस्टर यूनिवर्स बन गए हैं, आपका अगला प्लान क्या हैं?”
आर्नोल्ड ने जवाब दिया,” मैं हॉलीवुड में सबसे बड़ा बॉक्स ऑफिस स्टार बनूँगा.”
ये सुनकर स्टीव को बड़ी हैरानी हुई क्योकिं आर्नोल्ड ने ये बात ऐसे कह दी थी जैसे कोई छोटी मोटी बात कर रहे हैं .
” आप ये कैसे करेंगे?” स्टीव ने पूछा.
” वैसे ही जैसे मैंने बॉडी बिल्डिंग में किया. मैंने अपने विज़न को क्लियर रखते हुए सोच लिया कि मुझे क्या बनना हैं और फिर मैंने ऐसे जीना शुरू कर दिया जैसे मैं वाकई में वही बन गया हूँ जो मैं बनना चाहता हूँ,” अर्नाल्ड ने एक्सप्लेन किया.
बॉडी बिल्डिंग के दिनों में , अपने सोच में आर्नोल्ड खुद को मिस्टर वर्ल्ड के स्टेज के बीच खड़े होकर पोज़ करते हुए देखते थे. उन्होंने इसी गोल पर अपने फोकस को बनाए रखा और कड़ी मेहनत की. और, आखिर में उसे हासिल भी कर लिया.
स्टीव ने अपने नोटबुक में आर्नोल्ड के इस जवाब को लिखा और इस बात को वे कभी नहीं भूले.
कुछ सालों बाद स्टीव ने न्यूज़ में सुना कि अर्नाल्ड की फिल्म टर्मिनेटर 2 पूरी दुनिया के बॉक्स ऑफिस में नंबर वन बनी. अब, पूरी दुनिया ही अर्नाल्ड को पहचानने लगी थी.
स्टीव चैंडलर अपने ट्रेनिंग सेमिनार और स्पीकिंग इवेंट में आर्नोल्ड की कही बातों को बताते थे. स्टीव को याद था कि आर्नोल्ड ने कहा था ” क्रिएट अ विज़न “. आपको विज़न मिलने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए. अगर आप सपने देखते हैं तो आपको विज़न बना लेनी चाहिए.
हर सुबह ये सोचना चाहिए कि आपको अपने बिस्तर से क्यों उठना हैं और आपको अपने लाइफ में कुछ करने की भूख क्यों होनी चाहिए? आपको आज ही अपने विज़न बना लेनी चाहिए. इसके लिए, ये सोचिये कि आपको अपने लाइफ में क्या बनना हैं. क्या अचीव करना चाहते हैं? इसके लिए अपने सोच में, अपने विज़न को तैयार करें और उसको जीना शुरू कर दें.
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अपनी सुस्ती को धीरे-धीरे छोड़िये (Light your lazy dynamite)
हेनरी फोर्ड अपने एम्पलॉईस से कहा करते थे कि कोई भी मुश्किल काम तब आसान हो जाती हैं जब उसे छोटे-छोटे भागों में बाँट लेते हैं.
अगर आपके पास कोई काम हैं जिसे शुरू करने से आप डर रहे हैं, तो याद रखिये कि आप इसे धीरे-धीरे शुरू कर सकते हैं. मान लीजिए आपको किचन साफ़ करना हैं या अपने अधूरे काम पुरे करने हैं, तो आप इन काम को आराम से धीरे-धीरे करना शुरू कर सकते हैं.
आपको कुछ काम को शुरू करते हुए इसलिए डर लगता हैं क्योंकि आपको लगता हैं कि इन कामों में बहुत ज़्यादा एनर्जी खर्च होंगे. पर, कभी सोचा हैं कि अगर आप इन कामों को धीरे-धीरे कर सके तो? कम से कम आपका काम आगे तो बढ़ेगा और आप प्रोग्रेस करेंगे. इन कामों को करने के लिए खुद को फ़ोर्स करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
जब आप अपने टास्क धीरे से करते हैं, तो आपको उसकी आदत हो जाती हैं और आपका ये नेचुरल रिदम बन जाता हैं. फिर, आप अपनी स्पीड बड़ा सकते हैं. हमेशा याद रखिये कि धीमी शुरुवात करना, काम को बिलकुल शुरू न करने से बेहतर होता हैं.
टीवी देखना छोड़िये (Kill your Television)
जब आप घंटों टीवी, नेटफ्लिक्स और यूट्यूब देखते हैं तो आप बस बैठे-बैठे उन लोगों को देख रहे होते हैं जो अपनी मनपसंद काम कर रहे. क्या आप एक दिन के लिए टीवी को बंद कर, देखना चाहेंगे कि आप क्या- क्या कर सकते हैं?
दूसरों के एक्सपीरियंस में अपने लाइफ को मत ढूंढिए. खुद की लाइफ बनाइये.
आप के लिए एक चैलेंज हैं. एक सीन या कोई क्लिप या फिर कोई वीडियो को याद कीजिये जो आपने पिछले महीने देखा हो. क्या आपको कुछ याद आया? अब, बुक में पढ़ी हुई किसी इंटरेस्टिंग सी आईडिया को याद कीजिये. आप शायद पिछले महीने देखे हुए कोई भी प्रोग्राम याद न कर पाए, बस आखों के आगे से उन प्रोग्राम्स की थोड़ी-थोड़ी झलक आ जाए पर बुक में लिखी हुई लेसन आपको याद रहेगी. इसलिए, बुक पढ़ना आपके लाइफ पर अच्छा असर डालता हैं.
