(Hindi) The Power of Your Subconscious Mind
The power of your Subconscious mind
ये किताब ख़ास आपके लिए लिखी गई है आपको ये जानकारी देने के लिए कि आपके सब-कोंशेस दिमाग में इतनी ताकत है जितना आप सोच भी नहीं सकते और इसकी जादुई ताकत से आपको वाकिफ कराना ही इस किताब का मकसद है ताकि आप इसका भरपूर फायदा उठा सके.
आपके अन्दर एक खज़ाना मौजूद है
एक 75 साल की विधवा ने हमारे लेखक को ख़त लिखकर बताया कि वो दुबारा शादी करके घर बसाना चाहती है और खुश रहना चाहती है. उसने वही किया जैसा लेखक ने उसे करने को बोला था. वे औरत खुद को बार-बार याद दिलाती रहती थी कि वो एक खुशहाल शादीशुदा औरत है और अपने पति से बहुत प्यार करती है. और आखिर में एक दिन वो एक बड़े फार्मासिस्ट से मिली और उनसे प्यार कर बैठी. आज दोनों शादीशुदा है और खुश है. आपके अन्दर असल में एक पूरी सोने की खान है जो आपका सब कोंशेस माइंड है. बस अगर आप इसे कण्ट्रोल करके अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना सीख जाए तो क्या बात है !
आप जब किसी टेस्ट से पहले खुद को ये यकीन दिलाते रहते है कि आप फेल हो जायेंगे या फिर कोई चीज़ आपको नहीं मिलेगी तो दरअसल आप अपने ही दिमाग को ऐसा करने के लिए मजबूर कर रहे होते है. आप अपने दिमाग की सुपर पॉवर को गलत आइडिया दे रहे होते है कि आप ये नहीं कर सकते या वो नहीं कर सकते. मगर ऐसा कभी मत कीजिये कभी भी अपने दिमाग में नेगेटिव आईडीया मत आने दे बल्कि पूरे जोश के साथ दोहराते रहे, विश्वास रखे, और उम्मीद भी और फिर आप देख्नेगे कि आपके सब कोंशेस ही आपके सारे सवालो का जवाब बन जाएगा.
अध्याय 2: आपका दिमाग कैसे काम करता है
एक बूड़ी औरत को यकीन हो चला था कि उसकी याददाश्त चली जाएगी मगर उसने अपने दिमाग को यही यकीन दिलाये रखा कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा. बल्कि वे खुद को यकीन दिलाती रही कि उसकी याददाश्त दिन-ब-दिन बढती जा रही है. अब ये उसका मज़बूत विश्वास ही था कि सच में उसके साथ ऐसा ही हुआ. हमारे दिमाग का कोंशेस और सब-कोंशेस हिस्सा एक दुसरे से अलग होने के बावजूद आपस में जुड़े हुए है.जो कुछ आप सोचते है वो अपने कोंशेस मांइड वाले लेवल से सोचते है और जो भी आप करते है छोटी से छोटी चीज़ वे आपके सब-कोंशेस लेवल को अफेक्ट करती है.
हालांकि ये समझना ज़रूरी है कि सब-कोंशेस और कोंशेस लेवल दोनों अलग –अलग नहीं है बल्कि एक ही दिमाग के दो अलग लेवल है. कोंशेस माइंड वो है जो सोच-विचार करता है और सब-कोंशेस माइंड आपकी हर सोच पर विश्वास करके उसे अपना लेता है. जो कुछ भी आप सोचते है और करते है उस पर सब कोंशेस माइंड पूरी तरह यकीन करता है. उदाहरण के लिए हिप्नोसिस के पीछे सिर्फ एक वजह ये है कि आपका सब कोंशेस माइंड इस पर यकीन करता है और फिर आपसे जो कहा जाता है उसे आपका कोंशेस माइंड बिना किसी जिद के उसे मानने लगता है. फिर आप चाहे सही या गलत जो भी विचार रखते है उसे ये बेहिचक अपनाने लगता है. तो याद रखिये कि आप अपनी कश्ती के खुद ही मालिक है, सारा कंट्रोल आपके हाथो में है तो सोच समझ कर चुने. अच्छा चुने और अपनी खुशियाँ चुने.
