(Hindi) The Monk Who Sold His Ferrari
सन्यासी जिसने अपनी संपत्ति बेच दी
1. THE WAKEUP CALL
मै हैरान था !! अचंभित था ये देख कर कि जिस इंसान ने अदालत में खड़े होकर अनगिनत कानूनी मामले जीत कर पूरे देश में नाम और शोहरत कमाया था.आज वही प्रख्यात वकील उसी भरी अदालत में ज़मीन पर गिरा हुआ था. वो इंसान जो अपने काम और सफलता के लिए मशहूर थे, जिनके शानो-शौकत के चर्चे होते थेआज वही इंसान ज़मीन पर तड़प रहे थेउनको आराम देने की सभी कोशिशे व्यर्थ लग रही थी.और मै बैठा यही सोच रहा था, “नहीं, आप ऐसे नहीं मर सकते””जिस इंसान ने ज़िन्दगी अपनी शर्त पे जी हो. जिसने अपना मुकद्दर खुद लिखा हो, वो इन्सान इअसे नहीं मर सकता. वो इंसान जिसने अपने हुनर, काबिलियत और कठोर परिश्रम से इतनी सफलता और शोहरत पायी हो, वो इतनी आसानी से नहीं मर सकता”.
महान जुलियन मेंटल से मेरे ताल्लुकात 17 साल पुराने है, जब मैंने उनके दफ्तर में काम करना शुरू किया था. धीरे-धीरे हमारे सम्बन्ध अच्छे होते गए, शायद मै उनको सबसे करीब से जानने लगा था. यकीन नहीं हो रहा थाकि ये वही जूलियन मेंटल है17 साल पहले क्या तेज़ था इनकी आँखों में ! मानो पूरी दुनिया इन्ही पर निर्भर करती हो. हर चीज़ को अपनी ही शर्तो पर करना.या यूँ कहूँ कि हर परिस्तिथि को अपने काबू में रखना इनकी आदत सी थी. शायद मुझ में भी कुछ बात रही होगी.तभी तो इतने सारे लोगों के बीच उन्होंने मुझे चुनाएक मामूली लड़के को जिसका दूर दूर तक चालाकी से कोई ताल्लुक नहीं थी, हाँ बस ये कि मै अपने बलबूते पर हार्वर्ड लॉ स्कूल से पढ़ कर आया था.
जूलियन के साथ काम करना खुशनसीबी थी मेरी. आपको ये जानकर शायद हैरानी हो, जितनी शक्ति वो दुनिया को दिखाया करते थेउनके अन्दर उतना ही नर्म दिल एक बच्चा छुपा हुआ था. जो भावुक भी था और नादान भी. लेकिन जो दुनियादारी की फ़िक्र से बंधा हुआ था. उनका शानदार भव्य बंगला या चमचमाती लाल रंग की फेरारी के पीछे कुछ तो रहस्य था जो सब कुछ होते हुए भी उनके अन्दर एक अजीब सा अकेलापन होने लगा था. कुछ तो राज़ था जिसका असर उनके काम और व्यवहार दोनों पे दिखने लगा थाऔर शायद यही उनकी बेचैनी का कारण भी बन रही थी.शायद दुनिया की इस दौड़ में वो पीछे रहना नहीं चाहते थे, तभी तो शोहरत और कामयाबी की भूख उन्हें दिन-ब-दिन निगल रही थी. ये तुम क्या कर रहे थे जूलियन.सब कुछ तो था तुम्हारे पास फिर भी ये कैसे भूख थी तुम्हे ? क्या कुछ पाना था तुम्हे ? क्या चाहिए था तुम्हे? किस चीज़ की तुम्हे तलाश थी?
आधी उम्र के होके भी वो बुज़ुर्ग लग रहे थे. एक गहरी थकान उनके चेहरे पर हमेशा कायम थी.और साथ ही वो हँसना भी भूलने लगे थे मुझे अब भी याद है, जब वो मुझसे अपने खालीपन की शिकायत करते थेवो कहते थे कि अब वो वकालत से ऊब चुके है.आज दिल का दौरा पड़ने से वही महान इंसान ज़मीन पर यूँ गिरे हुए थे जैसे मानो कि प्रकृति ने उन्हें जिंदगी के असली मायनों से मिला दिया हो. ‘दुसरो के लिए जीना” यही वजह थी जो कि नौजवान जूलियन ने वकील बनने का सपना देखा था. पर अब ये वजह कहीं गुम हो चुकी थी.इस खालीपन के पीछे एक गहरी कहानी थी, कुछ लोगों ने मुझे बताया था कि मेरे दाखिले से पहले फर्म में जूलियन के साथ एक बड़ी घटना घटी थीजिसने उनकी जिंदगी बदल दी. तब मुझे ये दीवारे पर्दों से मजबूत मालूम पड़ी.