टीवी पर कुकिंग शो, ट्रैवल ब्लॉग्स और म्यूज़िक परफॉर्मन्सेस को देखने के बजाय इस एक्टिविटीज़ को खुद क्यों नहीं करते? टीवी पर इनको देखकर जितना अच्छा लगता हैं उससे ज़्यादा इन एक्टिविटीज़ को खुद करने में मज़ा आएगा. साथ ही कुछ सीखने को मिलेगा जिससे आप खुद के बारे में बहुत अच्छा फील करेंगे. सिर्फ दूसरों को देखते हुए टाइम बिताने के बजाय आपको इन एक्सपेरिएंसेस को लेना चाहिए.
बड़े वादे कीजिए (Promise the Moon)
खुद को चलाए रहने का एक और तरीका हैं. आप जिसकी कदर करते हैं, उससे एक बड़ा प्रॉमिस कीजिये या फिर अपने जॉब में बड़ा गोल बनाइये. इन वादों और गोल को अपने दिल से लगा कर रहिये और चैलेंज मानकर इन्हें पूरा करने के लिए जी-जान लगा दीजिये.
सालों पहले अमेरिका के प्रेसिडेंट, जॉन कैनेडी ने नेशनल टीवी पर बात की थी और प्रॉमिस किया कि अमेरिका चाँद पर पहला इंसान भेजेगा. NASA के साइंटिस्ट्स ने कड़ी मेहनत की और अपना 100 % देकर उस प्रॉमिस को पूरा किया. ये एक बहुत बड़ी सोच थी और अपोलो-13 एक कामयाब मिशन बन गई थी.
एक बार, लॉस वेगास के एक कसीनो के मालिक ने एक बड़े से बिलबोर्ड पर बैनर लगाने की जगह के लिए पैसे दिए थे. कैसिनो के मालिक ने उस जगह पर ये लिखवाया कि अगर किसी ने अगले तीन महीनों में मुझे सिगरेट पीते हुए पकड़ा तो उसे एक लाख डॉलर्स इनाम में मिलेंगे. इस कैसिनो के मालिक को सिगरेट पीने की लत थी और इससे निकलना चाहता था.
प्रॉमिस में बहुत पावर होता हैं. अपने लोगों से किए हुए प्रॉमिस को आप तोड़ना नहीं चाहते और इसे तोड़कर खुद भी निराश नहीं होना चाहते. इसलिए, प्रॉमिस करने पर आप एक्शन में आ जाते हैं.
स्टीव चैंडलर ने एक बार अपने बच्चों से प्रॉमिस किया. उनके बच्चों को समर कैंप जाना बहुत अच्छा लगता था और एरिज़ोना में एक ऐसा कैंप था जो एक खूबसूरत सी जगह में बनी थी. यहाँ पार्टिसिपेट करने वाले लोगों के लिए बहुत सारे फन एक्टिविटीज़ रखे गए थे. स्टीव के बच्चे इस कैंप में जाना चाहते थे लेकिन यहाँ की फीस बहुत ज़्यादा थी. स्टीव के लिए सभी बच्चों को यहां ले जाना काफी महंगा था.
जब स्टीव ने अपने बच्चों से इस कैंप में ले जाने का प्रॉमिस किया था, उन दिनों उनका काम अच्छा चल रहा था इसलिए उन्हें यकीन था कि वे खर्चा उठा लेंगे. लेकिन, जैसे- जैसे गर्मी का मौसम पास आया तो स्टीव का फैमिली बजट टाइट होने लगा था. स्टीव को मिल रहे कमिशन के पैसे कम हो गए थे.
फिर, एक दिन स्टीव ने अपने बच्चों को बता दिया कि वे अपना प्रॉमिस नहीं रख पाएंगे. इस बात को सुनकर बच्चे बहुत निराश हुए, स्टीव अपने सबसे छोटे बच्चे के निराश चेहरे को नहीं भूला पाए. उनके आठ साल के बेटे बॉबी ने स्टीव से दुखी होकर कहा ” लेकिन आपने तो वादा किया था.”
स्टीव को अपनी गलती का एहसास हुआ और बच्चों को निराश करके बहुत बुरा लगा. कुछ पलों के बाद स्टीव ने कहा ” तुमने मुझे याद दिलाया कि एक प्रॉमिस, प्रॉमिस होता हैं जिसे तोड़ा नहीं जा सकता. आज से मैं कोशिश करूँगा कि तुम सब को वहाँ ले जा पाऊँ. आई ऍम सॉरी कि मैंने तुम लोगों को निराश किया.”
फिर क्या था, स्टीव ने अपनी जॉब बदल ली. वे एक मोटिवेशनल स्पीकर बन गए और उनके पास बहुत सारे इवेंट्स की लाइन बन गई. इवेंट के साइनिंग अमाउंट के पैसों के लिए उन्होंने उतने ही पैसे मांगे जितने में उनके बच्चें समर कैंप ज्वाइन कर सके. आखिर में, स्टीव ने वो कर डाला था जो वे करना चाहते थे. स्टीव को अपना प्रॉमिस रख पाने की बहुत ख़ुशी हुई.