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अध्याय 3: आपके सब-कोंशेस दिमाग के काम करने की जादुई ताकत
एक स्कॉच सर्जन, डॉक्टर जेम्स एस्दिले ने कुल 400 ओपरेशन किये. तब तक एनेस्तीथीसिया की खोज नहीं हुई थी जिस से वो अपने पेसेन्ट को बेहोश कर सके। तो उन्होंने आखिर ये किया कैसे ? अपने मरीजों को मेंटल एनेस्तीथीसिया देकर. वे उन्हें पूरी तरह यकीन दिला देते थे कि ओपरेशन में उन्हें किसी भी तरह का दर्द नहीं होगा और ना ही कोई इन्फेक्शन. उनके ओपरेशन सफल हुआ करते थे और उनका मोर्टेलिटी रेट यानी पेसेन्ट को को मारने का रेट भी बहुत कम था सिर्फ 2 या 3% ही. अपने मरीजो का ओपरेशन करने से पहले वे उनके सब-कोंशेस माइंड को हिप्नोटिक करके उनके कानो में बोलते थे” तुम्हे कुछ नहीं होगा, तुम ठीक हो जाओगे तुम स्वस्थ हो”
आपका सब-कोंशेस दिमाग आपका सब कुछ कण्ट्रोल करता है, आपके खून का बहाव, आपका digestion और आपके thoughts.एक बार अगर आप इसकी ताकत समझ ले तो इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते है. जब आप नेगेटिव सोचते है तो वे आपकी डिसट्रकटिव इमोशन होती है जिसे अपने दिमाग से निकालना बेहद ज़रूरी हो जाता है. वर्ना आपकी बॉडी में उल्सर्स, हार्ट प्रोब्लेम्स, एंजाईटी या मेंटल इलनेस जैसे प्रोब्लेम्स होना शुरू हो जायेंगी. अपने दिमाग में उठने वाले हर ख्याल पर गौर करे क्योंकि वही फिर आपके एक्शन बनने लगते है क्योंकि जब भी आप सोचते है जो कुछ सोचते है उसे आपका सब-कोंशेस माइंड रीएक्शन देने लगता है. तो जब भी आप सोये उससे पहले मन में एक इरादा करे, एक टार्गेट चुने और खुद से ही कहे कि आप उसे पूरा करना चाहते है. आप कुछ भी सोच सकते है. अपनी अच्छी सेहत, पैसा या फिर लोगो के साथ अपने रिश्ते के बारे में भी. पोज़िटिव विचारों को आने दे अपने दिमाग को प्रोग्राम करते रहे और फिर इसके Miracles क्या होंगे ये आप सोच भी नहीं सकते है.
अध्याय 4 और 5 मेंटल हीलिंग के पुराने और नये तरीके
1910 का एक मशहूर किस्सा है. एक आदमी को टंग पैरालिसिस हुआ यानि उसकी जीभ को लकवा मार गया. उन दिनों इसका कोई भी इलाज नही था. वो डॉक्टर के पास गया तो उसने उसकी जबान में एक थर्मामीटर रखकर कहा कि ये एक बिलकुल नया इंस्ट्रूमेंट है जिससे उसकी जीभ ठीक हो जायेगी. और सच में कुछ ही मिनटों बाद उसकी जीभ ठीक हो गयी थी और वो उसे हिला-डुला पा रहा था. बहुत से एक्सपेरिमेंट में हिप्नोसिस किये गए लोगो को आसानी से ये यकीन करा दिया जाता है कि उन्हें कोई ख़ास बिमारी है और फिर वे लोग सच में उसी बीमारी के सिम्पटम्स दिखाने लगते है. क्योंकि उनका सब-कोंशेस दिमाग कही हुई बातो पर यकीन कर लेता है इसमें इतनी ताकत होती है कि वे उसी तरीके से एक्ट भी करने लगता है. ये अपोजिट भी काम करता है जब किसी मरीज़ के सब-कोंशेस दिमाग को यकीन दिलाया जाता है कि वो ठीक हो रहा है. तब ऐसा लगता है कि वो कभी बीमारी का शिकार था ही नहीं. आपके शरीर पर कोई असर तब तक नहीं होगा जब तक आपका सब-कोंशेस माइंड ऐसा करने को ना बोले. हमेशा अपने सब-कोंशेस दिमाग की ताकत को याद रखे. ना जाने आपके जीवन मे इसकी बदौलत कब क्या चमत्कार हो जाए इसलिए कोई भी मौका मिस न करे.
आज हम सब अपने सब-कोंशेस माइंड की पॉवर से वाकिफ है मगर हममें से बहुत से लोग इसका सही इस्तेमाल करना नहीं जानते है. उन्हें ये पता नहीं होता कि इसकी ताकत से कैसे अपनी जिंदगी को बदला जा सकता है. और ऐसा करने के लिए सबसे पहले तो ये जाने कि आपको क्या चीज़ हील करती है और फिर उसे अपने सब-कोंशेस माइंड को गाइड करने में इस्तेमाल करे. दिमाग में कोई एक प्लान बनाये, उसे काम करता हुआ देखे, फिर बुरे या नेगेटिव ख्याल ना आने दे क्योंकि ऐसा करना बेवकूफी होगी. और आखिरी बात ये कि प्रे करे और अपनी दुवाओ पर यकीन रखे.