इस राज़ से में अब तक अनजान थाकोई भी उस बात का जिक्र नहीं करता जिसने जूलियन से शायद उनका ज़मीर छीन लिया. मुझे जानना था कि उस रोज़ जूलियन के साथ ऐसा क्या हुआ था? जिसने मेरे सबसे अच्छे दोस्त की ये हालत की. और आज.मेरे ही सामने जूलियन पड़े हुए थेऔर मै हमेशा की तरह कुछ न कर सका!!
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2. वो रहस्यमयी अतिथि
अब कंपनी जूलियन के बिना अपाहिज सी होने लगी थी और तुरंत ही आपातकालीन बैठक बुलाई गयी, इस बैठक में जो कुछ भी कहा गया उसने मुझे झंझोड़ कर रख दिया!
सबसे पहले सभी को सूचित किया गया कि जूलियन मेंटल को दिल का दौरा पड़ा था और कि उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई है. आगे जो मैंने सुना वो शब्द मुझे आज तक याद है.
“मुझे ये बताते हुए बेहद दुःख है कि जूलियन मेंटल ने हमारे परिवार को अलविदा कहने का निर्णय ले लिया है”.
मुझे लगता था कि मै जूलियन को सबसे करीब से जानता था. पर शायद ऐसा नहीं था, मै जानता था कि उन्हें ये सब बोझ लगने लगा था, लेकिन मुझे ये अंदाजा नहीं था कि ये नौबत इतनी जल्दी आ जायेगी. हाँ! ये सच था देश के सबसे बड़े वकीलों में से एक महान जूलियन मेंटल अब कभी वकालत नहीं करेंगे ! आज पूरे 3 साल बीत चुके है, मुझे आजजूलियन के बारे में सिर्फ इतना पता है कि उन्होंने अपना आलिशान बंगला और उस लाल फेरारी को बेचकर मन की शांति के लिए वो भारत रवाना हो गए थे “शायद अपने जीवन के कुछ प्रश्नों के ज़वाब ढूँढने”.
इन 3 सालो ने, मुझे भी काफी हद तक बदल दिया.मै अपने परिवार के महत्त्व को समझने लगा हूँऔर कभी कभार आज भी अपनी मसरूफियत से वक्त निकाल कर जूलियन मेंटल को याद कर लेता हूँ. मगर ये जिंदगी मुझे चौंकाना छोड़ दे तो इसे जिंदगी कैसे कहेंगे?एक दिन मेरे दफ्तर में लगभग 30 साल का एक नौजवान व्यक्ति आया.वैसे ज्यादा काम होने की वजह से मैं लोगों से कम ही मिलता जुलता हूँपर कुछ तो बात थी उस व्यक्ति में जो उस पर नज़र पड़ते ही मै काफी मोहित हो गया, एक अलग सा ही सुकून था उसके चेहरे पर जो उसे बाकियों से अलग कर रहा था. मै मानो उसकी मौजूदगी से सम्मोहित हो चूका था कि तभी अचानक उस व्यक्ति ने बड़ी ही विनम्रता से मुझसे कहा.
क्या आप अपने सभी मेहमानों से इसी तरह पेश आते है? जिसने आप को अदालत के दांव-पेंच सिखाये है उनसे भी ? ये सुनते ही मेरे होश उड़ गए! मै चौंक गया, जूलियन.ये तुम हो? हाँ, वो नौजवान सा दिखने वाला व्यक्ति जूलियन है!!उत्साह की लहर मेरे अन्दर मानो उमड़ती जा रही थी. ये आखिर कैसे मुमकिन हो सकता है ? मुझे समय लगा ये यकीन करने मेंपर ये सच है. एक बदला हुआ जूलियन मेंटल मेरे सामने इस तरह खड़ा है मानो फ़रिश्ते भी उसे देख कर शरमा जाए! ये शहद सी मीठी आवाज़, ये तेज़, ये ठहराव.आखिर क्या किया था जूलियन ने इन 3 सालो में कि उसे पहचान पाना भी अब मुश्किल हो रहा था.